Thyroid- Causes, Symptoms, and Home Remedies | थायराइड  क्या है

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Thyroid Problem- Causes, Symptoms, Home Remedies and Test at Home
थायराइड कारण लक्षण परहेज व घरेलू उपचार

Thyroid Problem in Women in Hindi

थायराइड क्या है?
What is Thyroid?

   कई बार हमारे शरीर में बहुत सारी problems होती हैं। हमें मालूम भी नहीं होता है। कि हमारी थायराइड ग्रंथि सही से काम नहीं कर रही है या नही। एक सर्वे के मुताबिक, भारत में हर 10 में से एक व्यक्ति थायराइड से पीड़ित है। बहुत सारे लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं होता है।

     कुछ लोग इस बीमारी को गंभीरता से भी नहीं लेते हैं। लेकिन इस बीमारी से, हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचता है। इस बीमारी को Silent Killer भी कहा जाता है। यानिकि यह बीमारी हमारे शरीर को अंदर से धीरे-धीरे खत्म कर देती है।

       थायराइड वास्तव में एक ग्रंथि होती है। जो हमारे गर्दन के निचले हिस्से के बीच में, तितली के आकार की होती है। यह ग्रंथि हार्मोन बनाती है। जिसे थायरोक्सिन कहते हैं। यह हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है। हमारे शरीर के energy level को control में रखती है।

       यह हमारे digestion को control में रखती है। शरीर में प्रोटीन के उत्पादन को control में करती है। शरीर के दूसरे हारमोंस को भी control करती है। हम जो भी खाते हैं। यह ग्रंथि उस भोजन को, ऊर्जा में बदलने का काम करती है। इसलिए यह हमारे शरीर के लिए, बहुत important gland है।

       थायराइड एक endocrine gland है। जो दो हारमोंस का निर्माण करती है। पहला हार्मोन ट्राई आयडोथारोनिन (T3) होता है। दूसरा हार्मोन थायरोक्सिन (T4) होता है। जब इन दोनों हारमोंस का balance बिगड़ जाता है। तब थायराइड ग्रंथि इन दोनों हारमोंस को सही से नहीं बना पाती है। तो इसे थायराइड की बीमारी कहा जाता है। यह पुरुषों से ज्यादा, महिलाओं में होती है।

थायराइड के प्रकार
Types of Thyroid

थायराइड दो तरीके का होता है। इसमें पहला हाइपरथायरॉइडिज्म और दूसरा हाइपोथायरॉइडिज्म होता है। अगर थायराइड का इलाज समय से नहीं किया जाए। तो इससे शरीर को काफी नुकसान होता है।

हाइपरथायरॉइडिज्म –  इसमें थायराइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हारमोंस पैदा करती है। किसी व्यक्ति को हाइपरथाइरॉएडिज्म होने पर। उसे घबराहट, थकान, सांस फूलना, दिल की धड़कन तेज होना। गर्मी ज्यादा लगना, कम नींद आना, अधिक प्यास लगना। आंखों में लालपन व सूखापन होना। बालों का झड़ना, वजन कम होना। यह लक्षण देखने को मिलते हैं।

हाइपोथायरॉइडिज्म – इसमें थायराइड ग्रंथि जरूरत से कम हारमोंस पैदा करती है। अगर किसी व्यक्ति को हाइपोथाइरॉएडिज्म की समस्या है। तो उसे थकान, नाखूनों और बालों का कमजोर होना। त्वचा का रूखापन व पतला होना। बाल झड़ना, सर्दी ज्यादा लगना। मांसपेशियों में अकड़न, गला बैठना। मानसिक तनाव और वजन का बढ़ना। जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।   

 हाइपोथाइरॉएडिज्म में शरीर का वजन अचानक से बढ़ जाता है। सुस्ती बढ़ने लगती है। अन्य कई तरीके की बीमारियां बढ़ जाती है। यह सभी थायराइड के शुरुआती लक्षण होते हैं। अगर सही समय पर, इलाज नहीं किया गया। तो यह शरीर में गंभीर बीमारियों का रूप ले सकता है।

थायराइड का परीक्षण
Test of Thyroid

 थायराइड की समस्या का पता लगाने का, सबसे बेहतरीन तरीका blood test है। जिसमें अलग-अलग थायराइड हार्मोन के level का पता चल जाता है। लेकिन आप जानेंगे कि एक साधारण थर्मामीटर की सहायता से, आप अपने Thyroid Function Test (TFT) का पता कैसे लगा सकते हैं। इस test को Barney’s Test भी  कहते हैं।

थायराइड का घर पर परीक्षण
Thyroid Test at Home

  इस टेस्ट को करने के लिए, आप बसल बॉडी थर्मामीटर या ग्लास थर्मामीटर का use कर सकते हो। इन दोनों थर्मामीटर से test result, डिजिटल थर्मामीटर की अपेक्षा काफी accurate होता है। इसके लिए, आप सबसे पहले थर्मामीटर के पारे को झटककर, 35℃ या 95°F से नीचे गिरा ले।

