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हल्दी दूध के फायदे | दूध में हल्दी के नुकसान
Haldi Wala Doodh Peene ke Fayde
भारतीय संस्कृति में इसकी खास जगह है। कई हिंदू समुदायों में शादी जैसे शुभ अवसरों पर उर्वरता और समृद्धि के प्रतीक के तौर पर हल्दी का उपयोग किया जाता है। मिसाल के लिए, शादी से पहले हल्दी की रस्म होती है। जिसमें परिवार के बड़े बुजुर्ग दुल्हन और दूल्हे के चेहरे पर हल्दी का लेप लगाते हैं।
दुल्हन के मंगलसूत्र के धागे को भी हल्दी के लेप में डुबाया जाता है। आज भी शादी से पहले व किसी शुभ अवसर पर पहने जाने वाले कपड़ों के, किसी कोने में हल्दी पाउडर लगा दिया जाता है। भारतीय महिलाएं अपने फेस पैक में एक चुटकी हल्दी मिलाती हैं। उनका मानना है कि इससे त्वचा साफ और चमकदार होती है।
हल्दी एक ऐसा मसाला है। जो अदरक के परिवार से संबंध रखता है। हल्दी जितना भारतीय है। उतना ही शुभ और औषधि गुणों से भरपूर है। गले में खराश हो या शरीर में बुखार हो। हमारे बुजुर्ग तुरंत ही हल्दी दूध का सेवन करवाते थे। बहुत से भारतीय इसे तरल रामबाण औषधि मानते हैं।
पश्चिमी देशों ने पिछले कुछ दशक में इसे खोजा और सुपर फूड की श्रेणी में रखा। उन्होंने हल्दी की ताजी गाँठो को चाय और काफी में मिला दिया। वे इसका शरबत बनाने लगे। तुरंत फायदे के लिए, हल्दी का गाढ़ा पेय पर तैयार कर दिया। भारत में हल्दी लंबे समय से रसोई की प्रमुख सामग्रियों में से एक है। यह दो रूपों में इस्तेमाल होती है। गाँठो के रूप में और हल्दी पाउडर के रूप में भी।
पारंपरिक भारतीय रसोई में हल्दी खाने में रंग लाने के लिए प्रयोग होती है। हल्दी की ताजी और मुलायम गाँठो से, हल्दी का अचार भी बनता है। जिसके ऊपर गर्म तेल से छौंक लगाई जाती है। वहीं कुछ समुदायों में हल्दी के पत्तों का लिफाफा बनाकर, उसमें भोजन पकाया जाता है।
भारत में ज्यादातर लोग इसे आदत के अनुसार इस्तेमाल करते हैं। न कि किसी स्वाद को बढ़ाने के लिए। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर के कुल हल्दी उत्पादन का 75% से अधिक हिस्सा भारत में होता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा हल्दी निर्यातक है। यहां इसकी खपत भी सबसे ज्यादा है।

हल्दी के पोषक तत्व
हल्दी का वैज्ञानिक महत्व
हल्दी में पाए जाने वाले पोषक तत्व | |
वैज्ञानिक नाम | कुरकुमा लोंगा (Curcuma longa) |
अंग्रेजी नाम | Turmeric |
उड़नशील तेल | 5.8% |
प्रोटीन | 6.3% |
द्रव्य | 5.1% |
खनिज द्रव्य | 3.5% |
कार्बोहाइड्रेट | 68.4% |
मुख्य पोषक तत्व | करक्यूमिन |
एंटी ऑक्सीडेंट | फ्लेवोनाँयडस |
इम्यूनिटी बूस्टर | लिपॉपॉलिसैकेराइड |
विटामिन व खनिज तत्व | बीटा कैरोटीन विटामिन सी विटामिन ई विटामिन के पोटेशियम कैल्शियम फास्फोरस मैग्नीशियम मैग्नीज सोडियम जिंक आयरन |
अन्य गुण | एंटीइन्फ्लेमेटरी एंटीट्यूमर एंटीसेप्टिक एंटीवायरल एंटीएंजायटी कार्डियोप्रोटेक्टिव हैपेटॉप्रोटेक्टिव नेफ्रोंप्रोटेक्टिव |
हल्दी कब और कैसे खाएं
हल्दी का सेवन सुबह और रात में सोते समय करना चाहिए। आप एक दिन में 500 से 2000 मिलीग्राम तक हल्दी खा सकते हैं। बेहतर परिणाम पाने के लिए, आपको एक गिलास दूध में, आधा चम्मच हल्दी मिलाकर। रात में सोते समय लेना चाहिए। हल्दी दूध के बहुत सारे फायदे देखने को मिलते हैं। आप सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में, आधा चम्मच हल्दी डालकर भी ले सकते हैं।
हल्दी के नुकसान
हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए
हल्दी जहां एक तरफ, बहुत से औषधि गुणों से भरपूर है। वही कुछ ऐसी situation में, इसके नुकसान भी संभव हैं। कभी-कभी यह कुछ घातक परेशानियां भी उत्पन्न कर सकती है। इसलिए ये जानना जरूरी है कि ऐसी कौन-सी परिस्थितियां है। जिनमें हल्दी दूध नुकसानदायक हो सकता है।
1. ऐसी महिलाएं जो Pregnant हैं। उन्हें हल्दी का प्रयोग सप्लीमेंट के रूप में नहीं करना चाहिए। क्योंकि हल्दी हमारे menstrual period को लाने में मदद करती है। इसलिए जो महिलाएं गर्भवती हैं। अगर वह हल्दी का सप्लीमेंट के रूप में प्रयोग कर रही हैं। तो उन्हें प्रेगनेंसी में risk होने की संभावना होती है।
2. Anemia होने पर हल्दी का प्रयोग वर्जित है क्योंकि यह हमारे शरीर में आयरन के तब जैक्सन को कम कर देती है ऐसे में अगर आप हल्दी को सप्लीमेंट के रूप में ले रहे हैं तो यह एनीमिया की कंडीशन को और बिगाड़ सकती है
3. अगर आपकी किडनी में स्टोन की समस्या है। तब भी आप सप्लीमेंट के रूप में इसका प्रयोग नहीं करें। क्योंकि हल्दी में कैल्शियम ऑक्सलेट की अधिक मात्रा पाई जाती है। यह स्टोन की समस्याओं को बढ़ा सकता है।
4. अगर आप डायबिटीज के पेशेंट हैं। अगर आपका शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ा हो। या बहुत ज्यादा कम हुआ हो। यानी अगर आप हाइपोग्लाइसीमिया या हाइपरग्लाइसीमिया से पीड़ित हैं। तब आपको हल्दी को सप्लीमेंट के रूप में नहीं प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि यह आपके शुगर लेवल को कम कर देगी।
हल्दी दूध के फायदे
हल्दी दूध जिसे Yellow Milk या Golden Milk भी कहा जाता है। इसके अनगिनत फायदे होते हैं। हल्दी की तासीर गर्म होती है। हल्दी में एक केमिकल करक्यूमिन पाया जाता है। यह strong antioxidant होता है। एंटी ऑक्सीडेंट होने के कारण, इसके अंदर एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज पाई जाती है।
इस कारण जितनी भी seasonal बीमारियां होती हैं। उनमें यह हल्दी दूध बहुत फायदा करता है। हल्दी anti-inflammatory होती है। ये आपके शरीर में, कहीं पर भी सूजन है। तो यह उसे कम करेगी। हल्दी एक नेचुरल पेन किलर भी होती है। आपके शरीर में कहीं पर भी, किसी भी तरीके का दर्द है। तो हल्दी इस दर्द को दूर करती है।
हल्दी एक बहुत ही अच्छी antioxidant होती है। एंटीऑक्सीडेंट वे पदार्थ होते हैं। जो आपकी कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। हल्दी आपके DNA को damage होने से बचाती है। अगर किसी व्यक्ति का DNA damage हो जाए। तो उसे बहुत ही गंभीर बीमारियां लग सकती है।
हल्दी आपके शरीर से heavy metals को बाहर निकलती है। हेवी मेटल्स जैसे लेड व इसी तरीके की अन्य धातुएं। ये पानी के साथ कई बार, हमारे शरीर में चली जाती हैं। हल्दी पीने से, अगर हमारे शरीर में कोई जख्म हो गया है। तो जल्दी भर जाता है। हल्दी खाने से हमारा digestion improve होता है।
किडनी में हल्दी दूध के फायदे
हल्दी दूध का सेवन सर्दियों में स्वास्थ्य को मजबूत रखने में मदद करता है। हल्दी में हजारों गुण पाए जाते हैं। इसमें एंटीकैंसर व एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती है। जो बीमारियों से बचाने में मदद करती है।
हल्दी दूध में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शुगर, कैल्शियम, आयरन और सोडियम सही मात्रा में होता है। जो आपको कई सारी बीमारियों से बचाने में मदद करता है। हल्दी दूध का सेवन, आपको अंदर से मजबूत करता है।
