Health Tips in Hindi, body detoxification, benefits of detox, detox your body naturally [ बॉडी डिटॉक्स करने का तरीका, शरीर में जमी गंदगी कैसे निकाले ]
Health Tips in Hindi
बॉडी डिटॉक्स करने का तरीका
आज हम जिस वातावरण में रह रहे हैं। वह विषैले पदार्थों यानी टॉक्सिन से भरा पड़ा है। जो हम सभी की हेल्थ पर बुरा प्रभाव डालते हैं। शायद यही कारण है कि आज नई-नई बीमारियां जन्म लेती जा रही है। जब हमारे शरीर में, टॉक्सिंस इकट्ठे हो जाते हैं।
हमारे शरीर में बहुत सारी मेटाबोलिक क्रियाएं चल रही होती है। जिनमें पाचन क्रिया, श्वसन क्रिया आदि महत्वपूर्ण होती है। इन सभी मेटाबोलिक क्रियाओं के दौरान, बहुत सारे बायप्रोडक्ट्स बनते हैं। जिनका हमारे शरीर से मल के रूप में, पेशाब व पसीने के जरिए। बाहर निकाला जाना आवश्यक होता है।
लेकिन हमारे कुछ गलत लाइफस्टाइल के कारण, इनका संचय हमारे शरीर में ही होता रहता है। जो धीरे-धीरे हमारे शरीर के लिए घातक होती जाती है। इसके अतिरिक्त प्रदूषण व खराब खान-पान के कारण भी, हमारे शरीर में टॉक्सिंस बढ़ते जाते हैं। जो अनेकों घातक बीमारियों को जन्म देते हैं।
हमें कमजोरी महसूस होती है। हमारा शरीर थका-थका सा रहता है। शरीर में जगह-जगह पर, दर्द महसूस होने लगता है। पिंपल्स, रैशेस, कोल्ड कफ, त्वचा संबंधी समस्याएं पैदा होने लगती है। मोटापा, डायरिया, कब्जियत, जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियां परेशान करने लगती है।
अगर इन टॉक्सिंस को बाहर न निकाला जाए। तो हमारा शरीर खोखला होता जाएगा। बहुत सी बीमारियों के शिकार होते जाएंगे। इसलिए टॉक्सिंस को बाहर निकालने के लिए, हमे अपने शरीर को अंदर से साफ करना बहुत जरूरी है। यानी कि शरीर का शुद्धिकरण अर्थात डिटॉक्स करना आवश्यक हो जाता है। क्या आप जानना चाहेंगे : स्वस्थ्य रहने के ५ सूत्र। अगर आप इन तरीकों को अपनाते है, हमेशा एक स्वस्थ्य जीवन जी सकते है।
Detoxification क्या होता हैं
Detox एक बहुत ही commonly used term होता है। हमें जब भी कोई बीमारी होती है। हम किसी ट्रेवल से वापस आते हैं। जब हमें weight loss करना होता है। जब हम किसी function से वापस आते हैं। तब हमें detoxification की जरूरत होती है।
प्रत्येक दिन हमारा शरीर बहुत सारे Toxins को पैदा करता रहता है। हमारा शरीर 24×7 एक running machine की तरह काम करता रहता है। इस मशीन के बायप्रोडक्ट्स acid और toxins होते है। इन toxins को बाहर निकालने के लिए, हमें detoxifying आवश्यकता होती है।
हमें विषहरण की आवश्यकता क्यों है
शरीर को detoxify करने के बहुत सारे तरीके और बहुत सारे फ़ायदे होते हैं। क्योंकि हमारी body एक मशीन की तरह काम करती है। जिनमें toxins बनते रहते हैं। इन्हें निकालना बहुत जरूरी होता है। अगर हम यह toxins नहीं निकलते हैं। तो क्या होगा। आइए जानते हैं –
पहला – अगर हम toxins को नहीं निकालते हैं। तो हमें Acidity, Bloating, Water Retention और Constipation जैसी समस्याएं हो सकती है। इसके अलावा हमें कुछ रोग जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी हो सकती है।
