माइग्रेन रोग क्या है | माइग्रेन के लक्षण और उपाय | Migraine Symptoms in Hindi

माइग्रेन रोग क्या है – क्यों होता है, कितने प्रकार के होते हैं, नुकसान, लक्षण और उपाय टोटका, क्या खाना चाहिए, परमानेंट इलाज क्या है? 

सर का दर्द अक्सर किसी को भी हो सकता है। यह किसी भी वजह से हो सकता है। फिर चाहे, वह लाइफस्टाइल में बदलाव हो। सोने का तरीका हो या फिर खानपान का तरीका हो। यह किसी गंभीर बीमारी की वजह से भी हो सकता है। आजकल के तनाव भरे जीवन में, सर दर्द एक आम समस्या बन गई है।

सर दर्द एक common बीमारी है। हर  किसी के जीवन में कभी न कभी सर दर्द होता ही है। कुछ लोगों के, हर कुछ दिनों में सर दर्द होता है। तो वही कुछ लोग, stress की वजह से, सर दर्द से ग्रसित हो जाते हैं। जिस तरह आज की दुनिया में समस्याएं बढ़ गई है। वहीं लोगों का stress भी बढ़ गया है। जैसे-जैसे काम का प्रेशर बढ़ गया है।

वैसे-वैसे यह देखने को मिलता है कि सर दर्द की बीमारी उग्र रूप लेती जा रही है। सर दर्द एक ऐसी समस्या है। जिसके कई कारण हो सकते हैं। सिर दर्द के दो सबसे मुख्य कारण हैं। जिनमें पहला tension-type headache और दूसरा migraine। इस माइग्रेन को आम बोलचाल की भाषा मे आधी सीसी का दर्द भी कहते हैं। आजकल माइग्रेन की समस्या भी आम हो गई है। तो कैसे पहचाने कि हमें माइग्रेन है। 

 कैसे आप इससे बच सकते हैं। अगर आपको सरदर्द हो रहा है। तो उसको Investigate करना बहुत जरूरी है। जो एक न्यूरोलॉजिस्ट अच्छे से समझ सकता है कि यह दर्द कैसा है। क्या यह माइग्रेन है या टेंशन का सरदर्द है। या कोई secondary  headache है। कहीं यह कोई खतरनाक सरदर्द, तो नहीं। हम इसी विषय को जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर माइग्रेन क्या होता है। क्या आप जानना चाहेंगे : नींद नहीं आती उपाय। 1 मिनट में नींद आने का तरीकानींद आने का रामबाण उपाय।

माइग्रेन रोग क्या है

माइग्रेन रोग क्या है?
Migraine Kya Hota Hai?

 माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होता है। यह सिर की गहराई में होने वाला intense pulsing अर्थात टप-टप करने वाला दर्द है। जब हमारे दिमाग में खून का दौरान तेज हो जाता है। तो सर में बहुत तेज दर्द होने लगता है। इसी को माइग्रेन कहा जाता है। हमारे दिमाग के न्यूरॉन्स में, असामान्य उत्तेजना के कारण, यह दर्द होता है। यह भी एक तरीके का माइग्रेन हीं होता है। 

यह दर्द कभी-कभी 4 घंटे से लेकर 72 घंटे तक बना रहता है। कभी-कभी यह कई हफ्तों या महीनों तक भी बना रह सकता है। यह दर्द, सर के आधे हिस्से में ही होता है। यह दर्द चेहरे के आधे हिस्से में होता है। इसके साथ ही, यह दर्द गर्दन में भी महसूस होता है। माइग्रेन के दर्द वाले लोग, अक्सर प्रकाश और ध्वनि के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

इस दर्द में लगता है कि जैसे हथौड़े से चोट की जा रही हो। महिलाओं में माइग्रेन की समस्या, पुरुषों के अपेक्षा अक्सर ज्यादा होती है। इसका किसी उम्र विशेष से कोई लेना-देना नहीं होता है। यह किसी को भी हो सकता है। माइग्रेन का सर दर्द इतना ज्यादा होता है कि आप अपनी दैनिक दिनचर्या को भी पूरा नहीं कर पाते। इस प्रकार के सर दर्द में अक्सर जी मचलाना और उल्टी भी आमतौर पर होती है। क्या आप जानना चाहेंगे : दालचीनी के फायदेदालचीनी के फायदे पुरुषों के लिए। गर्म पानी में दालचीनी के फायदे।