हल्दी दूध का सेवन किडनी के मरीजों को नहीं करना चाहिए। हल्दी दूध में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं। जो डैमेज किडनी के काम को बढ़ा सकते हैं। जिससे खराब किडनी और खराब हो सकती है। वही जिनकी किडनी स्वस्थ है। उनके लिए हल्दी दूध बहुत फायदेमंद होता है।
हल्दी दूध का सेवन डायबिटीज की समस्या से दूर रखने में मदद करता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन ब्लड में शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसलिए इसे डायबिटीज के रोकथाम के लिए, उपयोगी माना जाता है। इससे किडनी में खराबी नहीं आती और स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। हल्दी दूध किडनी में उसके काम में मदद करता है।
हल्दी से प्रेगनेंसी रोकने के उपाय
अगर आप गर्भवती हैं। इस दौरान हल्दी दूध का सेवन कर रही हैं। तो इसे आपको नहीं लेना चाहिए। हल्दी दूध पीने से, आपके uterus का ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। यानी बच्चेदानी की जगह, lower abdominals में, pelvic area में blood का flow बढ़ जाता है।
इससे आपको बच्चेदानी में दर्द उठ सकता है। लेबर पेन शुरू हो सकता है। चाहे प्रेगनेंसी कम समय की हो। उसके बाद भी कंट्रक्शन आने लगता है। साथ ही ब्लीडिंग शुरू हो सकती है। इसलिए जो भी प्रेग्नेंट महिलाएं हैं। उन्हें हल्दी दूध पीने से बचना चाहिए।
कुछ रिसर्च से पता चला है कि हल्दी गर्भवती में मिसकैरेज होने की संभावना बढ़ा देती है। लेकिन जो महिलाएं हल्दी से प्रेगनेंसी को रोकना चाहती हैं। तो यह कारगर उपाय नहीं है। इससे गर्भपात भी नहीं होगा। जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अतः यदि आप प्रेगनेंसी रोकना चाहते हैं। तो आपको किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह ही लेनी चाहिए।
हल्दी के फायदे स्किन के लिए
बहुत से लोगों के फेस में ग्लो नजर नहीं आता है। वह चाहे जितना भी लोशन लगा ले। फेस पैक लगा ले। लेकिन उनके फेस के अंदर से निखार महसूस नहीं होता है। उनको अपनी स्किन dull व dry लगती है। अगर आप भी अपनी skin को healthy व glowing बनाना चाहते हैं।
तो आपको नियमित हल्दी दूध का सेवन करना चाहिए। इसमें कैल्शियम होता है। जो हमारी body को healthy व glowing रखता है। हल्दी हमारी त्वचा को instant glow देता है। हमारी body को purify करता है। हमारी त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। जो हम सोच भी नहीं सकते।
हल्दी वाले दूध के अंदर अच्छी मात्रा एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो हमारे शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है। हमारे शरीर में कहीं पर भी बैक्टीरिया व जर्म्स होते हैं। तो हल्दी वाले दूध पीने से खत्म हो जाते हैं। हमारी जिससे हमारी त्वचा में निखार आता है।
हल्दी वाले दूध का सेवन पीरियड आने के दौरान नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए पीरियड आने से खत्म होने तक। इसके सेवन को रोक देंना चाहिए। इसके आगे पीछे आप हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं।
हल्दी से पिंपल हटाने के उपाय
हल्दी एक एंटीऑक्सीडेंट होती है। इसमें anti-inflammatory properties पाई जाती है। इसके साथ ही हल्दी एंटीसेप्टिक की तरह भी प्रयोग की जाती है। यह एंटीबैक्टीरियल भी होती है। जिससे चेहरे में पलने वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं। अगर आप हल्दी का इस्तेमाल करते हैं।