इसलिए सामान्यतः नियमित डिटॉक्सिफाइंग करने से, आप अपनी आँतों को स्वस्थ रख सकते है। आप अपने System को healthy रख सकते हैं। वहीं भविष्य में होने वाली बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है।
दूसरा – डिटॉक्सिफाइंग करने से, हमारा digestive system clean होता है। यानी जो excessive unwanted layers होती हैं। वह निकल जाती है। उसकी वजह से जो food हम खाते हैं। उसके nutritions आसानी से absorb हो जाते है।
इस तरह अगर आप कैल्शियम खा रहे हैं। वह completely absorb हो जाएगा। अगर आप Vitamins ले रहे हैं। वह भी absorb हो जाएगा। अगर आप कोई healthy salads खा रहे हैं। तो वह भी completely absorb हो जाएगा। इसलिए हमारे body को detoxify होना बहुत जरूरी है। ताकि हमारा शरीर nutritions को आसानी से absorb कर सके।
तीसरा – Detoxify करने का सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण कारण यह भी है। कि ये हमारी aging को prevent करता है। हम सभी young दिखाई देना चाहते हैं। वास्तव में toxins हमारी skin पर aging को create करते हैं। Skin पर Wrinkle आ जाते हैं। Pigmentation आ जाता है। Skin dull हो जाती है।
अगर आप नियमित detoxifying करते हैं। तो आपकी skin glow करेगी। आपकी skin हमेशा fresh रहेगी। आपकी skin पर जल्दी Wrinkles नहीं आएंगे। आप aging को slowdown कर सकते हैं। अगर आप 50 साल के है। तो आप निश्चित ही, 30 साल के दिखाई देंगे।
Read : Piles, Fissure, Fistula Symptoms and Home Remedies in Hindi । बवासीर को जड़ से कैसे खत्म करें।
हम जो भी चीज खाते हैं। वह सबसे पहले हमारे food pipe से होकर, हमारे stomach में जाता है। Stomach में यह खाना टूटता है। इसके बाद 22 फीट लंबी small intestine में जाता है। Small Intestine से होकर, यह खाना हमारी large intestine में जाता है।
अंत में waste बनकर, यह हमारे शरीर से बाहर निकलता है। अलग-अलग प्रकार का खाना, अलग-अलग टाइम digest होने में लेता है। जिस खाने में कितना ज्यादा पानी होता है। वह उतना ही जल्दी digest होता है।
Types of Food | |||
Fruits | Vegetables | Grains | |
Stomach | 1 | 2 | 6 |
Small Intestine | 1 | 2 | 6 |
Large Intestine | 1 | 2 | 6 |
Total Time | 3 Hours | 6 Hours | 18 Hours |
ज्यादातर लोग बीमार इसलिए होते हैं। क्योंकि वह तीन टाइम खाना खाते हैं। इसका सीधा-सा मतलब यह है कि पहले वाला खाना, अच्छे से digest हुआ नहीं। फिर दूसरा उसके ऊपर से चला गया। इस वजह से खाना पेट में ही पड़ा रहता है। फिर सड़ता रहता है। वायरस और फंगस पैदा करता है।
अक्सर पेट में कीड़े पैदा हो जाते हैं। ऐसा तो नहीं है कि उन कीड़े को ऊपर से खाया गया हो। बल्कि कीड़े पेट में खुद पैदा होते हैं। उस खाने की वजह से, जो सालों-साल हमारे पेट में सड़ता रहता है। जो चीजें हमें mother nature से सीधे नहीं मिलती हैं। जैसे ब्रेड, स्नैक्स, पिज़्ज़ा, चाय, कॉफी आदि।
इन चीजों को हमारी body को, पचा पाना बहुत मुश्किल होता है। यह हमारी intestine में चिपक जाती है। फिर एक मोटी पर layer बना लेती है। अब यह गंदगी हमारे blood में mix होकर, हमारी पूरी body में circulate होती है। क्या आप जानना चाहेंगे : बवासीर को जड़ से कैसे खत्म करें। इसकी सम्पूर्ण जानकारी कारण, प्रकार,लक्षण, घरेलू उपचार।
