कमर दर्द का रामबाण इलाज | 2 मिनट में कमर दर्द से आराम

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बदलती जीवन शैली में आजकल ढेर सारे लोग, कमर दर्द या पीठ दर्द की समस्या से परेशान हैं। कमर दर्द की समस्या कोई आम समस्या नहीं है। अगर कमर दर्द को नजरअंदाज किया जाए। तो उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसलिए इसके बारे में जागरूक व जानकारी होना आवश्यक हो जाता है।

बीमारियां उम्र देख कर नहीं आती है। इसी में, कमर का दर्द भी कुछ ऐसा ही है। आज की लाइफस्टाइल, खानपान, घंटों बैठना या खड़े रहने वाले जॉब्स। यह सभी समय से पहले ही, सेहत पर बहुत बुरा असर डालती है। कमर का दर्द, हमारी कमर तोड़ देता है। यदि आप भी कमर दर्द से परेशान हैं। तो आपको क्या करना चाहिए।

महिलाओं में निचले हिस्से में, कमर का दर्द कई कारणों से हो सकता है। यह tail bone का pain महिलाओं को बहुत परेशान करता है। यह कई बार किसी injury के कारण या अपने आप भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति बैठ नहीं पाता। लेकिन जब आप चलने लगते हैं। तो यह पेन खत्म हो जाता है। क्या आप जानना चाहेंगे : पुरुषों के लिए अंजीर लाभ। महिलाओं के लिए अंजीर के फायदे। दूध में अंजीर खाने के फायदे। इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व व साइड इफेक्ट के बारे में।

कमर दर्द का रामबाण इलाज

महिलाओं के कमर दर्द के कारण

हमारी कमर में कई ऐसी संरचनाएं होती हैं। जो आपको दर्द दे सकती है। कमर के अंदर लिगमेंट होते हैं। मांसपेशियां होती हैं। हड्डी होती है। डिस्क होती है। वहीं कमर के अंदर से जाने वाली नसें होती है। इन सभी संरचनाओं में, अगर कोई भी तकलीफ होती है। तब आपको कमर का दर्द हो सकता है। अगर कमर में दर्द की बात की जाए। तो दो कारण सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।

Mechanical Back Pain – इसका सीधा-सा मतलब यह है। कि किसी भी प्रकार की चोट लगने के कारण, किसी भी तरह की miner injury होने का कारण। आपकी कमर में, किसी भी तरह का नुकसान हुआ है। इसमें ligament strain भी हो सकता है। मांसपेशियों का खिंचाव भी हो सकता है। Slip Disc भी हो सकती है।

इसके साथ ही हड्डियों में fracture भी हो सकता है। इसी को मैकेनिकल बैक पैन बोला जाता है। यानिकि इसमें कोई Mechanical injury, आपकी कमर में हुई है। इनमें सबसे सामान्य मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है। अगर आप झुककर काम करती हैं। कोई भारी वजन उठा लेती हैं। तो उसके कारण कमर की मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है।

अगर आपको कमर की कोई भी तकलीफ कम समय के लिए, यानी कि 3 से 7 दिनों के लिए होती है। तो घबराने की बात नहीं है। कुछ घरेलू तरीकों या पेनकिल्लर से ही, इसे दूर किया जा सकता है। लेकिन अगर सही समय पर, इस पर ध्यान न दिया जाए। तो यह chronic back pain बन जाता है। जो लंबे समय तक रहता है। तब थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

Inflammatory Back Pain – इसका मतलब यह होता है कि आपके कमर के अंदर जो संरचनाएं हैं। उनमें सूजन आ गई है। यह कई तरह की अर्थराइटिस, गठिया बाय या कई तरह के inflammatory disease के कारण हो सकता है।

कमर के जोड़ों में घिसावट, जिसे ओस्टियोआर्थराइटिस भी कहा जाता है। इसके कारण भी हो सकता है। कई बार कमर की एक हड्डी से दूसरी हड्डी खिसक जाती है। इसके कारण भी दर्द हो सकता है। कई बार कमर में दर्द, कुछ infection के कारण भी हो सकता है। या कुछ छोटे-मोटे ट्यूमर के कारण भी, यह हो सकता है।

