पेट दर्द का देसी उपचार | नाभि के ऊपर पेट दर्द के कारण | Pet Dard ka Ilaj

पेट दर्द का देसी उपचार – नाभि के ऊपर दर्द के कारण, नाभि के नीचे दर्द के कारण, क्यों होता है, क्या खाना चाहिए। [ Pet Dard ka Ilaj, Karan, Dawa, Dua, Gharelu Upay ]

आज बाहर का खाना, किसे अच्छा नहीं लगता। पिज्जा, बर्गर, मोमोज, फ्रेंच फ्राइज। इन सबका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। इसके साथ, अगर कोल्ड ड्रिंक भी मिल जाए। तो फिर क्या बात है। हम जब भी बाहर का खाना खाते हैं। तो ढेर सारा खाते हैं। क्योंकि इसमें बहुत सारा स्वाद होता है।

लेकिन हमें क्या पता है कि इसमें कौन-सा तेल प्रयोग किया जा रहा है। इसमें इतने सारे मसाले गए होते हैं। बहुत सारे preservatives का प्रयोग होता हैं। साथ ही, इसमें बहुत सारा मैदा होता है। इन सब का नतीजा यह होता है। कि यह तेल, चिकनाई और मैदा हमारी आँतो में जमा हो जाता है। फिर हमारा पेट फूलने लगता है। बहुत सारी गैस बनने लगती है।

इन सब के कारण हमारे पेट में दर्द हो जाता है। पेट दर्द एक आम समस्या है। जोकि कई अन्य कारणों से भी हो सकता है। पेट में दर्द की परेशानी ऐसी होती है। जिससे न तो व्यक्ति सुकून से बैठ पाता है। न ही कोई काम कर पाता है। इसके कारणों की बात की जाए। तो कब्ज का होना, दस्त लगना, मसालेदार भोजन का सेवन आदि है।

पेट दर्द में अक्सर हम तरह-तरह की महंगी दवाइयां खा लेते हैं। जो कई बार हमारे शरीर को ही नुकसान पहुंचाती है। क्या आप जानते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए, बहुत सारे घरेलू उपाय हैं। जो काफी असरदार हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : 2 मिनट में कमर दर्द से आराममहिलाओं के कमर दर्द के कारण, घरेलू उपचार, एक्सरसाइज व एक्यूप्रेशर पॉइंट।

पेट दर्द का देसी उपचार

पेट में दर्द क्यों होता है
Pet Dard ke Karan

हमारा पेट सीने से लेकर, कमर तक का हिस्सा होता है। इसमें काफी organs पाए जाते हैं। जैसे Liver, Gallbladder, spleen (तिल्ली), Pancreas, Kidneys और आंतों जैसी नलिया भी होती है। पेट का दर्द अलग-अलग जगह पर अलग-अलग कारणों से होता है।

हमारे पेट के ऊपरी हिस्से के बीच में जठर होता है। यहां पर एसिडिटी का दर्द महसूस होता है। पेट के ऊपरी हिस्से के दाहिने ओर लिवर और गालब्लेडर होता है। तो यहां पर हेपिटाइटिस जैसे इंफेक्शन, गाल ब्लैडर की पथरी। ऐसे दर्द महसूस होते हैं।

जबकि पेट के ऊपरी हिस्से के बाई ओर तिल्ली की समस्या की वजह से दर्द होता है। तिल्ली का बड़ा होना या इसमें infection होना हो सकता है। पेट के बीच के हिस्से में जैसे umbilical area (गर्भनाल क्षेत्र) आसपास दर्द होना। इस हिस्से में, ज्यादातर आँतो का दर्द यानी कि intestinal pain महसूस होता है।

उदाहरण के लिए, intestinal infection हो या इंटेस्टाइन में रुकावट हो सकती हैं। तो यह दर्द umbilical area में महसूस होता है। या फिर पैंक्रियास में सूजन के कारण भी, इस हिस्से में दर्द महसूस होता है। Umbilical के दाएं और बाएं तरफ किडनी होती हैं। तो इसमें kidney kidney stone या kidney infection  का दर्द हमें होता है।

