Benefits of Aloe vera in Hindi | एलोवेरा के चमत्कारिक गुण व फायदें

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Health Benefits and Uses of Aloe Vera in Hindi
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1 Aloe Vera - Health Benefits and Medicinal Usesएलोवेरा के फायदे, उपयोग व औषधीय गुण
1.6 एलोवेरा किन-किन बीमारियों में फायदेमंदAloe Vera is Beneficial for Which Diseases

Aloe Vera - Health Benefits and Medicinal Uses
एलोवेरा के फायदे, उपयोग व औषधीय गुण

 चेहरे का glow, चमकदार, बच्चों जैसा। खिला हुआ चेहरा बनाने के लिए। क्या ऐसी चीज करें। जिसे हम रोज करें। Natural हो। कोई नुकसान भी न हो। हमारी इच्छा की पूर्ति भी हो। ऐसा लगे कि वाह मजा आ गया। चेहरा रौनकदार, पहले से ज्यादा दम, चेहरे पर glow लौट आए। कोई कमी न रहे। हमेशा खूबसूरत बने रहे।

       एलोवेरा यानी ग्वारपाठा। यह आयुर्वेद की एक अत्यंत महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है। आयुर्वेद में, अनेक बीमारियों के लिए, इसका सदियों से उपयोग किया जा रहा है। आज एलोवेरा के internal और external, दोनों तरह के उपयोग के प्रति लोगों में काफी जागरूकता है।

     आयुर्वेद के अनुसार, एलोवेरा को अनेक बीमारियों में रामबाण औषधि माना जाता है। त्वचा की देखभाल से लेकर, बालों की खूबसूरती तक। घावों को भरने से लेकर, सेहत की सुरक्षा तक में। इस चमत्कारिक औषधि का कोई जवाब नहीं। यही नहीं बिगड़ी लाइफ़स्टाइल और व्यायाम के प्रति लापरवाही के कारण। बढ़ते मोटापे को भी control करने में कारगर है।

      एलोवेरा में औषधि गुण बहुत ज्यादा होते हैं। इसमें बहुत तरह के nutrients भी पाए जाते हैं। जिसकी वजह से, यह पोषक भी है। शक्ति को बढ़ाता है। इसको First Ad Plant भी कहा जाता है। अगर आपके पास कुछ भी न हो। तो अगर आपके पास एलोवेरा है। तो काफी सारे रोगों को, आप इससे control कर सकते हैं।

एलोवेरा के अन्य नाम व प्रकार
Aloe Vera - Other Names and Types

एलोवेरा की बहुत सी प्रजातियां और उप प्रजातियां पाई जाती है। एलोवेरा को हिंदी में घृतकुमारी कहा जाता है। यह नाम ज्यादातर लोग जानते हैं। एलोवेरा का पूरा नाम घृतकुमारी ग्वार कंदल है। इसके अलावा एलोवेरा को कुमारी, गृह कन्या ग्वारपाठा, चित्तकुमारी, कुमार पट्टू, घीक्वार और संजीवनी पौधा भी कहा जाता है।

       संजीवनी पौधा इसलिए कहा जाता है। क्योंकि एलोवेरा का प्रयोग औषधियां बनाने में किया जाता है। एलोवेरा से बहुत सी बीमारियों का इलाज भी किया जाता है। अंग्रेजी में इसे इंडियन एलो भी कहते हैं।  इसका वनस्पतिक नाम एलोवेरा (Aloe Vera) ही है। जबकि इसका वैज्ञानिक नाम एलो बारबाड़ेंसिस मिलर है। यह लिलियासी परिवार का सदस्य है।

     पूरे विश्व में एलोवेरा की लगभग 275 प्रजातियां उपलब्ध हैं। इन सभी का वर्णन करना तो संभव नहीं है। लेकिन उनमें से कुछ प्रजातियां इस प्रकार हैं। जिन्हें हम खाने के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।

Aloe Vera Chinensis 

      यह एक medicinal plant माना जाता है। इसकी पत्तियां थोड़ी पतली होती है। पत्तियों के ऊपर white spot पाए जाते हैं। देखने में यह Barbadensis की तरह ही लगता है। इसकी पत्तियों का रंग dark green होता है। इसके ऊपर orange color के flower  आते हैं।