माइग्रेन कितने प्रकार के होते हैं
Types of Migraine

Migraine कई तरीके का होता है जो इस प्रकार हैं –

1. दृष्टि संबंधी माइग्रेन – इस प्रकार के माइग्रेन को क्लासिक माइग्रेन भी कहा जाता है। इस प्रकार का माइग्रेन लगभग 25% लोगों में पाया जाता है। इस प्रकार के माइग्रेन होने की स्थिति में, व्यक्ति को नेत्र संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे रोशनी में उन्हें काला धब्बा नजर आता है। अधिक रोशनी में चकाचौंध नजर आती है।

2. दृष्टि रहित माइग्रेन – इसे माइग्रेन का  सामान्य प्रकार कहा जाता है। इसे Common Migraine के नाम से भी जाना जाता है। स्टडी बताती हैं कि विश्व में लगभग 11% लोग, इस तरह के माइग्रेन से पीड़ित हैं। इसके होने पर, उन्हें तेज सिर दर्द होता है। तो वहीं कुछ लोगों को उल्टी होना या महसूस होना होता है। इसमें व्यक्ति को  मूड स्विंग की परेशानी भी दिखाई पड़ती है।

3. मासिक धर्म माइग्रेन – इसके नाम से ही स्पष्ट है कि इस प्रकार का माइग्रेन केवल महिलाओं को ही होता है। इस प्रकार का माइग्रेन लगभग 60% महिलाओं में पाया जाता है। जो विशेष रूप से मासिक धर्म के शुरू होने की स्थिति में होता है।

4. क्रॉनिक माइग्रेन – इस प्रकार के माइग्रेन को, मिश्रित माइग्रेन भी कहा जाता है। क्योंकि इसमें माइग्रेन और तनावपूर्ण दर्द के tissue शामिल होते हैं। क्रॉनिक माइग्रेन विशेष रूप से, उन लोगों को होता है। जो दवाइयों का सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं।

अगर एक महीने में 14 अटैक से कम आते हैं। तो इसे episodic migraine की कैटेगरी में रखा जाता है। वहीं अगर यह अटैक एक महीने में 15 से ज्यादा हो रहे हैं। तो इसे chronic migraine की कैटेगरी में रखा जाता है।

5. ऑप्टिकल माइग्रेन – इसे Eye Migraine के नाम से भी जाना जाता है। जिसका असर केवल एक आंख पर ही पड़ता है। ऑप्टिकल माइग्रेन की स्थिति में, व्यक्ति को तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। क्योंकि इस प्रकार के माइग्रेन की वजह से, आँख भी खराब हो सकती है। क्या आप जानना चाहेंगे : किडनी खराब होने लक्षणकिडनी के कार्य। किडनी बचाव के उपाय।

माइग्रेन क्यों होता है
Causes of Migraine

ऐसी क्या चीजें हैं। जिनके कारण माइग्रेन होता है। वैसे अभी तक माइग्रेन एक mystery है। इसका सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है।

1. Hormonal Changes – महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन पाए जाते हैं। जो महिलाओं में menstrual cycle (मासिक धर्म) के लिए जिम्मेदार होते हैं। ताकि उनके यह cycle समय पर आएं। इन्हीं हारमोंस के disturbance की वजह से। महिलाओं में माइग्रेन होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

2. Diet – अब जो भी खाना खाते हैं उसमें अगर किसी चीज से आपको एलर्जी है। तो माइग्रेन होने की संभावना बढ़ जाती है।

3. Stress – अगर किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा तनाव है ऐसी स्थिति में अगर वह पर्याप्त नींद नहीं ले पाता है तो इस कारण भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है।

4. Medicine – जो व्यक्ति अधिक दवाओं का सेवन करते हैं। खास तौर पर महिलाएं जो contraceptive pills लेती हैं। तो इनके कारण भी, माइग्रेन होने के chances बढ़ जाते हैं।

5. Weather Change – मौसम में होने वाले परिवर्तन भी का एक कारण हो सकते हैं लेकिन यह सभी पर लागू हो ऐसा नहीं है।

6. Disease – कुछ बीमारियां जैसे लीवर बाहर से संबंधित समस्याएं या ब्रेन इंजरी भी माइग्रेन का एक कारण हो सकती है।

7. Autoimmune Problems – ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की वजह से भी माइग्रेन हो सकता है। ये ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसे सोरायसिस, मायोसाइटिस,  रूमेटॉइड आर्थराइटिस थायरॉइड आदि की वजह से भी ये समस्या हो सकती है।

