थायराइड क्या है – थायराइड के मरीज को कभी नही करनी चाहिए ये 7 चीजें

थायराइड क्या है – क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, चाय पीना चाहिए कि नहीं, गुड़ खाना चाहिए या नहीं, गर्म पानी पीना चाहिए या नहीं, चावल खाना चाहिए या नहीं, कभी नहीं करनी चाहिए ये 7 चीजें।

क्या आपको कुछ दिनों से लगता है। कि आपका वजन बढ़ गया है या फिर घट गया है। आपको काम करने में आलस बना रहता है। आपको महसूस होता है कि शरीर में सूजन आ गई है। अगर ऐसा कुछ भी आपको महसूस होता है। तो आप थायराइड  डिसऑर्डर से ग्रसित हो सकते हैं। हम सभी में से हर दसवां इंसान, थायराइड की समस्या का सामना करता है।

जिसमें पुरुषों की तुलना में, यह बीमारी महिलाओं में 8 गुना ज्यादा होती है। आजकल के समय में, जहाँ हमारी लाइफस्टाइल और खानपान अधिक बिगड़ता जा रहा है। जिसके कारण लोगों को health से संबंधित बहुत सारी समस्याएं होती हैं। इन्हीं में से एक बीमारी है, जिसे हम थायराइड कहते हैं। थायराइड की समस्या महिलाओं को ज्यादा इफेक्ट करती है। 

आज की पीढ़ी से पहले थायराइड जैसी समस्या, कभी सुनने को नही मिलती थी। इस सब समस्या के बढ़ने का कारण, हमारा लाइफस्टाइल और खाने-पीने की चीजों में बदलाव का होना है। हम पहले की अपेक्षा आज प्रोसैस्ड और पैकेज्ड फूड पर निर्भर होते जा रहे हैं।

ये ऐसी बीमारियों को जन्म देने की वजह बनती जा रही हैं। तो जानते हैं कि कैसे और किनके इस्तेमाल से हमें बचना चाहिए। ताकि हम एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करें। क्या आप जानना चाहेंगे : थायराइड क्यों होता है। इसके कारण, लक्षण, घर पर टेस्ट करने का तरीका, घरेलू उपाय।

थायराइड क्या है

थायराइड क्या है

हमारे शरीर में थायराइड, एक प्रकार की ग्रंथि (gland) होती है। जो कि हमारे गर्दन के नीचे बीचोबीच में, एक बटरफ्लाई के आकार की होती है। इस ग्रंथि का काम मुख्यता थायरोक्सिन हार्मोन को बनाना होता है। ये हार्मोन, हमारे खून तक पहुंचता है। जिससे हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म  नियंत्रित रहता है। अर्थात हम जो भोजन खाते हैं। उसे यह ऊर्जा में परिवर्तित करने का काम करता है।

इसके साथ-साथ, यह हमारे पाचन प्रणाली को भी नियंत्रित करता है। हमारे शरीर की एनर्जी को नियंत्रित करता है। शरीर में होने वाले प्रोटीन के उत्पादन को भी नियंत्रित करता है। हमारी थायराइड ग्रंथि दो प्रकार के हार्मोन बनाती है। जिनमें पहला Triiodothyronine (T3) होता है।  दूसरी थायरोक्सिन होती है।

जब थायराइड ग्रंथि से निकलने वाले, ये दोनों हारमोंस असंतुलित हो जाते हैं।  हमारी थायराइड ग्रंथि, इन हार्मोन को सही से नहीं बना पाती है। यानी ये कभी जरूरत से ज्यादा और कभी जरूरत से कम बनाती है। तो इसी कारण, हमारे शरीर में थायराइड की बीमारी हो जाती है। यह बीमारी अक्सर पुरुषों के बजाय, महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। क्या आप जानना चाहेंगे :  थायराइड का रामबाण इलाजथायराइड के लक्षण – महिलाओं में थायराइड के लक्षण व कारण।

थायराइड के मरीज को कभी नहीं करनी चाहिए ये 7 चीजें

क्या आप अपने आपको थायराइड की बीमारी से बचाना चाहते हैं। क्या आपके परिवार में कोई ऐसा सदस्य, जिसे थायराइड की बीमारी है। थायराइड की बीमारी मुख्यता दो factors पर निर्भर करती है। जिनमें पहला genetic होता है। यानी आपके परिवार से, जो जींस आपको मिले हैं। वह genetic factors कहलाता है। हम इसे change नहीं कर सकते।