     यह एक Succulent plant (गूदेदार पौधा) होता है। यानी कि एक रसीला पौधा होता है। इसके जेल का उपयोग, हम अपनी Skin problem के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा इसे खाया भी जा सकता है। खाने के पहले, हमें इसके Poison को remove कर लेना चाहिए।

Aloe Vera Barbadensis Miller

      यह भी एक Succulent plant होता है। इसका प्रयोग खाने के लिए, सबसे ज्यादा किया जाता है। खाने में सबसे ज्यादा इसका प्रयोग किया जाता है। यह भी एक flowering plant है। इसके ऊपर yellow रंग के फूल आते हैं। इस पौधे की पत्तियों का रंग light green होता है।

      जब इसकी पत्तियां छोटी होती है। तो इस पर white spot होते हैं। इसके mature होने पर white spot कम हो जाते हैं। इसका जेल खाने के लिए, सबसे बेहतर माना जाता है। इसका जूस भी बनाया जाता है। इसमें अत्यधिक मात्रा में विटामिन पाए जाते हैं। जोकि health के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

Aloe Ferox 

    एलो की इस प्रजाति को Cap Aloe, Tap Aloe, Red Aloe के नाम से भी जाना जाता है। इसका एक प्रसिद्ध नाम Bitter Aloe भी है। यह बहुत ज्यादा कड़वा होता है। यह अपने कड़वेपन के लिए प्रसिद्ध है।

     इसका ज्यादातर प्रयोग Skin care products और medicine के लिए किया जाता है। जब यह बड़ा हो जाता है। तो उसके ऊपर रेड कलर के फूल आते हैं।

       इनके अलावा भी कुछ खास Aloe Plant हैं। जो कि ज्यादातर उपयोग में लाए जाते हैं। इनमें प्रमुख है- Lace Aloe, Golden Tooth Aloe, Tiger Tooth Aloe, Short Leaf Aloe, Red Aloe, Snake Aloe, Sunset Aloe, Malagasy Tree Aloe, Spiral Aloe, Sand Aloe, Soap Aloe आदि।

एलोवेरा का धार्मिक महत्व
Aloe Vera - Religious Importance

   वास्तु में एलोवेरा के बहुत सारे फायदे माने जाते हैं। वास्तु के अनुसार, एलोवेरा के पौधे को घर में रखना। बहुत ही शुभ माना जाता है। एलोवेरा ऐसा पौधा है। जिसे किसी भी दिशा में रखा जा सकता है। इसके अंदर पानी की मात्रा अधिक होती है। तो इसे घर के अंदर व बाहर दोनों जगह रखा जा सकता है।

  अगर आपको नौकरी से संबंधित परेशानियां हैं। नौकरी नहीं मिल पा रही है। या फिर बार-बार मिलकर छूट जाती है। या फिर आपका travelling job है। तो आपको एलोवेरा को, घर के पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। ऐसा करने से, आपका भाग्य भी चमकेगा।

     इसके साथ ही अगर, आपको शारीरिक थकान रहती है। तो वह भी नहीं रहेगी। एलोवेरा को घर में रखने से, धन-संपत्ति में लाभ होता है। इसके साथ आपके रुके हुए काम भी बनने शुरू हो जाते हैं। यह आपकी त्वचा के साथ, आपके भाग्य को भी चमकाता है।

एलोवेरा का वैज्ञानिक महत्व व औषधि गुण
Aloe Vera - Scientific importance and medicinal properties

  एलोवेरा को हिंदी में घृतकुमारी या ग्वारपाठा भी कहा जाता है। इसमें बहुत सारी medicinal values पाई जाती है।  इसका जेल हमारे लिए, बहुत फायदेमंद है। इसके जेल को निकालने के लिए, एलोवेरा के ऊपरी हरे भाग को निकाल दिया जाता है।

     इसके अंदर जेल पाया जाता है। जिसमें एक पीला भाग होता है। जिसे latex कहा जाता है। ये हमारे काम का नहीं होता। इसलिए इसे धोकर, बाहर निकाल देना चाहिए। इसके जेल में 95% पानी पाया जाता है। जबकि सिर्फ 5% ही Solid होता है।

     इसके solid भाग में 20 प्रकार के अमीनो एसिड पाये जाते है। जिनमें 6-7 प्रकार की अमीनो एसिड, हमारे बहुत काम के होते है। इसमें दो ऐसे chemicals पाए जाते हैं। जो हमारे टी लिम्फोसाइट्स को बढ़ावा देता है। इसका नाम Acemannan और aloe biroz। यह दो ऐसे chemical है। जिन्हें Polysaccharides बोलते हैं।

