गठिया रोग की पहचान | गठिया के लक्षण | गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय

गठिया रोग की पहचान, लक्षण, प्रकार, क्यों होता है, जड़ से खत्म करने के उपाय, रामबाण इलाज, अर्थराइटिस [ arthritis in hindi, rheumatoid arthritis ]

Symptoms of arthritis in hindi

गठिया रोग की पहचान

अर्थराइटिस को जोड़ों की बीमारी कहा जाता है। जिसे गठिया के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी बीमारी होती है। जिसमें जोड़ों के दर्द के साथ, सूजन भी आ जाती है। आजकल के बदलते lifestyle  के कारण, यह बीमारी एक सीमित उम्र के वर्ग तक नहीं रही है। बल्कि आजकल कम उम्र में भी विकसित हो जाती है।

गठिया एक या एक से ज्यादा जोड़ों को प्रभावित कर सकती है। वैसे तो गठिया के लक्षण, आमतौर पर समय के साथ विकसित होते हैं। या फिर अचानक भी दिखाई दे सकते हैं। कुछ research के अनुसार, यह भी देखा गया है। यह बीमारी पुरुषों की अपेक्षा, महिलाओं में ज्यादा विकसित होती है। जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है।

Arthritis शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है। जो दो शब्दों से मिलकर बना है। जिसमें Arthros का अर्थ joint होता है। Itic का अर्थ inflammation होता है। यानी कि joint में होने वाले inflammation को Arthritis कहा जाता है। इस inflammation के कारण, जोड़ों में दर्द व सूजन होती है।

वास्तव में Arthritis होने पर, दो हड्डियों के बीच जो articular cartilage होता है। उसमें कुछ fluid मौजूद होते हैं। जो दोनों joints को रगड़ने से बचाते है। जब इसमें टूट-फूट होने लगती है। तो यह articular cartilage पतले हो जाते हैं। तब यह joints आपस में रगड़ खाने लगते हैं। जिसके कारण चलने में दर्द होता है। कट-कट की आवाज आने लगती है। क्या आप जानना चाहेंगे : शरीर में जमी गंदगी कैसे निकालेचाहे वह आपके फेफड़ों, आँतों, किडनी, त्वचा या शरीर के किसी भी अंग में क्यों न हो।

गठिया रोग की पहचान

गठिया रोग कितने प्रकार के होते हैं

अर्थराइटिस या गठिया हमारे एक जोड़ या एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित करता है। जिसके कारण उन जोड़ों में सूजन पैदा होती है। साथ ही दर्द होता है। अर्थराइटिस हमारी जीवन शैली से भी प्रभावित होते हैं। इनके कई प्रकार हो सकते हैं। जो इस प्रकार हैं –

Osteoarthritis 

इसमें हमारी दो हड्डियों के जोड़ के बीच में, जो articular cartilage होता है। उनको नुकसान पहुंचता हैं। इसके साथ ही, यह नई bones के निर्माण को रोक देते हैं। यह अधिकतर  हमारे शरीर के उन भागों को प्रभावित करते हैं। जो वजन उठाने में सहायक होते हैं, जैसे hip व knee। यह पुरुष और महिलाओं दोनों में हो सकता है। Osteoarthritis दो प्रकार के होते हैं –

a. Primary Osteoarthritis – यह अधिक उम्र वाले लोगों को प्रभावित करता है। इसमें हमारे cartilage में, पानी की मात्रा ज्यादा हो जाती है। जिसके कारण प्रोटींस कम हो जाते हैं। जिसकी वजह से protein cartilage बन नहीं पाते हैं। इसके कारण हमारे प्रभावित जोड़ों में दर्द व सूजन आ जाती है।

b. Secondary Osteoarthritis – यह अधिकतर किसी अन्य disease condition के कारण, हमारे शरीर में leads होते है। यह obesity, trauma, surgery, diabetes या दूसरे harmons disorder के कारण होता है। इसमें हार्मोन का production कम या ज्यादा होता है। तब भी Secondary Osteoarthritis हो सकती है। कुछ बच्चों के जन्म के समय joints abnormal होते हैं। इसके कारण भी यह रोग होता है।

Inflammatory Arthritis  

यह हमारे शरीर में, किसी न किसी प्रकार के inflammation होने के कारण होता है। Inflammatory Arthritis भी दो प्रकार के होते हैं। जो इस प्रकार हैं –

a. Rheumatoid Arthritis (RA) – इसको ही आम भाषा में, गठिया कहा जाता है। इसे autoimmune diseases भी कहा जाता है। जब हमारा immune system, हमारे ही tissue पर attack करना शुरू कर देता है। तो इसी को ऑटोइम्यून कहा जाता है।

वास्तव में, यह आम-वात के कारण होता है। हमारे जोड़ों व मांसपेशियों में आम जमा हो जाता है। यह विषैला तत्व होता है। जो indiagestion के कारण, हमारे पेट के अंदर बनता है।

