पीरियड्स लाने के उपाय | पीरियड्स प्रॉब्लम  | रुके हुए पीरियड्स लाने के उपाय

पीरियड्स लाने के उपाय – पीरियड्स प्रॉब्लम, आने की सही उम्र, नहीं आने पर क्या करना चाहिए, लेट होने के कारण,  कितने दिन होना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए, दर्द कैसे कम करें, लक्षण, 5 मिनट में मासिक धर्म लाने की दवा।

महिलाओं को पुरुषों से कहीं अधिक, अपनी सेहत का ध्यान रखना होता है। यह सिर्फ इसलिए, क्योंकि प्रकृति ने महिलाओं को बच्चे जन्म देने के लिए, एक बहुत ही विस्तृत सिस्टम दिया है। हम सभी किसी महिला के ही गर्भ से पैदा हुए हैं। तो उनके अंदर एक विस्तृत व्यवस्था होती है। अगर आप पहले के समय को देखें, तो आमतौर पर महिलाएं 15-16 साल की उम्र से, अपनी प्रजनन प्रणाली का इस्तेमाल शुरू कर देती थी।

वे शायद जीवनभर या कम से कम के पूरे प्रजनन काल में, इसका उपयोग करती थी। अगर किसी महिला के जीवन में 6,7 या 8 बच्चे होते थे। तो शायद वह पूरा जीवन व्यस्त रहती थी। जिसके कारण प्रजनन अंगों का, एक तरीके से उपयोग होता था। इस वजह से ही महिलाएं, वैसी चीजों का सामना नहीं करती थी। जैसे आज कर रही है। 

इसका एक कारण यह भी है कि तब पुरुष और महिलाएं शारीरिक रूप से बहुत मेहनत करते थे। शारीरिक मेहनत करने की वजह से, उनके पेट के आसपास, कभी कोई चर्बी नहीं होती थी। आज कम उम्र में, अगर कोई लड़की अपने पेट पर चर्बी इकट्ठा कर लेती है। तो वह खुद परेशानी को बुलवा दे रही है।

एक उम्र के बाद इंसान में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। चाहे वह शारीरिक हो, मानसिक हो या हार्मोनल बदलाव हो। वहीं अगर महिलाओं की बात की जाए, तो वह सबकी सेहत का ख्याल रखते हुए, इतनी व्यस्त हो जाती है। कि वह कभी-कभी अपनी सेहत को नजरअंदाज करने लगती हैं। जिसके कारण भी, उन्हें कुछ बीमारियां घेरने लगती हैं। 

हर महिला की प्रकृति एक जैसी नहीं होती। आज महिलाएं कुछ आम बीमारियों जैसे पीरियड्स की समस्या, पीसीओएस, योनि से डिस्चार्ज, बांझपन, पेशाब में जलन व अनियमित पीरियड्स की समस्याओं से जूझ रही है। आज हम पीरियड्स के बारे में, इससे होने वाली समस्याओं को विस्तार से जानेंगे। क्या आप जानना चाहेंगे : महिलाओं के लिए अलसी के फायदे पुरुषों के लिए अलसी के फायदे। अलसी के फायदे बालों के लिए, भुनी अलसी के फायदे।

पीरियड्स लाने के उपाय

पीरियड्स क्या होते हैं

जब कोई लड़की 13 साल की हो जाती है। तो उसके यूट्रस में मौजूद, ओवरी से हर महीने एक अंडाणु निकलता है। जो पुरुष के शुक्राणु का इंतजार करता है। इस दौरान यूट्रस के भीतर fertilize eggs के पालन पोषण के लिए, हर महीने एक लेयर या बेड  तैयार हो जाता है। जो कि टिश्यू और ब्लड वेसल से मिलकर तैयार होता है। 

यदि इस दौरान महिला की ओवरी से उत्सर्जित हुआ अंडाणु, पुरुष के शुक्राणु के संपर्क में आ जाता है। तो वह महिला गर्भवती हो जाती है। वहीं यदि इस दौरान वह अंडाणु, शुक्राणु के संपर्क में नहीं आता है। तो वह अंडाणु खराब हो जाता है। यह एक कुदरती प्रक्रिया होती है। 