     फिर इस थर्मामीटर को सोने से पहले अपने सिरहाने रखें। सुबह उठते ही सबसे पहले, बिस्तर से बिना निकले। आप अपने शरीर का ऊपरी कपड़ा निकालकर, थर्मामीटर को अपने armpit में लगाकर। 10 मिनट छोड़ दें। इसके बाद इसे निकालकर, इसकी रीडिंग ले। 

       यह process आपको लगातार 4 से 5 दिन तक करना है। इस बात का ध्यान रखें कि यह टेस्ट रोजाना एक ही टाइम पर करें। Women में menstruation के समय, body temp. हमेशा fluctuate करता है। इसलिए accurate result पाने के लिए, पीरियड स्टार्ट होने के अगले दिन  करें।

Test Result 

1. यदि टेंपरेचर 36.5-36.8℃ या 97.7-98.2°F के बीच में है। तो इसका मतलब है। आपकी थायराइड ग्रंथि ठीक से काम कर रही है।

2. यदि टेंपरेचर 36.5℃ या 97.7°F से कम है तो आपका थायराइड भी कम काम कर रहा है। यानी कि आपको हाइपोथाइरॉएडिज्म है।

3. यदि टेंपरेचर 36.8℃ या 98.2°F से अधिक है। तो आपका थायराइड तेजी से काम कर रहा है। आपके शरीर में किसी प्रकार का infection है। या फिर आपको हाइपरथाइरॉएडिज्म है।

4. चार-पांच दिन test करने के बाद, अगर आपका temp. limit से ज्यादा या कम है। तो आप डॉक्टर से consult करें।

पैथोलॉजी मे परीक्षण
Thyroid Pathology Test

  थायराइड के लिए पैथोलॉजी में किए जाने वाले टेस्ट को Thyroid Function Test (TFT) कहते हैं। इस टेस्ट को कराने के लिए, आप दिन के किसी भी समय खून का सैंपल देकर करवा सकते हैं। 

    TFT में T3, T4 व TSH हार्मोन की मात्रा मापी जाती है। T3 व T4 हार्मोन थायराइड ग्रंथि द्वारा बनता है। तो वहीं TSH दिमाग में पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा बनाई जाती है। अब आप Test के result को, इस तरह समझ सकते हैं।

Normal Range 

TSH –   0.5 – 4.7 mU/L

T3    –   0.6 – 1.8 mU/L

T4    –   4 – 12 mU/L

हाइपोथाइरॉएडिज्म में – इसमें T3 व T4 हार्मोन की मात्रा शरीर मे कम हो जाती है। वही TSH की मात्रा बढ़ जाती है।

हाइपरथाइरॉयडिज़्म में – इसमें T3 व T4 हार्मोन की मात्रा शरीर मे बढ़ जाती है। वही TSH की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है।

थायराइड होने के मुख्य कारण
Main Causes of Thyroid

  थायराइड होने के कुछ प्रमुख कारण होते हैं। आप इन कारणों को समझते हुए। अगर  सावधानी बरतते हैं। तो थायराइड की समस्या से बचा जा सकता है।

1. विटामिन A की कमी – विटामिन ए की कमी से T3 व TSH हार्मोन प्रभावित होते हैं। विटामिन ए, T3 को boost करता है। वही TSH को normal level में रखने में सहायता करता है।

2. Selenium की कमी – सिलेनियम भी T3 और T4 को normal रखने के लिए चाहिए होता है। इसकी कमी से बचने के लिए nuts खाने चाहिए।

3. Stress के कारण – जिन लोगों को तनाव ज्यादा होता है। उन लोगों में थायराइड की समस्या भी ज्यादा होती है।

4. Iron की कमी – आयरन एक enzyme – Thyroid Peroxidase बनाता है। जो थायराइड हार्मोन बनाने के लिए जरूरी होता है। आयरन की कमी से यह enzyme भी कम बनता है।

5. Artificial Sweetness के कारण – बहुत सारे शुगर फ्री खाने की चीजों में, Artificial Sweetness मिलाए जाते हैं। जीरो कैलोरी ड्रिंक्स में भी Artificial Sweetness होते हैं। इसका हमारी थायराइड ग्रंथि पर बुरा असर होता है।

6. Copper की कमी – कॉपर की कमी होने से, T3 व T4 का level बढ़ जाता है। इसलिए कॉपर की कमी से, थायराइड की समस्या हो सकती है।

7. Toxins के कारण – जहरीले पदार्थ जैसे कि पेस्टिसाइड, प्लास्टिक और हेवी मेटल। इन सबसे बचने के लिए, ऑर्गेनिक चीजों का इस्तेमाल करें।

