Pet ke Kide | बड़ों के पेट में कीड़े होने के लक्षण | Pet me Kide ki Dawa

Pet ke Kide – क्या होते है, कितने प्रकार के होते हैं, क्यों हो जाते हैं, बड़ों के पेट में कीड़े होने के लक्षण, कीड़े से नुकसान, अंग्रेजी दवा, रामबाण उपाय, घरेलू उपाय।

आज बहुत से लोग ऐसे हैं, उनमें बच्चों के संख्या अधिक है। जिन्हें भूख बहुत लगती है। अक्सर पेट में दर्द रहता है। अधिक खाने पर भी, उनका वजन नहीं बढ़ता है। बल्कि इसके उलट, उनके वजन में कमी आना शुरू हो जाती है। बहुत ज्यादा आलस रहता है। शरीर में थकान रहती है। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो जाता है। अक्सर उल्टी होने की समस्या से भी ग्रसित हो जाते हैं।

इन सबके पीछे एक कारण, पेट में होने वाले कीड़े हो सकते हैं। हममें से अधिकतर लोगों को कभी न कभी पेट में कीड़े जरूर हुए होते हैं। यह पेट के कीड़े कई तरह के हो सकते हैं। जिन्हें हम intestinal worm भी कहते हैं। ज्यादातर बच्चों के पेट में कीड़ों की शिकायत पाई जाती है। यह छोटे बच्चों में खासतौर पर मिलती है। 

वही कुछ बड़े लोगों को भी बार-बार पेट में कीड़े हो जाते हैं। फिर हम जो भी भोजन करते हैं। उससे प्राप्त होने वाला पोषक तत्व, ये कीड़े खा जाते हैं। यह हमारे आँतो की अंदरूनी परत को भी नुकसान पहुंचाते हैं।  इसके साथ ही, हमारे शरीर में तरह-तरह की बीमारियों को भी उत्पन्न करते हैं।

इसी के बारे में समझने की कोशिश करते हैं। कि आखिरकार यह कीड़े क्या होते है। ये हमारे पेट में कहां से आ जाते हैं। अगर यह कीड़े हमारे पेट में हो गए, तो फिर क्या होगा। क्या आप जानना चाहेंगे : पेट दर्द का देसी उपचारयह क्यों होता है। इसका कारण, लक्षण, दस्त व उल्टी से बचाव की विस्तृत जानकारी।

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पेट के कीड़े क्या होते हैं

यह कीड़े एक प्रकार के परजीवी (Parasites) होते हैं। जो हमारी आँतों से पोषक तत्वों को चूसकर, अपना पोषण प्राप्त करते हैं। यानी कि हम जो भी भोजन खाते हैं। उससे मिलने वाले पोषक तत्वों से,  यह कीड़े अपना पोषण करते हैं। फिर उन पोषक तत्वों का लाभ, हमारे शरीर को नहीं मिल पाता है। 

जिसके कारण हमें एनीमिया की शिकायत हो जाती है। शरीर में कमजोरी आने लग जाती है।  यह हमारी आंतों की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाते हैं। जिसके कारण शरीर में तरह-तरह की बीमारियां होती है।

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पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं

हमारे पेट में कई तरह के कीड़े होते हैं। लेकिन किसी भी प्रकार कीड़े, हमारे शरीर के लिए खतरनाक होते हैं। जो हमारे शरीर को, अलग-अलग तरीके से परेशानियां देते हैं। पेट में होने वाला दर्द, इन सभी प्रकार कीड़ों के, पेट में पनपने होता है। अब प्रश्न यह उठता है कि ये कीड़े हमारे शरीर में पहुंचते कैसे हैं।

