डिप्रेशन का लक्षण | डिप्रेशन से नुकसान | डिप्रेशन से बाहर निकलने का उपाय

डिप्रेशन का लक्षण, नुकसान, उपाय, बाहर निकलने का उपाय, घरेलू इलाज, क्या खाना चाहिए, शुरुआती लक्षण, क्यों होता है।

डिप्रेशन का लक्षण – क्या है, नुकसान, कारण व घरेलू उपचार

 आप में से किसी को भी पेट में दर्द हो। बुखार हो, सर में दर्द हो, सर्दी जुकाम हो। तो आप तुरंत डॉक्टर के पास जाते हैं। रास्ते में जाते हुए। किसी का एक्सीडेंट हो जाए। सर फट गया हो। तो उसको इमरजेंसी में लेकर जाया जाता है।

एक हड्डी टूट गई हो। तो हड्डी वाले डॉक्टर के पास लेकर जाते हैं। यह सारे Physical Health में गिनती किये जाते हैं। इंसान को इसकी वजह से, तकलीफ महसूस होती है। जिसके लिए उन्हें डॉक्टर के पास जाने में, जरा सी भी हिचकिचाहट महसूस नहीं होती।

लेकिन अगर कोई 10 – 12 दिनों से उदास है। बिल्कुल खामोश है। अच्छे से न खाता है। न पीता है। तो उसके घर वाले, उससे बोलते हैं। तुम ऐसे क्यों रहते हो। अरे खुश रहा करो। लाइफ में, सब कुछ ठीक हो जाता है।

इसका मतलब यह हुआ कि ज्यादातर लोगों को समझ में ही नहीं आता। उसका 10 दिन से उदास रहना। एक आम बात नहीं है। बल्कि एक बीमारी है। उसे भी एक डॉक्टर की जरूरत है। वह डॉक्टर है, एक  Psychiatrist।

एक simple सा logic है कि अगर हम दिमागी रूप से सुकून में नहीं हैं। तो क्या कोई भी काम अच्छे से कर सकते हैं। एक इंसान की जिंदगी कैसे अच्छे से गुजरेगी। अगर वह अंदर से परेशान है। बेचैन है या डरा हुआ है।

 Simple चीज से, negative सोच उसके दिमाग में दौड़ने लगती है। Situation कुछ ऐसी है। बहुत से लोगों को समझ में ही नहीं आता है। कि उनको Mental Illness भी हो सकता है। यह समझने में, उनको काफी समय निकल जाता है।

 वह डॉक्टर के पास हालत बिगड़ने के बाद जाते हैं। आपको भी जानना जरूरी है। आपके साथ भी तो कुछ ऐसा नहीं है। कहीं आपको भी तो Mental Illness नही है। आपको भी सही समय पर, एक डॉक्टर की जरूरत है। क्या आप जानना चाहेंगे : सुपर फूड आमला के गुण व फायदेकिन-किन रोगों मे लाभकारी।

डिप्रेशन का लक्षण

Anxiety और Depression मे क्या अंतर होता है?

जिंदगी में उतार-चढ़ाव और कुछ खास वजह की चिंता करना। एक सामान्य बात है। लेकिन इन चीजों के बारे में, हद से ज्यादा चिंता या सोचना। आपको मुश्किल में डाल सकता है। ऐसे में, आप डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

खासकर तब जब ऐसा 1 या 2 सप्ताह से अधिक समय तक रहे। इसका इलाज अगर बीमारी के लक्षण देखते ही शुरू कर दिया जाए। यही इससे निपटने का बेहतरीन तरीका है। इससे आगे चलकर, आपको काफी फायदा हो सकता है।

एंग्जायटी क्या है?
Anxiety Meaning in Hindi

किसी इंसान में एक ही समय में एंजायटी और डिप्रेशन दोनों हो सकते हैं। एक सर्वे के मुताबिक, आधी आबादी एंजायटी या डिप्रेशन का शिकार है। एंग्जायटी किसी को कभी भी हो सकती है।

