किडनी की बीमारी के 10 संकेत | क्या किडनी ठीक हो सकती है | किडनी का रामबाण इलाज

किडनी की बीमारी के 10 संकेत – क्या ठीक हो सकती है, क्या डायलिसिस से ठीक हो जाती है, दोनों किडनी खराब होने पर आदमी कितना दिन जिंदा रह सकता है, रामबाण इलाज।

अक्सर हम अपने शरीर में होने वाले, किसी खास बदलाव या दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं। हम हर तरह के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। बस यही सोचते हैं कि समय के साथ, यह समस्या अपने आप ठीक हो जाएगी। लेकिन शायद ही आपको पता हो। कि 40 साल की उम्र के बाद, हमारी किडनी की कार्यकुशलता में, प्रतिवर्ष 1% की कमी होती जाती है। 

इसलिए समय रहते इसके लक्षणों को पहचानना। अपनी किडनी को स्वस्थ रखना। हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। जिस तरीके से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के नंबर लगातार बढ़ रहे हैं। उसी तरीके से क्रॉनिक किडनी डिजीज के नंबर भी बढ़ते ही जा रहे हैं। किडनी हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। जो शरीर से सारे नुकसानदायक और विषाक्त रसायनों को, बाहर निकालने का काम करती है।

किडनी रक्त को साफ कर, सारे विषाक्त पदार्थों को, यूरिन के द्वारा शरीर से बाहर कर देती है। हम सभी के शरीर में दो किडनी होती है। किसी भी वजह से, अगर एक किडनी काम करना बंद कर दे। तो दूसरी किडनी पर व्यक्ति जिंदा रह सकता है। लेकिन एक किडनी के सहारे, जिंदगी गुजारना बहुत मुश्किल हो जाता है। हर दिन बदल रही जीवनशैली की वजह से, हमारा डेली रूटीन खराब होता जा रहा है। 

समय पर खाना नहीं खाना। ज्यादा दवाइयों का इस्तेमाल और पानी की सही मात्रा नहीं लेनी जैसी कई चीजें हैं। जो किडनी को प्रभावित करती है। ऐसे में हमारी किडनी पर भार पड़ता है। फिर यह काम करना बंद कर देती है। किडनी की बीमारी खतरनाक इसलिए भी है। क्योंकि इसका प्रथम चरण में पता नहीं चल पाता। कि यह धीरे-धीरे खराब हो रही है।

फिर भी हमारा शरीर, कई ऐसे संकेत देता है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है। कि हमारी किडनी सही से काम नहीं कर रही है। किडनी की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर, इन सभी बातों के बारे में जानते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : किडनी खराब होने लक्षणकिडनी के कार्य। किडनी बचाव के उपाय।

किडनी की बीमारी के 10 संकेत

किडनी की बीमारी के 10 संकेत

 जब भी आपको सर्दी जुखाम होने वाला होता है। तो आपका शरीर, इसके संकेत देने लगता है। तब आपको अंदाज हो जाता है कि आपको परेशानी होने वाली है। फिर तो यहां किडनी जैसी गंभीर बीमारी के संबंध में बात हो रही है। तो निश्चित ही आपको इसके संकेत भी देखने को मिलते हैं। लेकिन इसकी खराबी तब ज्यादा बढ़ जाती है। जब हम इन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं।

1. यूरिनरी फंक्शन में बदलाव – इसमें आपको यूरिन से जुड़ी परेशानी हो सकती है। जिसमें यूरिन के रंग में बदलाव, यूरिन रिलीज करने में दर्द और जलन भी हो सकती है। इसके अलावा यूरिन की मात्रा में कमी हो सकती है। यह भी हो सकता है कि आपको यूरिन दिन की अपेक्षा, रात में ज्यादा बाहर जाना पड़े। आपकी यूरिन में झाग भी नजर आ सकता है। ज्यादा स्थित खराब होने पर यूरिन में खून भी आ सकता है।

