PCOD Kya Hota Hai | पीसीओडी क्यों होता है | पीसीओडी का घरेलू उपचार

Pcod Kya Hota Hai – full form, problem, symptoms, diet chart, treatment in hindi। [ पीसीओडी क्यों होता है, क्या है, कितने दिन में ठीक होता है?, फुल फॉर्म व घरेलू उपचार ]

बहुत बार महिलाएं पूरे परिवार की तरफ ध्यान देते समय, खुद की health को ignore करती है। जब किसी महिला या लड़की के पीरियड अनियमित होते हैं। तो इसे बेहद ही आम समस्या समझकर, नजरअंदाज कर दिया जाता है। कई बार यह बोलकर, कि शादी के बाद सब ठीक हो जाएगा। उनका इलाज नहीं करवाया जाता।

लेकिन अगर वक्त रहते, इस समस्या का इलाज न करवाया जाए। तो फिर आगे चलकर, यह बांझपन का भी बड़ा कारण बन सकती है। इसके लिए कई जेनेटिक कारण जिम्मेदार होते हैं। वही हमारा unhealthy lifestyles भी, इसकी एक वजह हो सकती है। इस lifestyle disease को हम PCOD यह नाम से भी जानते हैं।

आज महिलाओं में होने वाली यह बेहद आम समस्या है। इसे PCOS भी कहा जाता है। जहाँ इस समस्या के मामले 30 से 35 साल की उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलते थे। वही अब इसके मामले 18 से 20 साल की लड़कियों में देखने को मिल रहे हैं। आज हिंदुस्तान में 10% महिलाएं, इस समस्या से ग्रसित हैं। इसके बावजूद भी आज पीरियड से जुड़ी। इस समस्या के बारे में, बहुत-सी महिलाओं को पूरी जानकारी नहीं है। क्या आप जानना चाहेंगे : गर्भपात क्या है। गर्भपात के बाद लक्षणपहले महीने में गर्भपात के लक्षण । गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई।

PCOD Kya Hota Hai

पीसीओडी व पीसीओएस में अंतर
Difference Between PCOD and PCOS

आज के समय में हर तीसरी महिला पीसीओडी या पीसीओएस की समस्या से ग्रसित है। यह Ovary यानी महिलाओं के  अंडाशय से संबंधित समस्या है। इसमें महिलाओं के Uterus में male hormones एंड्रोजन बढ़ जाता है। जिसकी वजह से ovary में cysts बनने लगते हैं। वैसे तो पीसीओडी या पीसीओएस genetically भी हो सकता है।

लेकिन इसकी मुख्य वजह hormonal imbalance को माना जाता है। इसके साथ ही stress और मोटापा भी है। कुछ सालों तक यह बीमारी 30 से 35 साल की महिलाओं में ज्यादा पाई जाती थी। लेकिन अब तो स्कूल जा रही बच्चियों में भी, यह समस्या देखने को मिलती है। क्या पीसीओडी और पीसीओएस एक ही है।

बहुत सी महिलाएं, इसको लेकर confuse रहती है। अक्सर पीसीओडी और पीसीओएस को एक ही मान लिया जाता है। हालांकि दोनों ही स्थितियाँ ovary से जुड़ी हुई है। इन दोनों के द्वारा ही हारमोंस असंतुलित होते हैं। जबकि दोनों में काफी अंतर होता है। इस समस्या से निदान पाने के लिए, दोनों में अंतर जानना जरूरी है।

अगर दोनों में अंतर की बात की जाए। तो पीसीओडी में को बीमारी नहीं कहा जाता। क्योंकि इसे आप अपनी lifestyle को ठीक करके, संतुलित आहार लेकर भी ठीक कर सकते हैं। जबकि पीसीओएस एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है। क्या आप जानना चाहेंगे : पेट दर्द का देसी उपचारयह क्यों होता है। इसका कारण, लक्षण, दस्त व उल्टी से बचाव की विस्तृत जानकारी।

पीसीओडी फुल फॉर्म
PCOD Full Form in Hindi

पीसीओडी को Polycystic Ovarian Disease (PCOD) कहा जाता है। पीसीओडी एक ऐसी स्थिति में है। जिसमें ovary premature egg यानी समय से पहले egg को release करने लगती है। जो cyst का रूप ले लेती है। तब irregular periods की समस्या हो सकती है।

इसके पीछे के बहुत से कारण हो सकते हैं। जैसे ज्यादा वजन का बढ़ जाना। stress लेना और हारमोंस का अनियमित होना। इसके कुछ लक्षण अनियमित महावारी, पेट का वजन बढ़ जाना। infertility यानी बांझपन शामिल है।

