खांसी का इलाज घरेलू | खांसी में रामबाण | लगातार खांसी आने पर क्या करें

खांसी का इलाज घरेलू – खांसी में रामबाण, क्यों आती है, कितने प्रकार की होती है, कारण,  रात में ज्यादा खांसी आए तो क्या करें?, लगातार खांसी आने पर क्या करें, 5 मिनट में छुटकारा कैसे पाएं।

यूँ तो खांसी एक बहुत ही साधारण लक्षण है, जो मौसम के बदलाव, ऋतुओं के बदलाव  या फिर वातावरण में व्याप्त प्रदूषण के कारण देखा जाता है। लेकिन जब यही खांसी काफी दिनों तक बनी रहती है। तो यह चिंता का कारण हो सकती है। खाँसना हमारे शरीर की एक रक्षात्मक प्रतिक्रिया होती हैं। जो हमारी श्वास नली को साफ करने में मदद करती है।

हम चाहे कुछ भी क्यों ना करें। लेकिन हम सांस तो लेते ही है। जिसके कारण हमारी श्वास नली  हमेशा चालू रहती है। हमारे शरीर का यह वह दरवाजा होता है, जो हमेशा खुला रहता है। वही इस दरवाजे से चोर-लुटेरे भी अंदर आ सकते हैं। जिनमें धूल, सूक्ष्म जीव, हवा में मौजूद अनावश्यक कण इत्यादि हो सकते है। इनसे हमारे शरीर को खतरा भी हो सकता है। 

इसलिए हमारा शरीर, इनसे बचने का जुगाड़ कर लेता है। खाँसते समय हमारी जो श्वास नली होती है, वो इन बुलाये मेहमानों को बाहर का रास्ता दिखाती है। इस खांसी का कोई भी कारण हो सकता है, जिसमे साधारण जुकाम, एलर्जी, प्रदूषण, धूल या धूम्रपान कुछ भी। यही वह परिस्थितियों होती हैं, जब बिन बुलाये मेहमान, हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। तब हमारा शरीर इन बिन बुलाए मेहमानों को बाहर निकालने की, हर संभव  कोशिश करता है। क्या आप जानना चाहेंगे : गर्म पानी पीने के फायदे। गर्म पानी में दालचीनी पीने के फायदे (सही तरीका)।

खांसी का इलाज घरेलू

खांसी क्यों आती है

हमें खांसी क्यों आती है, खांसते वक्त हमारे शरीर में क्या होता है। जब हमारी श्वास की नली में कोई बाहरी तत्व आ जाता है। तो यह हमारे लिए खतरे की बात हो सकती है। यहां मौजूद नर्व हमारे दिमाग को सिग्नल भेजती हैं। इन परिस्थितियों में, हमारा दिमाग अधिक सक्रिय हो जाता है। यह कफ रिफ्लेक्स को सक्रिय कर देता है। इस काम की जिम्मेदारी, हमारे दिमाग की पेरीफेरल और सेंट्रल नर्वस सिस्टम उठती है। 

इस कफ रिफ्लेक्स के कारण, हमारी श्वास नली पहले से ज्यादा चौड़ी हो जाती है। जिससे हमारे फेफड़ों में हवा ज्यादा मात्रा में अंदर जाती है। जब फेफड़ों में अधिक मात्रा में हवा इकट्ठा हो जाती है। तब हमारी श्वास नली का एक ऊपरी दरवाजा बंद हो जाता है। जिसे एपिग्लोटस कहा जाता है। इस एपिग्लोटस के बंद होते ही, हवा भी हमारे फेफड़ों में बंद हो जाती है। 

जिसके कारण फेफड़े के आसपास की मांसपेशियां यानि पेट व पसलियों की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती है। इन मांसपेशियों के सिकुड़ने से, हमारे फेफड़ों के अंदर बहुत ज्यादा दबाव बनने लगता है। इसके बाद हमारे फेफड़े, एक झटके में इस हवा को बाहर निकाल देते हैं। जिसके साथ अंदर आए, अनावश्यक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं। इसी पूरी प्रक्रिया को ही हम खांसी कहते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : नींद नहीं आती उपाय। 1 मिनट में नींद आने का तरीका नींद आने का रामबाण उपाय।

