Shahad ke Fayde | शहद खाने के नुकसान | असली शहद की पहचान | शहद जहर कैसे बनता है

Shahad Ke Fayde – Benefits Of Honey In Hindi Honey Benefits In Hindi शहद के फायदे। शहद खाने के गुण। शहद खाने के नुकसान। चेहरे पर शहद लगाने के नुकसान। गर्म पानी और शहद के फायदे और नुकसान। दूध और शहद के फायदे पुरुषों के लिए हिंदी। शहद खाने के फायदे। सितोपलादि चूर्ण और शहद के फायदे। शहद जहर कैसे बनता है। शहद और लहसुन के फायदे। सुबह खाली पेट शहद खाने के फायदे। गर्म पानी नींबू और शहद के नुकसान। रात को चेहरे पर शहद लगाने के फायदे। शहद कब और कैसे खाना चाहिए।

   हमारी धरती पर पाया जाने वाला इकलौता ऐसा पदार्थ है। जिसकी रसायनिक संरचना, लगभग हमारे खून की संरचना की तरह है। अगर इसकी कुछ चीजें बदल दें। तो यह लगभग हमारे खून जैसा ही है। शहद का नियमित सेवन, हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत कुछ कर सकता है। खास तौर पर वह लोग, जिन्हें कफ प्रवृत्ति की समस्या है। यह हमारे दिल के लिए, बहुत अच्छा है। हमारे दिमाग के लिए अच्छा है। यह हमारे मन को सतर्क रखता है। यह हमारे शरीर को बहुत ऊर्जा देता है।

        इसलिए हर दिन शहद का सेवन, हमारे शरीर के लिए बहुत कुछ कर सकता है। खासतौर पर बढ़ाते बच्चों को, नियमित शहद का सेवन करना चाहिए। यह उनकी बुद्धि और हर तरह के विकास के लिए, कारगर साबित होगा। अगर इसका ऐसे ही सेवन किया जाए। तो इसका अलग तरह से असर होता है। वहीं अगर इसका सेवन, ठंडे पानी के साथ किया जाए। तो इसका असर अलग तरह से होता है।

       रक्त की बनावट को संतुलित रखना और रक्त को शुद्ध रखना। तो इससे किसी भी रूप में जरूर होंगा। बच्चों की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए, यह एक अद्भुत आहार माना गया है। शहद उन सबसे अच्छी चीजों में से एक है। जिनका सेवन आप कर सकते हैं। मानसिक स्थिरता, शारीरिक खुशहाली, जीवन शक्ति, इन सभी चीजों को, इसके प्रयोग से काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है।      शहद के औषधीय गुणों की बात की जाए। तो यह अनगिनत बीमारियों के इलाज में उपयोगी माना जाता है। यही कारण है कि प्राचीन काल से, शहद को औषधि माना गया है। आज के समय में लोग मुख्य रूप से त्वचा में निखार लाने, पाचन को ठीक रखने, इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने व वजन कम करने के लिए शहद का उपयोग करते हैं।

Shahad Ke Fayde

मधुमक्खी शहद कैसे बनाती है

   हम सभी को पता है कि मधुमक्खियां शहद बनाती है। दुनिया में 20,000 प्रकार की मक्खियां पाई जाती है। इनमें से केवल 4 प्रजातियां ही शहद बनाती है। जिनमें से मधुमक्खी एक है। इनके शहद बनाने की शुरुआत, फूलों को ढूंढने से होती है। वह उसी फूल पर बैठती हैं। जिनमें नेक्टर पाया जाता है। यह एक प्रकार का मीठा पानी होता है। जिसे मधुमक्खी अपनी जीभ के द्वारा चूसती हैं।

        जब यह नेक्टर मधुमक्खी के पेट में जाता है। तो उसका शरीर नेक्टर के पीले हिस्से को, दो भागों में बांट देता है। जिन्हें  ग्लूकोज और फ्रुक्टोज कहा जाता है। फिर ग्लूकोस का कुछ हिस्सा, एसिड में बदल जाता है। यह एसिड बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। यही कारण है कि शहद बिना खराब हुए, लंबे समय तक रह सकता है। जब नेक्टर से मधुमक्खी का पेट भर जाता है। तो वह वापस अपने छत्ते की ओर आ जाती है।