      यह हमारी बीमारी से लड़ने का मुख्य cells को बढ़ावा देता है। यह हमारी इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है। इसमें बहुत सारा Soluble Fiber पाया जाता है। इसमें जर्मेनियम व विटामिन A, B1, B2, B3, B6, B12, पाया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन C और विटामिन E मौजूद होता है।

      इसमें बहुत सारे मिनरल्स भी पाए जाते हैं। जिनमें आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और मैग्नीज जैसे खनिज लवण पाए जाते हैं। जो हमारी सेहत के लिए, काफी फायदेमंद होते हैं।

इसमें Aloe नाम का एक पदार्थ होता है। जो de-pigmenting agent है। यानी यह skin के दाग-धब्बे कम करता है। इसके अलावा इसमें शुगर, एंजाइम और सैलिसिलिक एसिड पाया जाता है।

      जोकि cleansing agent है। यानी आपकी skin को साफ करने का काम करता हैं। सबसे महत्वपूर्ण इसमें Polyphenol पदार्थ होता है। जो कई तरह के बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। हमारे शरीर को infection से बचाते हैं।

एलोवेरा कब और कैसे खाना चाहिए
Aloe Vera - When and How to Eat

 ज्यादातर लोगों जानते हैं कि एलोवेरा को कैसे खाना है। इसके लिए आप एलोवेरा के छोटे-छोटे टुकड़े कर सकते हैं। इसका हरा व पीला भाग निकालकर, सफेद भाग का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप एलोवेरा का जूस भी पी सकते हैं।

     इसे आप सुबह और शाम दो बार पी सकते हैं। Skin की समस्या या चोट लगने पर, आप इसे सीधे प्रयोग में ला सकते हैं। इसके अलावा एलोवेरा की क्रीम व जेल का प्रयोग कर सकते हैं। इसका भी प्रयोग skin problem या चोट पर सीधे कर सकते हैं।

      एलोवेरा के Capsules भी आते हैं। जिसका प्रयोग आप Diabetes या High Blood Pressure में कर सकते हैं। एलोवेरा के जूस को 20 से 30 मिलीग्राम तक प्रयोग कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप एलोवेरा के जेल व शैंपू का प्रयोग नियमित कर सकते हैं। एलोवेरा के जूस को सुबह लेने से ज्यादा लाभ मिलता है।

एलोवेरा कैसे और किसके लिए नुकसानदायक
How Aloe Vera is Harmful ?

  एलोवेरा कब नुकसानदायक होता है। इसके अंदर Poison कहां छुपा होता है। तो जानते है। एलोवेरा की पत्ती के 3 part होते हैं। पहला इसके ऊपर की green skin होती है। दूसरा इसके अंदर flesh या gel मौजूद होता है। इन दोनों के बीच में, एक liquid होता है।

     इसको Aloe Latex के नाम से जाना जाता है। इस aloe latex के अंदर एक chemical मौजूद होता है। जिसको aloein बोलते हैं। यह aloein हमारे skin और पेट के लिए, काफी नुकसानदायक होता है। एलोवेरा की leaf का प्रयोग करने के लिए, कुछ सावधानी बरतें।

      आपको इसकी leaf को काटकर, करीब आधे घंटे के लिए, उल्टा लटका देना चाहिए। जिससे कि इसके अंदर का aloe latex बाहर निकल जाएगा। इसके बाद इनकी दोनों side को काटकर, सफेद जेल को निकाल ले। इसे पानी से अच्छी तरह धो लें। ताकि latex अच्छे से निकल जाए। फिर इसका सेवन करें।

        एलोवेरा का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। इसके ज्यादा खाने से, आपको कुछ नुकसान हो सकते हैं। जो इस प्रकार है।

1. एलोवेरा के ज्यादा सेवन से गले में जलन हो सकती है।

2. एलोवेरा के ज्यादा सेवन से, कुछ लोगों को एलर्जी भी हो सकती है।

3. एलोवेरा के ज्यादा सेवन से किडनी की समस्या भी हो सकती है।

4. एलोवेरा के ज्यादा सेवन से, पेट में गैस की समस्या हो सकती है।

5. एलोवेरा के ज्यादा सेवन करने से, आपका Blood Pressure low हो सकता है। तो High Blood Pressure वालों के लिए ठीक है। लेकिन Low Blood Pressure वालों के लिए, ये खतरनाक हो सकता है।