खांसी कितने प्रकार की होती है 

खांसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। जिसमें पहला useless cough जिसे non productive cough भी कहा जाता है। इसे रोकना बहुत जरूरी होता है। वहीं दूसरा useful cough होता है, जिसे productive cough भी कहा जाता है। इसे रोकना नहीं चाहिए। क्योंकि ये हमारे वायु मार्ग को साफ करने में मदद करता है।

लेकिन अगर निकलने वाले बलगम की मात्रा, खांसी में लगाए गई ताकत की तुलना में बहुत कम है। तो इसे ठीक करना बहुत जरूरी है। इसके अलावा खांसी के कई प्रकार होते हैं। जिसके आधार पर खांसी की गंभीरता व इसका उपचार किया जा सकता है। इसके कुछ प्रकार इस प्रकार हैं –

1. एक्यूट खांसी (Acute Cough) – एक हाथी अचानक से हो सकती है जो तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है।

2. सबएक्यूट खांसी (Subacute Cough) – यह खांसी 3 से 8 सप्ताह तक बनी रह सकती है।

3. क्रॉनिक खांसी (Chronic Cough) – यह काफी 8 हफ्ते से अधिक समय तक बनी रह सकती है।

4. बलगम वाली खांसी (Productive Cough) – इस प्रकार की खांसी में, खांसने के साथ थूक और बलगम निकलता है।

5. सूखी खांसी ( Dry Cough) – इस प्रकार की खांसी में थूंक या बलगम जैसा तरल नहीं निकलता है। बल्कि बलगम सूखा रहता है।

6. काली खांसी या कुकुर खांसी (Whooping Cough) – इस प्रकार की खांसी में खांसने के साथ एक प्रकार की आवाज निकलती है। इस खांसी की अवधि सामान्य खांसी से लंबी हो सकती है।

7. रात में होने वाली खांसी (Nocturnal Cough) – इस प्रकार की खांसी ज्यादातर रात में ही होती है। विशेष रूप से जब व्यक्ति सोने का प्रयास करता है। क्या आप जानना चाहेंगे : अजवाइन के फायदे रात को सोते समय अजवाइन खाने के फायदे। अजवाइन के नुकसान।

सूखी खांसी का कारण 

सूखी खांसी की समस्या श्वसन संबंधी बीमारियों के कारण हो सकती है। जिसमें सर्दी या फ्लू भी कारण हो सकता है। यह समस्या तब होती है। जब गले में म्यूकस कम या नहीं के बराबर होता है। सूखी खांसी का एक और कारण अपर रेस्पिरेटरी एलर्जी होती है। किसी व्यक्ति को अस्थमा की शिकायत है, तो भी सुखी खांसी हो सकती है। गले में किसी प्रकार का संक्रमण या वायरल संक्रमण होने पर भी सूखी खांसी हो सकती है।

ऐसी स्थिति में, व्यक्ति अपने गले में खुजली महसूस करता है। जिसके साथ खांसी भी आने लगती है। वैसे तो खांसी की समस्या, अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन लंबे समय से चली आ रही, खांसी अन्य बीमारियों को भी न्योता दे सकती है। खांसी के कारण अस्थमा की समस्या हो सकती है। ऐसे में सीने में जकड़न के साथ सांस लेने में समस्या और घरघराहट जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : किडनी की बीमारी के 10 संकेत क्या किडनी ठीक हो सकती है। किडनी का रामबाण इलाज।

बलगम वाली खांसी क्यों आती है 

खांसी एक प्रकार की रक्षात्मक प्रतिक्रिया होती है। जब हमारी श्वास नली में, बाहरी तत्व आ जाता है। तो उसे बाहर निकलने का, यह एक तरीका होता है। जिसे प्रोटेक्टिव रिफ्लेक्स बोला जाता है। बलगम जिसे म्यूकस भी कहा जाता है। यह तब बनता है, जब भी हमारी श्वास नली में कोई बाहरी तत्व आ जाता है। जिसमें वाइरस या बैक्टीरिया कुछ भी हो सकता है। 

तो यह हमारे श्वास नली के, उस हिस्से को इरिटेट करता है। जिसकी वजह से वहां पर सूजन आ जाती है। वहां पर बहुत सारी मृत कोशिकाएं इक्कठी हो जाती है। जिसके कारण बलगम बनता है। हमारी श्वास नली में मौजूद सीलिया ही, इस सारे बलगम को ऊपर  गले में लेकर आता है। ताकि इसे आसानी से बाहर निकाल सके। 

