Piles, Fissure, Fistula Kya Hai | Piles, Fissure, Fistula Symptoms and Home Remedies in Hindi | Piles Home Treatment in Hindi | बवासीर (Piles) के प्रकार, लक्षण, कारण, परहेज, नुकसान और घरेलू उपचार | खूनी व बादी बवासीर का इलाज | क्यों होती है, पाइल्स की समस्या, कैसे बचे | बवासीर को जड़ से कैसे खत्म करें | Home Remedies For Piles in Hindi | Piles Treatment Without Surgery in Hindi | Home Remedies for Piles and Fissures in Hindi | Home Remedies For Piles Pain Relief in Hindi | How to Cure Piles in Hindi | Natural Treatment of Piles in Hindi | Types of Piles in Hindi | Piles ko Thik Karne ke Gharelu Upay
Piles, Fissure, Fistula Symptoms and Treatment Without Surgery in Hindi
बवासीर के प्रकार, लक्षण, कारण, परहेज, नुकसान और घरेलू उपचार
आज आप 3 बीमारियों के बारे में जानेंगे। जिनमें पहली पाइल्स (Piles) है। जिसे बवासीर भी कहा जाता है। दूसरी एनल फिशर (Anal Fissure) है। तीसरी एनल फिस्टुला (Anal Fistula) या भगंदर भी कहा जाता है।
यह तीनों बीमारियां शौच के रास्ते या जिसे मलद्वार या Anus भी कहा जाता है। इस एरिया में होती है। इसके अलावा इन तीनों बीमारियों के लक्षण (Symptoms) काफी मिले-जुले होते हैं। इसी कारण हर किसी को confusion हो जाता है। कि उन्हें इन तीनों में से कौन सी बीमारी है।
आगे आप जानेंगे कि इन तीनों बीमारियों में क्या अंतर है। यह जानना, आपके लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि इन तीनों बीमारियों के इलाज के तरीके बिल्कुल अलग-अलग होते हैं।
इसके बाद आपको आसानी से पता चल जाएगा। कि आपको कौन-सी बीमारी है। ताकि आप अपना इलाज सही तरीके से ले सकें।

बवासीर क्या है ?
What is Piles?
पाइल्स या बवासीर हमारे शौच के रास्ते में, गुदाद्वार या मलद्वार के रास्ते में। जो नसे होती हैं। उनकी सूजन को कहते हैं। यह नसे पाइल्स में मस्सों के रूप में दिखाई पड़ने लगती है। या महसूस होने लगती है। यह नसें शौच के रास्ते में, अक्सर अंदर की ओर होती है। लेकिन जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती चली जाती है। तो यह मस्सें बाहर की तरफ भी दिखने लगते हैं।
एनल फिशर क्या है?
What is Anal Fissure?
एनल फिशर में हमारे मलद्वार का रास्ता बहुत पतली layer से ढका होता है। इस layer को मिकासा कहते हैं। एनल फिशर इस मिकासा वाली layer में cut या tear हो जाने को कहा जाता है।
एनल फिस्टुला या भगंदर क्या है?
What is Anal Fistula?
एनल फिस्टुला जिसे भगंदर भी कहा जाता है। वह शौच के रास्ते में, एक और असमान्य (abnormal) रास्ता बन जाता है। उसे भगंदर कहते हैं। इस रास्ते का एक मुंह शौच के रास्ते में खुलता है। इसका दूसरा मुंह बाहर की तरफ, skin में खुलता है।
Symptoms of Disease
अब समझते हैं। इन तीनों बीमारियों के लक्षणों के बारे में। उनमें क्या समानता है। क्या-क्या चीजें हैं। जो हर बीमारी के लिए specific हैं।
बवासीर के लक्षण
Symptoms of Piles
Piles या बवासीर में मरीज को गुदाद्वार के आसपास, एक कठोर गांठ जैसा महसूस होने लगता है। इसके अलावा शौच के रास्ते में, हाथ लगाने पर मस्सें भी महसूस होने लगते हैं। शौच जाने के बाद भी, पेट का साफ न होने का आभास होता है।
इसके अलावा मल त्यागने के बाद, खून का रिसाव देखा जा सकता है। हालांकि piles में, यह bleeding दर्द रहित होती है। शौच के वक्त मरीज को, गुदाद्वार में जलन हो सकती है।