इसमें भी ovary अपने आकर से बड़ी हो जाती है। इस स्थिति में ओवरी अपने आकार से बड़ी हो जाती है। यह मेल हार्मोन एंट्रोजन से अधिक मात्रा में release करने लगती है। इससे महिलाओं की fertility  पर असर पड़ता है।

पीसीओएस फुल फॉर्म
PCOS Full Form in Hindi

पीसीओएस को Polycystic Ovarian Syndrome (PCOS) कहा जाता है। यह एक metabolic disorder होता है। जो पीसीओडी से भी ज्यादा गंभीर होता है। .स स्थिति में, ovary पुरुष हार्मोन ज्यादा release करना शुरू कर देती है। जिससे अधिक follicular cyst बनने लगते हैं। जो ovary के चारों ओर जमा हो जाते हैं।

इसके कारण ovulation यानी eggs नहीं बन पाते। इससे egg बनना बंद हो जाता है। इसके लक्षणों में बाल झड़ना, मोटापा, चेहरे पर बाल आना और बांझपन  शामिल है। क्या आप जानना चाहेंगे : हाई ब्लड प्रेशर कितना होता हैंइसके कारण, लक्षण व इससे होने वाले नुकसान की पूर्ण जानकारी।

पीसीओडी क्या है
PCOD Kya Hota Hai

पीसीओडी हमारे शरीर की एक condition है। यह कोई रोग नहीं है। यह  एक सिंड्रोम है। जो हमारे खाने-पीने व लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है। यह आजकल ज्यादा उभर कर सामने आ रहा है। क्योंकि हमारा लाइफ़स्टाइल बदल गया है। हम लोग अधिक समय चेयर पर बैठकर बिताते हैं। हम बाहर का खाना भी ज्यादा खाते हैं। Obesity भी बढ़ रही है। हमारा weight भी बढ़ रहा है।

इन सभी को मिला-जुलाकर, एक सिंड्रोम हमें ज्यादा परेशान करता है। पीसीओडी एक हार्मोन से जुड़ा disorder है। अगर इसके नाम को देखा जाए। तो poly मतलब, बहुत सारी cyst यानी बहुत सारी गाँठो का होना हैं। यह एक ऐसी बीमारी होती है। जिसमें आपकी ovary के अंदर, बहुत सारी cyst यानी छोटी-छोटी गाँठे बन जाती है।

जो पानी से भरी होने पर, बहुत परेशानी पैदा करती है। पीसीओडी की समस्या में महिलाओं में, पुरुषों वाले हार्मोन ज्यादा बनने लगते हैं। जिसके चलते महिलाओं का पीरियड नियमित अंतराल पर नहीं होता। कई बार, कई महिलाओं को महीनों तक पीरियड्स नहीं होते हैं।

इसलिए अगर महिलाओं में पीरियड न हो। तो उनमें ठीक से ovulation नहीं हो पाता। इससे महिलाओं में conceive करने में दिक्कत होती है। पीसीओडी जिसमें महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन एंड्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है। जिसके चलते उनके हाथ और चेहरे पर बाल होना। पेल्विक पेन होना। कुछ मामलों में infertility की समस्या हो सकती है। क्या आप जानना चाहेंगे : पुरुषों के लिए अंजीर लाभ। महिलाओं के लिए अंजीर के फायदे। दूध में अंजीर खाने के फायदे। इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व व साइड इफेक्ट के बारे में।

पीसीओडी के लक्षण
PCOD Symptoms in Hindi

पीसीओडी की समस्या होने पर, कुछ सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं। जिनमें महिलाओं को कमजोरी महसूस होना। भूख न लगना। थकावट महसूस होना। तनाव की समस्या का होना। इन सभी के अतिरिक्त कुछ लक्षण, इस प्रकार भी होते हैं-

Irregular Menstruation: पीसीओडी की समस्या होने पर महावारी अनियमित हो जाती है। कभी यह पीरियड समय से पहले या समय के बाद होते हैं। ऐसा ovary के, abnormal function की वजह से होता है। क्योंकि इस दौरान hormone imbalance हो जाते है। 

Ovary हमारे reproduction system का एक part होता है। जिसमें अंडाणु बनाने का कार्य होता है। ऐसे में, महिलाओं में पुरुष हार्मोन एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है। इसी की वजह से ovarian cyst बनने लगती है।