2. हाई ब्लड प्रेशर होना- वैसे तो हाई ब्लड प्रेशर होना सामान्य है। लेकिन जब यह समस्या लगातार हो। तो यह किडनी में खराबी की वजह भी हो सकती है। जब शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा अधिक हो जाती है। तो किडनी ठीक तरह से इसे बाहर नहीं निकाल पाती। जिसके कारण ब्लड गाढ़ा हो जाता है। ऐसे ब्लड को जब हार्ड ठीक से पंप नहीं कर पाता। तो ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है।

3. कमर व पेट में दर्द होना – लोग अक्सर किडनी के दर्द को, कमर या पेट का दर्द समझ लेते हैं। इसको अनदेखा न करें। अगर आपको लगातार, कमर व पेट में दर्द बना रहे। तो यह आपके किडनी के खराबी की वजह हो सकती है।

4. रक्त की कमी होना – किडनी में खराबी होने से, आपको ब्लड में कमी हो सकती है। हमारी किडनी न सिर्फ ब्लड को साफ करती है, बल्कि इसे बनाती भी है। जब किडनी खराब होने के कारण, ब्लड को साफ नहीं कर पाती। इसे नही बना पाती है। तो खून की कमी हो जाती है।

5. कमजोरी बनी रहना- अगर आपको हमेशा शरीर में थकावट व कमजोरी बनी रहती है। तो यह भी किडनी खराब होने का संकेत हो सकता है। जब किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती। तो क्रिएटिनिन के साथ-साथ, प्रोटीन भी बाहर निकल जाता है। जब शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है। तो  इससे शरीर में कमजोरी, थकान व कभी-कभी चक्कर भी आ सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : शहद के फायदेशहद खाने के नुकसान। असली शहद की पहचान। शहद जहर कैसे बनता है।

6. हाथ पैरों में सूजन आना – जब शरीर से प्रोटीन बाहर निकल जाता है। तो इसके कारण हाथ-पैरों में सूजन आने लगती है। शरीर से प्रोटीन निकलने की दिक्कत तब होती है। जब हमारी किडनी में खराबी आ जाती है। इसलिए हाथ-पैर खासतौर पर, आंखों के नीचे व चेहरे पर सूजन हो। तो यह किडनी में खराबी को बताती है। आंखों और चेहरे की सूजन सामान्य रूप से सोकर उठने पर अधिक होती है। जो शाम होते-होते कम हो जाती है।

7. त्वचा में खराबी होना – जब ब्लड में  क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ जाती है। तो ब्लड खराब हो जाता है। जब यह खराब ब्लड नसों के माध्यम से शरीर में जाता है। तो इससे त्वचा में खुजली और रैशेज जैसी परेशानी देखने को मिलती है।

8. भूख ना लगना – किडनी में खराबी आने के बाद भूख में कमी हो जाती है। किडनी में खराबी के कारण, शरीर में सभी अंग अपना काम ठीक से नहीं कर पाते। किडनी की खराबी, अक्सर पाचन तंत्र में खराबी का कारण बनती है। जब पाचन तंत्र ही ठीक नहीं होगा। तो पेट से जुड़ी समस्याएं दिखाई पड़ती है। जिसके कारण भूख में कमी हो सकती है।

9. अनिद्रा का होना – किडनी में खराबी की वजह से, ऊपर होने वाली समस्याओं के कारण नींद न आने की भी समस्या हो सकती है। जिसके कारण आपको बेचैनी होती है। तब आप अनिद्रा का शिकार हो सकते हैं।

10. वजन में बदलाव होना – किडनी में खराबी की वजह से, वजन में अचानक बदलाव होने लगता है। या तो आपका वजन बढ़ता है, या फिर कम होता है। वैसे ज्यादातर वजन कम होने की संभावना अधिक होती है।

