डायबिटीज | डायबिटीज के लक्षण और उपाय | मधुमेह – अभी जड़ से ख़त्म करें

डायबिटीज के लक्षण और उपाय, मधुमेह, मधुमेह टाइप 2, टाइप 1 मधुमेह, विटामिन की कमी, नुकसान, अचूक दवा, घरेलू उपाय [ Symptoms Of Diabetes, Type 2 Diabetes, Type 1 Diabetes, Home Remedies ]

डायबिटीज के लक्षण और उपाय

डायबिटीज के लक्षण और उपाय

डायबिटीज क्या है
Diabetes in Hindi

आज के आधुनिक दौर में, बहुत ज्यादा lदेखा जाता है। कि कम उम्र में ही लोग बहुत ज्यादा रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं। इनमें से एक ऐसा रोग है। जिसे मधुमेह(Diabetes) कहते हैं। ऐसे में जीवन शैली से संबंधित रोगों से, हम बचाव कैसे कर सकते हैं। यह हम सभी के सामने एक बड़ा प्रश्न है।

मधुमेह रोग जिसे आम बोलचाल की भाषा में, शुगर की बीमारी भी कहते हैं। किसी भी कार्य को करने के लिए, ऊर्जा की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर को भी ऊर्जा की आवश्यकता होती है। शरीर इस ऊर्जा की पूर्ति, शरीर में उपलब्ध ग्लूकोस से करता है। 

रक्त में ग्लूकोज इंसुलिन नामक हार्मोन के द्वारा, कोशिकाओं में पहुंचकर ऊर्जा प्रदान करता है। इंसुलिन शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है। शरीर में इंसुलिन का उत्पादन पेनक्रियाज के द्वारा होता है। मधुमेह रोगी के शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है। भोजन शरीर में जाकर, ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है। फिर यह ग्लूकोज रक्त में मिल जाता है।

मधुमेह का रोगी शरीर में उपलब्ध ग्लूकोस का पूरा उपयोग नहीं कर पाता। मधुमेह एक metabolic disorder है। रक्त में बड़ी हुई ग्लूकोज की मात्रा का, अगर सही समय पर उपचार नहीं किया जाए। तो यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के लिए काफी नुकसानदायक होता है। क्या आप जानना चाहेंगे : सुपर फूड आमला के गुण व फायदेकिन-किन रोगों मे लाभकारी।

डायबिटीज के प्रकार
Types of Diabetes in Hindi

मधुमेह (Diabetes) दो प्रकार की होती है। जिनमे एक Type1 और दूसरी Type2 होती है। शुगर अन्य कई परिस्थितियों में भी देखी जाती है। यहां तक कि गर्भावस्था के दौरान भी, यह सीमित समय के लिए होती है। जिसे Gestational Diabetes Mellitus कहा जाता है।

टाइप 1 मधुमेह
Type 1 Diabetes in Hindi

इस प्रकार की डायबिटीज ज्यादातर, छोटे बच्चों या 20 साल से नीचे में पाई जाती है। इसकी मुख्य वजह में, Pancreas के Beta Cells से इंसुलिन नामक हार्मोन का उत्सर्जन बंद हो जाना है। या इसकी sensitivity खत्म हो जाना है। या फिर auto immune disease की वजह से, पैंक्रियास खराब हो जाता है।

इंसुलिन ही वह हार्मोन है। इसकी जरुरत भोजन को energy में बदलने में होती है। इस हार्मोन के बिना, हमारा शरीर शुगर की मात्रा को control नहीं कर पाता। तब हमारे ब्लड में, शुगर का level बढ़ना शुरू हो जाता है। इसे ही diabetes कहते हैं। 

अक्सर देखा जाता है कि बच्चों में इंसुलिन बनता ही नहीं है। या फिर जितनी मात्रा की जरूरत है। उतना निकलता ही नहीं है। जिसका कारण Beta Cells का dead या खत्म हो जाना है। इसी को Type 1 diabetes कहते है।