Periods Back Pain – कुछ महिलाओं में पीरियड्स आने के पहले, कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। जिसमें lower back pain यानी कमर के निचले हिस्से में दर्द होना शामिल है। इस प्रकार का दर्द पीरियड के 2 दिन पहले और 2 दिन बाद तक रह सकता है। इस्नोफीलिया क्या होता है। इसका कारण लक्षण व बचाव। इस्नोफीलिया का घरेलु इलाज

महिलाओं में सुबह उठने पर कमर दर्द

बहुत ही महिलाओं की यह शिकायत होती है। कि सुबह उठते वक्त, उनकी कमर अकड़ जाती है। उन्हें उठना मुश्किल हो जाता है। वह महिलाएं जो प्रेगनेंसी से वापस आई हैं। या फिर वो महिलाएं प्रेग्नेंट हो। उनमें यह समस्या ज्यादा दिखाई पड़ती है।

कमर में दर्द का दूसरा कारण, सही posture में न सोना भी हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सोने के गलत तरीकों के कारण कमर में दर्द होता है। जब हम गलत पोजीशन में सोते हैं। तो सुबह उठने के बाद, कमर में दर्द होता है। अगर हमारे तकिए और गद्दे आरामदायक नहीं है। तो भी यह तकलीफ होती है।

लगातार ऐसा होना, एक परेशानी का कारण हो सकता है। कई बार गलत तरीके से व्यायाम करना या जरूरत से ज्यादा व्यायाम करना, भी कमर दर्द का कारण हो सकता है। अनियमित खानपान या उचित पोषण न मिल पाने के कारण भी हड्डियों में कमजोरी आ जाती है। ज्यादा मात्रा में जंक फूड, बासी खाना, अधिक वसायुक्त आहार का सेवन करने से भी कमर में दर्द हो सकता है।

कभी-कभी अत्यधिक तनाव लेना भी आपके मस्तिष्क के साथ-साथ, nervous system को भी प्रभावित करता है। जो रीढ़ की हड्डी वाले स्थान पर, दर्द पैदा कर सकता है। अन्य कारणों में कुछ पुरानी चोट, अंदरूनी चोट भी कारण हो सकते है। हड्डियों का कमजोर होना। अधिक दवाओं का सेवन व उसके side effect भी इसके कारण हो सकते हैं।

कमर में दर्द का एक कारण constipation भी हो सकता है। यदि आपका पेट साफ नहीं होता है। कब्ज की शिकायत बनी रहती है। तो कमर का दर्द हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले कब्ज को ठीक करने की सलाह दी जाती है। क्या आप जानना चाहेंगे : महिलाओं के लिए अलसी के फायदेपुरुषों के लिए अलसी के फायदे। अलसी के फायदे बालों के लिए, भुनी अलसी के फायदे।

कमर दर्द का रामबाण इलाज
प्रेगनेंसी में कमर दर्द क्यों होता है

प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द से 10 में से 8 महिलाएं पीड़ित होती हैं। यह कमर दर्द क्यों होता है। इसके पीछे का कारण क्या होता है। इस दौरान कमर दर्द के पीछे, बहुत सारे mechanism व reason हो सकते हैं। जिसकी जानकारी, आपको होना आवश्यक है। जानते हैं, इसके कुछ कारणों को –

1. Pregnancy Hormone – आपके शरीर में Progesterone Hormone होता है। जो आपकी प्रेगनेंसी को 9 महीने तक सुचारु रखने के लिए जरूरी होता है। यह नियंत्रित करता है कि आपका लेबर पेन बीच में शुरु न हो जाए। बच्चे का अच्छा growth होता रहे। इसके लिए, यह हार्मोन बहुत ज्यादा जरूरी होता है। इस हार्मोन की वजह से सारे मांसपेशियां smooth और soft हो जाती हैं। जिसके कारण, आपको back pain की दिक्कत रहती है।

2. Baby Bump – जैसे-जैसे आपकी प्रेग्नेंसी आगे बढ़ती है। आपके बच्चे की size भी बढ़ती है। जिसके कारण आपके यूट्रस का आकार भी बढ़ता है। इसी के चलते, आपके पेट की साइज भी बढ़ती है।  आपके पेट की साइज के बढ़ने में, support करने वाले muscles में खिंचाव आता है। इसके कारण, आपको कमर दर्द रह सकता है।

3. Curvature of the Spine – जैसे-जैसे आपका बेबी बंप आगे बढ़ता जाता है। वैसे ही आपके पीछे की spine का curvature भी बदलता है। यानी इसके आकार में बदलाव होता है। इसके चलते भी आपको बैक पेन की तकलीफ हो सकती है।

