Ashwagandha | अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए | महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ

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 यूं तो हमारे आसपास कई दिव्य औषधि पौधे पाए जाते हैं। लेकिन इनकी पहचान व सही जानकारी न होने के कारण। हम इनके  गुणों से अनजान रहते हैं। इनसे मिलने वाले लाभकारी फायदों से वंचित रह जाते हैं। ऐसी ही एक दिव्य औषधि है – अश्वगंधा।

      इसको एक रसायन औषधि माना जाता है। जो बच्चों में टॉनिक का काम करती है। तो वही बड़े-बुजुर्गों को दीर्घायु प्रदान करती है। इसे सात्विक कफ रसायन भी कहा जाता है। जो हमारे नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाती है। यह इंद्रिय दुर्बलता या लिंग कमजोरी में भी बहुत फायदेमंद है।

     यह हमारे stress को कम करके, मानसिक शांति प्रदान करती है। यह कैंसर होने की दशा में, Tumor Cells को भी खत्म करती है। यह कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को भी कम करती है। अश्वगंधा दो शब्दों से मिलकर बना है। अश्व + गंधा अर्थात जिसकी जड़ों से या कच्चे मूल से, अश्व के समान गंध आती है। 

      इसका दूसरा अर्थ यह भी है। इसके सेवन से अश्व या घोड़े के समान ताकत व यौन शक्ति मिलती है। घोड़े जैसा stamina  मिलता है। इससे उत्साह प्राप्त होता है। इसे एक शक्ति वर्धक पौधे के रूप में मान्यता मिली हुई है।

अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए

अश्वगंधा के अन्य नाम व प्रकार

अश्वगंधा का आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार से वर्णन किया गया है। इसका वनस्पतिक नाम Withania Somnifera है। Somnifera का अर्थ है – नींद लाने वाला। यह एक  द्विबीजपत्री पौधा है। अश्वगंधा सोलेनेसी कुल से संबंधित होता है। पूरे विश्व में, इस कुल की 2500 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। 

        इसे अंग्रेजी में winter cherry या Indian Ginseng कहते हैं। वही संस्कृत में अश्वगंधा या वराहकर्णी कहा जाता है। जबकि हिंदी में असगंध या अश्वगंधा कहते हैं। इसे बांग्ला में अश्वगंधा, मराठी में आसन्ध या डोरगुंज, तेलगू में पनेरू व पुलिवेन्द्रम तथा गुजराती में आसन्ध व घोड़ा आहान के नाम से जाना जाता है।

     इसके अन्य पर्याय वरदा, बलदा, वाजिगंधा व कुष्ठगंधिनी है। इसकी 2 जातियां होती हैं। पहली  Withania Somnifera है। दूसरी  Withania Ashwagandha है। जिसे नागौरी अश्वगंधा भी कहा जाता है।

अश्वगंधा का पौधा
अश्वगंधा की पहचान

अश्वगंधा को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया गया है। इसका उपयोग बहुत सारी बीमारियों में लाभकारी होता है। यह हमारे चारों तरफ खेतों के किनारे, सड़को के किनारे स्वतः ही उग आती है। लेकिन इसकी पहचान होना जरूरी है। वरना संदेह वश, किसी अन्य जड़ी का इस्तेमाल। आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसकी पहचान हम दिए गए, आधार पर कर सकते हैं।

1.  अश्वगंधा का झाड़ीदार क्षुप होता है। यह क्षुप 1 से 5 फीट ऊंचा होता है। इसकी शाखाएं पतली होती है। इन शाखाओं पर रोए होते हैं। 

2.  इसके पत्ते 2 से 4 इंच पतले, लंबे, नोक वाले होते हैं। इसके पत्ते हमेशा दो, एक साथ निकलते हैं। इनका मुख अंदर की ओर होता है। इनका आकार वराह यानी सूअर के कान के समान होता हैं। जिसके कारण इसे वराहकर्णी भी कहा जाता है।

3. इसके फूल हरे-पीले गुच्छों में होते हैं। इसके फूल का आकार, घंटी के समान होता है। इसकी शाखाओं और फूल पर रोए होते हैं। यह इसकी खास पहचान होती है।