इसके अलावा गुदाद्वार में खुजली हो सकती है। शौच के वक्त मल में चिपचिपा पदार्थ आ सकता है। जिसे म्यूकस भी कहा जाता है। बार-बार मल त्यागने की इच्छा होती है। लेकिन शौच जाने पर, मल का न आना।
पाइल्स का अगर समय पर इलाज न किया जाए। तो कभी-कभी इसके गंभीर लक्षण भी आ सकते हैं। जैसे गुदाद्वार से ज्यादा रक्त स्राव होने से, खून की कमी भी हो सकती है।
कभी-कभी piles इतनी ज्यादा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से भगंदर भी हो सकता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मरीज का, अपने मल पर नियंत्रण खत्म हो जाता है। मल स्वतः ही गुदाद्वार से बाहर आने लगता है।
एनल फिशर के लक्षण
Symptoms of Anal Fissure
एनल फिशर का सबसे कॉमन लक्षण है। मल त्याग के समय, असहनीय दर्द होना। यह दर्द इतना ज्यादा होता है कि कभी-कभी मरीज शौच जाने से भी बचने लगता है। यह दर्द मल त्यागने के बाद भी, कुछ घंटों तक बना रहता है।
इस दर्द वाले लक्षण की वजह से, एनल फिशर को Diagnosis करना आसान हो जाता है। क्योंकि अन्य दोनों में इतना दर्द नहीं होता है। इसके अलावा फिशर में बवासीर की तरह मस्सें भी नहीं मिलते हैं।
इसमें मल त्यागने के बाद, ताजा खून देखा जा सकता है। इसके अलावा छोटी गांठ, गुदाद्वार वाले एरिया में महसूस हो सकती है। जिसे स्किन टैग भी कहा जाता है। इसके अलावा मलद्वार के आसपास खुजली या जलन भी हो सकती है।
अगर समय पर इलाज न किया जाए। तो इसके भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जैसे कि यह फिशर बार-बार होने लगता है। इसका घाव भरता ही नहीं है। ये गुदाद्वार के आसपास की मांसपेशियों तक पहुंच जाता है। उसे भी नुकसान पहुंचाने लगता है।
एनल फिस्टुला या भगंदर के लक्षण
Symptoms of Anal Fistula
इसमें मलद्वार वाले एरिया में खुजली व जलन हो सकती है। मल त्याग के समय दर्द हो सकता है। भगंदर वाले रास्ते से, बदबूदार पस आने लगता है। मरीज को बुखार आ सकता है। मल त्याग के समय मरीज को ब्लीडिंग हो सकती है।
Causes of Piles, Fissure Fistula
सामान्यतया इन तीनों बीमारियों के कारण लगभग समान होते हैं। जिनमें सबसे बड़ा कारण कब्जियत (Constipation) ही होता है। इन तीनों का दूसरा प्रमुख कारण है। जिसे हम Psycho Somatic Reason कहते हैं। यानी ऐसा कारण जो हमारी मानसिकता, हमारी भावनाएं व हमारे इमोशंस के साथ जुड़ा होता है।
इसके दो कारण हैं। जिनमें पहला डर (fear) और दूसरा stress होता है। आज हमारी lifestyle पूरी तरह से बदल गई है। आजकल लोग relax में नही दिखते। हमेशा pressure में दिखते हैं। उन्हें डर रहता है। यह डर किसी भी प्रकार का हो सकता है। जैसे किसी deadline तक काम को पूरा करने का डर आदि। लेकिन इन तीनों के कुछ specific कारण और भी होते हैं। जिसे जानना जरूरी है।
Causes of Piles
1. इसका सबसे प्रमुख कारण कब होता है जिसके कारण मल कठोर हो जाता है जीते शरीर से बाहर निकालने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है जिसकी वजह से गुदाद्वार के आसपास की नसों पर ज्यादा जोर पड़ता है जिसकी वजह से नशे सूट कर सूज कर मस्सों का रूप ले लेती है
2. व्यक्ति को लंबे समय से दस्त की शिकायत रहना।
3. लगातार भारी वजन उठाना।
4. प्रेगनेंसी भी एक कारण हो सकता है।
5. ज्यादा मिर्च मसाले वाला खाना खाना।
6. खाने में फाइबर की मात्रा का कम होना। 7. धूम्रपान व शराब का सेवन करना।
8. Exercises या शारीरिक श्रम न करना।