जब किसी बीमारी के कारण, हमारे फेफड़ों व श्वास नली को क्षति पहुंचती है। तो इसके कारण, यहाँ सूजन आ जाती है। इससे सिलिया भी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसी वजह से बलगम बाहर नहीं निकाल पाता हैं। फिर यह बलगम हमारे गले व फेफड़ों में ही रुक जाता है। जिसे बाहर निकालने में दिक्कत होती है। तब बलगम वाली खांसी आती है। क्या आप जानना चाहेंगे : ईएसआर क्या होता है। ईएसआर बढ़ने से क्या होता है ईएसआर बढ़ने के लक्षण। ईएसआर कितना होना चाहिए।

खांसी का इलाज घरेलू  

अगर आपको खांसी की शिकायत रहती है। यह खांसी चाहे कुछ दिन से हो या लंबे समय से हो। तो इस घरेलू इलाज से, आपकी पुरानी से पुरानी खांसी बहुत तेजी से ठीक होने लगेगी। यह नुख्सा सूखी खांसी व कफ वाली  खांसी, दोनों में ही कारगर है। इसे आप बड़ों को व बच्चों को भी दे सकते हैं। इसे बनाने के लिए सिर्फ पांच इंग्रेडिएंट्स की जरूरत होगी।

1. काली मिर्च ( Black Pepper) – इसमें कफनाशक गुण पाए जाते हैं। यह आपके सीने में, जो कफ जमा होता है। जो बलगम आपकी श्वास नली में चिपक जाता है। उसे ढीला व पतला करके, बाहर निकलने का काम करती है। इससे आपकी श्वास नली साफ होती है। संक्रमण कम होता है। आपकी खांसी को कम करने में मदद मिलती है। इसके लिए 1/4 चम्मच इसका पाउडर चाहिए।

2. काला नमक (Black Salt) – यह आपको सभी तरह की श्वसन संबंधी समस्याओं में फायदा देता है। यह सूखी खांसी को भी काम करता है। बलगम वाली खांसी में भी फायदा पहुंचता है। यह आपकी श्वास नली को रिलेक्स करता है। अक्सर पुरानी खांसी होने पर, आपके ब्रोंकाई  सिकुड़ जाते हैं। उनमें जकड़न पैदा हो जाती है। काला नमक इस जकड़न को दूर करता है। जिसके कारण आपको सांस लेने में भी आराम मिलता है। आपकी खांसी भी कम होने लगती है। इसके लिए 1/4 चम्मच  काला नमक चाहिए।

3. अजवाइन (Carom Seeds) – अजवाइन भी आपके छाती की जकड़न को दूर करने और सर्दी जुकाम को ठीक करने के लिए बहुत कारगर होती है। इस नुख्से को बनाने के लिए 1 चम्मच इसका चाहिए।

4. छोटी इलायची (Cardamon) – इलायची में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो आपके गले के संक्रमण को दूर करते हैं। छाती में जो बलगम जम जाता है, उसे ठीक करती है। खांसी जुकाम में भी इससे आपको फायदा मिलता है। 4 से 5 छोटी इलायची के दाने की जरूरत होती है।

5. अदरक (Ginger) – अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाऐ जाते हैं। जो छाती के जकड़न व संक्रमण को दूर करती है। फेफड़ों में आने वाली सूजन को कम करती है। श्वसन नली को चिकनाहट देती है। छाती में जमे बलगम को साफ करने का काम करती है।  खांसी, जुकाम व साइनोसाइटिस जैसी  श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। 4 चम्मच कसा हुआ अदरक की जरूरत होती है।

बनाने की विधि- इन पांच चीजों को आपको अच्छे से मिला लेना है। अब पांच चम्मच गुड लेना है। इस गुड़ को किसी नॉन स्टिक कढ़ाई में डालकर गलना है। इसमें थोड़ा सा पानी डाल लीजिए। ताकि यह कढ़ाई में चिपके नहीं। जब गुड़ अच्छे से पिघल जाए। तो इस मिश्रण को, गुड़ में मिला दीजिए। इस गुड़ को जलाना नही है। वरना इसमें कड़वाहट आ जाएगी। मिश्रण को डालने के बाद, धीमी आंच पर 1 मिनट पकाना है। ठंडा होने पर, इसे कांच के जार में रख सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : यूरिक एसिड की रामबाण दवा। यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए (सम्पूर्ण जानकारी व उपाय)।

