किडनी खराब होने लक्षण | किडनी के कार्य | किडनी बचाव के उपाय | Kidney in Hindi

किडनी खराब होने लक्षण – इन्फेक्शन के लक्षण, दर्द कहाँ होता है, चेहरे पर सूजन, सूजन के लक्षण, कार्य, बचाव के उपाय।

आजकल हर व्यक्ति अपने चेहरे को दमकाने व चमकाने में लगा हुआ है। बाजारों में इसके लिए, तरह-तरह की क्रीम उपलब्ध है। जितना हम अपने चेहरे की सफाई और चमक के लिए काम करते हैं। उतना शायद ही हम, अपनी शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन के लिए काम करते हो। हम अपने शरीर के अंदर की सफाई के लिए, कुछ भी नहीं करते। लेकिन हमारी यही लापरवाही, हमें भारी पड़ सकती है।

यदि हमारे शरीर की छन्नी यानी किडनी गंदगी से भर गई। तो हमारे साथ पता नहीं, क्या-क्या हो सकता है। अगर आप इन सब चीजों से बचना चाहते हैं। तो किडनी की सफाई बहुत जरूरी है। शरीर के भीतर की सफाई का काम, हमारी किडनी संभालती है। किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसलिए उसका ध्यान रखना भी, उतना ही ज्यादा जरूरी है। 

इसके हमारे शरीर में, बहुत सारे कार्य होते हैं। यह रक्त में मौजूद पानी और अनावश्यक पदार्थों को, अलग करने का काम करती है। इसके अलावा रासायनिक पदार्थों का संतुलन व रक्तचाप नियंत्रित करने में भी सहायता प्रदान करती है। हमारे शरीर से अतिरिक्त अपशिष्ट पदार्थों को, यूरिन के द्वारा बाहर निकलती है। इसके साथ ही बहुत सारे मिनरल्स को बैलेंस रखने के साथ-साथ, कई तरह के हार्मोन बनाने में मदद करती है। 

इसलिए किडनी हमारे शरीर का, एक प्राकृतिक filtration system है। हर साल किडनी की बीमारी के चलते, लाखों लोग अपनी जान गवा बैठे हैं। किडनी की बीमारी के लक्षण, उस वक्त उभर कर सामने आते हैं। जब हमारी किडनी 60% से 65% तक खराब हो चुकी होती है। इसीलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। अगर आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करना चाहते है। तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी किडनी कितनी तंदुरुस्त है। क्या आप जानना चाहेंगे : हर्निया रोग क्या हैहर्निया क्यों होता है। क्या बिना ऑपरेशन ईलाज सम्भव।

किडनी खराब होने लक्षण

किडनी का कार्य

किडनी के दो महत्वपूर्ण कार्य होते हैं। पहला है, अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करके, शरीर से बाहर निकालना। दूसरा शरीर में लिक्विड के संतुलन को बनाए रखना। किडनी के कुल 7 कार्य होते हैं, जो इस प्रकार हैं-

1. यह लाल रक्त कणिकाओं को बनाने में मदद करती है। एरिथ्रोपोइटिन किडनी में बनने वाला एक हार्मोन है। जो RBSc के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

2. यह हमारी बोन्स को स्ट्रांग बनाए रखती है। किडनी विटामिन डी को transform करती है। जो खाने से कैल्शियम को लेकर बोन्स और दांतो को हेल्दी रखने के लिए जरूरी होता है।

3. किडनी अवशिष्ट पदार्थों को filter करके, शरीर से बाहर निकलती है। अवशिष्ट पदार्थों को हटाकर, रक्त को साफ करना, इसका मुख्य कार्य होता है।

4. किडनी शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखते हुए, अतिरिक्त लिक्विड को यूरिन के जरिए बाहर निकालकर, संतुलन बनाती है।

5. शरीर में मिनरल्स और केमिकल्स का  संतुलन बनाए रखना। किडनी सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स और केमिकल्स को संतुलित करती है।

6. किडनी में अमीनो एसिड से नया ग्लूकोज  बनना शुरू हो जाता है। इस प्रक्रिया को ग्लूकोनोजेनेसिस कहा जाता है। क्या आप जानना चाहेंगे : शहद के फायदेशहद खाने के नुकसान। असली शहद की पहचान। शहद जहर कैसे बनता है।

किडनी खराब होने के कारण

किडनी के द्वारा होने वाले कार्यों को समझने के बाद, यह जानना जरूरी है। कि किडनी के खराब होने के क्या कारण होते हैं।