 किसी बड़ी घटना या किसी important decision से पहले चिंता का होना। असामान्य नहीं होता लेकिन लगातार चिंता का बने रहना गंभीर हो सकता है है तो होने पर हम बेतुके विचार और आशंकाएं होने से रोक नहीं सकते जिसका असर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता है

 यह एक common psychological problem होता है। जिसे हम Generalized Anxiety Disorder (GAD) कहते हैं। इसके नाम से ही जाहिर है। कि ऐसी anxiety जो generalized है। यानी हमेशा है। 

 ऐसे लोगों का कहना होता है कि इनका दिमाग हमेशा ही चलता रहता है। उनका दिमाग कभी खाली नहीं रहता है। दिमाग कभी शांत होता ही नहीं। ऐसी चीजें जो नामुमकिन है। उनके बारे में भी इनको चिंता होती है। क्या आप जानना चाहेंगे : स्वस्थ्य रहने के ५ सूत्रअगर आप इन तरीकों को अपनाते है, हमेशा एक स्वस्थ्य जीवन जी सकते है।

एंजाइटी के शारीरिक और भावनात्मक लक्षण
Symptoms of Anxiety in Hindi

1. बहुत जल्दी थकान का होना।

2. किसी भी चीज को याद करने में कठिनाई होना।

3. मांसपेशियों में तनाव का रहना।

4. दिल का असामान्य रूप से धड़कना।

5. दांत पीसना।

6. अनिद्रा का शिकार होना।

7. चिंता या भय पर काबू पाने में मुश्किल होना।

8. बेवजह घबराहट होना। ऐसे लोग हमेशा ही घबराए हुए होते हैं।

9. हाथों में कंपन होना।

10. हर छोटी बात की चिंता की होना। इसका सबसे important symptoms है।

डिप्रेशन कैसे होता है
Depression Meaning in Hindi

क्या हम अपने आसपास के लोगों में होने वाले बदलाव को महसूस करते हैं। जैसे कि कोई व्यक्ति परेशान हो। निराश हो या उसे उन कामों में कोई खुशी न मिल रही हो। जो कभी उसके लिए मजेदार हुआ करते थे। यानी ऐसा लगे जैसे वह डिप्रेशन में हो। एंग्जायटी के बहुत ज्यादा होने पर, व्यक्ति डिप्रेशन का भी शिकार हो सकता है।

डिप्रेशन में इंसान उदास रहता है। उसमें उत्साह नहीं दिखता। वह काफी अपसेट नजर आता है। अगर कोई इंसान कई दिनों तक या कई हफ्तों तक ऐसा ही महसूस करता है। तो यह चिंता का विषय हो सकता है। 

 डिप्रेशन के मुख्य 9 लक्षण होते हैं। जिनमें से कम से कम पांच होने चाहिए।  यह लक्षण लगभग 2 हफ्ते तक लगातार होने चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं, ये संकेतहार्ट अटैक क्यों आता हैं। इसकी विस्तृत जानकारी।

डिप्रेशन का लक्षण
Depression Symptoms in Hindi

1. Lack of Energy शारीरिक ताकत में कमी होना। लगातार थकान होना। दर्द व ऐठन होना।

2. Lack of Concentration – एक जगह ध्यान लगाने में परेशानी होना।

3. Sadness – हमेशा दुखी रहना।

4. Feeling of Worthlessness – व्यर्थ की भावनाएं उत्पन्न होना।

5. Inability to Feel Pleasure – खुशी महसूस करने में असमर्थता का होना।

6. Loss of Interest –  किसी भी चीज में रुचि न होना ।

7. Lack of Sleep – नींद की कमी होना।

8. Lack of Appetite – भूख की कमी

9. Weight Loss or Gain – वजन का कम या ज्यादा होना।

10. Suicidal Thoughts – मन में लगातार दुख की भावना का रहना। विचारों में निराशा और आत्महत्या की कोशिश करना भी, इस बीमारी के लक्षण है।