मधुमेह टाइप 2
Type 2 Diabetes in Hindi

हमारे यहां ज्यादातर लोगों में (लगभग 95%) Type 2 डायबिटीज ही होती है। इसमें patient शुरू के 30 से 40 साल तक normal होता है। इसमें भी diabetes होने का कारण, इंसुलिन की sensitivity का कम होना। या हमारे शरीर को जितनी requirement है। उतना उत्सर्जन न हो पाना ही है।

यह काफी हद तक, हमारी lifestyle पर depend करता है। जिसमें obesity एक महत्वपूर्ण कारण है। इसे ऐसे समझते हैं कि एक व्यक्ति पहले 50 किलो का था। बाद में,  वह व्यक्ति 70 से 80 किलो का हो जाता है। तब शुरुआत में जितनी इंसुलिन की जरूरत, उनके शरीर को थी। उतनी इंसुलिन मिल रही थी।

लेकिन weight बढ़ने के साथ ही, इंसुलिन के उत्सर्जन की मात्रा नहीं बढ़ पाती। दूसरे उस व्यक्ति के organ जैसे कि mussels, liver व tissues इंसुलिन से sensitize नहीं हो पा रहे हैं। या यूं कहें उसके organs इंसुलिन के प्रति sensitive नहीं रह गए। इसके पीछे का  कारण भी Obesity ही है। क्या आप जानना चाहेंगे : मोटापा कैसे कम करेंमोटापा कारण , लक्षण, निदान व उपचार। मोटापे के रोगी क्या खाएं, क्या नही।

डायबिटीज के लक्षण
Symptoms of Diabetes in Hindi

मधुमेह (diabetes) को वंशानुगत रोक भी कह सकते हैं। यानी अगर आपके माता-पिता या उसके पहले की पीढ़ी में, किसी को भी मधुमेह का रोग रहा है। तो आपके अंदर भी, इस रोग के होने की संभावना 50% तक बढ़ जाती है। वैसे यह हमारी lifestyle से भी जुड़ा हुआ रोग भी है। मधुमेह होने पर, जो शुरुआती लक्षण दिखाई पड़ते हैं। वह है-

बच्चों में डायबिटीज के लक्षण

● अगर बच्चा Bedwetting ( बिस्तर गीला करना) फिर से शुरू कर देता है।

● अगर बच्चे का वजन बहुत कम हो रहा है।

● loss of appetite (भूख न लगना) ।

बड़े लोगों में डायबिटीज के लक्षण

● बार-बार पेशाब का लगना( Frequent Urination) 

● बहुत अधिक प्यास लगना( Excessive Thirst) 

● अधिक भूख लगना (Increased Appetite) 

● खाने के बाद भी वजन का कम होना (Weight Loss)

● प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन का होना (Genital Infections)  

● किसी जख्म का जल्दी heal नहीं होना (Slow-healing Sores)

लेकिन लगभग 50% diabetes के patient में कोई symptoms नहीं दिखाई देते। ऐसे लोगों की diabetes की screening करना आवश्यक है। उन लोगों screening की जरूरत होती है। जिनकी फैमिली में डायबिटीज की history है।

या फिर जिन लोगों को heart या BP की समस्या है। या फिर दिन महिलाओं को irregular period की शिकायत है। ऐसे लोगों को 30 साल के बाद, diabetes का नियमित चेकअप करवाना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : एलोवेरा के फायदे, उपयोग व औषधीय गुण।

डायबिटीज में क्या खाना चाहिए

ऐसी कुछ चीजें जो आपके घर में मौजूद है। जो आपके diabetes के उपचार में मदद कर सकती हैं। Diabetes को सबसे नेचुरल और घरेलू उपचार, आपके फ्रिज में सब्जियों के रूप में मौजूद है। इसलिए आप अपनी खाने की थाली में, आधा हिस्सा सब्जियों का रखें।

