हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेत | हार्ट अटैक क्यों आता हैं

हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेत –  क्या है, क्यों आता है, मुख्य कारण क्या है।

 पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें, हृदय रोग की वजह से होती है। इसलिए आज आपको सबसे ज्यादा ध्यान हृदय रोगों पर देना चाहिए। भारत में आधे से ज्यादा लोगों को, हार्ड अटैक 50 वर्ष की उम्र से पहले ही आ जाता है। वहीं 25% लोगों को, 40 वर्ष की उम्र से पहले ही हार्ड अटैक आ चुका होता है। 

यह खतरा इतना ज्यादा बढ़ता जा रहा है। फिर भी हम सोचते हैं कि इसके बारे में, हम बुढ़ापे में सोचेंगे। क्योंकि हम अब तक यह सुनते आ रहे हैं। कि यह तो बुढ़ापे की बीमारी है। लेकिन अब यह समझना होगा। कि यह बुढ़ापे की बीमारी नहीं रही। बल्कि यह जवानी की बीमारी बन चुकी है।

WHO के मुताबिक, भारत के शहरों में रहने वाले 12% लोगों को और गांव में रहने वाले 8% लोगों को दिल की कोई न कोई बीमारी जरूर है। भारत में होने वाली मौतों की अधिकतम वजह भी यही हृदय रोग है। हर साल भारत में 20 लाख से अधिक लोग, हार्ड अटैक की वजह से मारे जाते हैं।

आज की जरूरत है कि कोविड जैसे प्रोटोकॉल, हृदय रोगों के लिए भी बनने चाहिए। हमारे यहां हृदय रोगों के लिए, सबसे ज्यादा जिम्मेदार, हाई ब्लड प्रेशर को माना जाता है। इसके अलावा धूम्रपान, शराब पीना और ज्यादा जंक फूड खाना भी, एक वजह बनती है। इसके साथ ही, अब stress यानी कि तनाव भी दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह होती जा रही है।

हार्ड अटैक अचानक से आते हैं, और कई बार जानलेवा भी होते हैं। लेकिन यह बीमारी, हमेशा अचानक ही नहीं आती है। एक रिसर्च के अनुसार, इसके लक्षण और संकेत, 1 महीने पहले से ही मिलना शुरू हो जाते हैं। अगर इन संकेतों को सही से समझा जाए। फिर सावधान रहा जाए।तो हार्टअटैक से होने वाले गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। 

तो जानते हैं। ऐसे कौन से लक्षण है। जो हार्ड अटैक आने से एक महीना पहले ही मिलना शुरू हो जाते हैं। इन संकेतों को समझकर, हम भविष्य में होने वाले हार्ड अटैक के खतरे को टाल सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करे हाई ब्लड प्रेशर में क्या नही खाना चाहिए और क्या नही।

हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेत

हार्ड अटैक क्या है
What is Heart Attack

हमारा शरीर करोड़ों अरबों कोशिकाओं (Cells) से मिलकर बनाया बना है। इन कोशिकाओं को जिंदा रखने का काम ऑक्सीजन करती है। सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था भी प्रकृति ने की है।

हम जो ऑक्सीजन लेते हैं। वह हमारे पूरे शरीर की कोशिकाओं तक  पहुंचती है। जिसके कारण हमारी कोशिकाएं जिंदा रहती है। इस ऑक्सीजन को पहुंचाने का काम, हमारा हार्ट करता है।

हमारा हार्ट जीवित रहने से, हमारे मरने तक लगातार काम करता रहता है। पूरे जीवन में कभी ऐसा समय नहीं आता। जब हमारा हार्ट बंद हो जाए। चाहे हम सो ही क्यों न रहे हो। ताकि हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका को, हर समय ऑक्सीजन मिलती रहे।

उसके द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकाला जा सके। हार्ड अटैक के बारे में समझने से पहले, हमें मानव शरीर की संरचना को समझना होगा। क्या आप जानना चाहेंगे : हाई ब्लड प्रेशर कितना होता हैंइसके कारण, लक्षण व इससे होने वाले नुकसान की पूर्ण जानकारी।