माइग्रेन के लक्षण
Migraine Symptoms in Hindi

 माइग्रेन एक तरह के नसों की बीमारी भी होती है। इसके लिए कुछ केमिकल्स जैसे  serotonin जिम्मेदार होते हैं। इनकी वजह से ब्लड वेसल्स dilate हो जाती है। इनमें abnormalities आ जाती है। इन blood vessels का एक जगह पर cluster हो जाता है।

जिसकी वजह से दिमाग के एक हिस्से में दर्द होता है। यह दिमाग के दोनों में से किसी हिस्से में भी हो सकता है। यानी सर के बाएं या दाएं हिस्से में हो सकता है। माइग्रेन के शुरुआती लक्षण, कुछ इस प्रकार होते हैं-

1. इसमें सर के एक तरफ के हिस्से में दर्द होता है 

2. माइग्रेन के दर्द में शोर से परेशानी होती है। इसके अलावा रोशनी, आवाज, खुशबू से भी परेशानी हो सकती है। आपका दर्द बढ़ सकता है।

3. आपकी आंखों में दर्द व जलन हो सकती है। कई बार कुछ लोगों को कम दिखाई देना शुरू हो सकता है या दर्द के कारण दिखाई ही नहीं पड़ता है

4. कई बार ऐसा होता है। यह माइग्रेन का दर्द इतना बढ़ जाता है, कि आप कोई भी काम नहीं कर सकते हैं।

5. ऐसे लोगों में याददाश्त में भी कमी आ जाती है।

6. शरीर के एक हिस्से में शून्यता या  झुनझुनी बनी रहती है।

7. कई बार लोग माइग्रेन के दर्द के कारण स्पष्ट बोल भी नहीं पाते है।

8. पैरों और हाथों में सूजन भी हो जाती है।

9. माइग्रेन के दर्द के कारण, स्वाद व स्पर्श में भी कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं।

माइग्रेन का दर्द शुरू होने से पहले भी कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। यह लक्षण माइग्रेन का दर्द शुरू होने के दो-तीन दिन पहले दिखाई देने लगते हैं। जिनको समझकर, आप पहले से सचेत हो सकते हैं। यह लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं-

1. एक-दो दिन पहले से ही कब्ज की शिकायत होने लगती है।

2. व्यक्ति में चिड़चिड़ापन व मूड स्विंग देखने को मिलता है।

3. यह भी हो सकता है कि खाने की बहुत ज्यादा इच्छा हो या फिर खाना अच्छा ही न लगे।

4. गर्दन में अकड़न की समस्या देखने को मिलती है।

5. आपको अधिक प्यास लगने लगती है। बार-बार पेशाब जाना पड़ सकता है।

6. बार-बार जम्माई आने की समस्या भी दिखाई देती है। क्या आप जानना चाहेंगे : किडनी की बीमारी के 10 संकेतक्या किडनी ठीक हो सकती है। किडनी का रामबाण इलाज।

माइग्रेन में क्या खाना चाहिए

माइग्रेन में जो चिकित्सा सिद्धांत अपनाए जाते हैं। उनमें दवाएं, पोषक तत्वों की पूर्ति और जीवनशैली। यह तीनों ही चीजें शामिल होती हैं। माइग्रेन को कम करने के लिए पर्याप्त नींद लें। तनाव को कम करें।  अधिक से अधिक पानी को पीना चाहिए। तो जानते हैं कि माइग्रेन के रोगियों को क्या खाना चाहिए।

1. माइग्रेन के रोगियों को चुकंदर, ककड़ी, पत्तागोभी, गाजर का रस तथा नारियल पानी आदि का सेवन करना चाहिए। इसके साथ-साथ उपवास भी कर सकते हैं। आपको अपने भोजन में मैग्नीशियम युक्त, खाद्य पदार्थों को अधिक से अधिक शामिल करना चाहिए।

2. अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां, मेथी, बथुआ, अंजीर, आंवला, नींबू, धनिया आदि का सेवन करना चाहिए। इनमें अच्छी मात्रा में एस्ट्रोजन पाया जाता है। इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर पाए जाते हैं। जो आपके वजन को नियंत्रित रखते हैं।

3. अपने भोजन में फल, सलाद तथा अंकुरित भोजन का सेवन बढ़ा देना चाहिए। इन चीजों को अपने सामान्य भोजन से पहले लेना चाहिए।