इस तरह पिछले पीरियड के ठीक 28 दोनों के आसपास, यूट्रस के अंदर जो लेयर बनी हुई होती है। वह धीरे-धीरे टूटने लगती है। फिर वह वजाइना से बाहर आने लगती है। इस दौरान अनफर्टिलाइज्ड एग भी ब्लड के साथ बाहर आ जाता है। सामान्यतया पीरियड्स तीन से पाँच दिनों के लिए चलते हैं। इस दौरान कुछ महिलाओं को काफी दर्द भी झेलना पड़ता है।क्या आप जानना चाहेंगे : पेट दर्द का देसी उपचार यह क्यों होता है। इसका कारण, लक्षण, दस्त व उल्टी से बचाव की विस्तृत जानकारी।

पीरियड्स आने की सही उम्र  

महिलाओं में 13 वर्ष से लेकर 50 वर्ष की उम्र तक को, प्रजनन आयु कहा जाता है। सामान्य रूप से 13 वर्ष की उम्र में लड़कियों के पीरियड शुरू हो जाते हैं। इसके बाद से हर महीने लगातार पीरियड्स आते रहते हैं। यह क्रम 50 वर्ष की उम्र तक निरन्तर चलता रहता है। इसके बाद पीरियड्स का आना बंद हो जाता है। 

सामान्य रूप से हर माह प्रजनन आयु की महिलाओं को, तीन से चार दिन तक ब्लीडिंग होती है। इसको मासिकधर्म या पीरियड्स  कहा जाता है। एक मेंस्ट्रूअल साइकिल की बात की जाए। तो पीरियड्स आने के पहले दिन से लेकर, अगले पीरियड के पहले दिन तक को एक मेंस्ट्रूअल साइकिल कहा जाता है। 

सामान्यता हर लड़की को 28 दिन में पीरियड्स आ जाता है। इसमें एक हफ्ता आगे या पीछे हो सकता है। जो सामान्य है। इन पीरियड्स के दौरान 20ml से 30ml तक ब्लड लॉस का हो जाता है। क्या आप जानना चाहेंगे : सिस्ट होने के कारण। बच्चेदानी में गांठ का घरेलू उपचार। ओवेरियन सिस्ट में क्या करें, परहेज।

पीरियड्स कितने दिन होना चाहिए  

महिलाएं अपने आप में अलग हैं। उनका शरीर अलग होता है। उनके हारमोंस का स्तर अलग होता है। उनके काम करने का तरीका अलग होता है। इसलिए हर महिला में पीरियड्स आने का पैटर्न भी अलग होता है। यहीं कारण है कि हर एक महिला में पीरियड्स आने के दिन और तरीकें भी अलग-अलग होते हैं।

एक सामान्य मानदंड होता है। जिसके अनुसार यह माना जाता है कि अगर इस तरह से पीरियड आये, तो इसे सामान्य कहते हैं। अगर इससे हटकर, कुछ भी होता है। तो उसे अनियमित पीरियड कहा जा सकता है। सामान्य रूप से एक महिला में, पीरियड 21 दिन से 35 दिन के बीच, कभी भी आ सकता है। 

इसे आदर्श रूप में कहा जाए, तो यह 28 दिन का माना जाता है। लेकिन यह जरूरी नहीं होता कि सभी को 28 दिन में ही पीरियड्स आएंगे। आपका पीरियड्स 28 दिन से 7 दिन पहले या 7 दिन बाद, कभी भी आ सकता है। जो निर्भर करता है कि आपकी शारीरिक बनावट, क्षमता व आपकी दिनचर्या कैसी है। अगर इस बीच में कभी भी आपका पीरियड आ रहा है। तो इसे सामान्य पीरियड कहा जा सकता है।

आपके पीरियड्स में होने वाली ब्लीडिंग 2 दिन से लेकर 8 दिन तक हो सकती है। अगर इससे कम या ज्यादा होती है। तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि अंदर कुछ समस्या है। यह ब्लीडिंग न तो बहुत कम और न हीं बहुत ज्यादा होनी चाहिए। इसलिए अगर दो से आठ दिन तक ब्लीडिंग हो रही है। तो यह एक समान प्रक्रिया है।

इसके साथ ही पीरियड्स के दौरान होने वाला  हल्का-फुल्का दर्द भी सामान्य है। अगर बहुत ज्यादा पेन होता है। जो बर्दाश्त से बाहर है। जिसके लिए अगर आपको किसी Prescribed दवा को लेना भी पड़ता है। तो यह सामान्य है। क्या आप जानना चाहेंगे : शहद के फायदे शहद खाने के नुकसान। असली शहद की पहचान। शहद जहर कैसे बनता है।