Urinary infection का भी दर्द हो सकता है। जो पीठ की तरफ या जननांगों की तरफ जाता है। पेट के निचले हिस्से में दाहिनी तरफ appendicitis का और पेट के निचले हिस्से में कोलाइटिस का दर्द होता है। Umbilicus (नाभि) के नीचे पेल्विक एरिया में, हमें Urinary infection का दर्द होता है। महिलाओं में इसमें पीरियड का दर्द हो सकता है। किसी भी प्रकार के uterus की समस्या का दर्द हो सकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : पीसीओडी क्या है। पीसीओडी का घरेलू उपचारइसका फुल फॉर्म, कारण, लक्षण व क्या खाएं और क्या नहीं।

नाभि के ऊपर पेट दर्द के कारण

 पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना, सूजन आना, मरोड़ होना या जलन होना। ऐसे लक्षण आपको दिखाई देते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस कारण से पेट के ऊपरी हिस्से में समस्या आई है। यदि आपको नाभि के ऊपर, पसलियों के नीचे, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस होता है।

इसका सबसे आम कारण, पेट में गैस की समस्या का होना होता है। पेट के ऊपरी में, यदि गैस के कारण दर्द हो। तो पेट में मरोड़ की समस्या आएगी। पेट में दबाव महसूस होगा। पेट भरा-भरा महसूस होगा। ऐसा महसूस होगा। जैसे आपका पेट सूज गया है। इसके साथ-साथ, आपको बार-बार डकार आने की समस्या हो सकती है।

यदि पेट में गैस के कारण दर्द होता है। तो यह दर्द आता-जाता रहता है। यह लगातार नहीं होता। पेट के ऊपरी हिस्से में, दर्द होने का दूसरा कारण, बदहजमी भी हो सकती है। ऐसा तब होता है। जब आपके पेट में एसिडिटी हो जाती है। ऐसा होने पर, आपके पेट के ऊपरी हिस्से में, दर्द होने के साथ जलन भी महसूस होगी। यह जलन सीने और गले में भी महसूस की जा सकती है।

यदि अपच या बदहजमी के कारण, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द है। तो आपको खट्टी डकार आना। खाना ठीक से न पच पाना। बार-बार जी मचलाना या उल्टी जैसा होना होगा। पेट में दर्द या जलन का बने रहना। यह कुछ लक्षण है। जिनसे आप पहचान सकते हैं। कि आपके पेट का दर्द बदहजमी के कारण है या नहीं। बदहजमी के कारण है या नहीं।

यदि पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो और इसके साथ जलन भी हो रही है। तो ऐसा गैस्ट्राइटिस के कारण हो सकता है। इसमें अमाशय के अंदर सूजन आ जाती है। जिसके कारण तेज पेट में दर्द होता है। साथ में जलन भी होती है। पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होने का दूसरा कारण है।

पेट में वायरल इंफेक्शन हो जाना। इसके कुछ लक्षणों में जी मिचलाना, उल्टी होना। पेट में दर्द के साथ मरोड़ होना। दस्त की समस्या होना। सर में दर्द रहना। मांसपेशियों में दर्द रहना। इसके अलावा शरीर में, बहुत अधिक थकावट व कमजोरी महसूस होना। पेट के ऊपरी हिस्से में कई प्रकार की मांसपेशियां पाई जाती है। यदि पेट मे किसी कारण से खिंचाव आ जाए। तो आपको पेट में दर्द होने की समस्या हो सकती है।

ऐसा दर्द आप गर्म या ठंडा सेक देकर ठीक कर सकते हैं। इसके अलावा पेट में मालिश करने पर भी ठीक हो सकता है। ऐसा दर्द अगर हिलने-डुलने पर बढ़ता है। यदि आपको ऐसे लक्षण दिखाई दे। तो आपकी पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया है। अगर यह दर्द ठीक होने का नाम न ले। तो आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : हल्दी के फायदे। हल्दी दूध के फायदेदूध में हल्दी के नुकसान।