6. एलोवेरा का सेवन प्रेगनेंसी में करने से पहले, अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

7. 14 साल से कम उम्र में एलोवेरा को, किसी भी रूप में प्रयोग नहीं करना चाहिए।

8. मासिक धर्म के दौरान, इसका सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह blood के flow को बढ़ा देता है।

9. अगर आप सुबह खाली पेट एलोवेरा जेल का सेवन कर रहे हैं। तो आपको dehydration की समस्या हो सकती है। इसके लिए, आपको अधिक से अधिक water intake करना चाहिए।

10. अगर आप पहले से दिल के मरीज हैं। तो डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही, इसका सेवन करें।

एलोवेरा किन-किन बीमारियों में फायदेमंद
Aloe Vera is Beneficial for Which Diseases

एलोवेरा की कुछ ही प्रजातियों का उपयोग, हमारी skin care और सेहत के लिए पीने में किया जाता है। बोतलों में बिकने वाले एलोवेरा जूस और जेल को बहुत लोग उपयोग करते हैं। लेकिन मेरे opinion में, एलोवेरा जेल को एकदम fresh पत्ते से निकालकर use किया जाए। तो उसके अंदर के विटामिंस, एंटीऑक्सीडेंट और एंजाइम आदि। बहुत ज्यादा असरदार होते हैं।

त्वचा संबंधी रोगों मे एलोवेरा के फायदें
Aloe Vera - Benefits in Skin Diseases

  जिनके बार-बार पिंपल्स निकलते रहते हैं। चेहरे पर झाइयों की शिकायत है। चेहरे पर झुर्रियों के शिकायत है। Sunburn के कारण चेहरा काला पड़ रहा है। पूरी तरीके से चेहरे पर निखार नहीं है। जिनकी त्वचा काफी रूखी है।

      उन्हें एलोवेरा का रस दो चम्मच और नींबू का रस एक चम्मच। इन का पेस्ट बनाकर, रुई की मदद से, पूरे चेहरे पर लगाएं। फिर से 1 घंटे के लिए, ऐसे ही छोड़ दे। इसके बाद इसे हल्के गुनगुने पानी से धो दें। तो इन सारी समस्याओं से निजात मिलता है।

     जिन लोगों को दाद, खाज, खुजली की समस्या है। उन्हें एलोवेरा का रस 3 चम्मच सुबह, 3 चम्मच शाम को खाना खाने से पहले इस्तेमाल करना है। एलोवेरा का रस और नारियल का तेल मिलाकर। पहले नहाने से 1 घंटे पहले, अच्छे से पूरे शरीर पर लगाएं।

     जहां पर खुजली है। वहां पर अच्छे से मालिश करें। फिर 1 घंटे बाद नहा लेना है। इससे चमड़ी की खुश्की खत्म होती है। चमड़ी से संबंधित सभी बीमारियां समाप्त होती है। इसका उपयोग aging factor में भी फायदेमंद होता है।

बालों से संबंधित समस्याओं मे एलोवेरा के फायदें
Aloe Vera - Benefits in Hair Problems

  जिनको बाल झड़ने की शिकायत है। डैंड्रफ की शिकायत रहती है। जिनके बाल बढ़ते नहीं है। बालों में रूखापन रहता है। उन्हें  खासतौर पर, एलोवेरा का रस निकालकर। 

       बालों की जड़ों में लगाना चाहिए। फिर इसे आधे घंटे के लिए, छोड़ दें। इसके बाद इसे धो देना चाहिए। इससे बाल धने, लंबे और चमकदार होते हैं। डैंड्रफ की समस्या भी खत्म हो जाती है।

मुंह से संबंधित समस्याओं में एलोवेरा के फ़ायदे
Aloe Vera - Benefits in Mouth Related Problems

जिन लोगों को दांतो में पायरिया की शिकायत है। दाँतो व मसूड़ों से खून आता है। मुंह से बदबू ज्यादा आती है। उनके लिए एलोवेरा के रस से, मसाज करना बहुत ज्यादा फायदेमंद है।

      यह पायरिया भी खत्म करता है। दातों में कीड़ा लगने से भी बचाता है। मुंह, मसूड़े और दातों से आने वाले, खून को भी ठीक करता है। इसके अलावा मुंह से आने वाली बदबू से भी छुटकारा दिलाता है।