Absence of Periods: महिलाओं में कभी-कभी पीसीओडी की वजह से पीरियड ही नहीं आते। क्योंकि उनमें ovulation ही नहीं होता। जब ovulation  होता है। तभी पीरियड्स भी आते हैं। मेल हार्मोन की अधिकता से, उनमें ovulation नहीं होता है।

Heavy menstrual Periods: कुछ महिलाओं में पीसीओडी की समस्या होने पर, बहुत ज्यादा bleeding होती है। पीरियड्स लंबे समय तक रहते हैं।

Excessive Hair Growth: पीसीओडी की समस्या होने पर, एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता के कारण। कुछ महिलाओं में पुरुषों वाले लक्षण दिखने लगते हैं। इनमें सबसे प्रमुख, अधिक मात्रा में बालों का उगना है। यह बाल चेहरे, पीठ, पेट व छाती पर अधिक मात्रा में उग आते हैं।

Acne: पीसीओडी की समस्या होने पर महिलाओं में के चेहरे व पीठ पर मुहासे देखने को मिलते हैं।

Hair Loss: पीसीओडी के लक्षणों में, बाल का झड़ना भी पाया जाता है। महिलाओं में सर के आगे के हिस्से के बाल अधिक झड़ते हैं।

Skin Darkening: इसमें महिलाओं की  त्वचा का रंग अन्य हिस्सों की अपेक्षा अधिक गहरा पड़ने लगता है। यह गहरापन गर्दन के आगे और पीछे तथा ब्रेस्ट के नीचे देखने को मिलता है।

Mood Swings: अक्सर महिलाओं के मिजाज में बदलाव होता है।

Insulin Resistance: Blood की जांच करवाने पर, इंसुलिन का लेबल भी बढ़ा हुआ आता है।

Increase Level of Testosterone: Blood test करवाने पर, टेस्टोस्टेरोन की मात्रा भी बढ़ी हुई आती है।

Excessive Cramping & Bloating: पीरियड्स के दौरान पेट में ऐठन वाला दर्द होता है। इसके साथ ही पेट  फूला-फूला लगता है। क्या आप जानना चाहेंगे : हल्दी के फायदे। हल्दी दूध के फायदेदूध में हल्दी के नुकसान।

पीसीओडी आहार
PCOD Diet

 पीसीओडी की समस्या का मुख्य कारण यह भी होता है। कि हमारी diet में बहुत सारी unhealthy चीजें सम्मिलित हो गई है। यही कारण है कि पीसीओडी का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जिसमें दवाओं के साथ-साथ, हमारे खान-पान की बहुत बड़ी हिस्सेदारी होती है। अगर हम अपने खाने में बदलाव करें। तो इस समस्या से, कुछ हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।

पीसीओडी की समस्या, हारमोंस के असंतुलन के कारण होती है। इसलिए अपनी diet में सुधार करना। इस बीमारी का अहम हिस्सा है। खाने-पीने से जुड़ी, कई ऐसी चीजें है। जो पीसीओडी को कम करने में मदद कर सकती हैं। वही कुछ चीजें ऐसी भी हैं। जिनका लगातार सेवन करने से, आपकी बीमारी और ज्यादा विकराल रूप ले सकती है।

पीसीओडी में क्या खाना चाहिए
What to Eat in PCOD

पीसीओडी और पीसीओएस के लिए एस्ट्रोजन के बढ़े हुए लेबल के कारण होता है। इसलिए diet में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए। जो इन हारमोंस के उत्पादन को कम कर सकें। इसके साथ ही कुछ ऐसी चीजें भी खानी चाहिए। जिनसे प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का उत्पादन बढ़ाया जा सके।

1. सभी प्रकार के सीजनल फलों को, अपनी diet में शामिल करना चाहिए। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल्स, विटामिंस व फाइबर सभी चीजें भरपूर मात्रा में मिल जाती है। इसलिए हर प्रकार के फल खाए जा सकते हैं।

2. हरी पत्तेदार सब्जियां या दूसरी भी हरी सब्जियां को खाने में शामिल करना चाहिए। उनसे फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट व मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में मिलते है। जो वजन घटाने में मदद करते हैं।

3. खीरा, टमाटर, चुकंदर, गाजर आदि से बने सलाद का अधिक से अधिक  उपयोग करना चाहिए। अपनी diet में सलाद का, अधिक से अधिक प्रयोग करें। 

4. ड्राई फ्रूट्स व नट्स का अधिक से अधिक प्रयोग करें। इनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। जो पीसीओडी के मरीजों के लिए लाभकारी होता है।