Causes of Fissure
1. इसका भी मुख्य कारण कब्ज ही है। इसकी वजह से मल कठोर हो जाता है। कठोर मल शौच के रास्ते में, जो पतली लेयर होती है। जिसे मिकोषा कहते हैं। उसे नुकसान पहुंचाता है। जिससे उसमे कट लग जाता है। जिसकी वजह से फिशर होने लगता है।
2. लंबे समय से किसी को दस्त की शिकायत होना।
3. गुदामैथुन (Anal Sex) करना।
4. महिलाओं में बार बार प्रसव होना।
5. मल को पतला करने वाली दवाइयां, जिन्हें Laxative भी कहते हैं। उनका अत्यधिक इस्तेमाल करना।
6. कुछ बीमारियों के कारण भी फिसर होता है। जैसे कि Crohn’s disease, HIV Positive होना, Anal Cancer होना, ट्यूबरक्लोसिस होना या Syphilis होना।
Causes of Fistula
1. इसमें Rectum या मलाशय का कैंसर होना।
2. Crohn’s disease का होना।
3. Ulcerative Colitis होना।
4. आंतो का infection होना।
5. गुदाद्वार वाले एरिया में रेडिएशन लगना।
Diagnosis of Piles, Fissure Fistula
अगर इन 3 बीमारियों के डायग्नोसिस की बात की जाए। तो डॉक्टर clinically आपके गुदाद्वार वाले एरिया को देखकर पता लगा लेते हैं। आपको कौन-सी बीमारी है। हालांकि भगंदर या फिस्टुला के कुछ मामले में, डॉक्टर कभी-कभी MRI या Fistulotomy graphy जैसी जांचे करवा सकते है। ताकि यह पता किया जा सके। कि भगंदर आपके शौच के रास्ते में कहां तक पहुंचा है।
Piles, Fissure Fistula me kya khaye
पाइल्स, फिशर और फिस्टुला ऐसी बीमारी है। जो अक्सर अनुचित खानपान की वजह से बिगड़ जाती है। हमें इतना ज्यादा constipation हो जाता है। जिसकी वजह से यह बीमारियां पैदा होती है।
इन बीमारियों में, हमें ऐसा क्या खाना चाहिए। जो हमारे लिए healthy हो। हमारे इन रोगों के लिए helpful हो। अगर हम अपना खानपान सही रखेंगे। तो हम अपनी इन बीमारियों को 90% ऐसे ही ठीक कर सकते हैं।
● सबसे पहले जितनी भी हरी व पत्तेदार सब्जियां हैं। उन्हें आपको अधिक खाना चाहिए। हमें यह सब्जियां कच्ची या boil करके खानी चाहिए। यह ज्यादा लाभकारी होंगी।
● हमे अपने डाइट में सलाद की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। हो सके तो सलाद से ही अपना आधा पेट भरे। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। जो आपको constipation नहीं होने देगा।
● आपको Whole grains लेना चाहिए। साथ ही आपको सफेद चावल की बजाए। ब्राउन राइस खाना चाहिए। आपके constipation को खत्म करने में मदद करता है।
● आपको अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। इससे आपका स्टूल आसानी से पास होगा। पानी आपके कब्ज की शिकायत को भी ठीक रखेगा। एक बात का अवश्य ध्यान रखें। कि खाना खाने के तुरंत बाद पानी मत पिए। खाना खाने के कम से कम 45 मिनट बाद ही पानी पीना चाहिए। इसके अलावा रूटीन में दिन भर पानी पीते रहे।
● आपको दूसरी liquid diet भी खूब लेनी चाहिए। आप नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ व फलों के जूस भी ले सकते हैं।
● आपको अधिक से अधिक फाइबर युक्त fruits का सेवन करना चाहिए। जैसे सेब, सन्तरा, अमरूद, पपीता व अंजीर में अधिक मात्रा में फाइबर होते हैं। गर्भवती महिलाओं को पपीता नहीं खाना चाहिए। पानी वाले फलों का भी अधिक सेवन करना चाहिए।
● आप ड्राई फ्रूट्स खा सकते हैं लेकिन इन्हें जरूरत से ज्यादा न खाने खाएं
Piles, Fissure, Fistula me kya nahi khaye