कैसे करें उपयोग – इसे आपको आधा चम्मच सुबह और आधा चम्मच रात में सोते वक्त लेना है। सुबह आप इसे किसी भी समय ले सकते हैं। लेकिन रात में सोते समय ही लेना है। इसको गर्म पानी के साथ ही लें। इसको लेने के बाद, आपको कोई भी ठंडी व  खट्टी चीज नहीं लेनी है। अगर आपको ज्यादा खांसी आ रही है। तो इसे आप कभी भी ले सकते हैं। इसको लेने के 10 मिनट के अंदर ही आपकी खांसी रुक जाएगी। 

अगर आपको पुरानी खांसी है, तो इसे 3 से 7 दिन तक इस्तेमाल कीजिए। इतने में ही आपको आराम मिलना शुरू हो जाएगा। अगर और भी ज्यादा पुरानी है, तो इसे आप अधिक समय तक ले सकते हैं। इसका आपको कोई नुकसान नहीं होगा। इसे आप बच्चों को भी दे सकते हैं। बच्चों को इसका आधा डोज ही देना चाहिए। लेकिन 10 साल से छोटे बच्चों को नहीं देना चाहिए। 

खांसी में रामबाण  

1. किसी भी प्रकार की खांसी के लिए, आलू रामबाण औषधि है। इसके लिए आपको आलू की ताजी पत्तियों को साफ करके, इसे 1 गिलास पानी मे उबाल लें। अब इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर काढ़ा बना ले। आलू की पत्तियों के बने इस काढ़े को आप सूप की तरह पी सकते हैं। इससे आपको खांसी में तुरंत लाभ मिलेगा।

2. किसी भी प्रकार की खांसी को दूर करने के लिए, आपको लहसुन की दो कलियां लेनी है। इन्हें आग पर अच्छे से भून लेना है। यह कलियां जलनी नहीं चाहिए। इनके भून जाने पर, आपको इसे गुनगुना ही खा लेना। इसको खाने के बाद, ऊपर से कुछ भी मत खाइए। आपकी खांसी में तुरंत राहत मिलेगी। इसे आप तीन दिनों तक लगातार खा सकते हैं।

3. अगर आपको बहुत अधिक सूखी खांसी की समस्या है। तो आपको 50 ग्राम बादाम का गोंद लेना है। यह किसी भी पंसारी के यहां मिल जाएगा। इसमें 10 ग्राम छोटी पिपर, जिसे पिप्पलामूल भी कहते हैं। इसको लेना हैं। अब इन दोनों का बारीक चूर्ण बना लें। 

इस चूर्ण के 2 ग्राम पाउडर को, आप गुनगुने पानी या दूध में मिलाकर ले सकते हैं। अगर शहद उपलब्ध है। तो 2 ग्राम मात्रा को शहद में मिलाकर चाट ले। इसे दिन में एक बार या रात को सोते समय चाट ले। निश्चित ही आपको हर प्रकार की सूखी खांसी से निजात मिलेगा। क्या आप जानना चाहेंगे : थायराइड क्या है। थायराइड के मरीज को कभी नही करनी चाहिए ये 7 चीजें

रात में ज्यादा खांसी आए तो क्या करें? 

अक्सर लोगों को रात में, बहुत ज्यादा खांसी की समस्या होती है। ऐसे में अगर आप सोने से पहले, इस नुख्से को इस्तेमाल करते हैं। तो निश्चित ही सारी रात, आराम की नींद सो सकते हैं। इसके साथ ही लगातार तीन दिनों तक प्रयोग करने पर, खांसी की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। इसके लिए आपको वह तवा लेना है। जिस पर रोटी सेकी जा चुकी हो। इसे धोना नहीं है।

वैसे तो रोटी सिका, बिना धुला तवा ही प्रयोग में लेना चाहिए। अगर तवा धुला हुआ है, तो आपको आटे की चोकर को, इस पर डालकर थोड़ा सा भून लेना है। फिर इसे हल्के से अलग कर दे। ताकि इसमें कुछ भूनी हुईं चोकर की मात्रा रह जाये। अब इस तवे पर,  एक गिलास पानी डालें। 

