दालचीनी के फायदे | दालचीनी के फायदे पुरुषों के लिए | गर्म पानी में दालचीनी के फायदे

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 भारत हमेशा से ही मसालों के लिए प्रसिद्ध रहा है। विश्व भर में भारत के मसालों को निर्यात किया जाता है। भारतीय मसालों का स्वाद, तो बेमिसाल होता ही है। ये हमारे खाने के स्वाद को दो गुना कर देते है। इनके साथ ही, इनको कुछ ऐसे फायदे भी होते हैं। जिनके बारे में शायद ही आप जानते हो।

       हमारे शरीर के लिए अच्छी डाइट कितनी जरूरी है। यह तो हम सभी जानते हैं। लेकिन बहुत कम लोग हैं। जो अपनी बॉडी को डिटॉक्स करने पर ध्यान देते हैं। हमारे सभी अंगों को, समय-समय पर सफाई की जरूरत होती है। जिसे डिटॉक्सिफिकेशन कहा जाता है। वैसे तो फ्रेश होते समय, हमारी बॉडी से वेस्ट मटेरियल बाहर निकल जाता है। 

     वहीं कुछ चीज ऐसी भी होती हैं, जो हमारे अंगों की भीतरी सतह पर चिपक जाती हैं। इनमें तेल, मैदा व आर्टिफिशियल शुगर आदि प्रमुख होते है। जंक फूड में इनकी मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जब हमारा शरीर  डिटॉक्स नहीं हो पाता है। तो इनकी परत हमारे अंगों पर मोटी होती रहती है। इस कारण इनका काम करना मुश्किल होता जाता है। 

     ठीक वैसे ही जैसे आप सिंक के पाइप की सफाई न करें। तो एक समय के बाद, वह बंद हो जाता है। इसके बाद कब्जियत और मोटापा ही नहीं, बल्कि ब्लड प्रेशर और अल्सर जैसी बीमारियां भी दस्तक देने लगती हैं। इसलिए इन अंगों की भीतर व गहराई से सफाई करना आवश्यक हो जाता है। इसके लिए आप अपने किचन में मौजूद चीजों का उपयोग कर सकते हैं। इन्हीं में से एक है- दालचीनी

दालचीनी के फायदे

दालचीनी क्या होती है
Cinnamon in Hindi

 दालचीनी का पेड़ सदाबहार होता है, जो 10 से 15 फीट ऊंचा होता है। इसी पेड़ की छाल को, हम दालचीनी के रूप में प्रयोग करते हैं। इसी पेड़ के पत्तों को, हम तेजपात के रूप में प्रयोग करते हैं। दालचीनी को अंग्रेजी में Cinnamon कहते हैं। इसके दो प्रकार होते हैं, पहला Cassia Cinnamon और दूसरा Ceylon Cinnamon। दालचीनी को गर्म मसालों की श्रेणी में रखा जाता है।

       इसका वैज्ञानिक नाम Cinnamon Zeylanicum होता है। यह मुख्यता दक्षिण भारत, श्रीलंका, चीन व इंडोनेशिया में पाया जाता है। इसके बहुत सारे औषधि फायदे भी होते हैं जिनका प्रयोग बहुत सारे रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। असली दालचीनी का ऊपरी हिस्सा चिकना व भूरे रंग का होता है। जबकि इसका भीतरी हिस्सा भी हल्के भूरे या पीले रंग का होता है।

        वहीं नकली दालचीनी का ऊपरी हिस्सा खुरदरा व गाड़े भूरे रंग का होता है। भीतरी हिस्सा चिकना व भूरा होता है। असली दालचीनी हाथ से दबाने पर, आसानी से टूट जाती है। जबकि नकली दालचीनी अपेक्षाकृत कठोर होती है।

