Benefits and Importance of Giloye in Hindi | Benefits of Giloy in Hindi | Importance of Giloy in Hindi | गिलोय किन-किन बीमारियों में फायदेमंद | गिलोय के औषधि गुण, फायदे व नुकसान | गिलोय को कब और कैसे खाना चाहिए | Giloy ke Fayde | How to Use Giloy | Benefits and Side Effects of Giloy in Hindi | Health Benefits of Giloy | What is Giloy? | Giloy Nutrients, Benefits and Downsides | Giloy – Immunity Booster

Benefits, Nutrients Value and Importance of Giloye
गिलोय के औषधि गुण, फायदे व नुकसान
यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है। जिसे आयुर्वेद में अमृता (Nectar of Life) कहा जाता है। यह स्वयं नहीं मरती और न ही उसे मरने देती है। जो इसका सेवन करते हैं। इसमें बहुत सारे औषधि गुण पाए जाते हैं। जो लोग रोगग्रस्त हैं। यानी मरे के समान हैं। उन्हें भी यह ठीक करती है। यह रक्तशोधक व रक्तवर्धक है। ज्वरनाशक है। पित्तशामक भी होती है। वायरस की दुश्मन है। यह एक एंटीऑक्सीडेंट है।
जब भी हमारे समाज में डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू, जैसी वायरल बीमारियां फैलती है। तो लोगों की जुबान पर, आयुर्वेद की जिस औषधि का, पहला नाम आता है। वह गिलोय है। यह एक प्राचीन आयुर्वैदिक जड़ी-बूटी है। इसकी बहुत सारी Amazing Medicinal Properties हैं।
इसे आयुर्वेद में, नेचुरोपैथी में, यहां तक की modern medicine में भी इस्तेमाल किया जाता है। यही वह magical ingredient है। जो आपके च्यवनप्राश को इतना ज्यादा healthy बनाता है। उसके benefits इसी से जुड़े होते हैं। गिलोय उन herbs हर में से एक है। जिसके uses को, benefits को ख़ुद Food & Drug Administration (FDA) ने approved किया है।
गिलोय के अन्य नाम व इसके प्रकार
Giloy - Other Names and Types
गिलोय एक दिव्य औषधि है। इसका वनस्पतिक नाम Tinospora Cordifolia है। इसे संस्कृत में अमृता, गुडूची, अमृत वल्ली, मधुपर्णी व रासायनी कहा जाता है। गुजराती में गलो, मराठी में गुलवेल और कन्नड़ में अमृतबल्लि कहा जाता है।
हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए। इसे लाभप्रद औषधि माना जाता है। गिलोय की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें कौन-सी जाति की गिलोय best मानी जाती है। चलिए जानते है।
Tinospora Sinensis
इसको पदम गिलोय या कंद गिलोय भी कहते हैं। इसके पत्ते पद्म यानी कमल के आकार के बड़े होते हैं। इसके पत्ते थोड़े triangle shape के होते हैं। सामान्य पत्तों की तुलना में, बहुत बड़े आकार के होते हैं। यह एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर होती है।
रसायन गुण वाली होती है। अपने इन्हीं गुणों के कारण, ये हमारे शरीर को युवा बनाए रखती है। इसका निरंतर सेवन करने से, हमारे बाल सफेद नहीं होते। न ही कभी झड़ते हैं। शरीर को युवा बनाए रखने के लिए, कंद गिलोय सबसे उपयोगी होती है।
Tinospora Cordifolia
यह भारत में सभी जगह पाई जाती है। इसके पत्ते cordifolia यानी heart के आकार के होते हैं। दूसरे तरीके से कहा जाए। तो पान के पत्ते जैसे होते हैं। यह गिलोय अत्यंत गुणकारी होती है। शरीर की immunity बढ़ाने के लिए, इसका उपयोग किया जाता है।
यह ब्रेन टॉनिक के रूप में काम करती है। यह हृदय के लिए बहुत ही उपयोगी मानी जाती है। यह ज्वरनाशक होती है। हमारे लीवर के लिए भी, अच्छी औषधि मानी जाती है। पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है। इसका सेवन करने से Constipation दूर हो जाता है। सभी प्रकार की औषधि बनाने में, इसका प्रयोग किया जाता है।
Tinospora Crispa