खाने के बाद पेट में दर्द होना

अधिकतर ऐसा देखा जाता है कि कुछ लोगों को खाना खाने के, तुरंत बाद पेट दर्द की शिकायत होने लगती है। इसे लंबे समय तक नजरअंदाज करना, ठीक नहीं है। यह किसी गंभीर बीमारी की भी शिकायत हो सकती है। सामान्य रूप से खाना खाने के तुरंत बाद, पेट में दर्द होना। अपच के कारण हो सकता है।

अपच की समस्या होने पर, खाने के तुरंत बाद, पेट दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। इस दौरान वह तुरंत वाशरूम की तरफ भागते हैं। कुछ लोग इस समस्या को दूर करने के लिए। नियमित रूप से कुछ प्रकार के चूर्ण का प्रयोग करते हैं। जिनका नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

कई बार गलत, बांसी या अधपका खाना खाने के कारण, food poisoning  हो सकती है। इसके कारण भी, पेट दर्द शुरू हो जाता है। अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए। तो यह एक बेहद गंभीर बीमारी बन सकती है। कई बार ऐसा भी होता है कि हमें कुछ चीजों से एलर्जी होती है।

ऐसे में हम वह चीज अनजाने में खा लेते हैं। फिर पेट दर्द शुरू हो जाता है। इसलिए बात पर ध्यान दें कि यदि एक जैसा खाना खाने के बाद पेट दर्द हो रहा है। तो उस चीज से आपको एलर्जी हो सकती है। अधिकांश लोग पेट के अल्सर से ग्रसित हो सकते हैं। पेट से जुड़ी इस बीमारी में, हर बार खाना खाने के बाद, पेट की आंतों में दर्द होने लगता है।

पेट का अल्सर, अधिक एसिडिक भोजन खाने के कारण होता है। अल्सर, हमारे भोजन को जाने वाली पाइप, जिसे esophagus कहते हैं। उनमें छोटे-छोटे  घाव हो जाते हैं। यह घाव स्मोकिंग, अल्कोहल या फिर Non-steroidal anti-inflammatory drugs लेने से हो सकते है। अधिक स्पाइसी फूड खाने से भी हो सकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिएमहिलाओं के लिए अश्वगंधा के लाभ। इस प्रयोग करने का तरीका व इसके नुकसान।

बच्चों में पेट दर्द के कारण

अक्सर बच्चों के पेट में दर्द की समस्या देखने को मिलती है। चाहे बच्चा Newborn हो या फिर बड़ा बच्चा ही क्यों न हो। अक्सर वह इस समस्या के बारे में, ठीक से बता नहीं पाते। ऐसे में हम उनके लक्षणों को देखकर, समझ सकते हैं। बच्चे छोटे हो या बड़े सभी को गैस व एसिडिटी की समस्या हो सकती है। जिसके कारण उनका पेट टाइट होने लगता है।

फिर वह खाना नहीं खाते। अगर खा भी लेते हैं। तो उल्टी करने लगते हैं। वही इसका दूसरा कारण कॉ न्स्टिपेशन भी हो सकता है। अगर बच्चा ठीक से fresh नहीं होता है। तो उसके शरीर का waste बाहर न आने के कारण। उसके पेट में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। तब भी दर्द होने लगता है।

इसका एक कारण अन्य कारण intestinal worms भी होता है। यानी पेट में कीड़े का होना। यह किसी भी उम्र के, बच्चों के साथ अक्सर हो जाता है। यह कीड़े पेट में जख्म बना देते हैं। जिसके कारण दर्द होता रहता है। लड़कियों में अक्सर Urinary Tract Infection (UTI) हो जाता है। जिससे पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है।