मानव शरीर की संरचना
Structure of Human Body

आप जान चुके हैं कि हमारा शरीर छोटी-छोटी कोशिकाओं (cells) से मिलकर बना है। जब यह बहुत सारी कोशिकाएं आपस में मिलती हैं। तो ऊतकों (tissues)  का निर्माण करती हैं। जब बहुत सारे ऊतक आपस में मिलते हैं। तो यह अंगों (organ) का निर्माण करते हैं। यानी कि हमारी kidney, हमारा lungs हमारा heart जैसे सारे अंगों का निर्माण होता है।

जब बहुत सारे अंग मिल जाते हैं। तो हमारा शरीर बनता है। इस तरह से हमारे शरीर की सबसे छोटी इकाई कोशिका कहलाती है। इन अरबों कोशिकाओं को जिंदा रहने के लिए, ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इन सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम, हमारा ह्रदय करता है। 

हमारे शरीर में ऑक्सीजन दो तरीके की नलियों के द्वारा पहुंचती है। ऐसी नलियाँ जो हृदय से लेकर, कोशिकाओं तक blood supply करती हैं। यानी ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त (oxygenated blood) पहुंचाती हैं। उन्हें हम Arteries कहते हैं। फिर हर कोशिका से अशुद्ध रक्त को इकट्ठा करके,  ह्रदय तक पहुंचाया जाता है। क्योंकि इस इसमें कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद होती है। जिसकी हमारे शरीर को जरूरत नहीं होती है। 

इसे शरीर से बाहर निकाला जाता है। ऐसी नलियाँ जो सारे कार्बन डाइऑक्साइड युक्त अशुद्ध रक्त या ऑक्सीजन रहित रक्त (deoxygenated blood) को  इकट्ठा करके हृदय तक पहुंचाती हैं। उन्हें Veins कहा जाता है। यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। यानी हार्ड से शुद्ध रक्त को कोशिकाओं तक पहुंचाना।  फिर अशुद्ध रक्त को कोशिकाओं से heart तक पहुंचाना।

हमारा हृदय स्वयं कोशिकाओं से मिलकर बना है। इस हार्ड को भी blood supply की जरूरत होती है। इन तक रक्त पहुंचाने का काम, coronary arteries करती है। जो हमारे हृदय में मौजूद होती हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : लो ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करेंब्लड प्रेशर लो के घरेलु उपचार। इसके कारण व लक्षण की विस्तृत जानकारी।

हार्ट अटैक क्यों आता है
Reasons of Heart Attack

हृदय में मौजूद coronary arteries से blood बहता हुआ, हृदय की कोशिकाओं को जीवित रखता है। तब हमारा ह्रदय अच्छे से काम करता हैं। फिर हमारा हृदय लगातार बिना रुके, शरीर की अन्य कोशिकाओं तक blood की supply करता रहता है। लेकिन एक परिस्थिति तब बनती है। जिसे हम मेडिकल की भाषा में atherosclerosis कहते हैं। यह ही हमारे हार्ड अटैक के लिए जिम्मेदार होती है।

जब हम बहुत ज्यादा तला-भुना खाते हैं। तब हमारे शरीर मे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। धीरे-धीरे यह हमारी coronary arteries में जमना शुरू हो जाता है। जब इसका स्तर अधिक बढ़ता जाता है। तो यह हमारी coronary arteries को सँकरा करता जाता है।

जिससे इसमें ब्लड की सप्लाई कम  होती जाती है। इस कोलेस्ट्रॉल के लगातार जमते रहने के कारण, coronary arteries का अंदर का डायमीटर कम होता जाता है। एक स्थिति ऐसी भी आती है। जब यह पूरी arteries को block कर देता है। जिसके कारण आगे की ब्लड सप्लाई रुक जाती है।

इस स्थिति में हार्ट की कोशिकाएं damage होना शुरू हो जाएंगी। जब हार्ड तक ब्लड नहीं पहुंच पाएगा। तो यह काम करना बंद कर देगा। इसी स्थित को ही हार्ड अटैक कहा जाता है। क्या आप जानना चाहेंगे : पेट दर्द का देसी उपचारयह क्यों होता है। इसका कारण, लक्षण, दस्त व उल्टी से बचाव की विस्तृत जानकारी।