1. उचित मात्रा में पानी का न पीना। जरूरत से ज्यादा और जरूरत से कम पानी पीने के कारण, किडनी में समस्या हो सकती है।

2. यूरिन को लंबे समय तक रोककर रखना इसके कारण भी किडनी को नुकसान पहुंचता है।

3. अधिक मात्रा में पेन किलर का सेवन करना। क्योंकि यह किडनी पर प्रेशर डाल सकते हैं।

4. ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में किडनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसीलिए किडनी डिसऑर्डर में, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर किडनी के खराब होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

5. डायबिटीज में ब्लड में ग्लूकोस का लेवल बढ़ जाता है या फिर इंसुलिन के लेबल पर असर पड़ता है। तो किडनी के खराब होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। क्या आप जानना चाहेंगे : अखरोट खाने के फायदे। पुरुषों के लिए अखरोट लाभमहिला के लिए अखरोट लाभ।

किडनी खराब होने लक्षण

किडनी जब खराब होना शुरू होती है। तो शुरुआती दौर में, इसके लक्षण हमें देखने को नहीं मिलते हैं। क्योंकि किडनी के पास अपनी खूबी होती है। कि वह अपने functions को बढ़ा लेती है। इसीलिए किडनी की बीमारी को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है। 

क्योंकि जब हमारी किडनी 60% से 70% तक खराब हो जाती है। तब हमारे शरीर में, इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं। इसलिए इन स्थितियों में किडनी को ठीक कर पाना व नियंत्रित कर पाना मुश्किल हो जाता है। अगर हमें शुरुआती दौर में इसका पता चल जाए। कि हमारी किडनी को नुकसान हो रहा है। तो हम अपनी किडनी को बचा सकते हैं।

1. यूरिन में प्रोटीन का आना – जब आप यूरिन पास करने जाते हैं। यदि इसमें बहुत ज्यादा झाग बन रही है। यूरिन बहुत गंदा आ रहा है। यह transparent नहीं है। उससे अजीब सी smell आ रही है। तो हो सकता है कि आपकी किडनी खराब हो रही है। इसके खराब होने के कारण ही, प्रोटीन  leak out हो रहा है। 

तो इस symptoms को कभी भी ignore नहीं करना चाहिए। इस स्थिति में आपका क्रिएटिनिन बढ़ना शुरू नहीं होगा। बल्कि यूरिन में प्रोटीन का आना पहले शुरू हो जाता है। यह काफी समय पहले भी आना शुरू हो सकता है। इसलिए यूरिन में होने वाले, किसी भी बदलाव को थोड़ा गंभीरता से लें।

2. प्रोटीन की कमी होना – जब हमारे शरीर से प्रोटीन leak होना शुरू होता है। तो हमें कमजोरी महसूस होती है। यह प्रोटीन हमारे शरीर मे, बहुत सारे काम करता है। हमारी बॉडी में एंजाइम्स व ब्लड को बनाता है। यदि हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी हो रही है। तो प्रोटीन की कमी के कारण, हमारे शरीर में और सिम्टम्स पैदा होते हैं।

जैसे वीकनेस का आना। आप बार-बार थकावट महसूस करते हैं। कुछ काम करने का मन नहीं करता है। तो हो सकता है कि इसके पीछे जिम्मेदार, किडनी का ठीक से काम करना न हो। शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाना हो। क्योंकि आपकी किडनी, प्रोटीन को hold नहीं कर पा रही है। क्या आप जानना चाहेंगे : पेट में गैस के लक्षण। पेट में गैस बनना। पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय

3. सूजन का आना – हम जो भी खाना खाते हैं। तो वह डाइजेस्ट होने के बाद, absorb होकर हमारे ब्लड में आता है। इसी के साथ हमारे खाने का प्रोटीन भी absorb होकर, हमारे ब्लड में आता है। जो हमारे ब्लड को गाढ़ापन देता है। गाढ़ा होने से, यह हमारी बॉडी में अच्छी तरह से सर्कलेट circulate हो पाता है। ज्यादा पतला होने पर, इसका फ्लूइड यह हमारे पैरों में पानी की तरह भरना शुरू हो जाता है। इसीलिए किडनी फेलियर के पेशेंट में, पैरों में सूजन देखने को मिलती है। 