सभी छोटे बच्चों में bacterial infection भी एक कारण हो सकता है।  क्योंकि छोटे बच्चे कुछ भी मुंह में डाल लेते हैं। जिसके कारण उन्हें व्यक्ति bacterial infection हो जाता है। फिर पेट में दर्द शुरू हो जाता हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : महिलाओं के लिए अलसी के फायदेपुरुषों के लिए अलसी के फायदे। अलसी के फायदे बालों के लिए, भुनी अलसी के फायदे।

पेट दर्द का देसी उपचार
Pet Dard ka Ilaj

1. अगर आपको वात (गैस के कारण)  या बदहजमी से पेट में दर्द हो रहा है। या फिर आपने कुछ उल्टा-सीधा खा लिया है। जिसकी वजह से, आपको पेट में दर्द हो रहा है। तो इस प्रकार के पेट दर्द का, यह देसी उपचार बहुत असरदार है। इसके लिए आपको दो चम्मच मेथी दाना लेना है। यह स्वाद में भले ही कड़वे हो। लेकिन यह बहुत गुणकारी होते हैं।

मेथी के दानों को सेहत के लिए, बहुत फायदेमंद माना जाता है। मेथी के दानों में खूब सारे विटामिंस और मिनरल्स पाए जाते हैं। मेथी में कई औषधीय गुण और न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। जो डायबिटीज को कंट्रोल करते हैं। यह गले की खराश और गुर्दे की समस्याओं में भी राहत दिलाती है। इसके सेवन से कब्ज में भी राहत मिलती है।

सबसे पहले आप मेथी को अच्छे से साफ कर लें। फिर इसे कूटकर या मिक्सी में पीसकर, पाउडर बना लें। अब दो चम्मच मेथी पाउडर में, आधा चम्मच काला नमक व एक चुटकी हींग मिला ले। इसका एक चम्मच बड़े लोगों, एक गिलास गुनगुने पानी के साथ में ले। अगर छोटा बच्चा हो। तो उसे आधा चम्मच दें। इसके लेते ही, आपको दर्द में लाभ मिलेगा।

2. अगर आपको लीवर से जुड़ी समस्या है। यदि हेपिटाइटिस बी की समस्या है। मुंह में छाले हो जाते हैं। एसिडिटी की समस्या है। तो इसके लिए, आपको एक जड़ी लेनी है। जिसे कुटकी (Picrorhiza Kutta) कहते हैं। इसका स्वाद काफी कड़वा होता है। यह पित्त तथा कफ की परेशानी को ठीक करती है।

यह लीवर के स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी होती है। इसके साथ ही इसमें पाए जाने वाले विभिन्न गुणों के कारण। यह बुखार, टाइफाइड, बवासीर, डायबिटीज, खून की अशुद्धता, पेट के कीड़े तथा भूख को बढ़ाने आदि के लिए भी लाभकारी होती है।

आपको 100 ग्राम कुटकी तथा 100 ग्राम सफेद गोंद मोरिंगा लेना है इन दोनों को कूट पीसकर बारीक पाउडर बना लें अब इसकी एक चुटकी यानी आधा ग्राम खाकर ऊपर से पानी पी लेना है आप इसकी दिनभर में 2 खुराक ले सकते हैं इससे आपको लिवर से जुड़ी सभी समस्याओं में फायदा मिलेगा। क्या आप जानना चाहेंगे : आंखों की रोशनी कैसे बढ़ाएंआँखों से सम्बंधित सभी विकार की सम्पूर्ण जानकारी।

पेट दर्द का देसी उपचार
पेट दर्द और दस्त का इलाज

1. अगर आप दस्त या डायरिया के साथ, पेट दर्द की समस्या से भी जूझ रहे है। तो ये घरेलू उपाय, आपके लिए लाभकारी होगा। इसके लिए आपको श्यामा तुलसी (तुलसी के फायदे) की 8 से 10 पत्तियां लेनी है। अब इसे अच्छे से पानी से धो लें। फिर इसे किसी बेलन आदि की सहायता से अच्छे से कुचल लें।