इसका एक कारण गंदा पानी है। खासतौर पर, अगर हम मल से प्रदूषित पानी को पीते हैं। तो फिर ये कीड़े हो सकते हैं। क्योंकि कीड़े ज्यादातर शौच में ही निकलते हैं। इसके अलावा कच्चा या अधपका मांस खाने से, हमारे शरीर में आ सकते हैं। अगर हम पालतू जानवरों के संपर्क में आते हैं। जो साफ-सुथरे नहीं होते हैं। तो इन परिस्थितियों में भी संक्रमण उनके द्वारा, हमारे शरीर तक आ सकता है।

वही अगर हम नंगे पर जमीन पर या मिट्टी पर चलते हैं। तो वहां भी ये संक्रमित 3 के जरिए, हमारे शरीर तक पहुंच जाते हैं। इसलिए सभी प्रकार की सब्जियों को अच्छे से धोकर खाएं। ताकि मिट्टी में मौजूद इन संक्रमित जीव से बच सके। इसके साथ ही, कुछ भी खाने से पहले, हाथों की सफाई जरूरी है। अपने हाथों को sanitize जरूर करें। क्या आप जानना चाहेंगे : बड़ों के पेट में कीड़े होने के लक्षणपेट के कीड़ों का रामबाण उपाय। पेट में कीड़े होने का कारण व लक्षण।

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पेट के कीड़े कितने प्रकार के होते हैं

1. Tapeworm(फीताकृमि) – यह  Ribbon की तरह पतला सा होता है। जो हमारी आंतो में पाया जाता है। इसकी लंबाई 20 से 30 फिट तक होती है। यह हमारे शरीर की आंतो में रहते हुए। हमारे सारे पोषक तत्वों को खा जाता है।

यह दूषित पानी व या फिर अधपके  चिकन व मछली के साथ, शरीर में प्रवेश करते हैं। इसके कारण शरीर में जी मचलना, दस्त लगना, कमजोरी आना, पेट में दर्द होना, भूख ना लगना, वजन कम होना व गंभीर दौरे आने जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।

2. Roundworm – यह भी एक प्रकार के परजीवी होते हैं। जो एक बार पेट में पहुंचने के बाद, अपनी आबादी अंडों के  माध्यम से बढ़ाते हैं। जो लोग गंदे वातावरण में रहते हैं। वह इसका शिकार बनते हैं। इसके कारण पेट में दर्द, उल्टी, खांसी व मल के साथ कीड़े आते है। इनके कारण  बुखार व खूनी बलगम आदि लक्षण पाए जाते हैं।

3. Threadworm – यह छोटे परजीवी होते हैं। जो आंतो में रहते हैं। यह ज्यादातर 10 वर्ष की कम उम्र के बच्चों में देखे जाते हैं। यह सफेद धागे के जैसे दिखते हैं। यह शरीर के अंदर 6 हफ्ते तक जीवित रह सकते हैं। जब यह परजीवी शरीर में दाखिल होते हैं। तो गुदाद्वार में खुजली होना, भूख ना लगना, चिड़चिड़ापन रहना, मल त्याग के दौरान कीड़े निकलना आदि जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।

4. Hookworm – यह भी एक प्रकार के परजीवी होते हैं। जो शरीर में मिट्टी व मल के जरिए, दाखिल होते हैं। यह परजीवी छोटी आंत में रहते हैं। इसके अंडे संक्रमित व्यक्ति के मल से, दूसरे व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं। इस परजीवी के शरीर में दाखिल होने से, गुदाद्वार के आसपास खुजली होना, दस्त लगना, थकान लगना, खून की कमी होना, पेट में दर्द होना, वजन का कम होना आदि लक्षण होते हैं।

5. Whipworm – इस परजीवी के अंडे दूषित मिट्टी के द्वारा, शरीर में दाखिल होते हैं। यह शरीर की बड़ी आंत में पाए जाते हैं। इसके अंडे संक्रमित व्यक्ति के मल से दूसरे व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकते हैं। जब यह शरीर में प्रवेश करते हैं। तो व्यक्ति को कब्ज, डायरिया, मानसिक विकास में बाधा पहुंचाते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे :  पेट में गैस क्यों बनती हैपेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए।