यानी कि जब हमारे पैरों के आसपास सूजन हो। तो इसका एक मतलब है कि हमारी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही हो। यानी कि यह खराब होनी शुरू हो गई है। वैसे पैरों में सूजन होने के अन्य कारण भी होते हैं। जैसे लीवर खराब होना, थायराइड की दिक्कत  होना। उनमें से किडनी भी एक है। इसलिए इसकी जांच करवाकर संतुष्ट होना जरूरी है। कि हमारी किडनी ठीक से काम कर रही है।

4. त्वचा संबंधी समस्याएं – किडनी का काम है। अवशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना। जब किडनी खराब होने लगती है। तो यह अपशिष्ट पदार्थों को बाहर नहीं निकल पाती। जिसके कारण त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती है। अगर आपकी स्किन पर पैचेज बन रहे हैं। खुजली बहुत ज्यादा होती है।

तो हो सकता है कि ब्लड में जो impurities रुक गई। किडनी उन्हें बाहर नही निकाल पाई। इसकी वजह से यह समस्याएं हो सकती है। स्किन बिल्कुल सामान्य सी लगती है। लेकिन पूरे शरीर मे खुजली होती रहती है। अगर ऐसी समस्याएं हो रही है। तो इसका मतलब है कि आपकी किडनी के साथ कुछ न कुछ गलत हो रहा है।

5. सांस लेने में दिक्कत होना – जब हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है। जिसकी वजह से उचित मात्रा में ब्लड नहीं बन पाता। ब्लड के न बन पाने के दो कारण हो सकते हैं। पहला यूरिन से प्रोटीन निकल जाना। दूसरा किडनी खराब होने की वजह से, एरिथ्रोपोइटिन हार्मोन नहीं बना पाती है। इन दोनों की वजह से, हमारे शरीर में ब्लड की कमी होने लगती है। 

हमारा हीमोग्लोबिन कम होना शुरू हो जाता है। हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में ऑक्सीजन का ट्रांसपोर्टेशन  करता है। जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होना शुरू हो जाती है। अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है। तो अन्य सिम्टम्स को ध्यान में रखते हुए। आपको एक बार KFT test करवा लेना चाहिए। ताकि निश्चित हो सके। आपको किडनी की कोई दिक्कत नहीं है। क्या आप जानना चाहेंगे : लहसुन खाने के फायदेपुरुषों के लिए कच्चे लहसुन खाने का लाभ।

6. जी मचलाना व उल्टी महसूस होना –  किडनी के कम काम करने की वजह से, शरीर में अपशिष्ट पदार्थ इकट्ठा होना शुरू हो जाते हैं। जैसे क्रिएटिनिन इकट्ठा हो रहा होता है। उसी तरह शरीर में, यूरिया भी इकट्ठा होने लगता है। यूरिया एक नाइट्रोजेनस वेस्ट पदार्थ होता हैं। जिसका सबसे बुरा असर, हमारे दिमाग पर पड़ता है। अगर हमारे शरीर में यूरिया की मात्रा बढ़ जाए। तो हमारे नर्वस सिस्टम पर, इसका असर होने लगता है।

जिसके कारण मनपसंद खाना भी अच्छा नहीं लगता है। पानी पीने का मन नहीं होता है। उल्टी जैसी महसूस होती है। छाती में भारीपन बना रहता है। ऐसा लगता है, जैसे छाती में कुछ फंसा हुआ है। तो यह भी दर्शाता है कि कहीं आपकी किडनी खराब तो नहीं हो रही है।

7. वजन का कम होना – अगर आप खाना ढंग से खा रहे हैं। फिर भी आपके शरीर को नहीं लग रहा है। आपका वजन दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है। इसके पीछे भी कारण हो सकता है। कि जो प्रोटीन आपकी यूरिन से बाहर जा रहा है। उसकी वजह से कमजोरी हो रही है।

जो आप खाना खा रहे हैं। इसकी वजह से आपका शरीर, regain नहीं कर पा रहा है। ऐसे में आपकी मांसपेशियां पतली होती जाएंगी। शरीर में कमजोरी दिखने लगेगी। हड्डियां नजर आने लगेंगी। ऐसे सिम्टम्स भी हो सकता है, आपकी किडनी की वजह से हो।

8. शरीर में खून की कमी – अगर आपकी शरीर में खून की कमी हो रही है। आप  एनीमिया से ग्रसित होते जा हैं। अगर ब्लड टेस्ट करवाने पर, आपका हीमोग्लोबिन कम आ रहा है। तो आपको देखना होगा कि यह कहीं किडनी की वजह से तो नहीं हो रहा है।