4. इसके फल गोलाकार होते हैं। इनका आकार, छोटी मटर के जितना होता है। इनके ऊपर रसभरी के तरह कवच होता है। यह पकने पर लाल हो जाते हैं। शुरुआत में, यह हरे होते हैं। बाद में, धीरे-धीरे लाल हो जाते हैं।

5. इसके बीज छोटे, पीले, किडनी के आकार के, चिकने और चपटे होते हैं। इसके एक फल में, बहुत सारे बीज होते हैं। अश्वगंधा को लगाने के लिए, बीज को बोया जाता है। 

6. इसके मूल या जड़ का औषधि प्रयोग किया जाता है। इसकी जड़ ऊपर से हल्की भूरी, भीतर से सफेद, अंगुली के समान होती है।

7. कच्चे मूल से अश्व के सामान गंध आती है। इसकी मूल काफी गहराई तक, अंदर तक होती है। मुख्य मूल पर पतले सूत जैसे उपमूल होते हैं। इसकी जड़ को काफी सावधानी से निकाला जाता है। ताकि यह टूट न जाए। इसे गहराई तक खोदकर निकालते हैं। फिर जड़ों को पानी से धोकर सुखाया जाता है।

8. यदि अच्छी मूल की पहचान करना है। तो जड़ जितनी लंबी, मोटी, सफेद और चमकदार होगी। उतनी ही अच्छी मानी जाती है। 

9. वैसे औषधि के रूप में प्रयोग की जाने वाली अश्वगंधा को। जोता या बोया नहीं जाता है। अर्थात खेत में हल का प्रयोग नहीं किया जाता है। यह अपने आप स्वेच्छा से निकल आती है। ऐसी अश्वगंधा बहुत लाभकारी होती है।

अश्वगंधा में पाए जाने वाले पोषक तत्व
Ashwagandha Nutrition Value

अश्वगंधा वास्तव में एक अमृत के सामान जड़ी-बूटी है। क्योंकि यह बहुत सारे रोगों में फायदा करती है। आयुर्वेद की दृष्टि से, यह शुक्र धातु वर्धक है। यह वात और कफ दोनों दोषों का शमन करती है। 

      अश्वगंधा के अंदर Antioxidants  गुणों की भरमार होती है। इसमें Anti-Inflammatory तत्व भी पाए जाते हैं। बहुत-सी दवाइयों में, इसका प्रयोग किया जाता है। यह बाजार में कैप्सूल, टेबलेट, चूर्ण के रूप में उपलब्ध है।

     अश्वगंधा इंसान के शरीर में जाकर टेस्टोस्टरॉन को प्राकृतिक रूप में पैदा करवाता है। अश्वगंधा में पाए जाने वाले पोषक तत्व, शरीर के बैक्टीरिया, वायरस और कीटाणुओं से लड़ने में मददगार होते हैं। 

      अश्वगंधा Antidepressants का काम करता है। इसमें तीन रासायनिक संगठन पाए जाते हैं। जिनमें Cuscohygrine, Anahygrine व Tropine हैं। अश्वगंधा में बहुत से!! रसायनिक अवयव पाए जाते हैं। जिनमें Alkaloid, Tropine, Pseudotropine, Starch, Anaferine, Vasamine, Withasomnine, Reducing Sugar, Glycosides व Resin प्रमुख है।

      अश्वगंधा में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, विटामिन बी कॉन्प्लेक्स पाया जाता है। इसके अलावा इसमें फास्फोरस भी होता है। इनके साथ ही, इसमें बहुत सारे स्ट्राइड्स भी पाए जाते हैं।

अश्वगंधा कितने दिन तक खाना चाहिए

  अश्वगंधा का सेवन रात में सोने से पहले करने से अलग लाभ होता है। इससे आपको अच्छी तरह से नींद आएगी। अश्वगंधा की 2 से 4 ग्राम मात्रा ही खानी चाहिए। इसे आप सुबह या शाम खा सकते हैं। इसका सेवन आप सर्दियों में 4 से 6 महीने तक कर सकते हैं। 

     गर्मियों में इसे लेने से परहेज करें। क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। अश्वगंधा को लेने का सही तरीका है। इसे आप थोड़ा-थोड़ा करके, मुंह में डालते जाएं। फिर ऊपर से दूध पीते जाएं। अगर आप इसे सुबह लेते हैं। तो लेने का तरीका सुबह खाली पेट है। दूध के साथ लेने पर, इसके बेहतरीन फायदे मिलते हैं।