इम्यून सिस्टम में एलोवेरा के फ़ायदे
Aloe Vera - Benefits for the Immune System

जिन लोगों का इम्यून पावर कमजोर है। जिसे रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली बोलते हैं। जो लोग जल्दी-जल्दी बीमार होते रहते हैं। खांसी-जुकाम व तरह-तरह की बीमारियां परेशान करती रहती है। उन्हें एलोवेरा का रस दो चम्मच और आंवले का रस दो चम्मच।

      इसमें एक चम्मच गिलोय का रस डालना है। फिर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर। सुबह-शाम खाली पेट इस्तेमाल करने से, इम्यूनिटी पावर बढ़ती है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, इतनी बढ़ जाती है। कि वह किसी भी तरीके से बीमार नहीं पड़ते।

वात रोगों में एलोवेरा के फ़ायदे
Aloe Vera - Benefits in Gout Diseases

  जिन व्यक्तियों को शरीर में, जगह-जगह दर्द होता है। जिसे वात रोग भी कहा जाता है। जिनके शरीर के, जोड़ों में दर्द बना रहता है। उन्हें एलोवेरा का रस इस्तेमाल करने से बहुत ज्यादा लाभदायक होता है। इससे उनके जोड़ों की सूजन खत्म हो जाती है। जोड़ों में दर्द, बाय की शिकायत खत्म हो जाती है।

      उनके जोड़ों के दर्द में आराम मिलेगा। चाहे वह किसी भी तरीके का दर्द हो। चाहे वह Osteoarthritis हो। Rheumatoid Arthritis (RA) हो। या किसी भी पुरानी चोट का दर्द हो। उन सभी में, इसके सेवन से आराम मिलता है।

लिकोरिया व PCOD की समस्या में एलोवेरा के फ़ायदे
Aloe Vera -Benefits in the Problem of Iicorice and PCOD

जिन महिलाओं को लिकोरिया की शिकायत होती है। चाहे वह पीला, लाल या सफेद लिकोरिया हो। जिसकी वजह से वह काफी परेशान रहती है। वो इसके गूदे को एक कप पानी में डालकर। अच्छे से उबाल ले। जब पानी आधा कप बचे। तो उसे अच्छे से छानकर, ठंडा कर लें। 

    फिर रुई की मदद से, योनि को अच्छे से धो लेना चाहिए। उनकी यह लिकोरिया की समस्या खत्म हो जाती है। इसी तरह एलोवेरा का रस 3 चम्मच सुबह और 3 चम्मच शाम को पीना चाहिए। इसके इस्तेमाल करने से, लिकोरिया की शिकायत कभी होती भी नहीं है।

     जिन महिलाओं को PCOD की शिकायत है। जिसे Polycystic Ovarian Disease बोला जाता है। मासिक धर्म खुलकर नहीं आता है। कम आता है या बिल्कुल नहीं आता है। कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेड़ू में दर्द रहता है। उस समय बच्चेदानी में सूजन हो जाती है।

        उन्हें खासतौर पर एलोवेरा के रस को 3 से 4 चम्मच सुबह, 3 से 4 चम्मच शाम को पीना। बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। उनकी PCOD की शिकायत खत्म हो जाती है। मासिक धर्म भी खुलकर आता है। इसके लिए एलोवेरा के रस को पेड़ू में लेप भी कर सकते हैं। इससे भी मासिक धर्म व पेड़ू में दर्द बिल्कुल ठीक रहता है।

डायबिटीज की शिकायत में एलोवेरा के फ़ायदे
Aloe Vera - Benefits in Diabetes

जिन व्यक्तियों को शुगर यानी Diabetes है। तो उन्हें दो चम्मच एलोवेरा का रस और दो चम्मच करेले का रस पीना चाहिए। इसके सुबह-शाम इस्तेमाल करने से, अग्नाशय ठीक ढंग से काम करने लगता है। शरीर को जितनी इंसुलिन की जरूरत होती है। उतनी ही बनने लगती है। जिससे उनका शुगर लिवेल बिल्कुल ठीक रहेगा।

एनीमिया की शिकायत में एलोवेरा के फ़ायदे
Aloe Vera - Benefits in Anemia Problem

  जिन व्यक्तियों में खून की कमी है। जिनका शरीर हमेशा सफेद नजर आता है। जिसे पांडुरोग भी कहा जाता है। तो एलोवेरा में फोलिक एसिड और आयरन की मात्रा भरपूर होती है। जिसकी वजह से उनका खून भी पूरा हो जाता है।