दालचीनी के औषधीय गुण

 दालचीनी का प्रयोग वैसे तो मसालों के रूप में किया जाता है। जो हमारे खाने के स्वाद को बढ़ा देती है। इसके साथ ही एक खुशबू भी देती है। आयुर्वेद के अनुसार, दालचीनी का स्वाद कड़वा, तीखा और मीठा बताया गया है। इसकी तासीर गर्म स्वभाव की होती है। यह शरीर में रूखापन उत्पन्न करती है। गर्म स्वभाव की होने के कारण, ये शरीर में कफ और वात को नष्ट करती है। लेकिन इसके साथ ही पित्त को बढ़ा सकती है।

दालचीनी पाउडर में पौष्टिक तत्व

(एक चम्मच या 2.6 g)

एनर्जी

6.42 कैलोरी

कार्बोहाइड्रेट्स

2.1 ग्राम

प्रोटीन

0 ग्राम

डाइटरी फाइबर

1.2 ग्राम

कैल्शियम

26.1 मिलीग्राम

आयरन

0.21 मिलीग्राम

मैग्नीशियम

1.56 मिलीग्राम

फास्फोरस

1.66 मिलीग्राम

पोटेशियम

11.2 मिलीग्राम

सोडियम

0 मिलीग्राम

कोलेस्ट्रॉल

0 मिलीग्राम

विटामिन ए

0.39 माइक्रोग्राम

विटामिन बी

0.18 माइक्रोग्राम

विटामिन के

0.26 माइक्रोग्राम

एंटीऑक्सीडेंट्स

• चोलिन

• अल्फा कैरोटीन

• बीटा कैरोटीन

•अल्फा-क्रिप्टोक्सैन्थिन

• लाइकोपीन

• ज़ेक्सैंथिन

• ल्यूटिन

दालचीनी कैसे खाएं

 आप प्रतिदिन 6 से 8 मिलीग्राम दालचीनी का उपयोग करें। इसका उपयोग पाउडर के रूप में अधिक फायदेमंद होता है। इस दालचीनी के पाउडर को गुड या शहर के साथ खूब घिसए। ताकि शहद या गुड़ अच्छे से मिल जाए। अब इसे चाटकर, ऊपर से हल्का गर्म पानी पीजिए। इससे आपके शरीर के कफ व वात से सम्बंधित, कम से कम 50 रोग खत्म हो जाएंगे।

     आपको इसे सुबह के समय, इस्तेमाल करें। यह अच्छा माना जाता है। इसके लिए आप एक गिलास पानी को गर्म करें। इसमें एक टुकड़ा दालचीनी का डालकर, उबाल लें। फिर इसे छानकर, इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं। आप रात में सोने से पहले, दालचीनी वाला दूध भी पी सकते है।

इसके अद्भुत फायदे देखने को मिलते हैं। आप घर के खाने में भी, इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। किसी भी प्रकार के फल के ऊपर, इसके पाउडर को डालकर खा सकते हैं।

गर्म पानी में दालचीनी पीने के फायदे

दालचीनी की चाय या इसका पानी सुबह पीने के अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं। इसको बनाने के लिए, आप दो कप पानी ले। इसमें 6 से 8 मिलीग्राम दालचीनी का चूर्ण या इसका एक टुकड़ा डालकर, तब तक उबलने दें। जब तक यह पानी एक कप न रह जाए। अब तो छानकर अलग कर लें। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर, गुनगुना ही घूट-घूट कर पीना चाहिए। इसके कुछ फायदे इस प्रकार हैं –

1. सुबह खाली पेट दालचीनी का पानी या चाय बनाकर, इस्तेमाल करने से पेट से संबंधित सभी विकार दूर होते हैं।

2. इसमें एंटीबैक्टीरियल व एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। इसका पानी कब्ज से छुटकारा दिलाने के साथ-साथ, पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है।

3. इसमें मौजूद विटामिन और खनिज तत्व, हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

4. इसमें मौजूद एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण त्वचा संबंधित समस्याओं को दूर करते हैं। इसके साथ ही कील-मुंहासे व दाग धब्बे भी खत्म होते हैं।

