टाइफाइड में परहेज | टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज | टाइफाइड कितने दिन तक रहता है

टाइफाइड में परहेज – कितने दिन तक रहता है, जड़ से खत्म करने का इलाज, छूने से फैलता है, नहाना चाहिए या नहीं, चाय पीना चाहिए या नहीं, दूध पीना चाहिए या नहीं, चावल खाना चाहिए या नहीं।

मौसम के बदलते ही बहुत सारी बीमारियां हमें घेरने लगती है। वही बारिश के शुरू होते ही, बहुत सारे बैक्टीरियल इनफेक्शन, अपना पर पाँव पसारने लगते हैं। दूषित पानी व दूषित खाने से, बहुत सारी परेशानियां आती हैं। जिनमें टाइफाइड की समस्या सबसे गम्भीर है। इसलिए गर्मियों के बाद, बारिश होने पर टाइफाइड के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

दरअसल दूषित पानी और खराब खाने के जरिए, इसका बैक्टीरिया हमारी आंतों तक पहुंचता है। जहां यह एक से तीन हफ्ते तक चुपचाप पड़ा रहता है। फिर यह आँतो की दीवारों के जरिए, हमारे रक्त में प्रवेश करता है। इसके बाद पूरे शरीर में इसका संक्रमण फैल जाता है। एक बार अगर टाइफाइड का बुखार, किसी को हो गया। तो वह जीवनभर इससे उभर नहीं पाता है।

अक्सर देखा जाता है कि जिन बच्चों को बचपन में टाइफाइड हो गया। उनकी जीवनभर सेहत अच्छी नहीं हो पाती।  क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, एकदम कम हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि शरीर को, इस तरह के बैक्टीरिया के हमले से बचाया जाए। किसी भी तरह का लक्षण दिखते ही, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। इसके साथ ही उचित रूप से, इसका निवारण भी किया जाए। क्या आप जानना चाहेंगे : टाइफाइड के लक्षण। टाइफाइड के नुकसान। टाइफाइड बार-बार क्यों होता है।

टाइफाइड में परहेज

टाइफाइड छूने से फैलता है

टाइफाइड वास्तव में संक्रमित बुखार है, जो साल्मोनेला टाइफी (Salmonella Typhi) नामक बैक्टीरिया के द्वारा फैलता है। यह  संक्रमित व्यक्ति के मल या मूत्र से, हमारे भोज्य पदार्थ व पानी में पहुंचता है। जब इस खाने या पानी का प्रयोग, कोई सामान्य व्यक्ति करता है। तब यह उसके शरीर में भी प्रवेश कर जाता है।

यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है। क्योंकि इसका बैक्टीरिया हमारे मल के द्वारा लगातार निकलता रहता है। ऐसा भी हो सकता है कि इसका बैक्टीरिया ठीक होने के बाद भी, सालों तक निकलता रहे। इसका बैक्टीरिया हमारे इंटेस्टाइन में रह जाता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति मल त्याग के बाद, हाथों को अच्छे नहीं धोता है।

तो एक संभावना यह भी हो सकती है कि उस व्यक्ति को दोबारा से, टाइफाइड हो जाए। या फिर जब वह किसी भी खाने-पीने  चीजों या पानी को छूता है। तो इसका संक्रमण उसके द्वारा अन्य में पहुंच जाता है। इसलिए बाहर की चीजों को खाने से बचना चाहिए। विशेष रूप से जहां साफ सफाई न हो, उसे अवॉइड करना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेत हार्ट अटैक क्यों आता हैं। इसकी विस्तृत जानकारी।

टाइफाइड कितने दिन तक रहता है

टाइफाइड आँतों का एक संक्रमण है। जब कोई व्यक्ति इसके बैक्टीरिया के संपर्क में आता है। तो इसके संपर्क में आने के 1 से 2 सप्ताह के बाद, टाइफाइड के लक्षण दिखना शुरू होते हैं। इसका सबसे आम लक्षण, तेज बुखार का होना होता है। इसका बुखार 104°F के आसपास ही रहता है। अगर टाइफाइड के लक्षण नजर आते ही, इसका उचित इलाज शुरू कर दिया जाए।

तो इसका बुखार 3 से 5 दिनों के बाद, धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसकी मियाद 3 से 4 सप्ताह तक की हो सकती है। अगर इसका समय पर इलाज न करवाया जाए। तो यह कुछ महीनो तक भी रह सकता है। उचित इलाज के बगैर, टाइफाइड गंभीर भी हो सकता है। जो अन्य गंभीर समस्या भी पैदा कर सकता है। टाइफाइड के लक्षण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर किसी को भी इसके लक्षण नजर आते हैं। तो उसको बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