9. हड्डियों में दर्द होना – किडनी हमारे शरीर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जो विटामिन डी, हम अपने खाने से लेते हैं। उसे एक्टिवेट करती है। यानी कि हमने जो धूप ली थी। खाना खाया था। वह सीधा हमारे शरीर को मजबूत नहीं करता। उसके बीच में, हमारी किडनी काम करती है।

यानी कि हमारे शरीर में जो विटामिन डी आया। उससे काम करने योग्य, हमारी किडनी बनाती है। अगर किडनी सही से काम नहीं करेगी। तो जो विटामिन डी हमारे शरीर के अंदर है। वह एक्टिवेट नहीं हो पाएगा। जिसके कारण हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती है। जिसके कारण इनमें दर्द महसूस होता है। क्या आप जानना चाहेंगे : यूरिक एसिड की रामबाण दवायूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए (सम्पूर्ण जानकारी व उपाय)।

10. बहुत ठंड लगना – अगर गर्मी के मौसम में भी पंखे में, आपको ठंड लगती है। तो आप इसे हल्के में न लें। विटामिन डी की कमी की वजह से, शरीर में कमजोरी होने की वजह से। किडनी फेल्योर वाले पेशेंट  ठंड बर्दाश्त नहीं कर पाते। उनके हाथ-पैर हमेशा ठंडे बने रहते हैं। ऐसा इसलिए होता है। 

क्योंकि बॉडी शरीर में जो पेरिफेरल ब्लड सरकुलेशन होता है। यानी जो ब्लड हमारी उंगलियों व पैरों की तरफ जाता है। वह कम हो जाता है। सेंट्रल ब्लड सरकुलेशन तो ठीक चल रहा होता है। जबकि पेरिफेरल कम हो जाता है। जिसकी वजह से, हमारे हाथ-पैर ज्यादा ठंडे बने रहते हैं। खून की गर्माहट वहां तक नही पहुंच पाती है। इसी वजह से ठंड का ज्यादा एहसास होता है।

11. हाई ब्लड प्रेशर का होना – 40% किडनी जो फेल होती हैं। वह हाई ब्लड प्रेशर की वजह से होती हैं। यानी जब किडनी खराब होना शुरू होती है। तो रोगी का ब्लड प्रेशर भी हाई होना शुरू हो जाता है। क्योंकि ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के तीन अंग जिम्मेदार होते हैं। हमारा दिमाग, हमारा दिल और हमारी किडनी। 

जब हमारी किडनी पर कोई असर होता है। तो इन तीनों में से, अगर कोई एक भी आर्गन खराब हुआ। या ये ठीक से काम नहीं करता है। तो ब्लड प्रेशर बढ़ना शुरू हो जाता है। जैसे-जैसे ब्लड प्रेशर बढ़ता चला जाता है। वैसे-वैसे हमारी किडनी और खराब होना शुरू हो जाती है। 

इस बड़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना, हर एक के लिए जरूरी होता है। अगर ब्लड प्रेशर बढ़ने के साथ-साथ अन्य सिम्टम्स भी दिख रहे हैं। तो इसका मतलब स्पष्ट है कि आपकी किडनी को नुकसान हो रहा है। क्या आप जानना चाहेंगे :  थायराइड का रामबाण इलाजथायराइड के लक्षण – महिलाओं में थायराइड के लक्षण व कारण।

किडनी बचाव के उपाय

किडनी में होने वाले इन्फेक्शन के कारण,  किडनी से संबंधित बहुत सारी बीमारियां जन्म लेने लगती है। जिनमें क्रॉनिक किडनी डिजीज, स्टोन की समस्या, यूरिन इन्फेक्शन, पिंपल्स, ग्लोमेंरूलोनेफ्राइटिस, पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज आदि है। ये सभी बीमारियां किडनी में गंदगी जमा होने के कारण होती है।

अगर किडनी में कोई समस्या आ जाए। तो गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। किडनी की देखभाल, इसीलिए जरूरी होती है। आप अपनी किडनी को कैसे सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं। जानते हैं, आप अपनी किडनी को कैसे इन गंभीर खतरों से बचा सकते हैं।

1. उपवास रखकर- हम लोगों के हर समय, कुछ न कुछ खाने की वजह से, हमारा शरीर इसे पचाने में ही लगा रहता है। वही जब हम कुछ नहीं खाते। तो शरीर के अंदर की सफाई का काम होता है। इसलिए अगर हम एक दिन कुछ न खाएं। तो हमारा शरीर अच्छे से डिटॉक्सिफाइड होता है।