5. दालचीनी के पानी का सेवन ह्रदय रोगों से भी बचाता है।

6. दालचीनी का पानी वजन को भी कम करता है। यह मोटापे को कम करने में मदद करता है।

7. इसका पानी डायबिटीज के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके इस्तेमाल से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है।

8. इससे हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम भी  मजबूत होता है।

दालचीनी वाले दूध के फायदे

   दूध की शक्ति को कई गुना बढ़ाने का काम, दालचीनी और शहद करते हैं। वैसे तो दूध ही पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन जैसे तत्व पाए जाते हैं। लेकिन अगर दूध में दालचीनी और शहद जैसे तत्व मिलाए जाएं। तो इससे, इसकी ताकत कई गुना बढ़ जाती है। 

       यह मिश्रण हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से भी बचाता है। शहद में विटामिन और मिनरल्स के साथ-साथ, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं। इसमें पोटेशियम और फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अगर दूध में शहद और दालचीनी मिलाकर उपयोग किया जाए। तो उसके बहुत से फायदे हो सकते हैं।

       यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत मजबूत करता है। यह हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह गैस और एसिडिटी से भी छुटकारा दिलावाता हैं। खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसको पीने से जोड़ों से संबंधित, सभी रोगों में राहत मिलती है। हड्डियों को भी मजबूती मिलती है।

दालचीनी के नुकसान

  दालचीनी के वैसे तो बहुत सारे लाभ प्राप्त होते हैं। लेकिन अगर इसे ज्यादा मात्रा में खाया जाए। तो इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। अगर आप इसे कम मात्रा में खाएंगे। तो लाभ ही लाभ प्राप्त होगा। लेकिन अगर आपने इसकी मात्रा बढ़ा दी।  तो यह उतना ही हानिकारक हो सकता है। दालचीनी में मौजूद क्यूमरीन नामक पदार्थ नुकसान पहुंचाता है। यह दालचीनी की कैसिया प्रजाति में सबसे ज्यादा पाया जाता है। जबकि दालचीनी की सीलोन प्रजाति में इसकी मात्रा बहुत कम होती है।

    लगभग एक चाय के चम्मच के बराबर कैसिया प्रजाति में 7 से लेकर 18 मिलीग्राम क्यूमरीन हो सकता है। जबकि इतनी मात्रा के सीलोन दालचीनी में, क्यूमरीन बहुत ही कम होती है। लगभग न के बराबर। हमारे शरीर में क्यूमरीन की सुरक्षित मात्रा 0.1 मिलीग्राम प्रति किलो, शरीर के वजन के हिसाब से होती है। यानी अगर आपका वजन 50 किलो है। तो आप 5 ग्राम तक 1 दिन में खा सकते हैं। इसका कोई भी नुकसान नहीं होगा। अधिक मात्रा में दालचीनी खाने से यह नुकसान हो सकते हैं।

1. लिवर खराब होने की समस्या हो सकती है। लिवर में जहरीलापन आ सकता है।

2. ज्यादा मात्रा में दालचीनी के सेवन से कुछ प्रकार के कैंसर पनप सकते हैं। कुछ रिसर्च से पता चला है कि ज्यादा मात्रा में क्यूमरीन खाने से फेफड़ों, लीवर व किडनी में ट्यूमर बन सकता है।  क्यूमरीन लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में प्रयोग किए जाने पर, डीएनए को नुकसान पहुंचाता है। जिससे कैंसर बढ़ता है।

3. दालचीनी के ज्यादा प्रयोग से मुंह में छाले हो सकते हैं।

4. जिन लोगों का डायबिटीज बढ़ा रहता है। वह इसकी दवा या इंसुलिन लेते हैं। उनके लिए दालचीनी का प्रयोग नुकसानदायक हो सकता है। क्योंकि दालचीनी भी इंसुलिन की तरह ही, शुगर लेवल को कम करने का काम करती है।