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पेट में कीड़े से नुकसान

पेट में कीड़े चाहे बच्चों में हो या बड़ो में। यह हर किसी को सिर्फ नुकसान ही पहुंचाते हैं। इनके कारण हमारे शरीर में बहुत प्रकार के रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए इनका समय रहते उपचार करना जरूरी है। ये कीड़े कुछ इस तरह से नुकसान पहुंचाते हैं।

1. यह कीड़े हमारे शरीर के भोजन में उपस्थित पोषक तत्वों को चूस लेते हैं। जिससे हमें उचित पोषक तत्व नहीं प्राप्त हो पाते है।

2. इनके कारण शरीर में खून की कमी, आयरन की कमी, विटामिन बी12 की कमी हो जाती है।

3. विशेष रूप से बच्चों की ग्रोथ रुक जाती है। उसकी हाइट कम हो सकती है। वजन का बढ़ना बंद हो जाता है। बच्चा कमजोर दिखने लगता है।

4. इनके कारण बच्चों के मानसिक विकास भी रुक सकता है। अन्य किसी प्रकार के मानसिक रोग से भी ग्रसित हो सकते हैं।

5. इनकी संख्या पेट मे ज्यादा होने पर, यह आँतों को ब्लॉक कर देते है। जिसके कारण अपेंडिसाइटिस हो सकती है।

6. कई बार यह कीड़े आंतो से ऊपर, गॉलब्लैडर की तरफ चढ़ जाते हैं। जिससे गॉलब्लैडर में इन्फेक्शन हो सकता है। कोलाइटिस हो सकती है। क्या आप जानना चाहेंगे : हल्दी के फायदे। हल्दी दूध के फायदेदूध में हल्दी के नुकसान।

बड़ों के पेट में कीड़े होने के लक्षण
Pet me Kide Hone ke Lakshan

पेट में कीड़े होने की समस्या यानी  Parasite Infection को हम सभी जितना आसान समझते हैं। यह उतना होता नहीं है। हममें से ज्यादातर लोगों को, इसके बारे में तीन चीजों का ही पता होता है।

पहला- यह सिर्फ बच्चों को होता है।

दूसरा –  ज्यादा मीठा खाने से ही पेट में कीड़े होते हैं।

तीसरा – इसमें सिर्फ एक ही लक्षण दिखाई देता है कि गुदाद्वार के अंदर खुजली होती है। इस भ्रम को समाप्त करते हुए, इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:-

1. Unexplained Diarrhea or Constipation – इसका मतलब है कि ऐसा कब्ज या ऐसा दस्त हो जाना। जिसे आप explain ही न कर पाओं। यानी यह सब अचानक से हो जाना। आप पूरे दिन तो स्वस्थ थे। लेकिन जब सुबह उठे, तो आपको अचानक दस्त या कब्जियत हो गई। ऐसी स्थिति में आपको पैरासाइट इंफेक्शन की संभावना हो सकती है।

2. Gas and Bloating – पेट में कीड़े होने के कारण, ये digestive system को effect करता है। आपके पाचन में समस्या हो सकती है। यानीकि आप जो भी खाना खाते हो। उसका अच्छी तरीके से पाचन नहीं हो पाता। जिसके कारण आपको  Gas या Bloating की समस्या होती है। यह समस्या इतनी बढ़ सकती है कि आपको पेट में दर्द व पेट में मरोड़ पैदा होती है।

3. Trouble in Sleep – अचानक से अगर आपको सोने में दिक्कत होने लगे। जबकि आपको कोई टेंशन नहीं है। आपको किसी प्रकार की मानसिक समस्या भी नही है। आपकी नींद पूरी नहीं होती। आप रात में सोते समय, तीन से चार बार जग जाते हो। आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। तो यह भी इसका एक लक्षण हो सकता है।