        जहां वह रानी मक्खी के मुंह में इकट्ठा किया नेक्टर डाल देती है। अब रानी मक्खी इस नेक्टर को चबाती है। ताकि ये गाढ़ा हो जाए। फिर रानी मक्खी, इसे अपने छत्ते की कोशिकाओं में डाल देती है। जो कि छोटे-छोटे जार जैसे होते हैं। शहद को सुरक्षित करने के लिए, रानी मधुमक्खी इसे मोम यानी wax से ढक देती है। इस प्रकार मधुमक्खी के शहद बनाने की प्रक्रिया पूरी होती है।

       शहद को लेकर, एक भ्रम समाज में व्याप्त है कि अगर शहद जम गया। तो यह नकली है। लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसा तब होता है। जब नेक्टर सरसों के फूलों से आता है। इसलिए यह जम जाता है। कभी-कभी सर्दियों में पूरा शहद या आधा हिस्सा जमा होता है। जिसे हम चीनी समझकर छोड़ देते हैं। लेकिन अगर नेक्टर सरसों के अलावा,  अन्य फूलों से इक्कट्ठा किया गया हो, तो ऐसा हो सकता है।

शहद क्या है - इसके औषधीय गुण

 शहद का प्रयोग सदियों से, औषधीय के रूप में किया जाता है। शुद्ध शहद स्वादिष्ट होने के साथ ही, पौष्टिक भी होता है। आयुर्वेद में शहद को अमृत के समान माना गया है। शहद को संस्कृत में मधु कहा जाता है। आचार्य ने सुश्रुत ने कहा है कि इसका स्वाद मीठा होता है। जो बाद में हल्के कसैले स्वाद का होता है। यह रुक्ष गुण वाला है। यानी शरीर में रूखापन उत्पन्न करता है।

      यह ठंडे स्वभाव वाला है। यह पचने में हल्का होता है। यह शरीर की चर्बी को कम करने वाला है। शहद का उपयोग करने से पहले इसमें पाए जाने वाले, अवयव को जानना जरूरी है। जो इस प्रकार हैं –

शहद में पाए जाने वाले अवयव

(100 ग्राम में)

रसायनिक सूत्र

C6H12O6

कैलोरीज

304

कोलेस्ट्रोल

0 g

कार्बोहाइड्रेट (ग्लूकोस व फ्रुक्टोज)

82 g

फाइबर

0.2 g

शर्करा

82 g

प्रोटीन

0.3 g

विटामिन्स

विटामिन C

विटामिन B6 नियासिन 

राइबोफ्लेविन

थाइमिन

विटामिन D

0.500 mg

0.0024 mg

0.121 mg

0.038 mg

0.024 mg

0.500 mg

खनिज तत्व

कैल्शियम 

आयरन

मैग्नीशियम

फास्फोरस

पोटेशियम

जिंक

कॉपर

मैग्नीज

सेलेनियम

6 mg

0.42 mg

2 mg

52 mg

52 mg

0.22 mg

0.045 mg

0.083 mg

0.005 mg

शहद में मौजूद एंजाइम 

डायस्टेस (एमाइलेज़) 

इनवर्टेज़ (अल्फा-ग्लूकोसिडेज़) 

ग्लूकोज ऑक्सीडेज़  

कैटालेज़ 

एसिड फॉस्फेट

असली शहद की पहचान

खाद्य पदार्थों की सुरक्षा व मानक तय करने के लिए, भारत सरकार ने Food Safety and Standard Authority of India (FSSAI) का गठन किया। इसके लिए अगर fssai चाहे, तो शहद का Nuclear Magnetic Resonance (NMR) टेस्ट करवा सकती है। लेकिन विडंबना यह है कि शहद का बाहरी देशों में निर्यात करने से पहले तो, यह टेस्ट करवाना अनिवार्य है। लेकिन अपने ही देश में बेचने के लिए, इस टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है।