इसके लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वरन यह गंभीर रूप ले लेता है। इसके लिए जरूरी है कि टाइफाइड ठीक होने के बाद भी, आपको इसका टेस्ट करवा लेना चाहिए। इसका टेस्ट को Widal test कहा जाता है। इस टेस्ट से पता चलता है कि टाइफाइड पॉजिटिव है, या नेगेटिव। जब तक इसके बैक्टीरिया आपकी आँतों से पूर्ण रूप से खत्म नहीं हो जाते। तब तक डॉक्टर के सलाह पर टाइफाइड के कोर्स पूरा करना चाहिए। इसे बीच में छोड़ना, खतरनाक हो सकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करे। हाई ब्लड प्रेशर में क्या नही खाना चाहिए और क्या नही।

टाइफाइड में परहेज

किसी भी रोग के लिए, अगर हम पहले से एतिहात व रोकथाम रखे। तो बीमार होने के खतरे से बच सकते हैं। इसलिए जरूरी है, कि हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। खास तौर पर टाइफाइड जैसे गम्भीर रोग में, तो कुछ परहेज रखना ही चाहिए।

1. दूषित खाना व दूषित पानी पीने से बचना चाहिए।

2. बाहर की किसी भी चीज को खाने से बचना चाहिए, जो खुले में बिकती हो।

3. टाइफाइड के रोगियों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

4. मल त्याग के बाद हाथों को अच्छे से धोना चाहिए।

5. कुछ भी खाने से पहले, किसी अच्छे हैंडवॉश या मेडिकेटेड साबुन का प्रयोग करना चाहिए।

6. अपने आप से किसी भी बच्चे या बड़े को एंटीबायोटिक नहीं देनी चाहिए। क्योंकि टाइफाइड की एंटीबायोटिक का कोर्स 14 दिन होता है।

7. टाइफाइड होने पर, यदि आप 14 दिन से कम एंटीबायोटिक लेते है। तो वह बच्चों के गॉलब्लैडर और आँतों पर जाकर बैठ जाता है। फिर भविष्य में बार-बार टाइफाइड बुखार होता रहेगा।

8. किसी भी तेज बुखार की तरीके से, बच्चों या बड़ो को डिहाइड्रेशन नहीं होने देना है। उनका उचित खान-पान तथा पानी सुचारु रूप से देना चाहिए। जिसमें कभी वह डिहाइड्रेटेड न हो।

इन सभी सावधानियां के साथ ही, रोगी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। इस पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : पुरुषों के लिए अंजीर लाभ। महिलाओं के लिए अंजीर के फायदे दूध में अंजीर खाने के फायदे। इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व व साइड इफेक्ट के बारे में।

टाइफाइड में क्या खाना चाहिए

टाइफाइड को वैसे तो दवाओं से ठीक किया जा सकता है। लेकिन आप अपनी डाइट में परिवर्तन करके, इसके कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं। टायफाइड फीवर में आपको किन चीजों का सेवन करना चाहिए। यह जानते हैं-

1. टाइफाइड हमारे पाचन को कमजोर कर देता है। ऐसे में हमें बिल्कुल हल्का खाना खाना चाहिए।

2. उबली सब्जियों का अधिक सेवन करें। क्योंकि यह सुपाच्य होती है, जो आसानी से पच जाती हैं। इनमें आप लौकी, तरोई, टिंडा, का उपयोग कर सकते है।

3. सब्जियों के सूप भी सेवन कर सकते हैं। यह भी आसानी से बच जाते हैं। इनमें गाजर, चुक्कन्दर, पालक का प्रयोग कर सकते है।

4. मूंग की दाल का सूप यानी इसका पानी भी पिया जा सकता है।

5. मूंग दाल की खिचड़ी खानी चाहिए। इसमें तीन हिस्सा मूंग दाल और एक हिस्सा चावल होना चाहिए।

6. मौसमी फलों का छिलका उतार कर सेवन करना चाहिए। पपीता, केला, चीकू, सेब, मौसमी व संतरे को आप खा सकते हैं।

7. ताजे फलों का रस घर पर निकालकर ले सकते हैं।

8. पानी का अधिक सेवन करना चाहिए। ताकि आपका शरीर डिहाइड्रेटेड न हो। ऐसे में आपको उबालकर ही पानी का प्रयोग करना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : हल्दी के फायदे। हल्दी दूध के फायदे दूध में हल्दी के नुकसान।

टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए

टाइफाइड होने पर व्यक्ति को बैक्टीरियल इनफेक्शन तो होता ही है। जिसके कारण उसके शरीर में कमजोरी आ जाती है। इसके साथ ही डिहाईड्रेशन भी होता है। यह आंतों का संक्रमण इतना अधिक बढ़ जाता है, कि आँतों को कमजोर कर देता है। वह इतनी सक्षम नहीं होती कि हर चीज को पचा सके। इसलिए हमें ऐसा खाध्य पदार्थ नहीं देना चाहिए, जो सुपाच्य न हो।

1. आपको कैफीन युक्त चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

2. रिफाइंड, घी, तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यानी अधिक तली-भुनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

3. प्रोसैस्ड फूड जैसे समोसा, चाउमीन, बर्गर, पिज़्ज़ा आदि का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इनको डाइजेस्ट करने में आँतो को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

4. मक्का, बाजरा, चना व बेसन का प्रयोग  नहीं करना चाहिए।

5. सब्जियों में कटहल, शकरकंद, अरबी, बैंगन आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

6. अधिक मसाले खासतौर पर लाल मिर्च या किसी भी प्रकार की खटाई व स्वास का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

7. अधिक फाइबर वाली चीजों को खाने से बचें। क्योंकि फाइबर पचाने में तो सहायक  होता है। लेकिन खुद बहुत समय तक आँतों में पड़ा रहता है। हमारी आंते ऐसे में, उचित रूप से काम नहीं कर रही होती है। इसलिए इसे अवॉयड ही करना चाहिए।

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज

किसी को भी टाइफाइड होने पर, इसका उचित व पूर्ण इलाज करना जरूरी होता है। वरना समय के साथ, इसके पुनः होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए टाइफाइड को गंभीरता से लेने की जरूरत है। एलोपैथ में इसका एक निश्चित कोर्स होता है। जिसे पूरा करना जरूरी है। इसके साथ ही आप कुछ घरेलू तरीकों को भी अपना सकते हैं। जो टाइफाइड के लिए, कारगर साबित होते हैं।

1. टाइफाइड के लिए यह एक प्रमाणित औषधि है। इसका प्रयोग करने से निश्चित ही टाइफाइड को जड़ से भगाया जा सकता है। इसके लिए खूबकला 2 से 3 ग्राम, मुनक्का 7 से 8 तथा 3 अंजीर को लेना है। इन तीनों को एक कप पानी मे तब तक उबाले। जब तक यह ¾ न रह जाये। अब इसे दिन में तीन बार पिलाना चाहिए।

यह खूबकला किसी भी पंसारी के यहां मिल जाता है। इसके दाने राई के तरह होते हैं। इसको इसको पिलाने से, भूख में वृद्धि होगी। इसके साथ ही पहले ही दिन से बुखार में भी कमी आएगी। 7 दिनों में टाइफाइड पूर्ण रूप से ठीक हो जाएगा। लेकिन इसका प्रयोग, ठीक होने के बाद, कम से कम 15 दिन तक करना चाहिए।

2. टाइफाइड होने पर आपको किसी भी चिकित्सक के परामर्श पर, इसका पूरा कोर्स करना चाहिए। यह आवश्यक है कि जब तक टाइफाइड के बैक्टीरिया जड़ से खत्म न हो। तक तक इसका इलाज जारी रखें। इसके साथ ही, आप कुछ घरेलू तरीका भी अपना सकते हैं। जिसमें एक चम्मच पिसा धनिया लेना है। इसमें एक चुटकी नमक जैतून को, दो गिलास पानी में मिलाकर, रोज पिलाये। इसे सिर्फ दिन में एक बार लेना है। बाकी  चिकित्सक द्वारा दी गई, दवाइयां का प्रयोग नियमित करते रहें।

3. टाइफाइड को जड़ से खत्म करने के लिए, आपको सात तुलसी के पत्ते लेने हैं। इनका रस निकाल ले। अब इसमें एक चुटकी काली मिर्च का पाउडर मिला ले। फिर इसे दिन में दो बार लेना है। हर बार ताजे रस का प्रयोग करें। अगर आपका टाइफाइड ज्यादा पुराना नहीं है। तो इसे आपको 15 दिनों तक लगातार लेना चाहिए। यह बिल्कुल खत्म हो जाएगा।