एंग्जायटी क्यो होती है?
Causes of Anxiety

Anxiety होने का scientific reason है। हम सभी मे लगभग 15 से 20% first degree relatives में, एक genetic connection पाया जाता है। First Degree Relatives का मतलब अपने मां-बाप, अपने भाई बहन में अगर एंजायटी की समस्या है।

 तो आप में भी होने के चांसेस हैं। हमारे दिमाग में Gaba-Benzodiazepine Receptors होते हैं। गाबा एक न्यूरोट्रांसमीटर है। यह अगर Imbalance हो जाए। तो इसकी वजह से भी anxiety होती है।

 इसको ठीक करने के लिए, हमें दवाओं का सहारा लेना होता है। इसके अलावा और भी न्यूरोट्रांसमीटर होते हैं। जैसे कि Epinephrine, Serotonin, Dopamine, Opioid Receptors इनका भी Imbalance हो जाए। तो उसे एंजायटी  होती है।

डिप्रेशन क्यो होता है?
Causes of Depression in Hindi

डिप्रेशन एक गंभीर बीमारी है। जो By Choice नहीं होती है। लेकिन इसका इलाज By Choice हो सकता हैं। डिप्रेशन होने के कई कारण हो सकते हैं। साधारण भाषा में कहा जाए। तो इसके Psychological या Physical कारण हो सकते हैं।

     डिप्रेशन या अवसाद एक extremely complex disease है। जिसके exact reason के बारे में, तो कोई नहीं जानता। लेकिन लाइफ में बहुत सारी ऐसी चीजें होती है। जो डिप्रेशन पैदा कर सकती है। या फिर डिप्रेशन की seriousness को बढ़ा सकती है। ऐसे ही कुछ reason है।

1. Abuse – पहले कभी हुए Physical, sexual या emotional abuse  डिप्रेशन का कारण बन सकते है। इसे clinical depression या major depression में भी बदल सकते हैं।

2. Conflict – हममें से बहुत से लोग बड़े-बड़े Conflict को आसानी से हैंडल कर पाते हैं। जबकि कुछ लोगों के लिए, Conflict हैंडल करना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे लोग family, friends या business में होने वाले Conflict को संभाल नहीं पाते। वह डिप्रेशन में चले जाते है।

3. Death – किसी अपने की death का दुःख कई बार इतना ज्यादा गहरा हो जाता है। कि वह डिप्रेशन का रूप ले सकता है।

4. Medicine – यूं तो दवाइयां हमारी सेहत को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। लेकिन कुछ दवाइयां हमारी body और brain पर ऐसा reaction कर जाती है। जो डिप्रेशन का risk बढ़ा देती है। जैसे Acne को को दूर करने वाली दवाइयां Isotretinoin, Barbiturates व Benzodiazepines भी हो सकती है।

5. Genetics – किसी family member को कभी डिप्रेशन रहा हो। यानि family history में अगर डिप्रेशन हो। तो इसका risk बढ़ जाता है। इसे केवल genetics disease नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि इसमें एक single gene की बजाए। बहुत सारे genes के effect शामिल होते हैं।

6. Special Events – कई बार बहुत बड़ी खुशखबरी भी डिप्रेशन का कारण हो सकती है। जैसे नई जॉब लगना, मैरिज लाइफ की शुरुआत, कोई डिग्री हासिल करना।

    ऐसे में कई लोगों को आगे बढ़ने में, नए माहौल व नई situation में set होने, divorce का डर होने, इनकम की फिक्र होने पर डिप्रेशन होने लगता है।

7. Serious Illness – लंबे समय तक बीमार रहने पर और लोगों से कम intract कर पाने पर भी डिप्रेशन के chances बढ़ जाते हैं।

स्वयं से जांच का तरीका
Self Test Method for Anxiety and Depression

यह छोटा-सा Quiz Test है। यह कोई clinical diagnosis नहीं है। यह केवल self assessment के कुछ questions हैं। जिससे आपको समझ आ सके। कि आपका thinking pattern किस तरफ जा रहा है। 