      अश्वगंधा का पूरा लाभ लेने के लिए, आपको इसका पाउडर घर में तैयार करना चाहिए। 5 ग्राम अश्वगंधा को, 10 ग्राम गाय के शुद्ध घी में मिलाकर। इसमें 20 ग्राम शहद या मिश्री डालिए। फिर इसे आधा किलो गाय के दूध के साथ, तब तक गर्म कीजिए। जब तक कि एक उबाल नहीं आ जाए।

      फिर इसका सेवन कीजिए। आपको इस तरह अश्वगंधा को, सुबह-सुबह खाली पेट लेना चाहिए। इसके बाद, आपको नाश्ता नहीं करना है। आपको सीधे दोपहर का खाना ही खाना है। अगर आप अपने अंदर कमाल के बदलाव देखना चाहते हैं। तो आपको यह चीज 6 महीने तक लगातार करना चाहिए।

      यहां पर बताई गई। किसी भी औषधि का प्रयोग करने से पहले, अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें। क्योंकि हर एक व्यक्ति की शरीर, उसकी उम्र व अन्य चीजों पर। औषधि के फायदे और लाभ निर्भर होते हैं।

अश्वगंधा के नुकसान

अश्वगंधा के जहाँ बहुत सारे फायदे हैं। वही इसके बहुत सारे लोगों को नुकसान भी हो जाते है। क्योंकि उन्हें इसकी सही मात्रा का ज्ञान नहीं होता। अगर आप इसकी ज्यादा मात्रा लेते हैं। तो बहुत सारे नुकसान हो सकते हैं। अतः आप इसकी निर्धारित मात्रा ही लें।

1. अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। यदि आपके  शरीर में, पहले से ही बहुत ज्यादा गर्मी बनती है। तो इसे न लें। इससे आपको  ज्यादा गैस बनना शुरू हो सकती है। Acidity की समस्या बढ़ सकती है। आपका पेट फूलना शुरू हो सकता है। पेट में मरोड़ या दर्द भी हो सकता है। Vomiting सी महसूस होने लगती है।

2. इसके ज्यादा सेवन से, आपको ज्यादा नींद आने की समस्या हो सकती है। आपको बेचैनी बढ़ सकती है। दिनभर आलस्य भरा रहता है।

3. ऐसे लोग जिनको पहले से High Blood Pressure या Diabetes की समस्या है। उन्हें इसे नहीं लेना चाहिए। क्योंकि यह आपके Blood Pressure को और भी ज्यादा कम कर सकती है। आप डॉक्टर की सलाह पर, इसे ले सकते हैं।

4. जिनको माइग्रेन की समस्या है। उन्हें भी इसे लेने से परहेज करना चाहिए। ऐसे लोंगो को डॉक्टर की सलाह के बाद ही, इसे लेना चाहिए।

5. गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली  महिलाओं को, अश्वगंधा नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि इसके लेने से, एस्ट्रोजन बढ़ जाता है। जिसके कारण bleeding हो सकती है। साथ ही सर दर्द की समस्या भी हो सकती है।

6. जो लोग अश्वगंधा ज्यादा व नियमित लेते हैं। उनकी इम्यूनिटी पावर कम हो सकती है। जो लोग इसका limited सेवन करते हैं। उन्हें यह समस्या नहीं होती।

7. अगर आप नींद की दवा या डिप्रेशन की दवा लेते हैं। तो इसके साथ आपको अश्वगंधा नहीं लेनी चाहिए।

अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए

   अश्वगंधा का वनस्पतिक नाम Withania Somnifera होता है। जिसमें से Withania पेड़ों की प्रजाति होती है। जबकि Somnifera शब्द का मतलब होता है। ऐसी चीज, जो आपको सुला देती है। या फिर ऐसी चीज, जो आपको relax कर देती है।

   दरअसल, अश्वगंधा अपने Withanolides के कारण जानी जाती है। इसमें 40 Withanolides होते हैं। 12 Alkaloids होते हैं। बहुत सारे Sitoindosides होते हैं। जो बहुत तरीकों से, आपके शरीर को फायदा पहुंचाते हैं। चलिए जानते हैं। इतनी सारी चीजें, आपके शरीर को किस तरह से फायदा पहुंचाती हैं।