इन सभी को आप salad के रूप में, steamed करके या फिर Sauteed करके भी खा सकते हैं। कोशिश करें कि आप ज्यादा से ज्यादा seasonal सब्जियों का इस्तेमाल करें। अपनी थाली को आधा सब्जियों से भरने के बाद। इसका एक चौथाई भाग प्रोटीन से भरे।

अगर आप vegetarian हैं। तो आप दाल, चना, राजमा, छोले व दही का प्रयोग कर सकते हैं। अगर आप non-vegetarian है। तो आप इनके अलावा अंडा, चिकन, फिश का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद थाली का आखिरी एक चौथाई हिस्सा, आप अनाज से भरे। जिसमें आप रोटी, दलिया, ओट्स और चावल जैसे अनाज को इस्तेमाल कर सकते हैं।

मधुमेह रोगियों के खाने के लिए फल की सूची

आपको खूब पानी पीना चाहिए। अनार का जूस, इंडियन ब्लैकबेरी, केला, सेब, अंजीर कीवी आप खा सकते हैं। इसके अलावा citrus fruit, ककड़ी, सलाद पत्ता, प्याज, लहसुन, टमाटर, मूली, गाजर व शलजम खा सकते हैं।

डायबिटीज में क्या नहीं खाना चाहिए

अपने खाने से कुछ चीजों को हटाए बिना, diabetes का उपचार संभव नहीं है। इसके लिए आप अपने खाने से packaged foods जैसे बिस्किट, रस्क,  नमकीन, चिप्स, फ्रूट जूस, चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक का इस्तेमाल बन्द करना होगा।

खाने में मौजूद पौष्टिक तत्व हमेशा अनाज, दालों, फलों और सब्जियों के छिलकों में मौजूद होते हैं। जितना हो सके। इन्हें साबुत खाएं। विशेष रुप से फलों और सब्जियों के जूस निकालकर न पिए। इससे इनके पौष्टिक तत्व काफी मात्रा में नष्ट हो जाते हैं। आपको धूम्रपान व अल्कोहल लेने से भी बचना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : थायराइड  क्या हैइसके कारण, लक्षण, घर पर टेस्ट करने का तरीका, घरेलू उपाय।

मधुमेह के रोगी के लिए व्यायाम

 Diabetes को naturally control करने के लिए। दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा exercise है। आप अपनी सुविधानुसार, दिन के किसी भी समय में। अपनी पसंद की exercise को अपने रुटीन में शामिल कर सकते हैं। Physical activity को अपने रूटीन में आसानी से शामिल करने के लिए। कुछ tips को follow कर सकते हैं।

1. जितना ज्यादा हो सके। आप ज्यादा से ज्यादा stairs का इस्तेमाल करें।

2. हो सके तो आप अपनी गाड़ी को, parking slot से थोड़ा दूर park करें। ताकि कुछ distance चलना पड़े।

3. अपने काम के दौरान या ऑफिस में Physical activity को बढ़ाने के लिए, 1-1 घंटे में थोड़ा break लेकर, थोड़ी चहल कदमी कर ले।

4. इन सबके अलावा stress कम करना भी बहुत जरूरी है। जिसके लिए आप अपनी life में नियमित योगा और मेडिटेशन भी कर सकते हैं।

डायबिटीज के घरेलू उपाय
Home Remedies for Diabetes in Hindi

भारत में 5 करोड़ 70 लाख से ज्यादा लोगों को डायबिटीज है। अगले कुछ सालों में 3 करोड़ से ज्यादा, लोगो को हो जाएगी। ऐसा सरकार का कहना है। हमारे आसपास के खराब वातावरण और खानपान की खराब आदतों के कारण। डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

एलोपैथी में इस बीमारी का कोई स्थाई इलाज मौजूद नहीं है। लेकिन आयुर्वेद के पास है। तो जानते हैं। कुछ ऐसे उपाय, जो आपके किचन में मौजूद घरेलू उपाय हैं।