पीरियड्स प्रॉब्लम
पीरियड्स लाने के उपाय

पीरियड्स क्यों नहीं आते, पीरियड्स देर से आते हैं, यह मिस क्यों हो जाते हैं। यह नियमित क्यों नहीं है। इस वजह से हारमोंस का संतुलन बिगड़ जाता है। बहुत सारी महिलाओं की यह समस्या होती है। उनको पीरियड समय से नहीं आते या पीरियड्स लेट  होते हैं। प्रजनन काल के अलावा भी बहुत सारी लड़कियां व महिलाएं हैं। जिनके पीरियड्स नियमित नहीं आते। लेकिन उनको समझ में ही नहीं आता कि उनके साथ क्या हो रहा है। तो पहले इसके पीछे के कारणों को समझना होगा।

पीरियड्स लेट होने के कारण  

महिलाओं में पीरियड्स देर से आने या नहीं आने के क्या कारण हो सकते हैं। उन्हें हल कैसे किया जाए। वास्तव में जब कोई कारण व समस्याओं को जान जाता है। तो वह उस समस्या को 50% हल कर चुका होता है। बस फिर आगे कदम उठाना होता है। तो पहले पीरियड्स के लेट या अनियमित होने  के कारण को समझते हैं।

1. स्ट्रेस का होना – इसका सबसे प्रमुख कारण तनाव है। आज के जीवन में हर व्यक्ति किसी न किसी कारण से, तनाव में जरूर आता है। लेकिन आपको इसका पता होना चाहिए, अगर आप तनाव में है। आपको अपने तनाव को स्वीकार कर लेना चाहिए। जब इसे मान लेंगे, तो उससे बाहर निकलने का रास्ता भी ढूंढ पाएंगे।

जब किसी महिला को तनाव होता है। तो उसके दिमाग के सेंसर, जो पीरियड को नियंत्रित करते हैं। वह ठीक से काम नहीं कर पाते। जिसकी वजह से हारमोंस का संतुलन बिगड़ जाता है। इस वजह से भी पीरियड्स नहीं आते या अनियमित हो जाते हैं। वहीं कुछ महिलाओं को तनाव की स्थिति में बहुत ज्यादा पीरियड्स आते हैं। यह एक अलग परिस्थिति होती है। 

2. वजन का बढ़ना – आज वजन का बढ़ना, एक महामारी की तरह हो गया है। पश्चिमी देशों में देखा जाए, तो आज ओवरवेट के बहुत सारे मामले देखने को मिलते हैं। यह एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर होता है। आपका खानपान आपको इस ओर ले जा रहा है। यह भी एक बड़ा कारण है। आपके पीरियडस के देर से आने या अनियमित होने का।

इसे आप नजरअंदाज नहीं कर सकते। अगर आपका वजन कम है, तो इसे ठीक करें। वहीं अगर आपका वजन ज्यादा हो रहा है, तो उसे ठीक करें। हो सकता है किसी के वजन बढ़ने के पीछे का कारण अलग हो। इसके पीछे महिलाओं में पीसीओडी या थायराइड का डिसऑर्डर भी हो सकता है। तो आपको इन मूल कारणों को समझना होगा। क्या आप जानना चाहेंगे : पीसीओडी क्या है। पीसीओडी का घरेलू उपचार इसका फुल फॉर्म, कारण, लक्षण व क्या खाएं और क्या नहीं।

3. इंसुलिन प्रतिरोध के कारण – इंसुलिन के कारण भी आपके पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। क्योंकि फर्टिलिटी हार्मोन और इंसुलिन की संरचना काफी कुछ मिलती-जुलती है। इंसुलिन हार्मोन हमारे रक्त में उपस्थित ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है। जब इंसुलिन प्रतिरोध हो जाता है। यानी हमारे शरीर की कोशिकाएं, इस हार्मोन के प्रति प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं।

तब हमारे दिमाग के सेंसर भी, इसकी पहचान नहीं कर पाते हैं। इसी कारण हार्मोन का स्तर बिगड़ जाता है। जिसके कारण अंडाणु नहीं बन पाते हैं। इसके कारण ही पीरियड अनियमित हो जाते हैं।

अगर आपको आपके इंसुलिन प्रतिरोध से बचना है। तो आपको शारीरिक रूप से सक्रिय होना पड़ेगा। ऐसा करने पर इंसुलिन प्रतिरोध, अपने आप ही खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही आपको जंक फूड, प्रोसैस्ड फूड व चीनी से बचकर रहना चाहिए।