अश्वगंधा के लाभ – मस्तिष्क से संबंधित रोगों में

       अश्वगंधा को आयुर्वेद में, मेध्य रसायन भी माना गया है। जिसकी वजह से यह हमारी याददाश्त को तेज करती है। साथ ही हमारे concentration को भी increase करती है। इसके साथ ही Anxiety, Stress व Depression को दूर करने के लिए। आयुर्वेद की सबसे कारगर औषधि मानी जाती है।

     यानी अगर आप अश्वगंधा लेते हैं। तो यह आपके Brain function को बेहतर कर देती है। जिसकी वजह से न सिर्फ चीजों को सीखना आसान हो जाता है। बल्कि आप बेहतर तरीके से concentrate भी कर पाते हैं। इसके साथ ही दिमाग से जुड़ी, दूसरी परेशानियां जैसे कि Bipolar disorder, Obsessive Compulsive Disorder (OCD), Attention Deficit Hyperactivity Disorder (ADHD)।

      इन तीनों को सही करने के लिए, अश्वगंधा एक efficient औषधि मानी जाती है। इसके अलावा भी अश्वगंधा में neuro regenerative properties होती है। तो यह Alzheimer’s, Parkinson’s, Huntington और Spinal Cord Injury जैसी समस्याओं को सही करने के लिए, इसका डॉक्टर भी प्रयोग करते हैं।

      इसका मतलब पढ़ाई में मन नहीं लगने से लेकर Spinal Cord Injury तक। अश्वगंधा सभी जगह लाभदायक होती है। अगर आप कोई भी, ऐसा काम करते हैं। जिसमें concentration की जरूरत पड़ती है। तो फिर आपको अश्वगंधा जरूर लेना चाहिए।

अश्वगंधा के लाभ – संचार प्रणाली में

    अश्वगंधा आपके Blood Cortisol level को कम कर देता है। Cortisol असल में, stress hormones होते हैं। अगर आप बहुत लंबे समय तक stress में रहते है। तो इनकी संख्या, आपके blood में बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से Anxiety, Stress व Depression जैसी condition पैदा हो जाती है।

     क्योंकि अश्वगंधा हमारे Blood Cortisol level को कम कर देती है।  जिससे हमारा tension कम हो जाता है।  हम relax हो जाते हैं। इसका दूसरा बड़ा फायदा यह है। जिन लोगों को नींद नहीं आती। उनके नींद नहीं आने की वजह, tension होती है। अश्वगंधा की इसी खासियत की वजह से, यह उन लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा useful है। जिन्हें अनिद्रा यानी Insomnia की परेशानी रहती है।

      अगर आपका Blood Cortisol level  बढ़ा हुआ है। तो आप चाहे, कितना भी कम खाना खाएं। चाहे कितनी भी dieting  करते रहें। आपके शरीर पर चर्बी बढ़ती चली जाएगी। जिससे आप मोटे होते चले जाएंगे। ऐसे लोग जिन्हें लंबे समय से, किन्हीं कारणों से tension बनी रहती है। ऐसे लोग खाते तो बहुत कम हैं। लेकिन इनके शरीर पर चर्बी बढ़ती चली जाती है।

      ऐसे में हम सोचते हैं। कि शायद थायराइड बढ़ गया होगा। लेकिन असलियत उनके लंबे समय तक tension में रहने का कारण होता है। इनका Blood Cortisol level बढ़ जाता हैं। जिसकी वजह से, शरीर पर चर्बी बढ़ती चली जाती है। फिर वह मोटे होते चले जाते हैं।

     इसलिए अगर बिना किसी वजह के, आपके शरीर का वजन बढ़ रहा है। तो आप केवल अश्वगंधा लेना शुरू कर दीजिए। धीरे-धीरे आपका वजन कम होता चला जाएगा। 

अश्वगंधा के लाभ – Type 2 Diabetes में

    अश्वगंधा हमारी Pancreas को activate करता है। जिससे insulin का secretion बढ़ जाता है। इसका मतलब वह लोग, जिन्हें Type 2 Diabetes यानि Non-Insulin Dependent Diabetes Mellitus (NIDDM) है।