यही विषैला तत्व, जब जोड़ों में जमा हो जाता है। तो वहां पर सूजन पैदा हो जाती है। इसी को inflammation भी कहते हैं। हमारे शरीर में वात का flow रुक जाता है। जिसके कारण जोड़ों में stiffness, pain व swelling होती है। यह अधिकतर हमारे fingers, wrists, feet व ankles को प्रभावित करते हैं।

b. Psoriatic Arthritis – यह भी inflammation की वजह से ही होता है। हमारी skin में जो cells होती हैं। जब यह बहुत तेजी से बढ़ने लगती हैं। तो हमारी skin की ऊपरी परत पर, खाल आने लगती है। वहाँ की चमड़ी धीरे-धीरे बाहर निकलकर, सफेद पड़ जाती है। इसे सोरायसिस कहते हैं। इसके कारण भी Psoriatic Arthritis होता है।

Septic Arthritis 

इस प्रकार का  अर्थराइटिस अधिकतर germs के infection की वजह से होता है। यह germs हमारे bloodstream में मिल जाते हैं। फिर यह शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच जाते हैं। जहां यह joints में जाकर, pain और discomfort feel  करवाते हैं। यह अधिकतर हमारे घुटनों में होता है। इसके अलावा यह hip, shoulders और दूसरे joints को भी प्रभावित करते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : गिलोय के औषधि गुण, फायदे व नुकसानकैसे करें इसका उपयोग, सम्पूर्ण जानकारी।

गठिया के लक्षण

अर्थराइटिस एक autoimmune बीमारी है। इसका सबसे ज्यादा असर घुटनों में व कूल्हे की हड्डी में दिखाई देता है। अगर इसकी family history है। तो इस बीमारी के होने के, chance बहुत ज्यादा होते हैं। इसमें  कोहनी, कलाई, उंगली, पैरों के छोटे जोड़ों में, कहीं भी दर्द और अकड़न हो सकती है।

अर्थराइटिस में सर्दियों में दिक्कत बढ़ जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अकेले भारत में, 180 मिलियन लोग गठिया के रोग से पीड़ित हैं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में, इस रोग के लक्षण ज्यादा देखने को मिलते हैं। इसके शुरुआती लक्षण, कुछ इस प्रकार होते हैं –

ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण

1. जब हमारे जोड़ों के tissues damage  हो जाते हैं। तो वहां पर inflammation हो जाता है। जिसके कारण सूजन व लालिमा आ आती है।

2. किसी भी joint जैसे knee, spine, hip व हाथ के joints में pain होना, लाल हो जाना व सूजन रहना।

3. सुबह के समय अधिक दर्द रहता है। जैसे-जैसे दिनचर्या बढ़ती है। यह कुछ कम होता जाता है।

4. जोड़ों में stiffness (अकड़न) हो जाती है। यह भी सुबह के वक्त अधिक परेशान करती है।

5. बदलते मौसम में यह अधिक दर्द करता है। विशेष रुप से सर्दियों के मौसम में ज्यादा दर्द होता है।

रूमेटाइड गठिया के लक्षण

1.  घुटनों में दर्द होना।

2.  चलने में परेशानी होना।

3.  बैठकर उठने में दिक्कत होना।

4. गाड़ी, रिक्शा व ऑटो में चढ़ने में दिक्कत होना।

5. कार से नीचे उतरने में दिक्कत होना।

6. सीढ़ियों से नीचे उतरने में दिक्कत होना।

गठिया रोग क्यों होता है

अर्थराइटिस या गठिया होने का मुख्य कारण उम्र होता है। उम्र के साथ-साथ, हर जोड़ कमजोर होने लगता है। मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इसके साथ ही cartilage घिसने लगता है। जिसके कारण जोड़ों का function normal नहीं रहता है। इसमें दर्द होने लगता है। क्या आप जानना चाहेंगे : थायराइड  क्या हैइसके कारण, लक्षण, घर पर टेस्ट करने का तरीका, घरेलू उपाय।

ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण

1. उम्र के बढ़ने के साथ Osteoarthritis हो सकता है।

2. इसकी समस्या महिलाओं में ज्यादा होने की संभावना होती है।

3. Obesity भी एक कारण हो सकता है। अगर किसी का weight ज्यादा है। यदि वह Overweight है। अगर शरीर के ऊपरी हिस्से का weight ज्यादा है। जो आपके knee पर असर डालता है।

4. Family history भी एक कारण हो सकता है।

रूमेटाइड गठिया के कारण

1. Rheumatoid Arthritis या gout  यूरिक एसिड बढ़ने के कारण भी होता है।

2. किसी Autoimmune Diseases जैसे Graves’ disease, Diabetes व Lupus होने के कारण भी Rheumatoid Arthritis हो सकती है।

3. किसी chronic disease जैसे अस्थमा, सीओपीडी या स्किन की एलर्जी के लिए, जो मेडिसिन का प्रयोग किया जाता है। इसके कारण भी Rheumatoid Arthritis हो सकती है।