क्या आप ज्यादातर negative सोचते हो। क्या आप ज्यादातर दुखी रहते हो। आपके अंदर कैसा process चल रहा है। उसका आपको सिर्फ थोड़ा basic idea आ जाए। यह एक ऐसा टेस्ट है।

आपको नीचे दिए गए 8 प्रश्नों के उत्तर ‘Yes’ या ‘No’ में देने हैं। जिसके आधार पर, आप स्वयं अपना मूल्यांकन कर सकते हैं। एक बार फिर, यह कोई clinical test  नहीं है। बल्कि आपको आपकी मूल समस्या अवगत करवाता है। क्या आप जानना चाहेंगे : शहद के फायदेशहद खाने के नुकसान। असली शहद की पहचान। शहद जहर कैसे बनता है।

Anxiety Text – Self Method

Q1 क्या आप रोज बहुत चिंता करते हैं। आपको लगता है कि आप इसे नियंत्रित नहीं कर सकते।

Q2 क्या आपकी जिंदगी में होने वाली विभिन्न बातों के प्रति आप अक्सर चिंतित हो जाते हैं।

Q3 क्या आप अधिकतर थका हुआ महसूस करते हैं। या जल्दी थक जाते हैं।

Q4 क्या आपकी चिंताएं, आपके कार्यों और निर्णयों को प्रभावित करती है। यानी चिंता की वजह से आपको अपने निर्णयों को बदलना पड़ता है

Q5 क्या आपके हाथ ठंडे हो जाते हैं। या हाथों में ठंडा पसीना आने लगता है।

Q6 क्या आपको किसी भी चीज में ध्यान केंद्रित करने या फोकस करने में दिक्कत आती है।

Q7 क्या आपके दिल की धड़कने, आपको बड़ी हुई महसूस होती हैं। आपको Uncomfortable महसूस होता है। या आपको कुछ बुरा हो जाने का अनियंत्रित ख्याल आता है।

Q8 क्या आप अधिकतर चिड़चिडे या उदास रहते हैं। या आपको नींद आने में समस्या होती है।

Result:

1. अगर आपने इन 8 प्रश्नों के जवाब में 3 या 3 से कम Yes बोले हैं। तो आपको बधाई हो। आपको Generalized Anxiety Disorder नहीं है। इससे यह जाहिर होता है कि आप चिंता अधिक करते हैं।

  चिंता करना और Anxiety Disorder होने में फर्क है। हम सब चिंता करते हैं। चिंता करना या होना। एक अच्छी चीज है। अगर आपको चिंता नहीं होगी। तो आप बहुत सारी चीजों को हासिल करने से वंचित रहेंगे।

2. अगर आपके जवाब 4 या 5 Yes में है। तो यह border line मामला है। इसमें यह भी हो सकता है। आपके लाइफ की अभी की कोई situation या problem के कारण ऐसा result आ रहा हो। इसमें कोई चिंता की बात नहीं है।

3. यदि आपके जवाब में 5 से 8 के बीच Yes आ रहे हैं। तो यह आपके व हमारे लिए, थोड़ा चिंता का विषय है। इसका अर्थ है कि आपको Generalized Anxiety Disorder हो सकता है। इसमें जरूरी नहीं है कि आपको हो। बस थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके लिए, आपको एक बार ऐसी मनोचिकित्सक की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

Depression Test – Self Method

Q1 क्या आप काफी समय sad, irritated, depressed या hopeless महसूस करते है।

Q2  क्या आपको कुछ हफ्तों से अपने रोजमर्रा के काम जैसे ब्रश करना या नहाना। या फिर ऐसी चीजें, जो normally  आपको करना पसंद है। वह करने की इच्छा का मन नहीं हो रहा है।

Q3 क्या कुछ हफ्तों से आपको नींद आने में तकलीफ महसूस हो रही है। या फिर जरूरत से ज्यादा होने की शिकायत है।