5. डेरी प्रोडक्ट को अपनी diet में शामिल करें। लेकिन यह वसारहित होने चाहिए। यानी कि मलाई को निकालकर प्रयोग करें।  पनीर व छाछ का प्रयोग करें।

6. आप सीट्स को भी अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं। जैसे खरबूज, तरबूज, चिया सीड आदि।

7. मांसाहारी भोजन खाने से बचें। अगर खाना ही है। तो फिश, सी फ़ूड व चिकन को roast करके खा सकते है। क्या आप जानना चाहेंगे : अस्थमा पूरी तरह से ठीक हो सकता हैइसके कारण लक्षण बचाव व घरेलू उपचार के बारे में।

पीसीओडी में क्या नहीं खाना चाहिए
What not to Eat in PCOD

किसी भी diet को follow करने से पहले, आपको यह जानना जरूरी है। कि क्या चीजें, आपको नुकसान कर सकती है। आप चाहे जितनी भी healthy diet क्यों न ले। लेकिन उसके साथ परहेज करना बहुत आवश्यक हो जाता है।

1. पीसीओडी की समस्या से बचने के लिए आपको deep fried चीजों से परहेज रखना चाहिए। रिफाइंड आयल का सेवन नहीं करें।

2. Packaged food को भी खाने से बचना चाहिए। जैसे चिप्स, बिस्किट, कुकीज, मैगी आदि।

3. किसी भी प्रकार की soft drink को नहीं पीना चाहिए। आपको कोई ऐसी भी drink भी नहीं पीनी चाहिए। जिसमें बहुत ज्यादा refined sugar होती है।

4. पीसीओडी के पेशेंट को बेकरी से संबंधित चीजों से परहेज रखना चाहिए जैसे पेस्ट्रीज, केक, कुकीज व आइसक्रीम आदि।

5. बहुत ज्यादा तली भुनी चीजों व अचार से परहेज रखना चाहिए।

6. पीसीओडी की समस्या होने पर अल्कोहल और स्मोकिंग से परहेज करें। क्या आप जानना चाहेंगे : महिलाओं के लिए अलसी के फायदेपुरुषों के लिए अलसी के फायदे। अलसी के फायदे बालों के लिए, भुनी अलसी के फायदे।

पीसीओडी का घरेलू उपचार
PCOD Problem Treatment in Hindi

पहला उपचार – पीसीओडी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए, आपको 200 ग्राम अलसी (Flax Seed) लेनी है। इसे हल्का-सा भूनकर, इसका बारीक पाउडर बना लें। इस पाउडर को किसी एयरटाइट बर्तन में रख लें। इसके साथ आपको नमक जैतून और खाने वाला सोडा लेना है।

अब एक गिलास पानी में, एक चुटकी नमक जैतून और एक चुटकी खाने वाला सोडा मिला ले। फिर एक चम्मच अलसी पाउडर को फाँककर, ऊपर से इस पानी को पी ले। इसका प्रयोग को दो-तीन महीने तक करना है। आपको निश्चित ही पीसीओडी की समस्या में लाभ मिलेगा।

जैसे-जैसे लाभ मिलना शुरू होगा। वैसे वैसे आपकी पेशाब का रंग साफ होना शुरू होगा। इसके साथ ही blood circulation भी अच्छा होगा। आपके बाल स्वस्थ और चमकदार होंगे। इसके साथ ध्यान देना है कि दिनभर में, आपको कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।

दूसरा उपचार – पीसीओडी को जड़ से ठीक करने में, अजवाइन बहुत फायदेमंद है। इसकी तासीर गर्म होती है। यह पीरियड्स के बीच में होने वाले ऐठन भरे दर्द  खत्म करता है। पीसीओडी होने पर हमारे गर्भाशय में जो cyst बन जाते हैं। यह उन्हें तोड़ने में मदद करता है। यह सारे cyst धीरे-धीरे खत्म होकर, शरीर से बाहर निकल जाते है। आपकी त्वचा में निखार भी आता है।

इसके लिए सबसे पहले, आपको एक पैन में लगभग 4 कप पानी को उबालना है। अब इसमें दो चम्मच अजवाइन डालनी है। फिर इसे ढककर, तब तक खोलाना है। जब तक इसकी मात्रा एक कप न रह जाए। फिर इसे छानकर अलग कर ले। अब इसे गुनगुना ही sip कर-करके पिए। इसे ठंडा नहीं पीना है। इसका नियमित सेवन कम से कम 20 से 30 दिन तक करें। आपकी पीसीओडी की समस्या जड़ से समाप्त हो जाएगी।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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