दूसरा environmental factors होता है। यानी हमारे आसपास का पर्यावरण जो हमारी जीवन शैली में कुछ बदलाव करते हैं। तो आप इन पर ध्यान देकर, अपने आप को थायराइड की बीमारी होने से बचा सकते हैं। ज्यादातर यह बीमारी इन दोनों इन factors के combination पर निर्भर करती है। अगर यह दोनों factors बहुत ज्यादा बढ़ जाते है। तो थायराइड की बीमारी बहुत तेजी से होती है।

अगर आपको थायराइड की समस्या है। तो अपने जीवन शैली में बदलाव करके, इसे कम कर सकते हैं। जिससे आप आगे होने वाले complications से भी बचा सकते हैं। इसलिए इन 7 बिंदुओं पर ध्यान देना जरूरी है।

1.फ्लोराइड के इस्तेमाल से बचे- आजकल बाजार में जो भी toothpaste उपलब्ध है। उनमें फ्लोराइड बहुत अधिक मात्रा में मिला होता है। लेकिन यह फ्लोराइड हमारे दांतो के साथ-साथ, हमारे शरीर और खासतौर पर थायराइड के लिए बहुत हानिकारक है। यह फ्लोराइड, हमारे शरीर में absorb हो जाता है। जोकि यह बहुत सालों तक, हमारे शरीर में इकट्ठा होता रहता है।

थायराइड ग्रंथि के अंदर जो हार्मोन बनाने की प्रक्रिया होती है। उसमें बहुत अच्छी मात्रा में enzymes की जरूरत होती है। यह फ्लोराइड, उन enzymes के प्रोटीन का, chemical structure को बदल देता है। इसकी वजह से ऑटोइम्यून वाली बीमारियां होने लगती हैं। साधारण भाषा में कह सकते हैं कि फ्लोराइड हमारे शरीर की, थायराइड कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। क्या आप जानना चाहेंगे : माइग्रेन रोग क्या हैमाइग्रेन के कारण लक्षण और घरेलू उपाय।

2. रेडिएशन एक्सपोज़र से बचे- रेडिएशन एक तरीके से एक्स-रे किरण होती हैं। थायराइड ग्रंथि पर, यदि एक्स-रे का रेडिएशन पड़ता है। तो इसमें गड़बड़ी होना शुरू हो सकती है। जब भी आप कोई एक्स-रे करवाते हैं तो वहां पर रेडिएशन होता है जैसे दाँतो व छाती का एक्स-रे MRI स्कैन करवाने आदि में रेडिएशन एक्स्पोज़र होता है।

अगर आपको एक्स-रे निकलवाना जरूरी है। तो एक्स-रे technician से request करें कि वह आपको थायराइड  शील्ड या थायराइड कॉलर का बेल्ट दें। इस बेल्ट के अंदर एक लेट वाला मैटर होता है। जिसे आपको गले में पहनकर, एक्स-रे करवाना चाहिए। यह आपके थायराइड ग्रंथि पर आने वाले रेडिएशन से बचाएगा।

3. भूख मिटाने वाले खाद्य पदार्थों से बचें- जब भी लोगों को मोटापा आता है। तो वह वजन कम करने वाले उपाय करने लगते हैं। कभी-कभी इन प्रयासों के अंतर्गत, वो खाना बंद कर देते हैं। इस प्रकार की डाइट को, Starvation Diet कहा जाता है। साधारणतया महिला व पुरुष के अनुसार, 1200 से 2000 कैलोरी की जरूरत होती है। अगर आप उससे ज्यादा कैलोरी लेते हैं। तो मोटापा होता है।

लेकिन बहुत से लोग, मोटापे को कम करने के लिए, कैलोरी कम consume  करते हैं। इस प्रकार की diet लेने पर, इसके विपरीत असर आपके थायराइड पर आते हैं। कई रिसर्च में पाया गया है कि जब आपका शरीर starvation mode में होता है। तब आपके शरीर में T3 हार्मोन की मात्रा 50% तक कम हो जाती है।

वही reverse T3 हार्मोन की मात्रा 50% तक बढ़ जाती है। Starvation mode में कोर्टिसोल हार्मोन का प्रभाव बढ़ जाता है। जो एक स्ट्रेस हार्मोन होता है। जिसके कारण थायराइड हार्मोन के ऊपर, विपरीत असर आना शुरू हो जाते हैं। इसलिए आप अपने आपको starvation  वाली डाइट से बचाएं। इसके कारण महिलाओं के, मासिक धर्म में भी गड़बड़ी हो सकती है। विटामिंस की भी deficiency हो सकती है।