Q4 क्या कुछ समय से आपको भूख न लगना। वजन कम होना। या फिर जरूरत या भूख से ज्यादा खाना। इन चीजों की शिकायत है।

Q5 क्या आप ज्यादातर समय थका हुआ महसूस करते हैं।

Q6 क्या आप काफी समय से ऐसा महसूस कर रहे हैं। कि आप बुरे हो या कम हो। या हार चुके हो। आपने खुद का या परिवार वालों का सर झुका दिया है।

Q7 क्या आपको कुछ दिनों से टीवी देखते समय। या पढ़ते समय। या कोई भी दैनिक कार्य करते समय। Concerntrate करने में दिक्कत महसूस हो रही है।

Q8 क्या आपको कुछ समय में खुद को या दूसरों को फिजिकली नुकसान पहुंचाने का ख्याल आया है।

Result:

1. अगर आपने इन 8 प्रश्नों में से, किन्हीं दो का जवाब Yes में किया है। तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सब कुछ सामान्य है। आपके emotions कुछ Up & Down है। मुझे उम्मीद है, आप सभी ने 2 से कम ही जवाब ही Yes में दिए होंगे।

2. अगर आपने अपने जवाब 2 से 4 के बीच Yes में दिए हैं। तो आपको हल्का फुल्का Sadness है। आप थोड़ा बहुत दुखी है। Frustrated रहते हो। कुछ ऐसी चीज है। जो आपको जीवन में परेशान कर रही है।

  शायद वह relationship, money या career matter हो सकता है। या फिर कुछ ऐसी छोटी चीजें। जो आपको परेशान कर रही है। जिससे आप tension में रहते हो। तो आप उसे solve करने की कोशिश करो।

   अगर नहीं हो रहा है। तो फिर कुछ समय के लिए छोड़ दो। तब तक आप अपने आप को खुश रहने की कोशिश करो। अपनी समस्या को, अपने Well-Wisher के साथ साझा करो। इसमें चिंता जैसी कोई बात नहीं है।

3. अगर आपने 5 या उससे ज्यादा का जवाब Yes में किया है। तो मैं आपको लेकर तनाव में हूं। आप Depressed हैं। मेरी आपको सलाह है कि आप किसी संबंधित डॉक्टर के पास जाएं। इसमें शर्म की कोई बात नहीं है। यह एक समस्या है। जो किसी को भी हो सकती है। जिसे समय रहते ठीक किया जा सकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : हल्दी के फायदे। हल्दी दूध के फायदेदूध में हल्दी के नुकसान।

डिप्रेशन से बाहर निकलने का उपाय
How to Get Rid of Depression

आयुर्वेद के अनुसार अगर हम देखें। तो डिप्रेशन की दवाइयां खाना खाने से कुछ नहीं होगा। बल्कि लंबे समय में, उसके side effect आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप, आपका दिमाग dull हो जाता है। उसमे होने वाले केमिकल, आपके दिमाग को, आपके नर्वस सिस्टम को कमजोर करते हैं।

वही आयुर्वेद में मन को बहुत अच्छे तरीके से describe किया गया है। हमारे मन के अंदर तीन स्थितियां होती हैं। जिसके तीन मूल गुण सतो, रजो और तमो होते हैं। यानी अगर आपका मन प्रसन्न व शान्त रहेगा। जिसका मूल कारण सतोगुण की अधिकता है।

 जब रजोगुण बढ़ता है। तो आपका दिमाग चिड़चिडेपन व क्रोध से भरा रहेगा। जब तमोगुण बढ़ जाता है। तो आपका मन dull व depressed रहेगा। कुछ करने की इच्छा नहीं होगी। आप बिल्कुल एकांत में रहना पसंद करेंगे। मतलब अगर आपको Depression है। तो आपको सतोगुण को बढ़ाना है।