हार्ट अटैक का मुख्य कारण क्या है
Causes of Heart Attack

एक रिसर्च जिसे Inter-Heart Study कहा गया था। यह 52 देशों के 30,000 मरीजों के ऊपर की गई थी। इस study के परिणामस्वरूप, 8 कारण बताए गए थे। जो heart attack के लिए जिम्मेदार हैं। इन्हें जानकर आप भी बचाव कर सकते हैं। क्योंकि हार्ड अटैक एक  preventive disease है। जिसे समय रहते, ठीक किया जा सकता है। अगर आप भी, इसके कारणों को जान जाएंगे। तो इनसे बचा जा सकता है।

1. Lipid Profile – पहला और सबसे जरूरी कारण Lipid Profile है। जिसके अंतर्गत कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड दोनों ही आते हैं। इसके साथ ही low HDL Cholesterol को भी रखा गया है। अगर आपका Lipid Profile खराब है।

यानि अगर आपका कोलेस्ट्रोल 200 के आसपास है। आपका ट्राइग्लिसराइड 160 के ऊपर है। वही आपका HDL 25% से कम है। तो हार्ड अटैक की संभावना बढ़ जाती है।

2. Smoking and Tobacco – अगर आप सिगरेट, बीड़ी, जर्दा, गुटखा आदि का सेवन करते हैं। तो यह blockage बनाने का, सबसे बड़ा कारण माना गया। Lipid के बाद, यह हार्ड अटैक का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।

3.Stress – तनाव जिसे साइकोलॉजिकल स्ट्रेस कहा जाता है। अगर आप ज्यादा तनाव में रहते हैं। तो हार्ड अटैक की उतनी ही ज्यादा संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। इस स्ट्रेस को कम करने के लिए, आप मेडिटेशन और योग का सहारा ले सकते हैं।

4. High Blood Pressure – हाई ब्लड प्रेशर रहने से भी, हार्ड अटैक की ज्यादा संभावनाएं हो जाती हैं। अतः इस हाई ब्लड  प्रेशर को कंट्रोल करने पर ध्यान देना चाहिए। ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण ही है कि हमारे ब्लड वेसल्स में कहीं न कहीं रुकावट आ रही है।

5. Diabetes – अगर आपका ब्लड शुगर 130 mg/dl से ज्यादा है। तो यह एक warning stage पर है। डायबिटीज भी हार्ड अटैक का कारण होता है। इसे बढ़ने से  रोके। आप इस पर ध्यान देते रहे। इसको नियंत्रित करना जरूरी है।

6. Obesity – मोटापे का भी हार्ड अटैक में अहम रोल होता है। यदि आप ओवरवेट हैं। तो इसे नियंत्रित करने की कोशिश करें। ताकि हार्ड अटैक से बच सकें।

7. Diet – अगर आप फल और सब्जियों का प्रयोग कम करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर की मात्रा कम लेते हैं। तो भी आपको हार्ड अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती है। इसलिए इनका उचित मात्रा में प्रयोग अवश्य करें।

8. Physical Activities – अगर आप मेहनत वाला काम नहीं करते हैं। Walking नहीं करते है। आपकी फिजिकल एक्टिविटी कम रहती है। आपका काम desk work  वाला अधिक रहता है। तो यह भी एक हार्ड अटैक का कारण बनता है। इसके लिए आपको हल्की-फुल्की exercise व walking जरूर करना चाहिए।

यह स्टडी हमें बताती है कि अगर हम इन 8 कारणों को नियंत्रित कर ले। तो हम हार्ड अटैक जैसी गंभीर समस्या से बच सकते हैं। इन पर ध्यान देने से 90 से 95% तक हार्ड अटैक की संभावनाएं टाली जा सकती हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : 2 मिनट में कमर दर्द से आराममहिलाओं के कमर दर्द के कारण, घरेलू उपचार, एक्सरसाइज व एक्यूप्रेशर पॉइंट।

हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेत

हार्ड अटैक आने से पहले के संकेत क्या होते हैं। कैसे आप जान सकते हैं कि आपको हार्ड की  समस्या है। या फिर हार्ड अटैक आने वाला है। आज 30% ऐसे मरीज होते हैं। जिनकी हॉस्पिटल जाते-जाते  या फिर जाने से पहले ही हार्ड अटैक से मृत्यु हो जाती है।

ऐसी स्थिति में हार्ड अटैक के आने से पहले जो लक्षण दिखाई देते हैं। उन्हें समझना जरूरी हो जाता है। अगर किसी मरीज को हार्ड अटैक होता है। तो उसका इलाज 90 मिनट के अंदर-अंदर हो जाना चाहिए। वही उसे 30 मिनट के अंदर-अंदर ऐसी दवाइयां दे देनी चाहिए। जो blockage को remove करती हैं।

जब भी हमें हार्ड अटैक होता है। तो उससे पहले हमें कुछ सिम्टम्स दिखाई देते हैं। उससे पहले हमें कुछ clinical features देखने को मिलते हैं। जिसके आधार पर, हम जान सकते हैं कि यह हार्टअटैक की समस्या है। या फिर कुछ और समस्या हो सकती है।

1. वास्तविकता में देखा जाए तो हार्ट एक इंजन है। यह तभी तक तकलीफ देता है। जब इसे रेस दी जाए। इसी तरह हार्ड के कुछ cardinal symptoms होते हैं। इसमें सांस फूलना और छाती में दर्द होता है। लेकिन यह बहुत सारी अन्य बीमारियों में भी हो सकता हैं।

हार्ड के बारे में विशेष रूप से कहा गया है। कि जब चलने से यह दर्द बढ़ता है। रुक जाने से ठीक हो जाता है। तो यह सिर्फ हार्ड का ही दर्द हो सकता है। किसी और चीज का नहीं हो सकता। अगर आपको यह लगता है कि आपका सांस और छाती का दर्द चलने-फिरने या सीढ़ी चढ़ने से बढ़ा रहा है। रुक जाने से ठीक हो रहा है। तो इसमें कोई संदेह नहीं है। कि हार्ड की ही बीमारी है। 

इसी को एंजाइना पेन भी कहते हैं। यह लक्षण 1 या 2 महीने पहले से ही दिखने लगते हैं। जैसा कि आप पहले ही जान चुके हैं कि जब हार्ड की कोशिकाएं damage होने लगती है। तो एंजाइना पेन जैसा symptoms दिखाई पड़ने लगेगा।

2. कभी-कभी लोगों को चक्कर आते हैं गिर पड़ते हैं बेहोशी जैसा महसूस होने लगता है। इसे Syncope कहा जाता है। यह हार्ड का तीसरा cardinal symptoms है। इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं लेकिन इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।

3. छाती में दर्द होना जरूरी नहीं है। कई बार इसके बदले छाती में जलन भी हो सकती है। जिसे लोग एसिडिटी मानकर इग्नोर कर देते हैं। इसके साथ ही घबराहट वह पसीना भी आ रहा है तो आपको तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।

4. अगर आपकी छाती में भारीपन महसूस होता है। वही चलने-फिरने पर भारीपन अधिक महसूस हो रहा है। तब आपको  suffocation जैसा महसूस होता है। लगता है, जैसे कोई गला दबा रहा है। सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। तो भी आपको इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।

5. कभी-कभी डायबिटिक, उम्रदराज लोगों में, व महिलाओं में पेनलेस हार्ड अटैक भी हो सकता है। तब भी घबराहट, पसीना आना, छाती में भारीपन होना महसूस हो सकता है। इसे भी आपको इग्नोर नहीं करना चाहिए। इसका दर्द जरूरी नहीं छाती पर ही हो यह गले से लेकर नाभि तक कहीं पर भी हो सकता है।

6. हार्ड अटैक के मरीज में पसीना आने की भी समस्या हो सकती है। यह ऐसा होता है।  जब आपके पूरे कपड़े भीग जाए। यहां तक कि आप AC या पंखे के नीचे भी बैठे। तब भी आपका पसीना न सूखे। तो यह भी  हार्ड अटैक का एक लक्षण हो सकता है। लेकिन हर एक को हार्ड अटैक में, पसीना आना जरूरी नहीं होता है।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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