1. छः नींबू का ताजा रस व तीन सौ ग्राम अजमोद (Parsley )  को लीजिए।

उपयोग का तरीका – अजमोद को धोकर साफ कर लीजिए। इसे नींबू के रस के साथ मिलाकर, एक ढक्कनदार बर्तन में रखिए। ढक्कन को अच्छी तरीके से बंद कर दीजिए। एक दूसरे बर्तन में पानी लेकर, इसे गर्म कीजिए। इसमें मिश्रण वाले ढके बर्तन को, गर्म पानी मे उबलने को रख दीजिए।

उबलने के बाद इसे 2 घंटे तक, धीमी आंच पर रखिए। तब तक मिश्रण वाले बर्तन का ढक्कन खोलना नहीं है। जब मिश्रण ठंडा हो जाए। तो इसे एक जार में रखकर, फ्रिज में store करें। रोजाना खाली पेट, एक चम्मच खाने से पहले। इस मिश्रण का सेवन करें। कुछ महीनों में ही, इस मिश्रण के उपयोग से अच्छे नतीजे मिलेंगे।

2. तुलसी की 2 या 3 पत्तियों को सुबह खाली पेट चबाकर खाएं। या फिर एक चम्मच तुलसी की पत्तियों के रस का प्रयोग करें। तुलसी की पत्तियों में एंटी ऑक्सीडेंट के साथ, कुछ तेल होते हैं। जो हमारे शरीर में जाकर, eugenol और methyl eugenol व अन्य पदार्थों को पैदा करते हैं। यह हमारे अग्नाशय (Pancreas) की बीटा कोशिकाओं को ठीक करने में मदद करते हैं। जिसके कारण इंसुलिन का उचित रूप से स्राव होने लगता है। क्या आप जानना चाहेंगे : अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिएमहिलाओं के लिए अश्वगंधा के लाभ। इस प्रयोग करने का तरीका व इसके नुकसान।

3. Diabetes के patient 1 ग्राम दालचीनी को, दो कप पानी में डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए। तो इसे ठंडा करके सेवन करें। इसका सेवन लगातार, एक महीने तक करें। दालचीनी में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने की क्षमता पाई जाती है। इससे diabetes के अतिरिक्त, वजन को नियंत्रित करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने के गुण भी पाए जाते हैं।

4. जामुन खाने में tasty होने के साथ ही शुगर को control करने में useful होता है। इसके लिए जामुन के season में जामुन खाएं। Season न होने पर, जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह-शाम खाली पेट पानी से ले सकते हैं। इससे आपको फायदा होगा। इन सभी का प्रयोग जरूरत के हिसाब से ही करें। ताकि आपका शुगर लेवल एकदम से कम न हो जाए। समय-समय पर sugar test जरूर करते रहें।

5. विजयसार जिसका वानस्पतिक नाम Pterocarpus marsupium है। इसको केवल आयुर्वेद ही नही बल्कि morden science भी diabetes में बहुत useful मानती है। इसके लिए, विजयसार की लकड़ी से बने बर्तन में। रात में पानी भरकर रख दीजिए। फिर इस पानी को सुबह खाली पेट पी लीजिए। विजयसार की लकड़ी में पाए जाने वाले elements, blood में insulin को बढ़ाने में help करते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करे हाई ब्लड प्रेशर में क्या नही खाना चाहिए और क्या नही।

Diabetes – Health Vishesh

कई बार 200 या 300 से ज्यादा शुगर आने पर भी, लोग सिर्फ घरेलू उपचार को ही follow करते हैं। वह दवाइयां लेने से कतराते हैं। जो उनके लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। अगर इन सब Diabetes Control Tips को follow करने के बावजूद, आपकी शुगर काफी बढ़ी हुई आ रही है।

तो इसका मतलब आपकी body में, insulin deficiency बढ़ गई है। इसके लिए, आपको मेडिसिन लेने की जरूरत है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से consult अवश्य करें। आप अपने डॉक्टर द्वारा prescribed की गई, दवाई ही ले। उनके द्वारा बताएं गए doses को जरूर follow करें।

Disclaimer     
 लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

Leave a Comment

Translate »