4. रक्त अल्पप्ता (एनीमिया) – कई बार हम अपने अनुसार,अच्छी डाइट तो ले रहे होते हैं। लेकिन वह हमारे शरीर की जरूरत के हिसाब से, पर्याप्त नही होती है। अधिकतर हम लोग, प्रोटीन का कम सेवन करते हैं। इसके अच्छे स्रोत में सभी प्रकार की दालें, बींस, काबुली चने, भुने चने को किसी भी प्रकार से खाया जा सकता है। प्रोटीन की कमी से, हार्मोन  असंतुलित हो जाते हैं। 

आज अधिकतर महिलाएं हीमोग्लोबिन की कमी यानि एनीमिया से जूझ रही है। इसलिए जब हमारे शरीर में, किसी भी प्रकार की डिफिशिएंसी होती है। तो भी हमारे पीरियड्स  अनियमित हो जाते हैं। क्योंकि हमारे शरीर को Basal metabolic rate बनाए रखने के लिए कैलोरीज पर्याप्त रूप में नहीं मिल पाती है। इसलिए अपने खून की कमी व अन्य किसी भी प्रकार की डिफिशिएंसी को जल्द से जल्द पूर्ण करें।

5. मेटाबॉलिक डिसऑर्डर – यह आपको थायराइड होने की परिस्थिति में होता है। चाहे आपको ओवर एक्टिव थायराइड या अंदर एक्टिव किसी भी प्रकार का थायराइड हो। दोनों ही परिस्थितियों में आपके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। अगर आपको थायराइड की समस्या है। तो आप धनिया के पानी का प्रयोग कर सकते है।

कुछ ऐसे भोज्य पदार्थ भी होते हैं। जो आपके थायराइड के क्रिया को प्रभावित करते हैं। उनका सेवन करने से बचें। इसके साथ ही अपने डाइट में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाएं। फल व सब्जियों पर विशेष ध्यान दें। क्या आप जानना चाहेंगे : 2 मिनट में कमर दर्द से आराम। महिलाओं के कमर दर्द के कारण, घरेलू उपचार, एक्सरसाइज व एक्यूप्रेशर पॉइंट।

6. जीवन शैली में बदलाव – अगर आप देर रात तक जागती हैं। आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। आप बाहर का खाना ज्यादा खा रहे हैं या जंक फूड का अधिक सेवन कर रहे हैं। तो भी पीरियड से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। कई बार जब हमारे मौसम में बदलाव होता है, तो इसका भी प्रभाव पड़ता है।

इनके अलावा भी कुछ अन्य कारण हो सकते हैं। जैसे आपकी ओवरी में सिस्ट हो गई है। इसमें सूजन आ गई है। पीसीओडी या पीसीओएस हो गया। इन कारणों से भी  महिलाओं व लड़कियों में पीरियड से संबंधित समस्याएं हो जाती हैं।

पीरियड्स लाने के उपाय
रुके हुए पीरियड्स लाने के उपाय 

सबसे पहले आपको इस बात का पता लगाना चाहिए कि आपका पीरियड रुकने का कारण क्या हो सकता है। क्योंकि सामान्य रूप से पीरियड्स का अनियमित होना या रुकना। हारमोंस के असंतुलन की वजह से होता है। इनके असंतुलित होने के कुछ कारण पहले दिए गए हैं। आपको किसी भी प्रकार की मेडिसिन लेने से पहले, इन कारणों को जानकर, उन्हें दूर करने के बारे में सोचना चाहिए।

आपके पीरियड्स का सही रहना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि जब आपके पीरियड्स में कोई भी समस्या आती है। तो इसका असर  पूरे शरीर पर पड़ता है। अलग-अलग महिलाओं में, अलग-अलग प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। जैसे कुछ के अंदर पीरियड्स के दौरान पेट में दर्द होता है। यह दर्द अक्सर लोअर एब्डोमेन में होता है। कुछ को अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है।

आपको ब्लीडिंग कम या ज्यादा होने की समस्या हो सकती है। आपको प्री मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम(PMS) की समस्या हो सकती है। इन सभी का मुख्य कारण, हारमोंस में गड़बड़ी या असंतुलन की समस्या को, आप कुछ घरेलू उपचार से भी ठीक कर सकते हैं। इस घरेलू उपचार के लिए, आपको अदरक, अजवाइन,  सौंफ व हल्दी का उपयोग करना होगा। क्या आप जानना चाहेंगे : अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए महिलाओं के लिए अश्वगंधा के लाभ। इस प्रयोग करने का तरीका व इसके नुकसान।