ये ऐसे कुछ लक्षण है। जो किडनी में खराबी को दर्शाते हैं। इन्हें अनदेखा करना, आपके लिए घातक हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आपको जैसे ही इनमें से कुछ लक्षण नजर आएं। तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्या आप जानना चाहेंगे : यूरिक एसिड की रामबाण दवायूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए (सम्पूर्ण जानकारी व उपाय)।

क्या किडनी ठीक हो सकती है

अगर किसी व्यक्ति को acute Kidney Disease हुई है। तो सामान्यतया, इस बात की पूरी संभावना होती है। कि अगर समय रहते, इसका इलाज कर लिया जाए। तो यह पूर्णतया ठीक हो जाती है। वहीं अगर Acute on Chronic Kidney Disease है। जिसमें क्रिएटिनिन लेवल 1-1.5-2 के बीच में होता है। तभी किसी तरह का इंफेक्शन, डिहाईड्रेशन, स्टोन की समस्या या कैंसर जैसी समस्या हो गई।

किसी प्रकार का मलेरिया या डेंगू इंफेक्शन हो गया। तब अचानक क्रिएटिनिन 2 से बढ़कर, 7 या 8 तक हो जाता है। डायलिसिस तक की नौबत हो जाती है। तब भी यह काफी हद तक ठीक हो सकती है। अगर इन infections को कंट्रोल कर लिया जाए। इसमें आपको 3 से 5 साल तक, किडनी को ठीक करने का समय मिल जाता है।

वहीं अगर क्रॉनिक किडनी डिजीज जैसी समस्या होती है। यानी कि जब 3 महीने तक, किसी का क्रिएटनीन लेवल 4 या 5 से ज्यादा हो। यूरिन में प्रोटीन या ब्लड आ रहा  हो। ब्लड प्रेशर हाई, डायबिटीज या स्टोन से संबंधित समस्याएं हो। अगर यह समस्याएं reversible हैं। यानी कि इन समस्याओं को वापस ठीक किया जा सके। तो भी किडनी को ठीक किया जा सकता है।

इसमें रोगी की अन्य परिस्थितियों को भी ध्यान में रखा जाता है। इसके लिए रोगी की स्टैमिना व इम्यूनिटी पावर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन जब किडनी 90% से 95% तक खराब हो जाती है। तो ऐसे में नियमित रूप से, डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। क्या आप जानना चाहेंगे : पुरुषों के लिए अंजीर लाभ। महिलाओं के लिए अंजीर के फायदे। दूध में अंजीर खाने के फायदे।

क्या डायलिसिस से किडनी ठीक हो जाती है

डायलिसिस की जरूरत तब पड़ती है। जब हमारी खून साफ करने वाली मशीन यानी किडनी खुद से कम काम करने लगती है। किडनी को नुकसान हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, पॉलीसिस्टिक किडनी से हो सकता है। किसी भी कारण से, जब हमारी किडनी कम काम करती है। तो किडनी के अंदर अपशिष्ट पदार्थ इकट्ठा होने लगते हैं। जैसे क्रिएटनीन, यूरिया व इसके साथ ही बहुत सारे अपशिष्ट पदार्थ इकट्ठे हो रहे होते हैं।

यह जैसे-जैसे ये बढ़ते जाते हैं। हमारी किडनी को और भी नुकसान पहुंचाते जाते हैं। डायलिसिस एक वह प्रक्रिया है। जिसके द्वारा ब्लड को कृत्रिम रूप से साफ किया जाता है। यानी कि जो कार्य हमारी किडनी करती है। वही कार्य डायलिसिस के द्वारा किया जाता है। डायलिसिस की प्रक्रिया में हाथ, गले या जांग के द्वारा ब्लड को निकालकर, मशीन के द्वारा साफ करके पुनः वापस भेज दिया जाता है।