4. फलों में अमरूद, केला, सेब, संतरा आदि का अधिक सेवन करना चाहिए। माइग्रेन के रोगियों को सेब सुबह खाली पेट जरूर खाना चाहिए। अगर संभव हो, तो एक सेब को चार भागों में काटकर, रात में चांद की रोशनी में रखें। उसके बाद इसका सुबह सेवन करें। इससे बहुत अधिक फायदा मिलता है।

5. माइग्रेन के रोगियों के लिए काफी बहुत फायदेमंद होती है। इसलिए आप दिन में एक दो बार काफी का सेवन कर सकते हैं।

6. माइग्रेन की समस्या में मछली बहुत फायदेमंद होती है लेकिन इसके सेवन में अधिक तेल मसालों का प्रयोग नहीं करना चाहिए इसमें अच्छी मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है

माइग्रेन में क्या नहीं खाना चाहिए

माइग्रेन की समस्या में जहां कुछ चीजें खाद्य पदार्थ खाने से लाभ मिलता है। वही कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ होते हैं। जो इस समस्या को और ज्यादा बढ़ा देते हैं। तो जानते हैं कि किन चीजों का सेवन माइग्रेन में नहीं करना चाहिए।

1. माइग्रेन के रोगियों को किसी भी प्रकार से अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए। यह आपके माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा देंगे।

2. Processed Meat का सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें नाइट्राइट्स नामक  group of preservatives का होना होता है। जो प्रोसैस्ड मीट को स्वाद बढ़ाने व खराब होने से बचाने के लिए, प्रयोग किए जाते हैं।

3. माइग्रेन की समस्या को बढ़ाने में चॉकलेट अहम भूमिका निभाती है। अतः इनका सेवन करने से बचना चाहिए।

4. Frozen food भी खाने से बचना चाहिए। 

5. अधिक नमक के सेवन करने से बचना चाहिए। आपको सोडियम की जरूरत अनुसार ही मात्रा लेनी चाहिए। यह आपके  ब्लड प्रेशर को बढ़ाने के साथ, माइग्रेन की समस्या को भी बढ़ा देता है। क्या आप जानना चाहेंगे : सर्वाइकल का रामबाण उपचारइसके कारण, लक्षण व घरेलू उपचार के बारे में।

माइग्रेन का इलाज
Migraine ka Ilaj

 हममें से अधिकतर लोग सोचते हैं कि माइग्रेन एक प्रकार का सर दर्द है। लेकिन माइग्रेन सिर्फ सर दर्द तक ही सीमित नहीं रहता है। यह सर दर्द के अलावा, अन्य चीजों का भी कारण बन सकता है। इसके लिए, पहले हमें यह समझना होगा। कि माइग्रेन का trigger factor क्या है।

इससे आपको बचना होगा। हर के सर दर्द होने की अलग-अलग बातें होती वजह होती हैं तो आपको यह निश्चित करना होगा कि किस वजह से आपको सर दर्द हो रहा है

1. वास्तव में जब हमारा शरीर irritate हो जाता है। जिनमें अधिक lights या sounds का होना हो सकता है। जिसके कारण माइग्रेन की समस्या बढ़ती है। ऐसे में हमें अधिक lights व noise से बाहर रहना चाहिए। बहुत ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल, लैपटॉप या स्मार्ट टीवी से बचना चाहिए।

2. अक्सर जब हमारा शरीर लगातार क्लाइमेट चेंज से जूझता है तो भी यह समस्या बढ़ जाती है। अगर हम तेजी से सर्दी और गर्मी में आ जा रहे हैं। यानी AC से बाहर आकर, कुछ काम किया। फिर AC में चलें गए।

तो यह भी एक कारण हो सकता है। तो ऐसे में अच्छा होगा कि आप अपने आप को, एक टेंपरेचर पर ही रखें। अगर हमारे शरीर के अंदर का टेंपरेचर, बाहर के टेंपरेचर से थोड़ा कम रहे। तो माइग्रेन जैसी समस्या में लाभ होगा।

3. सामान्य सर दर्द से लेकर, माइग्रेन तक लैवंडर ऑयल बहुत उपयोगी होता है। इसके लिए गर्म पानी में, कुछ बूंदे लैवंडर ऑयल की डालकर सूंघने से बेहद व तुरन्त आराम मिलता है। 