4. सोया प्रोडक्ट्स से बचें- सोयाबीन से बने प्रोडक्ट, लोगों की स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है। लेकिन थायराइड के मामले में, इसके कुछ नेगेटिव परिणाम देखने को मिलते हैं। सोया प्रोडक्ट्स में एक खास प्रकार का केमिकल पाया जाता है। जिससे isoflavones कहा जाता है। यह isoflavones कभी-कभी थायराइड ग्रंथि के कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है।

बहुत से लोग सोया प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं। जैसे सोया मिल्क, इससे बनने वाला दही, इससे बनने वाला पनीर, जिसे टोफू कहा जाता है। ऐसे बहुत सारे खाद्य पदार्थ सोया से बनते हैं। चाइनीस फूड में प्रयोग होने वाला, सोया सॉस। अगर आप यह सभी खाद्य पदार्थ, बहुत ज्यादा मात्रा में consume करते हैं। तो आपके थायराइड की समस्या के ऊपर, इसका बुरा असर पड़ता है।

अगर आप थायराइड की गोली खा रहे हैं। उसके ऊपर सोया प्रोडक्ट खाते हैं। तो आपके शरीर पर, थायराइड की गोली की सही पावर absorb नहीं होती। अगर आप थायराइड की समस्या से बचना चाहते हैं। तो सोया प्रोडक्ट से, जितना हो सके। दूरी बनाकर रखें। कभी-कभार आप इसे ले सकते हैं। लेकिन कोशिश करें कि इससे दूर ही रहें। क्या आप जानना चाहेंगे : हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेतहार्ट अटैक क्यों आता हैं। इसकी विस्तृत जानकारी।

5. पर्क्लोरेट्स (Perchlorates) से बचे- Perchlorates एक प्रकार का केमिकल होता है। इसका न तो कोई रंग होता है। न कोई सुगंध, न ही इसका कोई स्वाद होता है। जिसकी वजह से, ये काफी आसानी से खाद्य पदार्थों में घुल मिल जाता है। वही सबसे ज्यादा मात्रा में Perchlorates हमारे पानी के अंदर पाया जाता है।

इसके गुणों के कारण, हम इसे पानी में आसानी से पहचान नहीं पाते है। जब हम यह पानी पीते हैं। तो यह Perchlorates वाला केमिकल, हमारी हेल्थ को बिगड़ता है। जो हमें थायराइड की बीमारी के काफी पास ले जाता है। इसलिए अपने पानी के  स्रोत को जानिए। कि कहीं इसमें Perchlorates तो नहीं मिला है।

6. एयर फ्रेशनर्स से बचें- एयर फ्रेशनर्स के अंदर भी, कुछ ऐसे केमिकल पाए जाते हैं। जो आपके थायराइड की समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसलिए आप एयर फ्रेशनर्स की जगह, essential oil का प्रयोग कर सकते है। जो नेचुरल होता है। ज्यादातर यह फूल और पौधों से मिलते हैं। यह प्राकृतिक तरीके हैं। जिससे आप अपने आसपास के  वातावरण को, सुगंधित रख सकते हैं।

इसलिए आपको एयर फ्रेशनर से बचना चाहिए। विशेष रुप से जो closed environment होते हैं। जैसे बाथरूम, गाड़ी आदि में इसे इस्तेमाल न करें। इससे आप ज्यादा मात्रा में, सांसो में लेते हैं। आप इसे जितना ज्यादा अपने inhalation में  लेंगे। उतना ही आपकी थायराइड की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए इससे भी आप दूरी बनाए रखें।

7. सीलियक रोग से बचें- पहले आप Celiac disease की जांच करवाइए। अगर जाँच positive है। तो इससे बचे। Celiac disease एक ऑटोइम्यून वाली हेल्थ समस्या है। यह समस्या आपके आंतों में होती है। जिन लोगों को यह रोग होता है। उनमें 3 गुना ज्यादा, थायराइड के होने की संभावना होती है। थायराइड और सिलियक डिजीज, दोनों ऑटोइम्यून स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।