     यह उस तरह की Diabetes होती है। जिसमें blood sugar level को control करने के लिए, Insulin का इंजेक्शन लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसे लोग अगर अश्वगंधा लेते हैं। तो धीरे-धीरे करके, उनके Pancreas की activity बढ़ जाती है। जिससे उनका Pancreas, सही quantity में insulin बनाना शुरू कर देता है।

अश्वगंधा के लाभ – हृदय रोगों में 

      अश्वगंधा की एक खासियत यह भी है। यह blood cholesterol को और triglycerides के level को कम कर देती है। इस तरह, अश्वगंधा उन लोगों के लिए, बहुत ही ज्यादा useful है। जिन्हें किसी भी तरह की heart disease है। या फिर जिनकी family history, heart disease या high cholesterol की है।

      उन्हें अपनी diet में, अश्वगंधा को जरूर शामिल करना चाहिए। इसका फायदा यह होगा। अगर उन्हें किसी भी तरह की heart disease है। तो वह धीरे-धीरे करके, सही हो जाएगी। अगर नहीं है। तो कभी भी नहीं होगी।

       अश्वगंधा Heart के health के लिए, बहुत ही अच्छी रहती है। वह सभी लोग, जो किसी भी तरह का sports खेलते हैं। उन्हें अश्वगंधा जरूर लेना चाहिए। इसलिए लेना चाहिए। क्योंकि इसे लेने से, न सिर्फ उनकी power बढ़ेगी। बल्कि उनका concentration भी बढ़ेगा। जिसकी वजह से, उनकी performance भी बहुत अच्छी होती चली जाएगी।

अश्वगंधा के लाभ – मोटापे (Obesity) में 

    अगर आपकी family history मोटापे यानि Obesity की है। अगर आपका वजन बहुत ज्यादा है। आप exercise भी करते हैं। Dieting भी करते हैं। फिर भी आपको वैसे results नहीं मिल रहे। जैसा कि आप चाहते है।

      तो फिर आप, केवल अश्वगंधा लेना शुरू कर दीजिए। अपनी exercise और diet को वैसे ही बनाये रखिए। फिर 15 दिन के अंदर-अंदर, आपको बहुत ही अच्छे results मिलने शुरू हो जाएंगे।

अश्वगंधा के लाभ – कैंसर को ठीक करने में 

     अश्वगंधा की एक सबसे बड़ी खासियत यह भी है। अश्वगंधा आपके blood में, Reactive Oxygen Species (ROS) को पैदा करती है। यह जो Reactive Oxygen Species होते हैं। वह आपके शरीर में, किसी भी तरह के, cancer cells को पैदा होने से रोक देते हैं।

     जैसे कि आज हमारी diet, pesticide से भरी हो चुकी है। जिस तरह के pollution भरे, environment में हम रहते हैं। जिस तरह कि हमारी lifestyle हो चुकी है। ऐसे में अगर आप अश्वगंधा नियमित लेते हैं। तो आप काफी हद तक, अपने आपको कैंसर जैसी बड़ी बीमारी से बचाकर रख सकते हैं।

अश्वगंधा के लाभ – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में 

     अश्वगंधा का एक बड़ा फायदा यह भी है। यह हमारे शरीर की immunity को बढ़ा देता है। जिसकी वजह से, हम काफी सारी बीमारियों से बचे रहते हैं। साथ ही साथ बहुत सारे तरह के inflammations और बहुत सारे infections से भी बचे रहते हैं।

      Inflammations का मतलब है। अगर आपके शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन रहती है। या फिर आपको Arthritis की परेशानी है। तो आप केवल अश्वगंधा लेना शुरू कर दीजिए। फिर 21 दिन के अंदर ही Swelling व Arthritis की परेशानी कम होना शुरू हो जाएगी।

अश्वगंधा के लाभ – प्रजनन में 

     अश्वगंधा को मर्दों का टॉनिक बोला जाता है। इसकी दो वजह होती है। पहली अगर आप अश्वगंधा लेते हैं। तो यह आपके शरीर में, प्राकृतिक रूप से Testosterone बनाना शुरू कर देता है। Testosterone असल में, वह हार्मोन होता है। जिसकी वजह से, एक लड़का मर्द बनता है। उसमें मर्दानगी आती है।