पिंपल्स एक तरीके के बैक्टीरिया से पैदा होते हैं। जिससे लड़ने की क्षमता हल्दी में होती है। इसके लिए आपको हल्दी वाला दूध का सेवन करना चाहिए। साथ ही हल्दी व एलोवेरा जेल का पेस्ट बना ले। इसे पिंपल्स के ऊपर apply करें। इसके अलावा आप एक और फेस पैक बना सकती हैं।
जिसमें आपको आधा चम्मच हल्दी, एक चम्मच नींबू का रस, एक छोटा चम्मच शहद को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इसे भी पिंपल्स के ऊपर ही apply करें। पैक को सूखने तक लगा रहने दें। इसके बाद इसे हल्के गुनगुने पानी से साफ कर ले। इसके अलावा आपके चेहरे पर, कहीं भी दाग-धब्बे हैं। तो उन पर भी यह apply कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल नियमित करना चाहिए।
किसी भी प्रकार के दर्द में - हल्दी दूध के फायदे
अगर आप हल्दी दूध का सेवन करते हैं। तो इससे शरीर में लगने वाली चोट और मोच से होने वाली दिक्कत को दूर किया जा सकता है। कई बार हल्की चोट, मोच या किसी प्रकार के दर्द से शरीर का blood circulation धीमा पड़ जाता है।
जिसके कारण दर्द व सूजन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हल्दी वाला दूध blood circulation को बढ़ाने में मदद करता है। इसीलिए किसी भी प्रकार के दर्द में, हल्दी वाला दूध दिया जाता है। ताकि दर्द से आराम मिल सके।
दिमाग से संबंधित बीमारियों में हल्दी दूध के फायदे
हल्दी हमारे दिमाग के लिए अमृत के समान है। हमारे यहाँ करक्यूमिन, हल्दी के रूप में भोजन का एक हिस्सा होता है। जिसके कारण बड़े बूढ़े लोग अल्जाइमर के चपेट में कम आते हैं। यहां के बुजुर्गों की याददाश्त भी, दूसरे देशों की अपेक्षा अच्छी होती है।
अल्जाइमर के रोगियों में बीटा अमाइलॉइड नाम का प्रोटीन, nerve cell के बीच में पैदा हो जाता है। जो कि हमारे communication को disturb करता है। जिसके कारण नसों में इंफॉर्मेशन सही से नहीं जा पाती। जिसकी वजह से nerve cells नष्ट होने लगती है। अल्जाइमर के मरीज धीरे-धीरे, सब कुछ भूलने लगते हैं।
लेकिन हल्दी दूध दिमाग की सूजन को कम करता है। इसके अलावा हल्दी दूध के इस्तेमाल से पार्किंसन, पागलपन जैसी कई दिमागी बीमारियों में आराम मिलता है। इसलिए अगर शुरुआत से ही हम बच्चों के दूध में बॉर्नविटा व अन्य के साथ चुटकी भर हल्दी का प्रयोग करें। तो दिमाग से संबंधित बीमारियों से बचा जा सकता है।
अगर आप हल्दी दूध का प्रयोग करते हैं। तो आपकी याददाश्त तो तेज होगी ही। साथ ही नर्वस सिस्टम से संबंधित, जो भी समस्याएं होती हैं। उनके होने की संभावना भी कम हो जाएगी।
हृदय से संबंधित बीमारियों में हल्दी दूध के फायदे
हल्दी एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट भी है। इसके लगातार इस्तेमाल से हार्ड की कई बीमारियों से भी बचा जा सकता है। इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करने में मदद करती है। ब्लड प्रेशर को भी सुधारती है। हल्दी में करक्यूमिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है।
जो इम्यूनिटी को enhance करने के साथ-साथ, कोशिकाओं को भी नष्ट होने से बचाता है। इसके साथ ही ये heart के अंदरूनी सतह पर, खून के थक्कों को जमने से रोकता है। जिससे आपको हार्ट से संबंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
Disclaimer लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। |