पुदीने के तेल (Peppermint oil) को सीधे, अपने माथे पर लगा सकते हैं। यह रक्त प्रवाह को सामान्य करता है। माइग्रेन में तुरन्त आराम दिलाता है।

तुलसी का तेल, माइग्रेन में बहुत प्रभावी  होता है। यह तेल मांसपेशियों को आराम देता है। जिससे माइग्रेन का दर्द कम होता है।

4. सफेद काली मिर्च के 15 दाने लेकर, इनका पाउडर बना लें। फिर 15 ग्राम मिश्री पाउडर को इसमें मिला ले। अब यह प्रक्रिया आपको प्रतिदिन सुबह 4:00 बजे करनी है। इसके लिए घर की तीन से चार चम्मच मलाई लेनी है। अब इस मिश्रण (सफेद काली मिर्च + मिश्री पाउडर) को मलाई में मिलाकर खाना है।

इसके बाद पुनः आपको 2-3 घण्टे सो जाना है। ऐसा आपको 21 दिनों तक करना चाहिए।  इससे निश्चित ही माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा। जब तक इस नुस्खे का प्रयोग करें। तब तक तली-भुनी व मसालेदार चीजों से परहेज रखना चाहिए।

5. शुद्ध गाय का देसी घी लें। फिर से इसे साफ  स्टील के कंटेनर में रखें। अब इसका प्रयोग करने से पहले, हल्का सा गर्म करें।  ताकि यह लिक्विड फॉर्म में हो जाए। अब जितना गर्म आप बर्दाश्त कर सके। उतना ड्रॉपर की सहायता से, दोनों दोनों नाक में  तीन से चार बूंद डालनी है।

फिर इसे हल्का सा बहुत आराम से अंदर की ओर खींचे। यह क्रिया आपको प्रतिदिन सोने से पहले करनी है। इससे आपका माइग्रेन का दर्द बिल्कुल खत्म होने लगेगा। इसके लगातार सेवन से, धीरे-धीरे माइग्रेन की समस्या बिल्कुल समाप्त हो जाएगी। आपका सर पूरी तरह से खुल जाएगा। रात को अच्छी नींद आएगी। 

साइनोसाइटिस की समस्या खत्म हो जाएगी। आंखों की रोशनी भी बढ़ेगी। इससे आपके दिमाग के तंतु मजबूत होंगे। सारी नस-नाडियां खुल जाएंगी। आपका मस्तिष्क ताकतवर हो जाएगा। इसकी efficiency बढ़ जाएगी। क्या आप जानना चाहेंगे : हल्दी के फायदे। हल्दी दूध के फायदेदूध में हल्दी के नुकसान।

माइग्रेन का परमानेंट इलाज क्या है?
How To Cure Migraine Permanently

 ऊपर बताए गए, किसी भी तेल या घी  का प्रयोग, नाक के दोनों छिद्रों में करते हुए। यदि इस उपाय को भी करते हैं। तो माइग्रेन को हमेशा के लिए अलविदा कह सकते हैं। इसके लिए आपको, यह सामग्री लेनी है।

• सफेद काली मिर्च पाउडर – 100 ग्राम

• गाय का शुद्ध देसी घी – 200 ग्राम

• देसी गुड़ – 400 ग्राम

अब एक पैन में गुड़ व देसी घी को डालकर गर्म करें। जब तक गुड़ व देसी घी आपस में, अच्छे से mix न हो जाए। इन्हें पकाना नहीं है। जब ये आपस में अच्छे से mix हो जाए। तब इसमें काली मिर्च का पाउडर मिला दे। फिर गैस को बंद कर दें। इसे ठंडा होने तक, लगातार चलाते रहें।

वरना ये तीनों चीजे अच्छे से mix नही हो पाएगी। जब मिश्रण हल्का गुनगुना हो। तभी इसके 10-10 ग्राम के balls बना लें। अच्छे रिजल्ट पाने के लिए, प्रयोग की जाने वाली सामग्री का अनुपात सही रखें।

प्रयोग का तरीका- प्रत्येक दिन सूर्योदय से पहले तथा सूर्यास्त के बाद, इस 1-1 लड्डुओं  को खाना है। इसके खाने के आधे घंटे तक, आपको ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। इसके साथ आप गर्म दूध या पानी ले सकते हैं। अगर आप इसे सही तरीके से और सही समय पर लेते हैं। तो आपको इसके चौकानेवाले परिणाम देखने को मिलेंगे।

आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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