     एनीमिया की शिकायत भी खत्म हो जाती है। एलोवेरा के रस को 3 चम्मच सुबह और 3 चम्मच शाम को खाना खाने के बाद, इस्तेमाल करना चाहिए। इससे एनीमिया रोग बिल्कुल खत्म हो जाता है।

मोटापा कम करने में एलोवेरा के फ़ायदे
Aloe Vera - Benefits in Reducing Obesity

एलोवेरा का सबसे पहला काम, हमारे metabolism को boost करना होता है। मतलब हमारे खाने से energy में convert होने का जो time है। उसे कम करता है। यानी जितना जल्दी हमारा खाना पचेगा। उससे हमारा वजन, उतना ही ज्यादा control में रहेगा। हमारे शरीर की  अपच को ठीक करने में भी मदद करता है।

     यह हमारे शरीर के अंदर जाकर, constipation को खत्म करता है। यह हमारे digestive system के साथ-साथ, हमारे शरीर के lymphatic drainage system को बेहतर बनाता है। जिसकी वजह से, हमारे शरीर के waste material को तेजी से निकाल देता है। हमारे शरीर का detoxification कर देता है।

        जिन्हें खाना खाने के बाद, पेट भरा भरा या पेट में भारीपन महसूस होता है। उन्हें एक चम्मच एलोवेरा जूस में, एक चुटकी हल्दी मिलाकर लेना चाहिए। इसे आपको खाना खाने से, आधे घंटे पहले लेना चाहिए। अगर आपके शरीर में बहुत ज्यादा एसिडिटी होती है। आपका पेट फूला रहता है।

       तो इसके लिए, आपको सुबह एक कप कच्चे दूध में, 50ml एलोवेरा जूस मिला कर लेना चाहिए। इसके आधे घंटे बाद ही, आपको कुछ भी खाना चाहिए। यह आपके मोटापे (Obesity) को कम करने में भी मदद करता है। ऐसे लोग जो लगातार exercise व dieting करते हैं। फिर भी उनका वजन कम नहीं हो रहा।

      इसका मतलब आपके शरीर में हार्मोन का असंतुलन है। तो इसके लिए, आपको किसी भी वेजिटेबल के जूस में, 50ml एलोवेरा जूस डालकर सुबह पीजिए। इससे आपके हारमोंस बैलेंस हो जाएंगे।तब आपका वजन भी कम होने लगेगा।

कब्ज की शिकायत में एलोवेरा के फ़ायदे
Aloe Vera - Benefits in Constipation

   जिन व्यक्तियों को कब्ज की शिकायत रहती है। बार-बार कब्ज से परेशान रहते हैं। उनके लिए एलोवेरा का रस 3 चम्मच सुबह, तीन चम्मच शाम को। एक कप गर्म पानी में मिलाकर पीना चाहिए। इससे कब्ज की शिकायत, बिल्कुल खत्म हो जाती है।

बवासीर की शिकायत में एलोवेरा के फ़ायदे
Aloe Vera - Benefits in Piles

   जिन व्यक्तियों को बादी बवासीर की शिकायत है। जिसे हम Anal fissure के नाम से भी जानते हैं। उन्हें गुदाद्वार पर एलोवेरा का रस और कच्ची हल्दी का रस बराबर मात्रा में मिलाकर लगाना चाहिए। इसे सुबह और शाम, दोनों समय लगा सकते हैं।

      इसका बहुत ज्यादा लाभ मिलता है। इससे Fissure की शिकायत खत्म हो जाती है। एलोवेरा का रस तीन चम्मच सुबह, तीन चम्मच शाम को, गर्म पानी में डालकर पीना चाहिए। इससे बादी बवासीर व खूनी बवासीर की समस्या भी दूर हो जाती है।

आंखों की रोशनी में एलोवेरा के फ़ायदे
Aloe Vera - Benefits in Eyesight

जिन व्यक्तियों की आंखों की रोशनी कमजोर है। जिनके चश्मा लगा हुआ है। उन्हें दो चम्मच एलोवेरा और दो चम्मच आंवले के रस। सुबह खाली पेट इस्तेमाल करने से, उनकी आंखों की रोशनी बढ़ती चली जाएगी। साथ ही चश्मा धीरे-धीरे उतरता चला जाएगा।

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