 सद्गुण सतोगुण बढ़ाने के लिए हर वह चीज जो आपके दिमाग को शांत करती है चाहे वह आपका भोजन हो। प्राणायाम व अनुलोम-विलोम करें। ऐसा संगीत सुनें। जिससे आपका मन शांत हो। एरोमा से भी मन को शांत किया जा सकता है। मंत्र सुने या इसका जप करें। जब भी आपको depression हो। तो अपने मन को किसी न किसी चीज में engage करें।

डिप्रेशन का घरेलू इलाज- तुलसी
Home Remedies for Depression – Tulsi

डिप्रेशन को खत्म करने के लिए, तुलसी के पत्ते बहुत ज्यादा कारगर साबित होते है। अगर आप रोजाना 7 से 8 तुलसी के पत्तों का सेवन करते हैं। इन पत्तों को जब आप चबाकर, प्रतिदिन खाएंगे। तो डिप्रेशन में काफी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अगर आप चाहे, तो बाजार में उपलब्ध तुलसी की चाय का भी उपयोग कर सकते हैं।

डिप्रेशन का घरेलू इलाज – आँवला
Home Remedies for Depression – Amla

डिप्रेशन को खत्म करने के लिए, आपके किचन में उपलब्ध जायफल पाउडर (Nutmeg Powder) का आधा चम्मच लेना है। फिर इसमें ताजे आंवले का एक चम्मच रस मिलाना है। अब इस पेस्ट को अच्छे से मिलाएं। इसे आपको दिन में, दो बार खाने के बाद लेना है।

      अगर आपको लगता है कि आप डिप्रेशन में हैं। तो इसे 3 से 4 बार भी ले सकते हैं। इसके लगातार सेवन से, आप डिप्रेशन से बाहर आते महसूस करेंगे। साथ ही, आपको डिप्रेशन से बचने के लिए, सात्विक भोजन का उपयोग करें। जिससे आपको अच्छी नींद भी आएगी। 

डिप्रेशन का घरेलू इलाज – हल्दी
Home Remedies for Depression – Turmeric

क्या आप जानते हैं कि हल्दी आपकी मानसिक बीमारियों से recover करने में भी बड़ा योगदान दे सकती है। हल्दी का उपयोग आप antidepressant या Mood Booster की तरह कर सकते हैं। यह बहुत प्रभावशाली औषधि है। हमारे ब्रेन में जो Good Feelings आती है। 

 जिसको हम Mood Freshener बोलते हैं। इसमें 4 तरीके के chemicals या Harmons होते हैं। जिनको बैलेंस किया जाता है। इनके नाम Dopamine, Serotonin, Endorphin व Oxytocin  है। यह सभी हमारे ब्रेन को feel good वाली feeling देते हैं। अगर इनकी पूरी detail को समझें। तो Serotonin को Mood Stabilizer, Dopamine को Reward Chemical कहा जाता है।

 इसी तरह से Oxytocin को Love Hormone तथा Endorphin को Pain Killer कहते है। यह सभी antidepressant की श्रेणी में गिने जाते हैं। जो कि उन सभी दवाओं में उपलब्ध होते हैं। जो डॉक्टर आपको prescribe करते हैं। 

 हल्दी इतनी पावरफुल औषधि है। जो इन सभी Chemicals को Balance कर देती है। इसके अलावा भी हल्दी में बहुत सारी बीमारियों को ठीक करने की क्षमता होती है।

उपयोग का तरीका – हल्दी को और ज्यादा effective और powerful बनाने के लिए, आपको इसमें नींबू ऐड करना पड़ेगा। एक चम्मच नींबू का रस, एक गिलास हल्के गर्म पानी में मिला ले। इसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर व एक चम्मच शहद शहद मिला लें।

 इन सबके अपने-अपने गुण होते हैं। इन सबको अच्छे से mix कर ले। इसे हर रोज सुबह-शाम खाली पेट, धीरे-धीरे sip करके पिए। केवल हल्दी का पानी ही, बहुत अधिक mood booster का काम करता है।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

Leave a Comment

Translate »