Cervical pain in Hindi | सर्वाइकल पेन | सर्वाइकल का रामबाण उपचार

Cervical pain in Hindi – सर्वाइकल का रामबाण उपचार, क्या होता है, कितने प्रकार का होता है, क्या खाना चाहिए, एक्सरसाइज, कैसे सोना चाहिए, कहाँ कहाँ दर्द होता है?

 हमारी बदलती जीवन शैली के कारण, आज कुछ बीमारियां ऐसी हैं। जो कभी बीमारियों की श्रेणी में आती ही नहीं थी। लेकिन आज यह बड़ी समस्या बनती जा रही है। जिनमें ज्वाइंट पेन, बैक पेन, सर्वाइकल जैसी इतनी दर्दनाक शारीरिक परेशानियां हैं। जिनका अनुभव सिर्फ पीड़ित व्यक्ति ही कर सकता है। 

यह एक आम बीमारी है। बस उनके लिए, जो अब तक इससे बचे हुए हैं। लेकिन उस पीड़ित व्यक्ति से पूछिए। जिनको एक-एक पल काटना कितना मुश्किल होता है। जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। आज के दौर में, खराब लाइफस्टाइल के कारण लगभग हर तीसरे व्यक्ति को, इन समस्याओं से जूझना पड़ता है।

वहीं बहुत कम लोगों को, इसकी सही जानकारी होती है। इन्हीं बीमारियों में से एक सर्वाइकल (Cervical) के बारे में, हम जानने की कोशिश करेंगे। इस गर्दन में उठने वाले दर्द को, हम समझ ही नहीं पाते। कि यह एक मामूली दर्द है। या फिर सर्वाइकल का दर्द है।

आप जानेंगे सर्वाइकल क्या है। इसके लक्षण क्या है। साथ ही कुछ ऐसे घरेलू उपाय, जो आपको इस परेशानी से राहत पहुंचा सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : महिलाओं के लिए अलसी के फायदेपुरुषों के लिए अलसी के फायदे। अलसी के फायदे बालों के लिए, भुनी अलसी के फायदे।

Cervical pain in Hindi

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सर्वाइकल क्या होता है

सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस आयुर्वेद की भाषा में एक प्रकार का वात रोग है। जिसको ग्रीवास्तंभ भी कहा जाता है। इस रोग में, गर्दन में अकड़ाहट आ जाती है। मांसपेशियों में stiffness हो जाती है। गर्दन से जाने वाली नसों के कारण, हाथों में दर्द होता है। हाथों में झनझनाहट होने लगती है। कभी-कभी उंगलियां भी सुन्न पड़ जाती है।

कंधों में भी stiffness आ जाती है। इसके साथ ही वहां पर दर्द भी होता है। इसका मूल कारण यह है कि गर्दन में वायु जाकर इकट्ठी हो जाती है। इसके लिए बस वहां से वायु हो निकालना होता है। जिससे सर्वाइकल जैसे रोग से छुटकारा पाया जा सकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : आंखों की रोशनी कैसे बढ़ाएंआँखों से सम्बंधित सभी विकार की सम्पूर्ण जानकारी।

सर्वाइकल क्यों होता है

सर्वाइकल पेन होने के कारण-

1. जो लोग ऑफिस या अपने workplace पर गलत position में बैठकर, desk work करते हैं। उन्हें यह समस्या हो सकती है।

2. जो लोग mobile addiction की समस्या से ग्रसित हैं। मोबाइल का अधिक प्रयोग करते हैं। उन्हें भी यह समस्या हो सकती है।

3. जो लोग काम करते वक्त गर्दन को बहुत देर तक झुकाए रखते है। उन्हें सर्वाइकल पेन हो सकता है।

4. बहुत देर तक एक ही position में बैठने से भी, सर्वाइकल पेन हो जाता है।

5. ऊंचे और बड़े तकिए का प्रयोग करने से सर्वाइकल पेन हो सकता है।

6. जो लोग भारी वजन के हेलमेट लगाकर, ज्यादा देर तक मोटरसाइकिल चलाते है। उन्हें भी सर्वाइकल पेन हो सकता है।