कई रिसर्च में भी साबित हो चुका है कि यह सभी चीजें आपके हारमोंस को संतुलित करती हैं। आपके पीरियड्स को नियमित करती हैं। आपके पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को काम करती हैं। इसके साथ ही आपके मेंस्ट्रूअल हेल्थ को मजबूत करती हैं। इसको बनाने का तरीका इस प्रकार है।

इसके लिए आपको एक गिलास पानी को उबालना है। अब इसमें एक चम्मच कसा हुआ अदरक, एक चम्मच अजवाइन, एक चम्मच सौंफ और आधा चम्मच हल्दी पाउडर डालकर, तब तक उबालना है। जब तक यह आधे से थोड़ा कम न रह जाए। इसमें प्रयोग होने वाली अजवाइन व सौंफ को हल्का कूटकर कर डालें। तो इसके बढ़िया परिणाम मिलते हैं।

अब इसको छानकर, आपको रात में सोते समय, हल्का गुनगुना पीना है। अगर आपके पीरियड्स रुके हैं। तो इसका प्रयोग चार से पांच दिन नियमित करें। इससे अधिक नहीं करना है। इसके बाद भी अगर आपके पीरियड्स नहीं आते हैं। तो आपको अपने गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। वहीं अगर आपके पीरियड्स में अनियमितता रहती है। ब्लीडिंग कम या ज्यादा होती है। पीरियड्स के दौरान पेट में दर्द होता है।

तब आप इसका सेवन 3 महीने तक नियमित कर सकते हैं। लेकिन अगर आप इसे 5 दिन से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। तो इसमें पड़ने वाले इंग्रेडिएंट्स की मात्रा, आधा कर लेना चाहिए।

विशेष : इसका प्रयोग करने से पहले आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आप प्रेग्नेंट तो नहीं है। प्रेग्नेंट होने की स्थिति में, इसका प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेत हार्ट अटैक क्यों आता हैं। इसकी विस्तृत जानकारी।

पीरियड्स लाने के उपाय
5 मिनट में मासिक धर्म लाने की दवा 

गलत खानपान, तनाव या किसी बीमारी के चलते, महिलाओं को अक्सर पीरियड खुलकर का नहीं आ पाते है। जिन महिलाओं में पीरियड्स खुलकर नहीं आते। उन्हें अर्ली मेनोपॉज का खतरा बना रहता है। इसलिए पीरियड्स का खुलकर आना बहुत जरूरी होता है। पीरियड से जुड़ी हर समस्या को, आप इन घरेलू नुख्सों के द्वारा दूर कर सकते हैं।

1. एक गिलास गर्म पानी में, गाय का देसी घी मिलाकर पिए। इससे पीरियड्स से संबंधित सभी समस्याएं दूर होगी। आपके पीरियड्स खुलकर आएंगे और इस दौरान होने वाले दर्द से भी छुटकारा मिलेगा।

2. जो महिलाएं लिकोरिया की वजह से कमजोर हो जाती हैं या उन्हें पीरियड से संबंधित कोई भी समस्या है। तो उन्हें अशोक छीर पाक का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए, आपको 50 से 60 ग्राम अशोक के पेड़ की छाल को, 1 लीटर पानी में उबालना है। जब पानी आधा रह जाए। तो इसमें आधा लीटर दूध डालकर, धीमी आंच में पकाएं।

पकाते-पकाते जब सिर्फ दूध बच जाए। इसका पानी सूख जाए। तो इसे ठंडा करके, इसमें मिश्री मिलाकर सेवन करें। इसे आप दिन में दो बार ले सकती हैं। इससे आपके मासिक धर्म की अनियमितता, इसमें होने वाली कमजोरी व अन्य समस्याओं से निश्चित रूप में बचा जा सकता है।

3. पीरियड्स के दिनों में, एक से दो दिन हल्दी वाला दूध पीने से, पीरियड्स खुलकर होते हैं।

4. 200 ग्राम कच्चा पपीता खाने से, पीरियड्स न आने की समस्या को दूर किया जा सकता है। पपीता गर्भाशाय की दीवारों  के संकुचन में मदद करता है। इसके साथ ही रक्त के प्रभाव को बेहतर बनाता है।

Disclaimer      
लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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