4. White Discharge – अगर इस दौरान, पैथोलॉजी की बात की जाए। तो अगर आपको White Discharge हो रहा है। इस White Discharge के साथ, आपको बदबू आ रही है। नीचे के हिस्से में, आपको irritation हो रहा है। अर्थात वहां पर खुजली हो रही है। लाल रंग के चकत्ते  हो रहे हैं।

तब यह White Discharge होना। Infection की निशानी है। इस bacterial व fungal infection के चलते, यह infection ऊपर तक जाएगा। जिससे आपके पेट के सारे organs में भी infection होगा। इसके चलते भी आपको बैक पेन हो सकता है।

तो अगर आपको White Discharge के साथ कमर दर्द भी है। तो आपको अपने गाइनिक को बताना जरूरी है। वह इसका वह ट्रीटमेंट करेंगी। जैसे ही यह डिस्चार्ज ठीक होगा। उसके बाद, आपका कमर दर्द ठीक हो जाएगा।

5. Renal Stone – यदि आपकी किडनी में पथरी होगी। तो इस पथरी के चलते भी, आपको कमर दर्द हो सकता है। इस वक्त  कभी-कभी महिलाओं को नीचे के हिस्से में व कमर में काफी दर्द होता है। कभी-कभी पेट में भी दर्द होता है। तो आपको पेट की सोनोग्राफी करवानी चाहिए।

जिससे पता चलेगा कि कहीं प्रेगनेंसी के साथ-साथ stone तो नही है। तब इसका ट्रीटमेंट करना भी, जरूरी हो जाता है। इससे आपको आठवें व नौवें महीने में, कभी स्टोन का पेन होगा। कभी लेबर पेन होगा। आप इसमें अंतर नहीं कर पाएंगे। इस अवस्था में, हम misguide हो सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : गठिया रोग की पहचान। गठिया के लक्षण व प्रकार। गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय

पीरियड मिस होने पर कमर दर्द

जब भी कोई महिला प्रेग्नेंट होती है। तो उसके शरीर में बहुत सारे, hormonal changes होने लगते हैं। बहुत सारे उतार-चढ़ाव आने लगते हैं। उनके शरीर में बहुत सारे symptoms दिखने लगते हैं। उन्हीं में से एक लक्षण पेट में दर्द होना है। प्रेग्नेंट होने पर पेट में दर्द होना बहुत ही महिलाओं में दिखता है। इसके बहुत सारे कारण हैं।

मुख्य कारण यह है कि जब आप अपने पार्टनर के साथ, relation develop करते हैं। तब sperm अंदर जाकर, फैलोपियन ट्यूब में रहता है। वह वहां पर egg का wait करता है। जब ovulation होता है। egg निकलता है। तो यह दोनों मिल जाते हैं। फिर जैसे ही egg का fertilization  हो जाता है।

तब fertilize हुआ egg वहां से निकलकर, यूट्रस की तरफ आगे बढ़ता है। इस दौरान महिलाओं में पेट में दर्द होता है। फिर यह embryo का shape लेकर, यूट्रस में चिपकने की तैयारी करता है। जैसे ही वह यूट्रस में, implant होता है। तो वह उस जगह को खोदता है। उस समय महिलाओं के पेट में दर्द होता है।

कई बार महिलाओं में इस समय implantation bleeding भी होती है। यानिकि जब implantation होता है। तब महिलाओं के पेट में दर्द होता है। यह दर्द महिलाओं में पीरियड के 20 दिन से लेकर पीरियड डेट तक या पीरियड डेट मिस होने के बाद भी, महिलाओं में दर्द बना रहता है। क्या आप जानना चाहेंगे : गिलोय के औषधि गुण, फायदे व नुकसानकैसे करें इसका उपयोग, सम्पूर्ण जानकारी।

कमर दर्द का रामबाण इलाज
महिलाओं में कमर दर्द के घरेलू उपचार

 कमर के दर्द से छुटकारा पाने के लिए, अक्सर हम कुछ पेन किलर का सहारा लेते हैं। जो कि बिल्कुल भी ठीक नहीं है। इससे आपको कुछ समय के लिए, तो आराम मिल जाता है। लेकिन आपके कमर दर्द की समस्या, वही की वही बनी रहती है। आपने उसके root cause को नहीं हटाया। यहां पर हम कमर के दर्द को, जड़ से ठीक करने के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं।