थायराइड से बचने के लिए क्या खाएं
What to Eat to Avoid Thyroid

  थायराइड की समस्या अब आम हो गई है। तो ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि थायराइड में diet कैसी होनी चाहिए। दोनों प्रकार की थायराइड में अलग-अलग चीजों का सेवन लाभदायक होता है।

हाइपोथाइरॉएडिज्म में क्या खाएं  

      हाइपो थायराइड में थायराइड ग्रंथि सक्रिय नहीं होती। जिसके कारण शरीर में जरूरत के मुताबिक T3 व T4 हारमोंस नहीं पहुंच पाते। जिसकी वजह से शरीर का वजन अचानक बढ़ जाता है। ऐसे में हमें Iodine, Selenium, Iron व Zinc से भरपूर भोजन खाना चाहिए।

     जैसे कि घर में पाए जाने वाला आयोडीन युक्त साधारण नमक, हरी सब्जियां, सीफूड जिसमें मछली सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है। इसमें चिकन और अंडा भी खाना चाहिए। डेरी प्रोडक्ट में, आप टोंड दूध और उससे बनी चीजें जैसे दही और पनीर भी खा सकते हैं।

     सभी तरह के फल आप इसमें खा सकते हैं। जिसमें खट्टे फल भी शामिल है। यदि आप विटामिन्स, मिनरल्स और आयरन के सप्लीमेंट्स ले रहे हैं। या फिर लेना चाहते हैं। तो किसी फिजिशियन की सलाह से ही  लेना चाहिए।

हाइपरथाइरॉयडिज़्म में क्या खाएं

      हाइपर थायराइड में थायराइड ग्लैंड बहुत ज्यादा सक्रिय हो जाती है। जिसमें T3 व T4 हार्मोन जरूरत से अधिक मात्रा में निकलकर, ब्लड में घुलने लगते हैं। इस हालत में शरीर का वजन, एकाएक कम हो जाता है। मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। ठीक से नींद नहीं आती है।

      ऐसे में हमें हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि ब्रोकली, बंद गोभी, गांठ गोभी और फूलगोभी, पालक और शलजम खाना चाहिए। लेकिन ध्यान रखें। इन्हें पकाकर मत खाएं। अगर आप इन्हें कच्चा ही खाएंगे। तो ज्यादा फायदेमंद होंगे। इसमें  हाई कैलोरी डाइट लेनी है। जैसे कि मिल्क प्रोडक्ट और अंडा आदि।

      क्योंकि इसमें आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है। ज्यादा भूख लगती है। आपका हार्ड रेट भी increase हो जाता है। इसलिए इसमें हर दिन, आपको ज्यादा कैलोरी की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही आप इसमें साबुत अनाज, ब्राउन ब्रेड ऑलिव ऑयल, लेमन, हर्बल और ग्रीन टी, अखरोट, जामुन, स्ट्रौबरी और शहद भी फायदा करता है।

थायराइड से बचने के लिए क्या न खाएं
What not to eat to avoid thyroid

थायराइड की समस्या होने पर कुछ चीजों का परहेज करना जरूरी है। यह आपके थायराइड को बढ़ने व ठीक करने में मदद  करेंगे।

हाइपोथाइरॉएडिज्म में परहेज

      हाइपो थायराइड में हमें अधिक मात्रा में नमक नहीं खाना चाहिए। क्योंकि जरुरत से ज्यादा नमक, हमारे शरीर में सूजन का कारण बन सकता है। इसमें पत्तेदार सब्जियां नहीं खानी चाहिए। जैसे कि फूल गोभी, पत्ता गोभी, गांठ गोभी, ब्रोकली, पालक और शलजम खाने से बचना चाहिए।

      सोयाबीन और सोया प्रोडक्ट भी हमें नहीं खाने चाहिए। इसमें हमें रेड मीट और packed food से हमेशा दूरी बनाए रखनी चाहिए। इसमें हमें हाई कैलोरी या ज्यादा फैट वाला खाना भी, avoid करना चाहिए।

हाइपरथाइरॉयडिज़्म में क्या खाने से बचे

इसमें हमें आयोडीन व सेलेनियम की अधिकता वाली खाने-पीने की चीजें से जीवन भर दूरी बनाए रखना चाहिए। सीफूड और आयोडीन वाले नमक को, पूरी तरह से नजरअंदाज करें। इसमें हमें कैफीन युक्त पदार्थ जैसेकि कॉफी, चाय, चॉकलेट व कोक आदि नहीं खाना चाहिए।