जिनके अंदर एक ऑटोइम्यून हेल्थ समस्या होती है। उनमें दूसरी ऑटोइम्यून समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। हमारी आँतो में, सबसे ज्यादा इम्यून सिस्टम पाया जाता है। अगर हमारे आँतो की हेल्थ अच्छी नहीं होगी। तो हमें immune system से होने वाली बीमारियां हो सकती है। सिलियक डिजीज के रोगियों को, ग्लूटेन नामक प्रोटीन, अच्छी तरीके से डाइजेस्ट नहीं होता।

यह ग्लूटेन गेहूं, रागी, बाजरा, सूची, मैदा, बेकरी आइटम, पास्ता आदि सभी में ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। जब भी रोगी ग्लूटेन प्रोटीन वाली चीजें खाते हैं। तब क्योंकि उनका शरीर, इसे digest नहीं कर पाता। इसलिए उनकी intestine में अंदरूनी सूजन आ जाती है। जब यह सूजन ज्यादा मात्रा में बढ़ती जाती है। तो यह  ऑटोइम्यून की बीमारियों को जन्म देती है।

जिनमें थायराइड रोग, इसमें से एक होता है। अगर आप आपको लगता है कि आपको सिलियक डिजीज है। तो किसी डॉक्टर की सलाह से, पहले इसकी स्क्रीनिंग  करवाएं। अगर यह बीमारी सामने आती है। तो बहुत आसान है कि आप ग्लूटेन प्रोटीन  बंद कर दीजिए। इसकी जगह बहुत सारे alternative खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं। उनका सेवन करिए।

आप जितना ज्यादा ग्लूटेन प्रोटीन से बचेंगे। आप उतना ही ज्यादा अपने रोग को बढ़ने से रोक सकते हैं। साथ ही इसको खत्म भी कर सकते हैं। अगर आपको  सिलियक डिजीज न भी हो। तो भी थायराइड में लाभ के लिए, आप कम से कम ग्लूटेन प्रोटीन का प्रयोग करें। क्या आप जानना चाहेंगे : हल्दी के फायदे। हल्दी दूध के फायदेदूध में हल्दी के नुकसान।

थायराइड में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

थायराइड के मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। इस बात को लेकर, अक्सर हमारे दिमाग में, अनेक प्रकार की भ्रांतियां होती है। जिसे जानना हमारे लिए इसलिए भी जरूरी हो जाता है। ताकि हम दवा के साथ-साथ, इन बातों पर भी ध्यान दें। तो किसी भी रोग से आसानी से निपटा जा सकता है।

हम जहां एक ओर, अपनी बीमारी को लेकर गंभीरता दिखाते हुए, इलाज करते हैं। समय पर दवाओं को लेते है। लेकिन वही दूसरी ओर, बहुत सी चीजों के परहेज व लाभ के बारे में परिचित न होने के कारण। उनका फायदा नहीं उठा पाते।

जिसके परिणाम स्वरूप, हम आसानी से ठीक होने वाली बीमारियों से भी, लंबे समय तक जूझते रहते हैं। ऐसी ही कुछ भ्रांतियों का समाधान इस प्रकार है –

थायराइड में चावल खाना चाहिए या नहीं

हमारे यहां चावल के बिना भोजन को अधूरा माना जाता है। कुछ लोगों का मानना होता है कि जब तक चावल नहीं, तब तक खाना नहीं। अब बात आती है कि थायराइड के मरीजों को चावल खाना चाहिए या नहीं। तो थायराइड के मरीजों को, चावल से परहेज रखना चाहिए। क्योंकि इसमें ग्लूटेन प्रोटीन होता है। जोकि एंटीबॉडीज को कम कर देता है। 

इसके कारण थायरोक्सिन हार्मोन असंतुलित हो जाता है। फिर थायराइड की समस्या बढ़ जाती है। चावल में मौजूद स्टार्च  जल्दी पच जाता है। जिसके कारण हमें भूख जल्दी लगती है। इसका फैट हमारे शरीर में इकट्ठा हो जाता है। जिससे हमारा मोटापा भी बढ़ता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट कम और कैलोरीज ज्यादा होती हैं। इसके कारण भी थायराइड के मरीजों को इससे दूर रहना चाहिए।