5. इसके पाउडर को प्रयोग करने से, हवा में उड़ता है। जिसके नाक के द्वारा जाने से, परेशानी हो सकती है। जिन लोगों को अस्थमा या सांस की समस्या है। उनको इससे दिक्कत हो सकती है। इसका पाउडर गले में जाकर, खांसी पैदा कर सकता है।

6. अगर आप कोई भी दवा नियमित रूप से लेते हैं। तो दालचीनी और दवा का प्रयोग एक साथ, एक ही समय पर नहीं करना चाहिए। थोड़ी मात्रा में दालचीनी खाने से कुछ नहीं होता। वहीं अगर दालचीनी की मात्रा थोड़ी अधिक है। तो यह दवा के साइड इफेक्ट को और बढ़ा सकती है।

दालचीनी के फायदे

  दालचीनी एक ऐसी जड़ी बूटी है। जो बहुत ही स्वादिष्ट व खुशबूदार होती है। इनका इसका प्रयोग गरम मसालों के अलावा औषधि की तरह भी किया जाता है। जो हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखने में सहायक होते हैं।

1.भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट – दालचीनी में अच्छी मात्रा में, बहुत सारे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह बात एक रिसर्च में सिद्ध हुई है कि आज अन्य जितने भी herbs हैं। उनमें जो एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। उन सबसे अधिक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट दालचीनी में पाए जाते हैं। यह हमारे एजिंग को कम करते हैं। यह बहुत सारी बीमारियों को भी रोकने का काम करते हैं।

2. एंटीइंफ्लेमेटरी गुण – यानी कि यह शरीर में होने वाले inflammation को काम करता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें शरीर से दर्द व सूजन, बहुत सी बीमारियों को पैदा करता है। बहुत सारे infection के कारण भी inflammation पैदा होता है। यह दालचीनी हमारे शरीर में अर्थराइटिस या शरीर के किसी अंग में सूजन हो रही है। तो उसे कम करने में मदद करता है।

3. हृदय की सुरक्षा में सहायक – दालचीनी आपके हृदय को सुरक्षा प्रदान करती हैं। यदि आप किसी भी प्रकार के हृदय रोग से ग्रस्त है। आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है। ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है। आपको किसी भी प्रकार की कोरोनरी आर्टिरीज की दिक्कत है। इन स्थितियों में दालचीनी आपके लिए बहुत कारगर उपाय हो सकता है।

यह आपके शरीर से एलडीएल कोलेस्ट्रोल को कम करती है। तो वही एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देती है। यानी आपके खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देती है। यह आपके लिए लिपिड प्रोफाइल को नियंत्रित करती है। यह आपके ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करती है।

4. इंसुलिन के विकल्प के रूप में – दालचीनी आपके अंदर इंसुलिन की sensitive को भी बढ़ाती है। यह एक ऐसा हार्मोन होता है। जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का कार्य करता है। अगर आपके शरीर में इंसुलिन कम बन रही है। तो भी यह लाभकारी हो सकती है।

       इंसुलिन आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट के पचने की दर को कम कर देती है। जिसके कारण यह धीमे-धीमे शरीर में अवशोषित होता हैं। इसके कारण आपका  ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ पाता है। यह नियंत्रित रहता है। यह ब्लड में शुगर को absorb करने की दर को भी कम कर देती है। दालचीनी एक तरह से इंसुलिन की तरह ही काम करती है।

5. दिमाग की कार्यप्रणाली का नियंत्रण – यह आपके दिमाग को proper ढंग से चलती है। आपके दिमाग को व आपके न्यूरॉन्स को शक्ति प्रदान करती है। उनके degeneration को कम करती है। यह अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों से भी सुरक्षित रखती है।

6. कैंसर से बचाव – दालचीनी कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से भी सुरक्षित रखती है। इसके प्रयोग से कैंसर सेल का खतरा खत्म हो जाता है। अगर किसी को कैंसर जैसी घातक बीमारी है। तो यह कैंसर सेल्स की ग्रोथ को कम कर देती है।

7. एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण – अगर आपके शरीर में किसी भी प्रकार का इंफेक्शन है। चाहे वह बैक्टीरिया का हो या फंगस का हो। इन दोनों को भी दालचीनी कम करती है।

8. मोटापे को घटाने में सहायक – दालचीनी आपके वजन को कम करने में भी सहायक होती है। यह आपके शरीर में  थर्मोजेनेसिस की प्रक्रिया को बढ़ा देती है। यानी आपके शरीर में हिट पैदा करती है। इस प्रक्रिया के दौरान, आपका शरीर बहुत ज्यादा कैलोरी बर्न करता है। जिसके कारण आपको वजन कम करने में मदद मिलती है।

      यह आपके visceral fat को कम करने का काम करती है। यानी कि हमारे पेट में, जितने भी organs होते हैं। इन सभी के आसपास फैट की परत जमा होती  है। जो इन्हें प्रोटेक्ट करने का काम करती है। जब यह visceral fat की परत ज्यादा मोटी हो जाती है। तो हमारी तोंद निकल आती है। इस कारण आपके तोंद का फैट कम होता है।

दालचीनी के फायदे पुरुषों के लिए

 आज बदलती व स्ट्रेस भरी जिंदगी पुरुषों पर अधिक हावी होती जा रही है। प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। रेडिएशन का एक्सपोजर बढ़ रहा है। इन सब के कारण स्पर्म काउंट कम होता जा रहा है। इन सबसे अधिक ओबेसिटी बढ़ रही है। जिसके कारण से स्पर्म पैरामीटर बहुत नीचे गिरते जा रहा है। इसलिए इनफर्टिलिटी की समस्या में पुरुष भी जिम्मेदार होते हैं।

    दालचीनी पुरुषों में erectile dysfunction, early ejaculation व sperm count की समस्या को दूर करता है। इस समस्या को दूर करने के लिए, आपको रोजाना दूध में दालचीनी का पाउडर सीमित मात्रा में डालकर प्रयोग करना चाहिए। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या ज्यादा अल्कोहल लेने या हार्मोन में बदलाव के कारण होती है।

महिलाओं के लिए दालचीनी के फायदे

 जब महिलाएं कंसीव करने की कोशिश करती हैं। तो सबसे पहले एब्ल्यूशन की बात आती है। कि यह हो रहा है या नहीं हो रहा है। पीरियड्स ठीक है या नहीं है। पीरियड समय पर आना जरूरी है। अनियमित पीरियड्स भी नहीं होने चाहिए। मासिक धर्म के दौरान  एब्ल्यूशन भी होना चाहिए। तभी संभावना होती है कि आप प्रेग्नेंट हो सके। अगर इनमें से कोई भी कमियां हैं। तो सबसे पहले जरूरत होती है कि इन्हें ठीक किया जाए।

       एब्ल्यूशन न होने का कारण, पीसीओडी की समस्या या हारमोंस का असंतुलित होना होता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि दालचीनी फर्टिलिटी को बढ़ाता है। यह antimicrobial होता है। इसी के साथ  इसकी खुशबू, हमारे दिमाग की कार्यप्रणाली को बढ़ाती है। इसलिए प्रेगनेंसी की समस्या को दूर करने व महिलाओं को होने वाली अन्य समस्याओं से निजात पाने के लिए, आपको दालचीनी की चाय बनाकर लेनी चाहिए।

      इसे आप खाली पेट न लेकर, नाश्ते के बाद ले। इसको बनाने के लिए, पानी को उबलने दें। आप चाहे तो इसमें अदरक को कद्दूकस करके डाल सकते हैं। जब पानी बिल्कुल उबल जाए। तो इसमें दो चुटकी या 1/5 चम्मच दालचीनी का पाउडर डालें। अब इसे छानने के बाद, इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर धीरे-धीरे सिप करके पिए। इससे गर्भधारण करने व महिलाओं की अन्य सभी समस्याओं में लाभ मिलेगा।

 

Disclaimer 

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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