7. जो लोग ज्यादा smoking करते हैं। तंबाकू का सेवन करते हैं। उन्हें भी यह समस्या हो सकती है।

8. जो लोग देर रात तक जागते हैं। उन्हें समस्या हो सकती है।

9. जो लोग भारी वजन सर पर उठाने का काम करते हैं। उन्हें भी सर्वाइकल पेन हो सकता है।

10. गलत position में सोने के कारण, आपको सर्वाइकल पेन होने लगता है।

सर्वाइकल पेन के लक्षण

आप कैसे पहचानेंगे की कि आपको उठने वाला यह दर्द सर्वाइकल पेन है

1.  सिर का दर्द, गर्दन को हिलाने पर, गर्दन से हड्डियों के चटकने की आवाज आना।

2. हाथ, बाजू व उंगलियों में कमजोरी महसूस होना। या इसका सुन्न हो जाना।

3. किसी भी व्यक्ति को हाथ व पैरों में कमजोरी के कारण, चलने में समस्या होना। अपना संतुलन खो देना।

4. गर्दन और कंधों पर अकड़न (stiffness) होना।

5. कभी-कभी यह दर्द गर्दन से शुरू होकर,  बाएं या दाएं किसी भी हाथ के अंदर यह दर्द दौड़ता है।

6. सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस गर्दन के आसपास, रीड की हड्डी में imbalance के कारण होता है। जिसके कारण गर्दन में दर्द के साथ-साथ, अकड़न भी आ जाती है। क्या आप जानना चाहेंगे : गिलोय के औषधि गुण, फायदे व नुकसानकैसे करें इसका उपयोग, सम्पूर्ण जानकारी।

सर्वाइकल में चक्कर क्यों आते हैं

जिन व्यक्तियों को सर्वाइकल की समस्या होती है। उनके हाथों में झनझनाहट और गर्दन में दर्द, तो रहता ही है। इसके साथ ही उनमें चक्कर आने की समस्या, instability होना। वह जब सोकर उठते हैं। तो उन्हें लगता है कि वह तो एक जगह पर खड़े हैं। लेकिन उनके आसपास की धरती घूम रही है। इसके अलावा उल्टी आने जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती है।

इस समस्या को Cervicogenic Vertigo कहा जाता है। इसको अगर तीन भागों में divide किया जाए। तो इसमें – 

Vertigo यानी कि Dizziness रहना अर्थात सर घूमना।

Cervico यानी Cervical Spine अर्थात गले के पीछे की रीढ़ की हड्डी।

Genic का मतलब genesis अर्थात उससे उत्पन्न होना।

इसका collectively अर्थ यह हुआ कि सर्वाइकल स्पाइन से उत्पन्न होने वाले, सर के चक्कर को Cervicogenic Vertigo कहा जाता है।

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चक्कर आने का कारण

हमारी बॉडी में balance maintain करने में सहायक। हमारे कान के अंदरूनी हिस्से में पाए जाने वाले semi-circular canals होते हैं। यह हमारे body में सर और धड़ को, एक सीध में रखने के responsible होते हैं। ये हमारी आंखों व गर्दन के facet joint को responsibility देते हैं।

वहीं यदि हमारे सर्वाइकल में, कोई समस्या हो गई है। सर्वाइकल के आसपास के muscles, tight हो गए हैं। जिसका असर हमारे facet joint के ऊपर पड़ता है। इस अवस्था में, हमारे facet joint से जाने वाले Signal गड़बड़ हो जाते हैं। हमारे ब्रेन में गलत इंफॉर्मेशन जाती है। जिसकी वजह से हमें चक्कर आने लगते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : गठिया रोग की पहचान। गठिया के लक्षण व प्रकार। गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय

सर्वाइकल में क्या खाना चाहिए

 सर्वाइकल को ठीक करने में, हमारे आहार का भी बहुत बड़ा महत्व है। अगर हमारी जीवनशैली अच्छी नहीं है। तो हमारा पित्त और वात उच्च रहेगा। जैसे-जैसे दिन बढ़ता जाएगा। वैसे-वैसे सर्वाइकल के पेन में बढ़ोतरी होती जाएगी। इसलिए आपको अपनी diet पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

● आपको अपने दिन की शुरुआत नारियल पानी, फलों का जूस या सब्जियों के जूस से कर सकते हैं। आप गर्म पानी में शहद और नींबू का भी प्रयोग कर सकते हैं। या फिर मेथी दाने का पानी भी ले सकते हैं।

● दोपहर 12:00 बजे के आसपास, आप  ठोस आहार ले सकते हैं। जिसमें रोटी, सब्जी, दाल व चावल ले। इसके साथ खूब सारा सलाद का सेवन जरूर करें। इसमें दही या मट्ठा से परहेज करें।

● इसके बाद शाम को 4:00 से 5:00 बजे कैल्शियम व मैग्नीशियम से भरपूर आहार ले सकते हैं। इसके लिए आप रोस्टेड चना, गुड, सौंफ ले सकते हैं। इसके साथ मुरमुरा खा सकते हैं।

● रात के समय हमेशा कोशिश करें। कि हल्का भोजन ही ले। जिसमें आप खूब सारी सब्जियों को उबालकर, इसमें नमक व काली मिर्च डालकर खा सकते हैं। इससे आपके पाचन तंत्र को इतना समय मिल जाएगा। कि ये आपके शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकाल सकेगा। 

इससे आपकी सर्वाइकल की तकलीफ में आराम मिलना शुरू होगा। धीरे-धीरे यह ठीक होती जाएगी। प्राकृतिक चिकित्सा 1 दिन की पद्धति नहीं है। बल्कि यह एक जीवन शैली है। इसलिए आपको विश्वास रखना पड़ेगा। कि आपका शरीर धीरे-धीरे ही ठीक होगा। क्या आप जानना चाहेंगे : थायराइड  क्या हैइसके कारण, लक्षण, घर पर टेस्ट करने का तरीका, घरेलू उपाय।

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सर्वाइकल के लिए एक्सरसाइज

सर्वाइकल की समस्या का समाधान हमारे योग में छुपा है। अगर आप नियमित रूप से योगाभ्यास करते हैं। तो निश्चित रूप से आप सर्वाइकल को खत्म कर सकते हैं। योग की कुछ क्रियाएं हैं। जिन्हें आप कहीं पर भी व किसी भी समय कर सकते हैं।

यह क्रियाएं निरापद हैं। इनका कोई side effect तो होता ही नहीं है। इसमें यह भी आवश्यक नहीं है। कि इसे आप भोजन के बाद नहीं कर सकते। इन क्रियाओं को समझकर आप नियमित अभ्यास शुरू कर सकते हैं।

1. सबसे पहले आपको वज्रासन में बैठना है। अब अपने हाथ की दो उंगलियों को, अपने chin पर लगाइए। अब उंगलियों को पीछे की तरफ press करें। जितना आप पीछे की तरफ press कर सकते हैं। फिर हाथ को ढीला छोड़िए। यह प्रक्रिया 5 से 6 बार दोहराएं।

2. अब आप अपने दाएं हाथ को, अपने सर के दाएं तरफ रखें। ऐसी स्थिति में, आपको सर को दाएं तरफ तथा हाथ को बाई तरफ प्रेस करना है। यानी कि दोनों को एक-दूसरे के विपरीत दिशा में press करना है। फिर  ढीला छोड़ दें। इस तरह आपको 5 से 6 बार, यह प्रक्रिया भी दोहरानी है।

3. अब आपको अपने बाएं हाथ को, अपने बाएं तरफ के सर पर रखें। फिर से ऐसी स्थिति में सर को बाएं तरफ तथा हाथ को दाएं तरफ press करना है। यानी हाथ से सर को और सर को हाथ से press करना है। फिर relax हो जाएं। इस प्रकार यह प्रक्रिया भी 5 से 6 बार दोहरानी है।