अब कुचली  हुई पत्तियों में एक चम्मच शक्कर को अच्छे से मिला लें। इसे तुरंत चबा-चबाकर खा ले। इसको खाने के लगभग आधे घंटे तक, आपको पानी भी नहीं पीना है। इसके बाद आप कुछ भी खा सकते हैं। इसको खाते ही, आपको तुरंत आराम मिलना शुरू हो जाएगा।

2. अगर आपको डायरिया की शिकायत है। तो आप शंख भस्म व मुक्ताशुक्ति भस्म दोनों की 10-10 ग्राम मात्रा को, आपस में मिला लें। ज्यादा दस्त होने की शिकायत हो। तो बड़े इसे आधा ग्राम तक ले सकते हैं। वहीं अगर बच्चों में डायरिया की शिकायत है। तो 1 से 4 ग्राम बच्चों को भी दी जा सकती है। आपको तुरंत डायरिया में लाभ मिलेगा।

3. डायरिया की शिकायत होने पर, आप पके बेल को खा सकते हैं। यदि आप बेल को थोड़ा सा आग में भूनकर, सेवन करें। तो इसका जल्दी लाभ होगा। इसके साथ ही, आप बेल के पाउडर को भी पानी के साथ ले सकते हैं। इससे दस्त की शिकायत तुरंत दूर होगी। क्या आप जानना चाहेंगे : गठिया रोग की पहचान। गठिया के लक्षण व प्रकार। गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय

पेट दर्द का देसी उपचार
पेट दर्द और उल्टी के लिए घर उपचार

1. अदरक पेट की गड़बड़ी और अपच के लिए रामबाण है। अदरक में पाए जाने वाले रसायन, पेट के संकुचन को कम करने में मदद करते हैं। यह उन खाद्य पदार्थों को भी निकाल देते है। जो अपच का कारण बनते हैं। इसमें उपस्थित रसायन, उल्टी व दस्त को ठीक करने में मदद करते हैं।

इसलिए जिन लोगों को पेट में दर्द के साथ, उल्टी की भी समस्या हो। तो उन्हें अदरक का पानी पीना चाहिए। या फिर आप अदरक में नमक लगाकर, भी खा सकते हैं। इससे आपको शीघ्र लाभ मिलेगा।

2. अगर आपको पेट दर्द के साथ, उल्टी और दस्त की शिकायत भी है। तो इसके लिए, आपको एक चम्मच मोटी सौंफ लें। अब इसे  हल्की आंच में रंग बदलने तक भून लें। इसको ठंडा होने दें। अब इसमें एक चम्मच बिना भूनी हुईं सौंफ मिला ले। साथ में एक चम्मच शक्कर भी मिला ले।

अब इसकी एक-एक चुटकी थोड़ी-थोड़ी देर में चबा-चबाकर खाएं। थोड़ी ही देर में, आपको इस समस्या में फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।

3. दही या छाछ का मूल गुण पेट को ठंडा करना है। यह एसिडिटी को खत्म करके करने में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन सी संक्रमण को भी ठीक करता है। साथ ही बैक्टीरिया के असर को भी खत्म करता है।

इसके साथ पुदीने का सेवन लाभकारी होता है। क्योंकि पुदीना एंटीबैक्टीरियल होता है। यह पेट के इंफेक्शन को भी कम करता है। आपके पेट के पीएच को भी संतुलित रखता है। अतः इन दोनों का सेवन पेट दर्द और उल्टी फायदेमंद साबित होता है।

इसके अतिरिक्त दही और पुदीना पेट की आंतों की मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन को भी कम करता है। यह पेट दर्द और गैस की समस्या को भी दूर करता है। ऐसे में, आपको पुदीने की पत्तियों को पीसकर, दही में मिलाकर। इसका सेवन करना चाहिए।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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