फिर इसमें 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर और 1/4 चम्मच सेंधा नमक डालकर, तब तक खौलने दे। जब तक यह पानी जलकर, एक चौथाई न रह जाए। ये लाल रंग का हो जाएगा। फिर इसे गुनगुना-गुनगुना ही रात में सोने से पहले सेवन करें। इसके बाद पानी या अन्य कुछ न खाए। इससे आपको रात भर खांसी में आराम मिलेगा। साथ ही तीन दिनों में खांसी भी समाप्त हो जाएगी। क्या आप जानना चाहेंगे : शहद के फायदे शहद खाने के नुकसान। असली शहद की पहचान। शहद जहर कैसे बनता है।

लगातार खांसी आने पर क्या करें  

जब किसी व्यक्ति को सूखी खांसी, ब्रोंकाइटिस या अस्थमा की शिकायत होती है। तो इसमें रात के समय, लगातार खांसी आती है। लगातार खांसी की वजह से सांस का फूलना व सीने में दर्द होना शुरू हो जाता है। इसके कारण व्यक्ति को ठीक प्रकार से नींद भी नहीं आ पाती है। ऐसी स्थिति में, आप घरेलू उपाय से, इसे ठीक कर सकते हैं।

सोंठ का पाउडर –  इसके लिए आपको सोंठ का पाउडर लेना है। यह सुखी अदरक का पाउडर होता है। जिसकी वजह से इसमें हाइग्रोस्कोपिक क्रिया अच्छी तरह से होती है। इसका सीधा असर, हमारे खांसी पर होता है। इसमें कुछ फिनोलिक कंपाउंड्स होते हैं, जो खांसी की वजह से गले में आई सूजन को कम करते है।

यह म्यूकस मेंब्रेन में होने वाली इन्फ्लेमेशन को भी कम कर देता है। इसके कारण, खांसी के समय होने वाली खिचखीचाहट में कमी होती है। बहुत लोगों को सूखी खांसी एसिडिटी की वजह से यानी Gastroesophageal Reflux Disease (GERD) की वजह से होती है। तो यह सोंठ का पाउडर, एसिडिटी की वजह से होने वाली खांसी में भी फायदेमंद होता है।

लौंग – सूखी खांसी में लौंग भी फायदेमंद होती है। इसमें मुख्य रूप से यूजिनॉल नाम का केमिकल होता है। जिससे हमें सूक्ष्मजीव रोधी गतिविधि मिलती है। रात में होने वाली खांसी में अधिकतर, बैक्टीरिया का संक्रमण होता है। जिसमें लौंग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लौंग खाते ही हमारी श्वास नली से लेकर फेफड़ों तक जितने भी संक्रमण होते हैं। उसे कम करने में मदद मिलती है।

शहद – शहद में सबसे अच्छी म्यूकोलाईटिक गुण पाए जाते है। सूखी खांसी की वजह से ब्रोंकाइल में सूजन आ जाती है। जिसके कारण म्यूकस यहां पर जमा हो जाता है। यह कितना भी कोशिश करने के बाद, बाहर नहीं आ पाता। शहद के कारण, यह म्यूकस पिघलने लगता है। इसके साथ सोंठ का पाउडर व लौंग आ जाने के कारण, यह आसानी से बाहर निकल जाता है। जिसके कारण खांसी के समय, सांस का फूलना व सीन के दर्द भी तुरंत कम होने लगता है।

तीनों की बराबर बराबर मात्रा लेकर, आपको  इसका पेस्ट बनाना है। फिर इसे थोड़े-थोड़े समय पर चाटना होता है। इस रात में सोते समय जरूर लेना चाहिए। इसको खाने से पहले, गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर डालकर गरारा जरूर कर ले। इससे मुंह का संक्रमण तेजी से बाहर आ जाता है। क्या आप जानना चाहेंगे : हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेत हार्ट अटैक क्यों आता हैं। इसकी विस्तृत जानकारी।

तब इस घरेलू उपचार का और तेजी से असर होता है। चाटने की वजह से, यह हमारे सलाइवा में आसानी से मिल जाती है। फिर इसकी हमारे गले, श्वास नली और फेफड़ों में अच्छी तरह से कोटिंग हो जाती है। जिसकी वजह से, वहां पर होने वाला संक्रमण तेजी से नियंत्रित हो जाता है। वहां पर होने वाली सूजन कम हो जाती है। इसके साथ ही रात के समय होने वाली लगातार खांसी भी नियंत्रित हो जाती है। इस उपाय को आप  लगातार 21 दिनों तक कर सकते हैं।

Disclaimer      
लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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