आज हमारी lifestyle में बहुत बदलाव हो गए हैं। जिसमें हमें अधिक सुधार की जरूरत है। वहीं अगर हम अपने डाइट को भी नियंत्रित करें। तो इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं। इसके लिए बहुत सी ऐसी चीजें हैं। जो इस तरह की बीमारियों को जन्म देती है। हमे इनसे बचना चाहिए।
● आपको नॉनवेज व हाई प्रोटीन खाने से बचना चाहिए। यहां तक कि आपको अंडा खाने से भी बचना चाहिए।
● आपको अल्कोहल व कैफीन के सेवन से बचना चाहिए इन सबके कारण भी हमें constipation होता है। इसलिए शराब चाय कॉफी नहीं लेनी चाहिए।
● आपको तली-भुनी व मशालेदार चीजों से परहेज रखना चाहिए।
● आपको फास्ट-फूड और मैदे व बेसन से बनी चीजों को भी नहीं खाना चाहिए।
● आपको packed food खाने से भी बचना चाहिए। यानी कि वह चीज जो बाजार में किसी भी तरीके की पैकिंग में मौजूद हैं। उन्हें नहीं लेना चाहिए।
● आपको किसी भी तरह की बादी चीजों को खाने से बचना चाहिए
● आपको किसी भी तरीके के सप्लीमेंट्स नहीं लेना चाहिए। जिनमें प्रोटीन पाउडर विशेष रुप से नहीं लेना चाहिए। यह आपकी constipation की समस्या को भी बढ़ाएगा।
● आपको खाना late night नहीं खाना चाहिए। खाने के तुरंत बाद, लेटना नहीं चाहिए। खाना खाने के कम से कम 2 घंटे बाद ही लेटे। वरना इसके कारण, आपकी पाचन क्रिया धीमी हो जाती है।
Home Remedies for Piles, Fissure Fistula
1. बवासीर के लिए, गाय के दूध को गर्म करके ठंडा कर ले। फिर एक कप दूध में, एक नींबू के रस को निचोड़कर तुरंत पी ले। ऐसा लगातार लगभग 3 दिनों तक करने से, बवासीर ठीक हो जाती है।
2. देसी कपूर जिसे भीमसेनी कपूर भी कहते हैं। उसे चने के बराबर लेकर, केले में डालकर खाएं। इससे बवासीर में आराम मिलता है।
3. नारियल की दाढ़ी या जटा को जलाकर, उसका पाउडर बनाने बना ले। इसे छानकर लगभग 1 से 2 ग्राम, छाछ के साथ नियमित रूप से इस्तेमाल करें। इससे आपकी खूनी बवासीर में बहुत लाभ होता है।
4. मुलेठी के एक चम्मच चूर्ण को, रात में सोने से पहले एक गिलास पानी में घोलकर पी ले। इससे आपकी खूनी बवासीर में बहुत लाभ मिलेगा।
5. किसी भी प्रकार की बवासीर में नागकेसर बहुत फायदेमंद होता है। यह मिलना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन किसी भी पंसारी या जड़ी-बूटी की दुकान से शुद्ध ही ले।
अब 1 ग्राम नागकेसर में, एक चम्मच पिसी हुई मिश्री और एक चम्मच मक्खन को अच्छे से मिला लें। अब इस मिश्रण को सुबह खाली पेट खाएं।
अगर आपको नागकेसर नहीं मिलता है। तो मक्खन और मिश्री भी फायदेमंद है। इससे आपका भी वीर्य बढ़ता है। आपके शरीर को ताकत मिलती है। पेट से संबंधित सभी समस्याओं को भी दूर करता है।
6. बवासीर, फिशर व भगंदर इन तीनों के लिए होम्योपैथ में एक कारगर औषधि है। जिसका कोई भी side effect नहीं है। लेकिन अगर किसी patient को compliance हैं।
यानी उन्हें यह समस्या काफी पुरानी हो चुकी है। या फिर कई बार ऑपरेशन कराने के बाद भी हो जाती है। तो उन्हें डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेना चाहिए। जिनको इस प्रकार की समस्या की शुरुआत है। उन्हें 90% लाभ अवश्य मिलेगा।
इसके लिए आपको Mix Vomica 30 की एक बूंद प्रतिदिन जीभ के ऊपर लेनी है। इसको प्रतिदिन रात का खाना खाने के आधे घंटे बाद ले। दूसरी Sulphur 200 है। जिसे सप्ताह में केवल एक बार ही लेना है।
इसे भी आपको जीभ पर, एक बूंद ही लेनी है। आप इसे सुबह नाश्ते के आधे घंटे बाद, दोपहर के खाने के आधे घंटे बाद व रात के खाने के आधे घंटे बाद ले। इन दोनों को लेने के आधा घन्टे पहले या बाद में पानी भी नही लेना चाहिए।