        यही कारण है कि हमारे यहां नकली शहद का उत्पादन, दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इन सबसे बचने के लिए, आप शहद की शुद्धता का पता, घर पर ही लगा सकते हैं। इसको बहुत आसान तरीके से पता लगाया जा सकता है। इसके लिए आपको एक गिलास पानी में, एक चम्मच शहद डालना है। यदि यह शहद पूरी तरह से पानी में घुल जाता है। तो यह शक्कर के घोल से अधिक कुछ नहीं है।       यदि शहद पानी में न घुलकर, गिलास की तली में बढ़ जाता है। तो आपका शहद असली व शुद्ध है। शुद्धता का पता लगाने के लिए, दूसरा तरीका है कि आप 1 ईयर बड ले। इसे शहद में डुबोकर, आग लगाएं। यदि यह तुरंत जल जाती है। तो आपका शहद शुद्ध है। लेकिन नकली शहद होने पर, रूई जल्दी आग नहीं पड़ेगी। यह जलने में काफी समय लेगी।

शहद कब और कैसे खाना चाहिए

 आयुर्वेद के अनुसार, शहद गुणवाही होता है। जिसका अर्थ है कि इसे जिस चीज में मिला दो। ये वैसा ही बन जाता है। गुनगुना पानी कफ़ और वायु का नाश करता है। इसलिए अगर आप गुनगुने पानी में, सुबह खाली पेट शहद का सेवन करते हैं। तो यह कफ़ और मोटापे दोनों को कम करता है। ठंडा पानी हमारे एसिड या पित्त को कम करता है। इसलिए ठंडे पानी में, शहद मिलाकर पीने से, यह कफ को और भी ज्यादा कम कर देगा। 

       इसीलिए शहद को आयुर्वेद में गुणवाही कहा जाता है। इसीलिए आयुर्वेद की बहुत सी औषधियों को शहद मिलाकर, चाटने के लिए कहा जाता है। क्योंकि यह औषधि के गुणों को और बढ़ा देता है। शायद सभी स्थितियों और स्वभाव में समान रूप से उपयोगी होता है। शहद बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को सभी अवस्था में प्रयोग करवाया जा सकता है।

        यह सभी के लिए फायदेमंद होता है। बच्चों के लिए शहद की मात्रा 5 ग्राम होती है। युवाओं के लिए 10 ग्राम, पुरुषों के लिए 15 ग्राम और महिलाओं और बुजुर्गों के 20 ग्राम उचित है। इसका सेवन अधिकतर खाली पेट ही करना चाहिए। अगर आप गर्म पानी में मिलाकर पीते हैं। तो पानी अधिक गर्म नहीं होना चाहिए। इससे नुकसान हो सकता है।

शहद जहर कैसे बनता है

 शहद का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। लेकिन गलत तरीके से व गलत चीजों के साथ खाया गया शहद, जहर भी बन जाता है। अगर आप भी शहद का सेवन करते हैं। या करना चाहते हैं। तो आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि शहद जहर कैसे बन जाता है।

1. आयुर्वेद के अनुसार, कभी भी शहद और घी को एक साथ नहीं खाना चाहिए। यह दुनिया का सबसे खतरनाक जहर बन जाता है। 

2. शहद को किसी भी गर्म खाने की चीजों के साथ, सेवन नहीं करना चाहिए। ये जहर समान हो जाता है।

3. चाय या कॉफी में कभी भी शक्कर की जगह, शहद का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

4. तेल या मक्खन के साथ, शहद का सेवन करने से, यह जहर के समान हो जाता है।

5. शहद का सेवन मांस व मछली के साथ नहीं करना चाहिए। यह नुकसान पहुंचा सकता है।

6. शहद को चीनी के साथ मिलाना। मतलब अमृत में विष मिलाने के बराबर है।

7. शायद को कभी भी गर्म करके नहीं खाना चाहिए।

8. ज्यादा मात्रा में शहद खाना नुकसान दायक हो सकता है।

9. शहद और मूली का सेवन एक साथ नहीं करना चाहिए जब भी हम इसका इस्तेमाल करते हैं तो जिए टॉक्सिंस का को बनाता है जिसकी वजह से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है

10. बुखार होने पर शहद का सेवन करना। जहर के समान हो जाता है।

11. शहद को बारिश के पानी में, गरम मसालेदार भोजन के साथ, fermented पेय जैसे व्हिस्की, रम, ब्रांडी जैसे पेय पदार्थों के साथ कभी नहीं मिलाना चाहिए।