अगर आपको लंबे समय से यह बीमारी है। तो आपको इसे लगातार 1 महीने तक नियमित लेना चाहिए। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। लेकिन हर बार, इस प्रयोग को बंद करने के बाद, टाइफाइड की जांच अवश्य करवाए। ताकि निश्चित हो सके, कि ये जड़ से खत्म हो गया है। अन्यथा इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है।

FAQ: 

प्र०  टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं।

उ० टाइफाइड होने पर डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में आपको अधिक से अधिक तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए। आप हर्बल टी का प्रयोग कर सकते हैं। दूध वाली चाय पीने से बचना चाहिए। क्योंकि यह आपके दस्त व गैस की समस्या को बढ़ा सकता है।

प्र० टाइफाइड में नहाना चाहिए या नहीं।

उ० टाइफाइड का बुखार अगर बहुत तेज है। तो नहाने से बचना चाहिए। टाइफाइड के बुखार में दवा लेने के तुरंत बाद भी नहाने से बचना चाहिए। वैसे तो टाइफाइड के मरीज को साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। टाइफाइड के बुखार में, शरीर में पसीना आने से, त्वचा के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। जिनके कारण अनेकों समस्याएं पैदा हो जाती हैं। जिसमें शरीर पर लाल चकत्ते या दाने होना हो सकते हैं। ऐसे में रोगी के शरीर को गीली तौलिया से स्पंज करना चाहिए।

प्र० टाइफाइड में दूध पीना चाहिए या नहीं।

उ० टाइफाइड के बुखार में दूध नहीं पीना चाहिए। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस दौरान रोगी के आंते संक्रमित व कमजोर होती है। जिसके कारण डायरिया व दस्त की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में दूध पचने में दिक्कत कर सकता है। इसलिए दूध पीने से बचना चाहिए। डॉक्टर के सलाह पर, आप  पाश्चराइज दूध का सेवन कर सकते हैं।

प्र० टाइफाइड में चावल खाना चाहिए या नहीं

उ० टाइफाइड हो जाने पर हमें न्यूट्रीशन की जरूरत होती है। हमें कार्बोहाइड्रेट व एनर्जी की जरूरत होती है। यह कार्बोहाइड्रेट हमें चावल से पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। इसलिए चावल को खाली न खाकर, मूंग  दाल की खिचड़ी बनाकर खाना चाहिए। खिचड़ी के द्वारा हमें प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट मिलता है। 
यह हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। जिससे बीमारी से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। हमें कमजोरी का एहसास नहीं होता है। डॉक्टर अक्सर बुखार होने पर चावल खाने से मना करते हैं। यह उनको मना किया जाता है जिनमें बुखार के साथ सर्दी, जुकाम व अधिक कफ बनने की समस्या रहती है। 

प्र० टाइफाइड छूने से फैलता है।

उ० टाइफाइड एक संक्रमित बीमारी है। यह छूने से भी फैल सकती है। क्योंकि टाइफाइड से संक्रमित व्यक्ति, अगर हाइजीन का पूरा ख्याल नहीं रखता है। वह अपने हाथों को अच्छे से नहीं धोता है। तो टाइफाइड का संक्रमण, किसी स्वस्थ व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकता है।

प्र० टाइफाइड में अनार खाना चाहिए या नहीं।

उ० अनार में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। इसलिए टाइफाइड में अनार खाना फायदेमंद होता है। आप ताज बना, अनार का जूस भी ले सकते हैं। इससे आपके शरीर में पानी की कमी की भी पूर्ति होती रहेगी। अनार में पाए जाने वाला फाइबर भी घुलनशील होता है। जिसे आसानी से, हमारा शरीर आसानी से पचा लेता है। अनार का सीधे प्रयोग ना करके इसका जूस लेना अधिक फायदेमंद होता है।

प्र० टाइफाइड में अंडा खाना चाहिए या नहीं।

उ० अंडा सेमी सॉलि़ड खाद्य पदार्थ की श्रेणी में आता है। इसको आप टायफाइड फीवर में ले तो सकते हैं। लेकिन शुरुआत में, आपको अंडे खाने से बचना चाहिए। जब यह फीवर ठीक होने लगे। आपको उचित रूप से भूख लगने लगे। तब आप इसे ले सकते हैं।
अगर आप शुरुआत में ही अंडे या अन्य मांसाहारी चीजों का प्रयोग शुरू कर देते हैं। तो इनको पचाने के लिए, हमारे पेट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए शुरुआत के 10 से 15 दिन, इन सब चीजों को अवॉइड करना चाहिए।

Disclaimer      
लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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