4. Skin Irritation – इसमें अचानक से skin पर rashes का होना, खुजली का होना। चेहरे की त्वचा पर सफेद रंग के spots का दिखाई देना। यह भी इसका एक लक्षण होता है।

5. Iron Deficiency Anemia – इसके प्रमुख लक्षणों में एनीमिया का होना भी है। इसमें शरीर में लौह तत्व की कमी हो जाती है। जिसका एक कारण, यह पेट के कीड़े भी हो सकते हैं।

6. Change in Food Habits – इसमें आपके अचानक से, खाना खाने की आदत  बदल जाती है। आपकी खाना खाने की मात्रा बदल जाती है। खाना खाने के बाद भी, आपको सन्तुष्टि नही मिलती है। आपको बार बार भूख लगती है यह भी इसका एक लक्षण होता है।

7. Change in Mental State – आपका मूड अचानक से बदलने लगे। यानी कि एक समय आप बिल्कुल शांत व खुश थे। लेकिन दूसरे ही पल, अगर आप गुस्से में आ जाते हो। आप दुखी हो जाते हो। आपको चिंता घेर लेती है। अगर ऐसा कुछ होता है, तो इसे मूड चेंज कहते हैं। अगर आपको डिप्रेशन जैसे कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। तो यह भी इसका एक लक्षण हो सकता है।

8. Fatigue and Weakness – अगर आपको अचानक कमजोरी व थकान महसूस होने लगे। हर काम को करने में, आलस महसूस हो। तो यह भी, इसका एक लक्षण हो सकता है।

9. Muscles and Joint Pain – अगर आपको अचानक मसल व जोड़ों में दर्द होने लगे। आपको बदन दर्द व सर दर्द होने लगे।प तो यह भी, इसका एक लक्षण हो सकता है।

10. Grind Your Teeth – अगर आपको कोई कहता है कि आप सोते समय बहुत तेजी से अपने दांतो को घिसते हो।  आपके मुंह से सोते समय लार आती है। तो यह भी एक इसका लक्षण हो सकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : शरीर में जमी गंदगी कैसे निकालेचाहे वह आपके फेफड़ों, आँतों, किडनी, त्वचा या शरीर के किसी भी अंग में क्यों न हो।

पेट के कीड़ों का रामबाण उपाय
Pet me Kide ki Dawa

अगर आप या आपके घर का कोई सदस्य, कीड़ों की समस्या से परेशान है। तो कुछ घरेलू उपचार के द्वारा, इन्हें जड़ से खत्म किया जा सकता है। आपको इन नुख्सों पर न तो ज्यादा पैसा खर्च करने की जरूरत है। न ही ज्यादा दिन इस्तेमाल करने की जरूरत है। इसके कुछ दिन ही नियमित प्रयोग से, आपके पेट के कीड़े हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे।

पहला घरेलू उपाय – आप इस नुख्से को बच्चों से लेकर, बड़ों तक किसी को भी दे सकते हैं। इसके लिए आपको दो लाल पके हुए, टमाटर लेने है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, इसे अच्छे से धो लें। अब टमाटर को अच्छे से स्लाइस में काट लीजिए। फिर इसके ऊपर 1 से 2 चुटकी नमक डालना है। अब इसके ऊपर तीन से चार की चुटकी काली मिर्च का पाउडर डाल लीजिए।

काली मिर्च पेट के कीड़ों के लिए, रामबाण औषधि का काम करती है। जब इसे टमाटर के साथ खाया जाता है, तो इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं। नमक व काली मिर्च डालने के बाद, इन्हें 10 से 15 मिनट के लिए ढक कर रख दें। ताकि नमक व काली मिर्च, अच्छे से टमाटर के अंदर चला जाए। इसका प्रयोग प्रतिदिन सुबह खाली पेट करें। इससे आपको 2 से 3 दिन में ही कीड़ो की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