       क्योंकि कैफिन इसे सीधे तौर पर, तो effect नहीं करता। लेकिन हाइपर थायराइड की वजह से होने वाली समस्याओं को बढ़ा देता है। इसके साथ ही मैदा से बने प्रोडक्ट जैसे कि पास्ता, मैंगी और वाइट ब्रेड जैसी चीजों को avoid करना चाहिए। ज्यादा मीठी चीजें जैसे कि मिठाई को भी avoid करना चाहिए। अल्कोहल और रेड मीट को भी avoid करना चाहिए।  

    हाइपो थायराइड और हाइपर थायराइड दोनों ही गंभीर समस्याएं हैं। इनकी अनदेखी न करें। अगर आपको कभी भी ऐसी समस्याएं हो। तो डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें। किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले, अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

थायराइड रोगी के लिए प्राकृतिक या घरेलू उपचार
Natural or Home Remedies for Thyroid Patient

एक रिसर्च के अनुसार, हर तीसरे भारतीय को Thyroid Disorder है। जो वाकई में बहुत गंभीर समस्या है। इसके लिए जरूरत है। एक बड़ा कदम उठाकर, अपने lifestyle को सुधारने की। ऐसे में थायराइड न हो। अगर अगर हो गया है। तो इसे कुछ घरेलू उपचार से दूर किया जा सकता है।

      हमारे डॉक्टर थायराइड को लेकर, कुछ भ्रांतियां पैदा कर देते हैं। थायराइड एक life long बीमारी है। जब तक जिंदगी है। तब तक आपको दवा लेनी पड़ेगी। इन वजह से, हमें विश्वास ही नहीं हो पाता। कि हमारे शरीर के अंदर, बीमारी को खुद ब खुद खत्म करने की ताकत होती है। अगर हम शरीर को सही भोजन दें। सही लाइफस्टाइल जिए। तो थायराइड के अलावा, बड़ी से बड़ी बीमारी भी ठीक हो सकती है।

हाइपरथाइरॉएडिज्म का घरेलू इलाज
Home Remedies for Hyperthyroidism

1. जिन लोगों को हाइपरथाइरॉएडिज्म है। उन्हें हरी धनिया की पत्ती पीसकर चटनी बना ले। फिर से इस चटनी को 1 चम्मच गर्म पानी में मिलाकर पीना चाहिए। अगर हरा धनिया उपलब्ध नहीं है। तो सूखा धनिया को रात में भिगो दें।

     फिर इसको पीसकर चटनी बना ले। यह चटनी एक चम्मच गर्म पानी में मिलाकर पिए। इसके सेवन से हाइपरथाइरॉएडिज्म व  इससे होने वाले अन्य complications भी ठीक हो जाते हैं। इसे आपको दिन में एक बार ही लेना है।

2. हाइपरथाइरॉएडिज्म में आपको ब्रोकली, पुदीना, अदरक और काली मिर्च लेना है। सबसे पहले ब्रोकली को अच्छे से धोकर, गर्म पानी में 5 मिनट उबाल ले। इससे ब्रोकली आधी पक जाएगी। फिर एक कटोरी ब्रोकली में, 3 से 4 पुदीने के पत्ते, एक चम्मच अदरक और एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर। इसे मिक्सर में अच्छी तरह से चलाकर, जूस बना ले। इस जूस का सेवन रोजाना सुबह-शाम करें। यह हाइपरथाइरॉएडिज्म में बहुत ही असरदार होता है।

3. इसमें आपको जरूरत होगी। आंवला, त्रिफला का चूर्ण और शहद की। ताजे आंवले को बारीक काट लें। एक चम्मच आंवले में, एक चम्मच त्रिफला का चूर्ण और दो चम्मच शहद मिलाकर। इसका सेवन रोजाना सुबह और शाम खाली पेट करें। इस नुख्से का इस्तेमाल, अगर 2 से 3 महीने किया जाए। तो हाइपरथाइरॉएडिज्म की समस्या में, काफी सुधार देखने को मिलता है।

हाइपोथाइरॉएडिज्म का घरेलू इलाज
Home Remedies for Hypothyroidism

1. हाइपोथाइरॉएडिज्म के घरेलू इलाज में हम अलसी के बीज (Flax Seed) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें अलसी के बीज को भून ले। फिर इसे पीसकर बारीक चूर्ण बना ले। इसे रोजाना सुबह-शाम, एक  चम्मच पानी में घोलकर पी लें।

2. इसके घरेलू इलाज में धनिया 300 ग्राम, मेथी 100 ग्राम, गोंद मोरिगा 100 ग्राम, आंवला 100 ग्राम ले। इन सभी को लेकर पाउडर बना लें। इस पाउडर का एक-एक चम्मच प्रतिदिन पानी के साथ ले। इससे हाइपोथाइरॉएडिज्म की समस्या जड़ से खत्म होती पाई गई है।

3. इसके घरेलू इलाज में Apple Cider Vinegar को पानी या शहद के साथ मिला कर ले सकते हैं।

Disclaimer 

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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