शहद के फायदे
Shahad Ke Fayde

शहद के औषधीय गुणों की बात की जाए। तो यह अनगिनत बीमारियों के इलाज में उपयोगी माना जाता है।

शहद के फायदे - मोटापा कम करने में

    शहद में कार्बोहाइड्रेट, जो ग्लूकोज और फ्रक्टोज़ के रूप में पाया जाता है। इसके अलावा, कुछ एंजाइम जैसे ग्लूकॉनिक एसिड और ग्लूकोस पर ऑक्साइड भी, हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स को जमने नही देते है। यानी अशुद्धियां या  टॉक्ससिन्स पदार्थ को, हमारे शरीर मे नही जमने नही देता। हमारे शरीर से बाहर निकाल देते हैं। 

        ग्लूकोस और फ्रक्टोज़ हमारे दिमाग को stimulate करता है। कि वह  एक ऐसा हार्मोन निकालें। जो शरीर में वसा को जमने न दें। इसलिए शहद खाने से वजन कम होता है। इसके लिए सुबह खाली पेट, एक गिलास गुनगुने पानी में, एक चम्मच शहद, आधा चम्मच आंवले का रस व अदरक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में वजन कम होने लगता है।

शहद के फायदे - खांसी में

    अगर आपकी खांसी कई दिनों से ठीक नहीं हो रही है। तो आपको शहद का इस्तेमाल करना चाहिए। यह खांसी से आराम दिलाने की, असरदार घरेलू दवा है। शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण को और बढ़ने से रोकते हैं। इसके साथ, यह कफ़ को पतला करती है। जिससे जिससे कफ़ आसानी से बाहर निकल जाता है। यह उन लोगों के लिए, विशेष रूप से फायदेमंद है। जो सूखी खांसी से परेशान रहते हैं। उन्हें शहद से ज्यादा आराम मिलता है। 

       अगर आप शहद में सितोपलादि चूर्ण की  2 ग्राम मात्रा मिलाकर चाटते हैं। तो यह खांसी के लिए, रामबाण औषधि साबित होगी। वहीं यदि बच्चों को सर्दी जुखाम हो गया है। तो उन्हें आधा चम्मच अदरक के रस में, एक चम्मच शहद मिलाकर, दिन में दो बार चटाए। इससे सर्दी जुखाम जैसी सभी समस्याओं से निजात मिलती है। यह  बच्चों के साथ, किसी भी उम्र के व्यक्ति को के लिए लाभकारी होता है।

शहद के फायदे - प्रेगनेंसी में

 शहद प्रेगनेंसी में भी फायदेमंद होता है। अक्सर लोग सोचते हैं कि क्या शहद का प्रयोग प्रेगनेंसी में खाने में किया जा सकता है। आप डॉक्टर की सलाह से शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जिसकी वजह से प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली, यूटीआई से बचा जा सकता है।

       इस पर की गई, कई रिसर्च में भी बताया गया है। कि प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली यूटीआई में, शहद को सुरक्षित और कारगर है। इसके साथ ही कम वजन की समस्या से गुजर रही, गर्भवतियों को भी अपनी डाइट में, शहद को शामिल करने की सलाह दी जाती है। प्रेगनेंसी में इसका सेवन करने से पहले, यह जरूर सुनिश्चित कर लेना चाहिए। कि आपका शहद पाश्चराइज्ड है या नहीं। 

शहद के फायदे - कब्ज की समस्या में

 शहद पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि शहद में एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल दोनों गुण होते हैं। जो हमारे  गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को सुरक्षित रखते हैं। यह भोजन के पाचन में बढ़ावा देते हैं। शहद के इस्तेमाल से बैक्टीरियल इनफेक्शन के कारण होने वाली, अपच और पेट दर्द की समस्या को कम करने में व पाचन को दुरुस्त रखने में मदद मिलती है।