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विषाक्त पदार्थों का प्रभाव
अगर यह गंदगी हमारी skin पर चिपक जाती है। तो हम इसे पिंपल्स, मुहासे, सोरायसिस, एग्जिमा कहते हैं। अगर यह गंदगी हमारी किडनी या गाल ब्लैडर में चिपक जाती है। तो हम इसे स्टोन कहते हैं। ऐसे ही मोटापा होता है। अगर आपको weight कम करना है। मोटापा घटाना है। तो इस गंदगी को आपको अपने शरीर से बाहर निकलना होगा।
यह गंदगी हमारे blood में mix होकर, हमारे blood को भारी कर देती है। जिसकी वजह से हमारे heart को ज्यादा pressure लगाना पड़ता है। उस blood को, हमारी body में circulate करने के लिए। तब हम उसे Blood Pressure कहते हैं।
अगर यह overy में, गांठ या शिष्ट बनकर जम जाती है। तो हम इसे PCOD कहते हैं। अगर यह हमारे intestine में जम जाती है। तो हम इसे Constipation कहते हैं। अगर यह हमारे air ways में जम जाती है। तो हम इसे Asthma कहते हैं। अगर ये हमारे अगर arteries में जम जाती है। तो हम इसे Cholesterol कहते हैं।
भले ही आज आपको इनमें से कोई बीमारी न हो। लेकिन अगर आपने अपनी body से, इस गंदगी को बाहर नही निकाला। अगर आपने अपनी body को Detox नहीं किया। तो भविष्य में यही गंदगी, एक गंभीर रोग को जन्म दे देगी। क्या आप जानना चाहेंगे : कब्ज का परमानेंट इलाज। पुरानी कब्ज के लक्षण। कब्ज के नुकसान। बदहजमी का घरेलू इलाज। कब्जियत के घरेलू उपाय।
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शरीर का विषहरण
आप अपनी body को पूर्ण रूप से detox कर सकते हैं। यानी कि इन तरीकों से, आप अपनी body को सिर से पांव तक detox कर सकते हैं। Detoxification की जरूरत सबको होती है। चाहे वह healthy व्यक्ति हो या unhealthy।
आजकल हमारा lifestyle कुछ ऐसा हो गया है। कि हम जंक फूड को ज्यादा prefer करते हैं। वही हम exercise को महत्व को नहीं देते हैं। योगा नहीं करते हैं। यह सारे factors ही, हमारे शरीर में toxics को इकट्ठा करने में help करते हैं।
इस condition में, अगर हम अपने शरीर को नियमित detox नहीं करेंगे। तो हमारे शरीर में बहुत ही घातक बीमारियां जन्म ले सकती है। तो जानते हैं, कैसे हम अपना शरीर को detox कर सकते हैं।
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सुबह गर्म पानी का उपयोग
आपको रोज सुबह उठकर, दो से तीन गिलास गरम पानी पीना चाहिए। इसकी शुरुआत आप एक गिलास गर्म पानी से भी कर सकते हैं। ताकि आपकी body, इसकी हावी होती जाए। धीरे-धीरे आप इसकी मात्रा बढ़ाकर, तीन गिलास तक कर सकते हैं। अब इससे क्या फायदा होता है। यह भी जानना जरूरी है।
आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में छोटे-छोटे micro channels होते हैं। जिनको शोधक मार्ग कहते हैं। जब हम रात में सोते हैं। तब यह micro channels बंद हो जाते है। उस अवस्था में, इसमें toxins इकट्ठा होने लगते हैं। फिर जब आप सुबह गर्म पानी पीते हैं।