4. इसका एक कारण हमारी lifestyle व खानपान भी हो सकता है। जो लोग खान-पान का ध्यान नहीं रखते हैं। जिनमें मोटापा ज्यादा होता है। उनमें भी Rheumatoid Arthritis होने की संभावना ज्यादा होती है।

5. Smoking व Alcohol Drinking के कारण भी Rheumatoid Arthritis हो सकती है।

अर्थराइटिस में क्या नहीं खाना चाहिए

1. जो खाद्य पदार्थ weight बढ़ाते हैं। इनसे बचना चाहिए। जैसे कि oily food, fried food, fatty food को avoid करना चाहिए।

2. जिनमें refined sugar होती है। जैसे ज्यूस, कोला-पेप्सी, इन सबको avoid करना चाहिए।

3. अधिक अल्कोहल लेने से बचना चाहिए।

4. रेड मीट जैसे मटन को avoid करना चाहिए।

5. Sugar जैसे कि candies, muffins, biscuits इन सबमें बहुत ज्यादा refined grains व sugar होती है। इन सबको avoid करना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : बवासीर को जड़ से कैसे खत्म करेंइसकी सम्पूर्ण जानकारी कारण, प्रकार,लक्षण, घरेलू उपचार।

गठिया रोग में क्या खाना चाहिए

1. Healthy खाना जिनमें high protein, calcium rich diet जैसे कि दूध, पनीर, दही, घी आदि लेना चाहिए।

2. ताजे फलों का सेवन करना चाहिए। सारे फलों को आप ले सकते हैं। जिसमें pineapple, papaya, apple, pomegranate, kiwi आदि शामिल है। इन सबमें anti-inflammatory एजेंट होते हैं। जो गठिया की दवाई के साथ मदद करते है।

3. हल्दी, अदरक, तुलसी, दालचीनी, जीरे का पानी। यह सब भी anti-inflammatory होते हैं।

4. जिन patient को पेट की तकलीफ रहती है। गठिया की दवाइयां सूट नहीं करती। वह patient अपनी diet को light रखें। बहुत ज्यादा heavy meal नहीं खाए।

5. जिन लोगों का weight बहुत तेजी से बढ़ता है। वह fasting कर सकते हैं।

6. मांसाहारी खाने वाले लोग chicken व fish ले सकते हैं। ऑलिव ऑयल का प्रयोग कर सकते हैं।

7. सभी प्रकार की दालें ले सकते हैं।

8. सभी प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियां ले सकते हैं।

9. Vitamin C से भरपूर फलों का सेवन कर सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : एलोवेरा के फायदे, उपयोग व औषधीय गुण।

गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय

Apple Cider Vinegar – इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फास्फोरस होता है। जो जोड़ों के दर्द में, काफी फायदेमंद है। ये जोड़ों के बीच जमे हुए Toxins को बाहर निकाल देता है।

रोज सुबह गर्म पानी में एक चम्मच apple cider vinegar और शहद मिलाकर, पीने से सभी प्रकार की Arthritis में आराम मिलता है।

● Ginger – अदरक भी गठिया रोग में बहुत फायदेमंद होता है। इसके दर्द निवारक गुण, जोड़ो में होने वाले दर्द में आराम पहुंचाते हैं। रोज दिन में तीन बार पानी के साथ 6 चम्मच सोंठ पाउडर, 6 चम्मच काले जीरे का पाउडर और 3 चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाकर, दर्द वाली जगह मलना चाहिए।

इससे Arthritis में होने वाले दर्द में आराम मिलता है। आप रोज ताजा कच्चा अदरक भी खा सकते हैं। इससे शरीर में blood का flow बढ़ता है।

अलसी – 400 ग्राम अलसी लिजिए। इसे हल्की आंच में, हल्का-सा भून लें। फिर इसका बारीक पाउडर बना लीजिए। इसके बाद असली व गोंद स्याह, जिसे काला गोंद भी कहते हैं। इसकी 100 ग्राम मात्रा लेनी है। इसका अलग से पाउडर बनाकर रखिए।

अब रोजाना नाश्ते के बाद व रात के खाने के बाद, एक चम्मच अलसी का पाउडर तथा आधा ग्राम गोंद स्याह का पाउडर। पानी के साथ ले। हो सके, तो बिना चर्बी वाले दूध के साथ, इसका सेवन करें। इतनी मात्रा खत्म होते-होते, आपको फायदा होता नजर आने लगेगा।

हरी मूंग दाल – हरी मूंग दाल का सूप बनाएं। सूप तैयार करते समय, इसमें 5 से 6 ताजे लहसुन की कलियां साबुत डाल दें। इसके बाद इसमें एक चम्मच मेथी के बीज का पाउडर  मिलाएं।

फिर इसे हल्की आंच में पकने दें। इस बात का ध्यान रखें कि मिश्रण को पकाते समय, इसे धीरे-धीरे चलाते रहें। दो-तीन मिनट पकने के बाद, इसे गैस से उतार लें। आपके गठिया के लिए, कारगर सूप तैयार है। इसका नियमित सेवन करें। 8 से 10 दिनों में ही, आपको राहत मिलना शुरू हो जाएगी।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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