लंबे समय तक सेवन करने से, थायराइड के मरीजों में ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की समस्या भी देखने को मिलती है। लेकिन अगर आप चावल के बगैर नहीं रह सकते हैं। तो आप white rice की बजाए brown rice या red rice व सादे चावल की बजाय मिक्स वेजिटेबल या पुलाव ले सकते हैं। अगर आप इसे ठंडा करके खाते हैं। तो इसका फैट, फाइबर की तरह काम करता है। क्या आप जानना चाहेंगे : अस्थमा पूरी तरह से ठीक हो सकता हैइसके कारण लक्षण बचाव व घरेलू उपचार के बारे में।

थायराइड में गर्म पानी पीना चाहिए या नहीं

थायराइड में गर्म पानी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह आपके मोटापे, कब्ज व अपच जैसी समस्याओं को कम करता है। यह हमारे बॉडी को भी डिटॉक्सिफाइड करके, हमारी इम्युनिटी को भी बढ़ाता है। गर्म पानी हमारे ब्लड सरकुलेशन को भी नियंत्रित रखता है।

थायराइड के मरीजों को, अपना वजन नियंत्रित रखना जरूरी होता है। इसलिए अगर आप गर्म पानी में, थोड़ा-सा नींबू मिलाकर पीते हैं। तो विटामिन सी के साथ-साथ, एंटीऑक्सीडेंट भी आपको मिलते हैं। इसके साथ ही शरीर में जमा फैट भी कम होता है। आपका digestion भी improve होता है।

आपका intestinal movement बढ़ता है। इससे हमारा ब्रेन एक्टिव हो जाता है। एंजायटी जैसी समस्या कम होती है। आपका तनाव कम होता है। इसके लिए आप रात में सोने से पहले व सुबह उठकर गर्म पानी ले सकते हैं। हो सके, तो दिन में भी गर्म पानी का उपयोग कर सकते हैं।

थायराइड में गुड़ खाना चाहिए या नहीं

जग्गेरी जिसे गुड भी कहते है। ये महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमें आयरन, कैल्शियम, फॉलिक, सेलेनियम, फास्फोरस, पोटेशियम, विटामिन B12, विटामिन B6 आदि पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं यह सभी स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं

महिलाओं में बहुत ज्यादा खून की कमी देखने को मिलती है। क्योंकि इसमें आयरन और फोलिक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। तो यह आपके खून की कमी को दूर करने में सहायक होता है। ये पीरियड्स के दौरान होने वाली कमजोरी को दूर करता है। अगर किसी को यूटीआई की समस्या है। तो इसे भी कम करने में मदद करता है।

हार्मोन के असंतुलन को भी ठीक करने में मदद करता है। यह थायराइड, पीसीओडी जैसी जो भी समस्याएं होती है। उसमें भी यह मददगार साबित होता है। इसलिए थायराइड से ग्रसित व्यक्ति गुड़ का सेवन कर सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिएमहिलाओं के लिए अश्वगंधा के लाभ। इस प्रयोग करने का तरीका व इसके नुकसान।

थायराइड में चाय पीना चाहिए कि नहीं

हाइपोथाइरॉएडिज्म समस्या, सबसे ज्यादा कॉमन होती है। इसको ठीक करने के लिए, डॉक्टर आपको Levothyroxine नाम की गोली देते हैं। यह गोली हमारे T4 हार्मोन का सिंथेटिक वर्जन होता है। जिसे हम Thyroid Replacement Hormone Therapy भी कह सकते हैं। यह एक छोटी गोली से, आपका थायराइड नियंत्रित रहता है। लेकिन इसके साथ डॉक्टर आपको सलाह देते हैं। कि सुबह उठकर, सबसे पहले इस गोली को ले।

फिर इसके 1 घंटे पहले व बाद में, चाय कॉफी नहीं पीनी। ऐसा क्यों होता है। अगर आप थायराइड की गोली सही तरीके से नहीं लेते हैं। तो भी आपको दिक्कत आएंगी। काफी और चाय के अंदर कैफीन नाम का केमिकल पाया जाता है। जो stimulate का काम करता है। जैसे ही हम इसे पीते हैं। तो शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ने लगती है।

जिसके कारण हमारी आँतो की मोटिलिटी बढ़ जाती है। जिसके कारण, हमारी आँतों में contraction होने लगते हैं। अगर आपने काफी या चाय पी है। उसके तुरंत बाद या तुरंत पहले गोली ली है। तो यह गोली तुरंत, हमारे इंटेस्टाइन से बाहर निकल जाएगी। हमारी आँतो में गोली का सही मात्रा में, absorption नहीं हो पाता।  इसलिए हमें चाय या कॉफी नहीं पीनी चाहिए।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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