4. अब आपको वज्रासन की मुद्रा में ही, अपने दोनों हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे में interlock करना है। इसे अपने माथे पर रखें। फिर हाथ से सर को और सर से हाथ को press करना है। पुनः सर और हाथ को relax छोड़ दें। इस प्रकार यह प्रक्रिया भी 5 से 6 बार दोहरानी है।

5. इस प्रक्रिया में एक बार फिर अपनी उंगलियों को एक-दूसरे से फसाना अर्थात interlock करना है। अब इसे सर के पिछले से  हिस्से पर रखें। पुनः सर पर हाथ को और हाथ से सर को press करना है। एक बार फिर हाथ और पैर को relax छोड़ें। इसी प्रकार, इस प्रक्रिया को भी 5 से 6 बार दोहरानी है। क्या आप जानना चाहेंगे : एलोवेरा के फायदे, उपयोग व औषधीय गुण।

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सर्वाइकल का रामबाण उपचार

कुछ घरेलू उपाय, आपको सर्वाइकल पेन से तो राहत दिलाएंगे ही, बल्कि आप सर्वाइकल की समस्या को जड़ से खत्म कर पाएंगे।

1. सर्वाइकल से छुटकारा पाने के लिए, आप सौंफ, सौठ, जीरा, अजवाइन और कलमिशोरा को बराबर मात्रा में लें। इसको अच्छे से बारीक पाउडर बनाएं। फिर से खाने से एक घंटा पहले, इसकी लगभग 1 ग्राम की मात्रा खाएं। इसे आप दो से तीन बार भी खा सकते हैं।

इससे आपको सर्वाइकल पेन व सर्वाइकल में तो राहत मिलेगी ही। इसके साथ ही इससे आपकी एसिडिटी की समस्या, पेट फूलना भी ठीक होगा। आपको पर्याप्त भूख भी लगेगी।

2. आपको एक गिलास दूध में, एक चम्मच हल्दी डालकर उबालना है। जब यह हल्दी वाला दूध थोड़ा ठंडा हो जाए। तब उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पी लेना चाहिए। इस दूध का सेवन अगर आप दिन में 1 बार करेंगे।

तो आपको सर्वाइकल में बहुत जल्दी आराम मिलेगा। इसके साथ ही, आपको शरीर में होने वाले अन्य दर्द में भी आराम मिलेगा। हल्दी एंटीबायोटिक होने के साथ-साथ पेन किलर कभी काम करता है यह शरीर में होने वाले दर्द को कम करता है। ब्लड सरकुलेशन को भी तेज करता है।

3. सर्वाइकल की समस्या से छुटकारा पाने के लिए, आपको बर्फ से सिकाई करनी चाहिए। कपड़े की एक पोटली में बर्फ को रखकर, इससे गर्दन के पिछले हिस्से पर सिकाई करें। इससे आपको दर्द से राहत मिलेगी। साथ ही सर्वाइकल की समस्या भी खत्म होगी।

4. तिल के तेल या देसी घी की मालिश गर्दन पर करनी चाहिए। आप इसमें लहसुन की चार से पांच कलियां डालकर, अच्छे से गर्म कर लें। फिर इसे गुनगुना होने पर, आपको नीचे से ऊपर की तरफ, अच्छे से मालिश करना है। इससे सर्वाइकल के दर्द में आराम मिलना शुरू हो जाएगा।

5. लहसुन में कैल्शियम, आयरन, विटामिन सी और फास्फोरस पाया जाता है। यह हमारे  pain को कम करने में, सूजन को खत्म करने में व सूजन वाली जगह पर होने वाली जलन को भी खत्म करता है। इसलिये लहसुन की दो कलियों को भूनकर, अपनी प्रत्येक डाइट में शामिल करना चाहिए। यह आपके किसी भी तरह के दर्द व सर्वाइकल में फायदेमंद साबित होगा

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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