1. काला गोंद जिसे गोंद सियाह भी कहते हैं। इसको लेकर बारीक चूर्ण बना ले। अब इसकी आधा ग्राम मात्रा को, सुबह नाश्ते के बाद खाएं। इसके साथ ही रात को खाने के बाद भी, आधा ग्राम गोंद सियाह का सेवन करें। इसके ऊपर आप एक कप दूध भी ले ताकि इसका लाभ तुरंत मिले। इससे आपको कमर दर्द में निश्चित ही लाभ मिलेगा।

2. यह एक ऐसा घरेलू मसाज आयल है। जो किसी भी प्रकार के दर्द को, जड़ से खींच लेगा। चाहे वह आपके घुटने, कमर कंधे या पीठ का दर्द हो। इस मसाज आयल को तैयार करने के लिए सामग्री-

मसाज आयल बनाने की सामग्री
पीली सरसों का तेलया तिल का तेल100 ग्राम
लहसुन बारीक कटी5-6 कली
अदरक बारीक कटा½ इंच
मेथी दाना1 tsp
बारीक कटा प्याज1 tsp
दालचीनी का टुकड़ा½ इंच
लौंग8-10
अजवाइन1 tsp

विधि – इसके लिए सबसे पहले एक पैन में तेल को धीमी आंच पर गर्म करें। अब इसमें एक एक करके सभी सामग्री को डालें। जब तेल का झाग खत्म हो। तभी दूसरी सामग्री डालें। इन सामग्री को अच्छे से खौलने दें। इस बात का ध्यान रखें कि इनको जलाना नहीं है। बल्कि अच्छे से पकने देना है। जब यह सभी सामग्रियां अच्छे से पक जाएं। तो इसे छानकर, अलग कर ले।

उपयोग का तरीका – जिस जगह पर दर्द हो। वहां पर पहले हल्का गुनगुना तेल लगाएं। ताकि उस जगह की थोड़ी सिकाई हो जाए। अब हल्के हाथों से, उस जगह पर मसाज करें। मसाज करने से, उस जगह का blood circulation धीरे-धीरे अच्छा होगा।

इसके साथ ही तेल में मौजूद तत्व, आपके शरीर के अंदर तक जाएगें। आपकी त्वचा इन्हें सोख लेगी। इससे आपको आराम मिलना शुरू हो जाएगा। इस बात का ध्यान रखें कि मसाज करने के बाद, उस स्थान को किसी पर पट्टी के सहायता से ढक लें। यहां पर हवा नहीं लगनी चाहिए। ऐसा लगातार करने पर, आपको निश्चित ही लाभ होगा। क्या आप जानना चाहेंगे : थायराइड  क्या हैइसके कारण, लक्षण, घर पर टेस्ट करने का तरीका, घरेलू उपाय।

कमर दर्द का रामबाण इलाज

1. अगर आप बहुत पुराने कमर दर्द से परेशान हैं। तो इसके लिए आपको ताजी अदरक लेनी है। फिर इसे अच्छे से कूटकर थोड़ा मोटा पेस्ट बना ले। अब इस कुटी हुई अदरक का, पूरे कमर पर लेप करें। इस लेप के सूखने तक आराम करें।

जब यह लेप  पूरी तरह से सूख जाए। तो इसे हटा दें। फिर कमर को गुनगुने पानी में डूबे हुए, कपड़े से साफ कर लें। ताकि लगा हुआ पेस्ट भी हट जाए। साथ ही कमर की थोड़ी सिकाई भी हो जाए।

2. पहले नंबर पर बताए गए तरीके के साथ, आपको सोंठ लेनी है। अदरक जब सूख जाती है। तो उसको सोंठ कहते हैं। इसे कूट पीसकर, बारीक पाउडर बना लें। इसके लिए बाजार की पिसी सोंठ का प्रयोग न करें।

अब इस सोंठ पाउडर का, एक छोटा चम्मच सुबह दूध के साथ ले। ऐसे ही रात में भी एक छोटा चम्मच सोंठ पाउडर दूध के साथ ले। इन दोनों तरीकों से निश्चित ही, आपको कमर दर्द में आराम मिलेगा। यह प्रयोग किसी भी उम्र के पुरुष व महिलाएं दोनों ही कर सकते हैं।