दूसरा घरेलू उपाय – इस घरेलू उपाय के लिए, आपको अजवाइन (carom seeds) का प्रयोग करना है। अजवाइन में anti-bacterial व anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं। जो कीड़ों को खत्म करने में सहायक होता हैं। इसका प्रयोग प्राचीन समय से, पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए किया जाता रहा है। इसके लिए, आधा चम्मच अजवाइन का पाउडर लेना है। अब इसमें एक चम्मच गुड़ को मिला दीजिए।

अगर गुड़ सख्त हो, तो इसे थोड़ा सा पिघला लीजिए। इन दोनों को अच्छे से मिलाकर, इसकी 3 गोलियां बना लीजिए। अब इसका दिन में तीन बार, एक-एक गोली का सेवन करना है। सुबह नाश्ता करने के बाद, दोपहर को खाना खाने के बाद, फिर रात को खाना खाने के बाद लेना है।  इस गोली को चूसते हुए खाना है। इससे पेट के कीड़े भी समाप्त हो जाएंगे। इसके साथ ही, आपका digestion भी सुधरेगा। इसमें आप गुड़ की जगह, शहद का भी प्रयोग कर सकते है। 

तीसरा घरेलू उपाय – पेट के कीड़ों के उपचार के लिए, करेले का रस 30 ग्राम या 6 चम्मच की मात्रा में, सुबह खाली पेट ले।  इससे पेट के कीड़े निकल जाते हैं। इसका उपयोग आप कम से कम 7 दिन तक अवश्य करें।

चौथा घरेलू उपाय – 10 ग्राम कच्चा प्याज या दो से तीन लहसुन की कलियां सुबह खाली पेट खाएं। इसके ऊपर गुनगुना पानी पीने से, यह कीड़े निकल जाते हैं। इन सभी का प्रयोग 7, 14 या 21 दिन तक करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी तरह के प्रयोग को करने से 15 मिनट पहले, कुछ मीठा जरूर खाना चाहिए।

पांचवा घरेलू उपाय – 100 ग्राम कच्चा पपीता, खाली पेट खाने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। इससे कब्ज़ भी नहीं रहता है। साथ ही पेट के कीड़े भी बाहर निकल जाते हैं। इसका उपयोग भी आप 7 दिन तक कर सकते है।

छठा घरेलू उपाय – अनार का रस या फिर अनन्नास का रस 100 ग्राम खाली पेट पीने से, पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। इससे आपका शरीर भी  स्वस्थ रहता है। क्या आप जानना चाहेंगे : महिलाओं के लिए अलसी के फायदेपुरुषों के लिए अलसी के फायदे। अलसी के फायदे बालों के लिए, भुनी अलसी के फायदे।

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पेट के कीड़े की अंग्रेजी दवा

पेट के कीड़ों की अंग्रेजी दवा, अल्बेंडाजोल (Albendazole) सबसे अच्छी होती है। जिसको अलग-अलग कंपनियां बनाती है। यह अलग-अलग ब्रांड नेम से बाजार में उपलब्ध हैं। इसमें Mankind की Bandy Plus कारगर दवा मानी जाती है। यह टेबलेट व सिरप दोनों में आती है।

इसमें Ivermectin IP 6mg और Albendazole IP 400 mg मौजूद होता है। यह दोनों ही एंटीपैरासिटिक दवाइयां है। इस दवा का उपयोग रोगी की आयु व अन्य कारणों पर निर्भर करता है। इसलिए इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें। लेकिन इस टेबलेट का उपयोग कोई भी वयस्क व्यक्ति, एक टेबलेट रोजाना 3 दिन तक ले सकता है।

सावधानियां- इसका उपयोग गर्भवती महिलाएं, शराब पीने वाले, लिवर या किडनी से की समस्या से ग्रसित व्यक्ति न करें। इस दवा को लेने से पहले या बाद में अल्कोहल का प्रयोग न करें। इसका उपयोग करने के लिए, एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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