अतः किडनी डायलिसिस के द्वारा न खराब होती है। न ही ठीक हो सकती है। अगर किडनी के फेलियर होने का कारण अस्थाई है। तो जब हम उन कारणों को ठीक कर देते हैं। यानी किडनी पूर्ण रूप से ठीक होकर सामान्य रूप से कार्य नही करने लगती है। तभी तक डायलिसिस किया जाता है। लेकिन वही जब किडनी गंभीर रूप से प्रभावित हो जाती है। जिसे ठीक करना संभव नही होता। तो उस स्थिति में डायलिसिस की जरूरत हमेशा रहती है। क्या आप जानना चाहेंगे : 2 मिनट में कमर दर्द से आराममहिलाओं के कमर दर्द के कारण, घरेलू उपचार, एक्सरसाइज व एक्यूप्रेशर पॉइंट।

दोनों किडनी खराब होने पर आदमी कितना दिन जिंदा रह सकता है

जब भी किडनी फेल होने का मामला होता है। तो दोनों किडनी एक साथ डैमेज होती है। किसी कारण से अगर, एक ही किडनी खराब हो। तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह नॉर्मल जिंदगी जी सकता है। कई बार बहुत ज्यादा इंफेक्शन की वजह से, पथरी की वजह से या एक किडनी डोनेट करने पर। एक ही किडनी सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को सरवाइव करने के लिए काफी होती है।

जब दोनों किडनी खराब होती है। तो इसका असर शुरू होता है। अगर दोनों किडनी आधी-आधी खराब हो जाए। तो इस स्थिति में क्रिएटिनिन नहीं बढ़ता। यह मेंटेन रहता है। जब दोनों किडनी 50% से अधिक खराब होती हैं। तो क्रिएटिनिन बढ़ना शुरू होता है। यानीकि जब आपका क्रिएटनीन लेवल 1.5 से 1.8 होने लगता है। तो इसका सीधा सा मतलब है कि आपकी किडनी 55% से 60% खराब हो चुकी है। यह शुरुआती लक्षण हैं।

जब क्रिएटिनिन का स्तर 4 से 5 पहुंच जाता है। तो आपकी किडनी 80% से 85% खराब हो चुकी होती है। फिल्ट्रेशन रेट 10% से 15% ही बच पाया है। इसलिए हमें जब पता चलता है। तो किडनी अधिकांश रूप से खराब हो चुकी होती है। लेकिन दोनों किडनी खराब होने के बाद भी, सरवाइव किया जा सकता है। तो बिल्कुल किया जा सकता है।  यदि आपका क्रिएटिनिन 10-12-15 तक पहुंच गया। 

तब फिल्ट्रेशन रेट 2% या 3% ही होता है। किडनी 95-98% तक खराब हो चुकी होती है। इस स्थिति में, किडनी पेशेंट के पास 3 विकल्प होते हैं। डायलिसिस करवाएं, या तो किडनी ट्रांसप्लांट कराएं, या फिर  नियमित दवाओं का सेवन करें। ऐसे लोग जो सामान्य जिंदगी जीना चाहते हैं। उन्हें दो चीज करना जरूरी है। सबसे पहले अपने डाइट को नियंत्रित करें।

इसके लिए आप किसी अच्छे डाइटिशियन या डॉक्टर की सलाह लें। दूसरे नियमित रूप से दवाओं का सेवन करें। क्या आप जानना चाहेंगे : हल्दी के फायदे। हल्दी दूध के फायदेदूध में हल्दी के नुकसान।

किडनी का रामबाण इलाज

आज एलोपैथ में किडनी के खराब होने या किडनी फेल होने के मामले में, कोई भी असरदार उपचार नहीं है। केवल डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट जैसे ही तरीके हैं। लेकिन यह किसी उपचार की श्रेणी में नहीं आता। डायलिसिस केवल एक अस्थाई उपाय है। जो किडनी को ठीक करने का विकल्प नही है। जबकि ट्रांसप्लांट एक सर्जरी है। 