      मर्दानगी के चार पैमाने होते हैं। इसका पहला पैमाना होता है। शरीर पर अच्छी मांसपेशियों का होना। मर्दानगी का दूसरा पैमाना होता है। हड्डियों की चौड़ाई ज्यादा होना। यानी bone width का ज्यादा होना। तीसरा पैमाना होता है। आवाज का  गहरा और भारी होना। चौथा पैमाना होता है। बच्चा पैदा करने की काबिलियत होना।

       अश्वगंधा इन चारों चीजों को बहुत ज्यादा बढ़ा देता है। यानी अश्वगंधा लेने से न सिर्फ आपकी muscles बहुत ज्यादा बढ़ने लगती है। बल्कि आपकी bone width और density भी बढ़ने लगती है। साथ ही साथ, यह आपके Testosterone को बढ़ा देता है। आपकी आवाज गहरी और भारी हो जाती है।

       जहां तक चौथे पैमाने का सवाल है। तो अश्वगंधा आपकी Sperm Quality, Quantity व Motility। इन तीनों को बहुत ज्यादा बढ़ा देता है। अश्वगंधा लेने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है। यह आपके शरीर में जाकर Testosterone को प्राकृतिक रूप से पैदा करवाता है। लेकिन अश्वगंधा कोई steroids नहीं है।

     तो इसको लेने से, आपको वह एक भी नुकसान नहीं होता। जो किसी भी steroids को लेने की वजह से, किसी भी तरीके से हो सकता है। यानी जब आप अश्वगंधा लेते हैं। तो आपको वह सभी फायदे मिलते हैं। जो एक steroids को लेने की वजह से मिलते हैं।

महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ

   अश्वगंधा को लेकर अक्सर महिलाओं में  संशय रहता है। उन्हें इसका सेवन करना चाहिए या नहीं। तो अश्वगंधा का सेवन कोई भी कर सकता है। महिलाएं अगर अश्वगंधा का सेवन शतावरी के साथ करती हैं। तो उन्हें इसके अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।

अश्वगंधा के लाभ – बढ़ती उम्र को रोकने में 

       अश्वगंधा के प्रयोग से aging की size कम होना शुरू हो जाती है। कुछ महिलाओं में समय से पहले ही त्वचा पर झुर्रियां पड़ना शुरू हो जाती है। यह आपकी झुर्रियों को खत्म कर सकता है। आपकी त्वचा को टाइट करता है।

अश्वगंधा के लाभ – थायराइड में

       अश्वगंधा आपके शरीर में थायराइड को भी control करता है। किसी का थायराइड कभी बढ़ा होता है। तो कभी घटा हुआ होता है। लेकिन अगर आप अश्वगंधा का नियमित सेवन करते है। तो आपका थायराइड हमेशा maintain और balance रहेगा।

अश्वगंधा के लाभ – लंबाई बढ़ाने में

आजकल बहुत सी लड़कियां अपनी हाइट को लेकर चिंतित होती है। जिन लड़कियों की उम्र 16 से 19 साल के बीच है। उन्हें अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए। यह आपकी हाइट बढ़ाने में लाभकारी सिद्ध होगा।

अश्वगंधा के लाभ – फर्टिलिटी बढ़ाने में

अश्वगंधा का नियमित सेवन करने से महिलाओं में fertility बढ़ती है। Fertility बढ़ने से, आपकी sexual life अच्छी रहती है। साथ ही गर्भधारण करने में भी सहायक होता है।

अश्वगंधा के लाभ – ब्रैस्ट व ओवेरियन कैंसर में

अश्वगंधा ट्यूमर व कैंसर जैसी कंडीशन में helpful माना जाता है। जैसे कि लंग कैंसर, कोलन कैंसर में, इसके फायदे देखने को मिलते हैं। महिलाओं में ब्रेस्ट व ओवेरियन कैंसर को ठीक करने में सहायक होता है। इन परिस्थितियों में किसी चिकित्सक की सलाह से, इसका नियमित इस्तेमाल करना चाहिए।

 

Disclaimer 

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। इसके लिए myhealthguru उत्तरदायी नहीं है।

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