तब इन micro channels को गर्म पानी खोलने में, बहुत मदद करता है। जो बॉडी से व micro channels से toxins को बाहर निकालने में बहुत helpful होता है। इस तरह जब आपकी body से toxins बाहर हो जाएंगे। तो आप अपने आपको बहुत हल्का महसूस करेंगे। क्या आप जानना चाहेंगे : सुपर फूड आमला के गुण व फायदे। किन-किन रोगों मे लाभकारी।
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16 घंटे का उपवास
Detoxification का सबसे अच्छा तरीका 16 घंटे का उपवास है। जो शक्ति आपके शरीर से toxins को बाहर निकालेगी। आपकी बीमारी को ठीक करेगी। वजन को कम करेगी। वह शक्ति आपके अंदर ही मौजूद है। उपवास करने से, आप उसे ठीक से काम करने का मौका देते हैं।
इस शक्ति को हम सभी प्राणशक्ति ( Healing Power) के नाम से भी जानते हैं। जब यह प्राणशक्ति अपना काम करना शुरू करती है। तो हमारे शरीर की सारी गंदगी, सारे toxins व सारी बीमारियों को ठीक कर सकती है। जानते हैं, यह प्राणशक्ति कैसे काम करती है।
यह प्राणशक्ति एक बार में, एक ही काम को ठीक ढंग से कर सकती है। खाने को पचाने का काम या फिर healing का काम। हम अपनी प्राणशक्ति को healing करने का मौका ही नहीं देते। उसे हमेशा disturb करते रहते हैं। हमेशा खाते रहकर। जैसे ही हम कुछ खाते हैं। यह प्राणशक्ति healing का काम रोककर, digestion का काम शुरू कर देती है।
दुर्भाग्यवश, हम हमेशा ही खाते रहते हैं। अगर आप चाहते हैं कि यह प्राणशक्ति healing का काम करें। तो हमें समय-समय पर, खाने को break देना होगा। इसके लिए, आपको सलाह दी जाती है। कि आप रोजाना रात को 16 घंटे का ब्रेक दें।
यानी अगर आपने dinner रात को 8:00 बजे खाया। तो अगले दिन 12:00 बजे तक, कुछ भी मत खाइए। फिर आप अपने दिन का ठोस आहार ले सकते हैं। इस तरह आप 16 घंटे उपवास कर रहे हैं। शेष 8 घंटे खा रहे हैं। इसी को 16 घंटे का उपवास कह सकते हैं।
दोपहर 12:00 बजे से पहले, आप जूस, नारियल पानी या फिर सब्जियों का जूस ले सकते हैं। लेकिन फलों का जूस, चाय, कॉफी, दूध आदि से परहेज करें। इसकी शुरुआत 12 घंटे के उपवास से भी कर सकते हैं। फिर इसे धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें। कि आपको रात का भोजन हल्का ही करना है।
ताकि इस दौरान कम से कम समय में, आपकी प्राणशक्ति digestion का काम करें। शेष समय में, healing के काम को अंजाम दे सके। इस दौरान आपकी प्राणशक्ति tissues को repair करती है। पुराने दाग-धब्बों को दूर करती है। Dead cells को बदलती है। पथरी को बाहर निकलती है।
आपके शरीर मे जमें fats को घटाती है। schist को तोड़कर, हार्मोन को regularize करती है। Intestine में जमी गंदगी को हटाती है। एयरवेज से म्यूकस को साफ करती है। Arteries से Cholesterol को निकलती है। उपवास के दौरान, आपकी प्राणशक्ति गहराई तक जाकर। वहां पर toxins को उठाकर, stool, urine व sweat के माध्यम से बाहर निकलती है। क्या आप जानना चाहेंगे : हमेशा खुश रहने का आसान तरीका। How to Increase Happy Hormones in Brain।
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ऑयल पुलिंग या गंडुशा करें
आयुर्वेद में इसे हजारों साल पहले ही बता दिया गया था। इसे गंडुशा कहा जाता है। इस विधि में, आपको मुंह में आयल रखना होता है। फिर 5 से 10 मिनट, इसकी gargle करनी होती है। यानी गरारा करना होता है।