इसके लिए कम से कम प्रतिमाह, आप कुछ भी न खाएं। इस दौरान आपको सिर्फ नींबू पानी ही पीना चाहिए। जिसके कारण आपके शरीर में जमी गंदगी, धीरे-धीरे निकलने लगती है। आपकी किडनी भी अच्छे से डिटॉक्सिफाई हो जाती है।

2. गहरी सांस लेना – अपनी रोजमर्रा की जिंदगी व तनाव के कारण, हम गहरी सांस लेना भूल गए हैं। यह प्राणवायु है, जिससे हम जिंदा रहते हैं। शरीर को डिटॉक्सिफाई करने के लिए, गहरी सांस लेना बहुत उपयोगी है। सुबह उठते ही खुले में आकर, कम से कम 5 मिनट गहरी सांस लेनी चाहिए।

जब हम गहरी सांस लेते हैं। तो यह हमारे शरीर के, उन सभी अंगों तक पहुंच जाती है। जहां गंदगी जमा होती है। गहरी सांस लेने से, शरीर के ब्लॉकेज खुल जाते हैं। शुद्ध ऑक्सीजन जब ब्लड के अंदर जाती है। तो इसे साफ करना किडनी के लिए, आसान हो जाता है। जिसके कारण गंदगी भी, धीरे-धीरे निकलने लगती है। क्या आप जानना चाहेंगे : बवासीर के लक्षण। बवासीर क्यों होता हैं। बवासीर के मस्से को जड़ से ख़त्म करने का उपाय

3. पानी का सेवन – रोजाना आपको 3 से 4 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए। अगर आप इतना पानी नहीं पी रहे हैं। तो आप जो भी खाते हैं। वह आपके शरीर को पौष्टिक आहार नहीं दे पाता। साथ ही अवशिष्ट पदार्थ भी शरीर से बाहर नहीं निकल पाते। क्योंकि हमारा ब्लड एक तरल पदार्थ है।

हमारा शरीर 70% पानी से बना हुआ है। इसलिए शरीर को, कुछ भी ट्रांसपोर्ट करना होता है। तो उसके लिए पानी की ही जरूरत होती है। इसलिए दिनभर में रुक रुककर कम से कम 3 से 4 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए। किसी भी आहार के के बाद, कम से कम आधा घंटा पानी का सेवन नहीं करें।

4. नमक और चीनी का कम प्रयोग –   आपको अपने शरीर व किडनी को स्वस्थ रखने के लिए, नमक का कम से कम प्रयोग करना चाहिए। आप अगर नमक और चीनी का अधिक प्रयोग करते हैं। तो इसे एकदम से कम न करके, धीरे-धीरे कम करें। क्योंकि तंबाकू, शराब, नमक और शक्कर को कभी भी एकदम से बंद नहीं किया जा सकता। बल्कि यूं कहें कि इससे एकदम से बंद नहीं किया जाना चाहिए।

इसलिए आपको इनको धीरे-धीरे से कम करना है। फिर एक समय वह भी आएगा। जब आपको फीकी चीजें भी सामान्य लगने लगेगी। इससे आपके शरीर में नमक व सोडियम कम जाएगा। यह किडनी के फंक्शन के लिए बहुत जरूरी होता है। जितना ज्यादा नमक शरीर में जाएगा। किडनी पर उतना ज्यादा प्रेशर पड़ेगा। जिसके कारण शरीर को अन्य बीमारियां भी हो सकती है। क्या आप जानना चाहेंगे : हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेतहार्ट अटैक क्यों आता हैं। इसकी विस्तृत जानकारी।

5. डीटॉक्सिफाई जूस का सेवन – इसके लिए आपको हरा धनिया और लहसुन 5 से 6 कलियाँ लेनी है। हरा धनिया को बारीक  काटकर, इसमें 5 से 6 लहसुन की कलियां मिला ले। फिर लगभग 1 लीटर पानी में इसे अच्छे से उबालना है। ध्यान रखें कि पानी को तब तक उबाले, जब यह उबालकर आधा रह जाए। अब इसे छानकर अलग करें। इस पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिला लीजिए।      

अगर हो सके तो इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं। आपका डिटॉक्सिफाई जूस बनकर तैयार है। इसे आपको सुबह-सुबह खाली पेट घुट-घुट करके पीना चाहिए। एप्पल साइडर विनेगर की वजह से, यह आपके दातों में लग सकता है। इसलिए इसे पीने के लिए पाइप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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