कमर दर्द का रामबाण इलाज
2 मिनट में कमर दर्द से आराम

कमर दर्द के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट का प्रयोग किया जा सकता है। यह पॉइंट आपके हथेली के पिछले हिस्से में, तर्जनी (Index Finger) की हड्डी को माना जाता है आपको अपने दोनों हाथों की इस हड्डी को 8 से 10 बार, बारी-बारी से दबाना है। इसके दबाने पर, आपको अत्यधिक पीड़ा होगी। लेकिन इस प्रक्रिया के तुरंत बाद ही, आपके कमर के दर्द मे राहत महसूस होगी।

अब आपको अपनी अनामिका (Ring Finger) के पिछले हिस्से पर, किसी पेन या गोल चीज की सहायता से दबाते हुए। आगे से पीछे की ओर (rotate) ले जाना है। इसी प्रकार आपको अपने दोनों हाथों के  अनामिका उंगली के साथ करना है। बस इस प्रक्रिया को करते-करते ही, आपको आराम मिलना शुरू हो जाएगा। क्या आप जानना चाहेंगे : एलोवेरा के फायदे, उपयोग व औषधीय गुण।

कमर दर्द का रामबाण इलाज
कमर दर्द के लिए एक्सरसाइज

कमर का दर्द होने पर, आप इसे जादुई रूप से ठीक कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी प्रशिक्षित की देखरेख या उनकी सलाह पर ही करें। अगर आपको कमर में दर्द हो। तो आप उसी दिन से कर सकते हैं। यदि ज्यादा पुराना दर्द है। तो आप इसे 7 से 10 दिन तक कर सकते हैं। आपको निश्चित ही लाभ मिलेगा। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि यदि आपको स्लिप डिस्क है। तो इन एक्सरसाइज से परहेज करें।

1. इसके लिए सबसे पहले, आपको उल्टा  लेटना है। अपने हाथों को बिल्कुल सीधा रखें। आपकी chin को जमीन से लगी हो। अब आपको अपने दाहिने पैर को जितना हो सके ऊपर उठाना है। कोशिश कीजिए कि आपका घुटना न मुड़े।

इस position में, आपको 10 सेकंड तक रुकना है। इसके बाद धीरे-धीरे पैर को नीचे लाएं। फिर 5 सेकंड का gap करके, बाएं पैर को इसी प्रकार ऊपर उठाए। पुनः धीरे-धीरे 10 सेकंड तक रुककर, पैर नीचे लाएं। इस प्रकार, यह प्रक्रिया पांच-पांच बार, दोनों पैरों की करें।

2. इसके बाद आपको अपने दोनों पैरों को एक साथ ऊपर की ओर उठाना है। इसके साथ ही, अपनी chest को भी ऊपर उठाना है। इस अवस्था में भी, आपको 10 सेकंड तक रुकना है। फिर धीरे-धीरे वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं। पुनः 5 सेकंड रुककर, इस प्रक्रिया को भी पांच बार दोहराना है।

3. अब आप बिल्कुल आराम से सीधे लेट जाएं। अपने घुटनों को पूरा मोड़ ले। हाथों व सर को जमीन पर सीधा रखें। फिर अपनी hip को ऊपर की तरफ उठाएं। इस अवस्था में 10 सेकंड तक रुके। फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आएं। 5 सेकंड तक रुककर पुनः इस प्रक्रिया को भी 5 बार दोहराएं।

4. एक बार फिर सीधे लेट जाएं। अब कमर के ऊपर के हिस्से को, बिना उठाये। दाहिने घुटने को दोनों हाथों की सहायता से छाती पर लगाने की कोशिश करें। इस अवस्था में भी 10 सेकंड रुककर, पुनः सामान्य अवस्था में आए। इसी प्रकार बाएं घुटने को दोनों हाथों की सहायता से छाती पर लाएं। इसी प्रकार बाएं और दाएं घुटनों से पांच पांच बार, इस प्रक्रिया को दोहराएं।

5. एक बार फिर सामान अवस्था में आकर, एक साथ दोनों घुटनों को, अपने दोनों हाथों की सहायता से छाती पर लाने की कोशिश करें। इस अवस्था में भी 10 सेकंड तक रुककर, पुनः सामान्य अवस्था में आए। इस प्रक्रिया को भी 5 बार दोहराएं।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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