आयुर्वेद में गंडुशा करने के लिए, कहीं पर भी coconut oil का वर्णन नहीं मिलता है। गंडुशा करने के लिए, आयुर्वेद में तिल का तेल, सबसे कारगर माना गया है। इसलिए आपको तिल के तेल का ही उपयोग करना चाहिए। आपको तिल का तेल दो से चार चम्मच यानी 10 – 15 मिली अपने मुंह में लेना है।
फिर इसे लगातार मुंह में चारों तरफ घुमाते रहना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि तेल थोड़ा गुनगुना होना चाहिए। जितनी गर्माहट आप सहन कर सकें। फिर 3 से 5 मिनट तक, अपने मुंह में रखकर, इससे गरारा करना है।
इसके बाद आयल को बाहर कुल्ला कर देना चाहिए। इस ऑयल को अंदर नहीं जाना चाहिए। यह आपके शरीर से toxins को बाहर निकालने के लिए, बहुत ही कारगर उपाय माना जाता है।
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ऑयल पुलिंग या गंडुशा के फायदे
1. यह आपकी oral cavity यानी मुंह की कैविटी व गले से सारे toxins को बाहर निकाल देता है। यह मसूड़े और दांत को भी मजबूत करता है। इसके साथ ही अगर आपके मुंह से बदबू आती है। आपको पाइरिया की शिकायत हैं या गले में बलगम रहता है। इस सब के लिए भी उपयोगी होता है।
2. यह आपकी skin को glow करने में मदद करता है।
3. अगर आपकी skin पर wrinkles आ गए हैं। तो उन्हें भी कम करने में मदद करता है।
4. अगर आपको आंख, कान, नाक या मुंह की कोई बीमारियां हैं। उनको भी कम करने में, यह मददगार साबित होता है।
5. यह अस्थमा, साइनोसाइटिस और माइग्रेन में भी बहुत ज्यादा मददगार होता है। इनको खत्म करने में, बहुत ज्यादा मदद करता है। क्या आप जानना चाहेंगे : तुलसी के फायदे। 10 Benefits of Tulsi।
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विषहरण करने के लिए सर्वश्रेष्ठ शक्तिशाली पेय
यह एक ऐसा जूस है। जिसके अंदर आपके शरीर की सारी गंदगी को बाहर निकालने की शक्ति मौजूद है। यह एक ऐसा जूस है। जो मैग्नेट की तरह, आपके शरीर के सभी toxins को अपनी तरफ से खींच लेता है। यह आपके शरीर के साथ-साथ, आपके मन को भी साफ करता है। बुद्धि बढ़ाता है। इस जूस का सिर्फ एक गिलास रोज सुबह पीने से, आपकी लाइफ बदल सकती है।
यह Ash Gourd Juice (सफेद पेठे) का है। यह पानी की तरह testless होता है। इसका कोई स्वाद ही नहीं होता है। यह न तो कड़वा होता है और न ही मीठा। इसको अलग-अलग जगहों पर कई नामों से जाना जाता है। English में Ash Gourd, हिंदी में सफेद पेठा, उत्तर प्रदेश में कुमड़ा, पश्चिम बंगाल में चल कुमड़ा कहा जाता है।
एक ग्लास जूस बनाने के लिए, आपको 250 ग्राम Ash Gourd लेना होगा। सबसे पहले इसका छिलका व बीज निकाल दें। अब इसके छोटे टुकड़े कर ले। फिर इसे जूसर में डालकर, जूस निकाल ले। यह प्रकृति के सबसे एल्कलाइन वेजिटेबल में से एक है। यह एनर्जी से भरा होता है।
इसे तुरंत पी लेना चाहिए। जूस निकालने के बाद नहीं रखना नहीं चाहिए। इसका अधिकतम फायदा आपको तब मिलता है। जब आप इसे धीरे-धीरे sip करके पीते हैं। अगर आप इसे एक ही घूंट में पूरा पी जाएंगे। तो इसका कोई भी लाभ नहीं मिलेगा। इसमें आपको नींबू व नमक कुछ भी नहीं मिलाना चाहिए।
Disclaimer लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। |