       जिन्हें कब्ज़ की समस्या है। उन्हें दिन में दो बार शहद का सेवन करना चाहिए। ध्यान रखें कि यदि आपको डायबिटीज है। तो इसे लेने से परहेज करें। आप कब्ज के लिए, सुबह-शाम एक चम्मच शहद का प्रयोग कर सकते हैं। इससे आपके शरीर को, भोजन पचाने में सहायता होगी। इसके साथ ही आपका मोशन भी smooth रहेगा। शहद का प्रयोग एसिड रिफ्लक्स के लिए भी किया जा सकता है।

शहद के फायदे - एनीमिया में

   शहद खून बढ़ाने में मदद करता है। ब्लड में पाई जाने वाली, लाल रक्त कणिकाओं शरीर के विभिन्न भागों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है। शहद के सेवन से एनीमिया या खून की कमी में फायदा होता है। शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से, रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) की counting में असर पड़ता है। 

       शहद और गुनगुने पानी का मिक्चर खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा भी बढ़ाता है। कीमोथेरेपी की स्थिति में, शहद हमारी  श्वेत रक्त कणिकाओं (WBC) की counting को कम होने से रोकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि कीमोथेरेपी के दौरान, कम WBCs की संख्या में वाले मरीजों को, रोजाना दो चम्मच शहद पिलाया गया। इसे पीने के बाद, यह समस्या दोबारा नहीं हुई।

शहद के फायदे - मांसपेशियों के दर्द में

  आपने अक्सर यह महसूस किया होगा। जब आप तनाव में होते हैं। तो आपके शरीर में अजीब सा, भारीपन महसूस होता है। इसी के साथ काम की वजह से या अन्य कारणों से, कई घंटों तक लगातार बैठने के कारण।  मांसपेशियों में जकड़न की समस्या का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं को दूर करने में, शहद की अहम भूमिका होती है।

      क्योंकि शहद में नेचुरल ग्लूकोस और फ्रक्टोज़ होता है। यह ग्लूकोस शरीर में पहुंचते ही, तुरंत थकान दूर करता है। वही फ्रक्टोज़ के अवशोषण करने की प्रक्रिया धीमी होती है। इसलिए यह शरीर में धीरे-धीरे घुलता रहता है। जो लंबे समय तक शरीर को लगातार एनर्जी देता है।

शहद और लहसुन के फायदे

 शहद और लहसुन दोनों में ही एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते है। लहसुन में एलीसिन और फाइबर होने के कारण बहुत से पोषक तत्व  देता है। शहद भी एंटीबायोटिक की तरह काम करता है। यह शरीर को डिटॉक्स करके, हर तरह के इंफेक्शन को भी खत्म कर सकता हैं। शहद में डूबे हुए लहसुन के सेवन से आप बहुत सी बीमारियों से बच सकते हैं।

1. गले की खराश में लाभकारी – गले में होने वाली खराश, लहसुन और शहद के सेवन से दूर होती है। क्योंकि इसमें anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं। जिसके कारण आपको गले की सूजन और खराश में फायदा होता है।

2. डायरिया से बचाने में मददगार – अगर आपको बार-बार डायरिया की समस्या होती है। तो लहसुन का पेस्ट और शहद का सेवन, आपके लिए लाभकारी होगा। इससे आपका पाचन तंत्र ठीक रहेगा। जिसकी वजह से, पेट से संबंधित कोई भी संक्रमण नहीं होगा।

3. शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक – इसको खाने से शरीर की के सारे टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं। इससे प्राकृतिक डिटॉक्स कहा जाता है। जिसके कारण आप सेहतमंद रहते हैं। इसमें मौजूद फास्फोरस से, दांत मजबूत होते हैं। साथ ही दांतो से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। इन दोनों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, कैंसर से भी रक्षा करता हैं।

4. हृदय के लिए फायदेमंद – लहसुन और शहद के पेस्ट का सेवन करने से आपके धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल बाहर निकल जाता है जिसके कारण रक्त परिसंचरण ठीक से होने लगता है जो हमारे हृदय के लिए फायदेमंद है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है। तो गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके कारण आपकी  इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।

5. यौन क्षमता बढ़ाने में सहायक – अगर आप सुबह खाली पेट लहसुन और शहद के पेस्ट को खाते हैं। तो आपकी यौन क्षमता में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त यह पीरियड में होने वाली समस्याओं को भी दूर करता है।

 

Disclaimer 

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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