जो बहुत खर्चीली होने के बाद भी, सफल होने की गारंटी नही देता है। लेकिन आयुर्वेद में, इसके उपचार उपलब्ध है। इ0सके लिए आप किसी भी अच्छे आयुर्वेदिक संस्थान या वैध से संपर्क कर सकते हैं। जो आपके उपचार के हर पहलू को ध्यान में रखकर उपचार कर सकते है। कुछ घरेलू उपचार को अपनाकर, आप अपनी किडनी को स्वस्थ कर सकते हैं।

पुनर्नवा की पत्तियों की चटनी

पुनर्नवा मुख्य रूप से बरसात दिनों में, खेतों में खरपतवार के रूप में उगता है। इसको बहुत से लोग साग बनाकर इस्तेमाल करते हैं। पुनर्नवा सफेद व लाल पाया जाता है। इसकी पहचान के लिए, पत्तियों का पिछला हिस्सा व डंठल हल्के लाल रंग का होता है। ये दोनों ही फायदेमंद होते है। इसकी पत्तियों का स्वाद मूली की तरह तीखा होता है। 

यह पुनर्नवा शोथहर व मूत्रल होता है। यानी कि सूजन को कम करने वाला व मूत्र संबंधी विकार विकारों को दूर करता है। इसके लिए आप पुनर्नवा की ताजी पत्तियों व डंठल को इस्तेमाल में ले सकते है।  अब आप इसको पीसकर, चटनी जैसा पेस्ट बना ले। फिर एक गिलास पानी में, एक चम्मच पुनर्नवा की चटनी मिलकर, प्रतिदिन खाली पेट पीना चाहिए। इससे आपका किडनी, हार्ट, फेफड़े और लीवर से सम्बंधित संक्रमण पूर्ण रूप से ठीक हो जाएगा। आप स्वस्थ होना शुरू हो जाएगे।

हरी धनिया, जीरा व नींबू के द्वारा किडनी की सफाई

इसके लिए सबसे पहले आपको एक लीटर पानी लेना है। अब इसमें लगभग 50 ग्राम धनिया की पत्ती को डालकर धीमी आँच में उबालना है। जब यह उबलने लगे। तो  इसमें एक चम्मच जीरा और दो नींबू के स्लाइस छिकल सहित डालकर उबलने दें। जब यह ड्रिंक उबलकर, एक गिलास रह जाए। तो इसे दिन में, किसी भी समय एक बार ही पीना है।

यह ड्रिंक आपकी किडनी की सफाई के साथ-साथ पेट से संबंधित विकार भी दूर करेगा। यह आपके ब्लड को भी प्यूरिफाई करेगा। ये आपको किडनी से संबंधित होने वाली बीमारियों से बचाएगा। आप जब भी इसे पिए, तो हल्का गुनगुना ही लेना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : लो ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करेंब्लड प्रेशर लो के घरेलु उपचार।

भुट्टे के बाल प्रत्येक 15 दिन में

यह तरीका आपको किडनी की सफाई के साथ-साथ, किडनी में होने वाले स्टोन से भी बचाएगा। इसके लिए आपको भुट्टे के ऊपर पाए जाने वाले रेशेदार बालों का प्रयोग करना है। इसमें ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं। जो हमारे शरीर के ब्लैडर व किडनी की सफाई के लिए बहुत फायदेमंद है। यह हमारे शुगर के स्तर को भी नियंत्रित रखखेगा।

अब आपको दो गिलास पानी लेना है। इसमें एक कटोरी एक भुट्टे के बाल को  डालकर उबालना है। इसके साथ इसमें दो नींबू की स्लाइस छिकल सहित डालनी है। इससे इस ड्रिंक का स्वाद भी बढ़ेगा और साथ ही साथ, किडनी की सफाई भी करेगा। इसे उबालने के बाद, जब पानी आधा रह जाए। तो इसे छानकर निकाल लीजिए।      

अब इसे दिन में दो बार लेना है। सुबह और शाम को खाली पेट, इसे चाय की तरह सिप करके पीना है। इसे 15 दिन में सिर्फ एक बार ही दोहराना है। यह तरीका आपको आने वाले समय में, किडनी की समस्या से दूर रखेगा।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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