इस गिलोय के पत्ते भी हृदय आकार के ही होते हैं। लेकिन इनकी नोंक अधिक नुकीली होती है। इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। इसकी अन्य पहचान के लिए, इसका तना गांठ वाला होता है। इसकी गांठो के कारण ही, यह लाभकारी औषधि है। यह fever को दूर करने के लिए, सबसे उपयोगी मानी जाती है। इसमें starch की मात्रा भरपूर होती है।
गिलोय को कैसे पहचाने
How to Recognize Giloy
गिलोय हमारे आसपास, हर जगह उपलब्ध होती है। यह बहुत गुणकारी होती है। इसकी लता को पहचानने के कुछ तरीके हैं। जो इस प्रकार हैं।
1. यह बेल या लता जैसी होती है। जो दूसरे पेड़ों पर आसानी से चढ़ जाती है। नीम पर चढ़ी गिलोय, सबसे उत्तम व गुणकारी मानी जाती है।
2. इसके पत्ते ह्रदय आकार (heart shape) के होते हैं। इसका पत्ती से लगा डंठल बड़ा होता है। इसकी पत्ती पीछे से off green नजर आती है। इसके साथ ही उभरी हुई, सफेद नसे दिखाई देती है।
3. इसके तने को काटने पर, अंदर चक्राकार आकृति बनती है। इसमें एक circular चक्र दिखाई देता है। चाहे वह ताजा या कई दिन पुराना तना हो। इससे इसको आसानी से पहचाना जा सकता है।
4. इसका तना ऊपर से भूरे रंग का होता है। जो सांप की केचुली की तरह होता है। इसे हटाने पर अंदर मांसल हरे रंग का तना पाया जाता है। दूसरे प्रकार के गिलोय में, तने पर गांठे पाई जाती है।
5. गिलोय के तने पर गुच्छे के रूप में फल होते हैं। जो शुरुआत में हरे रंग के होते हैं। लेकिन पकने पर लाल हो जाते हैं। इनका आकार मटर के दाने की तरह होता है।
गिलोय का वैज्ञानिक महत्व
Giloy - Scientific Importance
गिलोय एक बहुवर्षी लता होती है। गिलोय की लता जंगलों, खेतों की मेड़ों, पहाड़ों, चट्टानों आदि स्थानों पर सामान्यता चढ़ती हुई पाई जाती है। नीम और आम के वृक्ष के आसपास भी मिलती है। जिस वृक्ष को अपना आधार बनाती है। उसके गुण भी इसमें समाहित रहते हैं।
इस हिसाब से आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, नीम पर चढ़ी गिलोय श्रेष्ठ मानी जाती है। गिलोय में बहुत सारी खूबियां समाहित रहती हैं। गिलोय में antioxidant पाया जाता है। जैसे कि Phytosterols और Glycosides होते है। इसमें anti-inflammatory properties भी होती हैं। इसमें ग्लूकोसाइड, फास्फोरस व कॉपर पाया जाता है।
इसमें कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं। बहुत से डॉक्टरों का कहना है कि यह एक जीवन रक्षक पौधा है। बुखार में शरीर की प्लेटलेट गिरने पर, इसे रोकने का काम करता है। गिलोय के अंदर कार्बोहाइड्रेट, फाइबर व प्रोटीन पाए जाते हैं।
गिलोय में lignans, विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन व कैल्शियम पाया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के फाइटोकेमिकल (Plant Compounds) बायोकेमिकल, Flavonoids और Alkaloids पाए जाते हैं।
गिलोय को कब और कैसे लें
Giloy - When and How to Take
आज के परिवेश में, आपको अपनी इम्यूनिटी को मजबूत रखना बहुत जरूरी है। इसलिए गिलोय सबसे उपयोगी मानी जाती है। आप गिलोय को कई तरीकों से ले सकते हैं। जैसे गिलोय का जूस, टेबलेट और काढ़ा। Expert के अनुसार, रोजाना गिलोय की टेबलेट या जूस को सुबह खाली पेट लेना। सबसे ज्यादा लाभकारी है।
इसकी मात्रा को लेकर अक्सर संदेह बना रहता है। तो किसी भी युवा को गिलोय की 1 ग्राम से, ज्यादा मात्रा नहीं लेनी चाहिए। ज्यादा मात्रा आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। बहुत छोटे बच्चों या नवजात को भी गिलोय, किसी भी रूप में नहीं देनी चाहिए। जबकि 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को, एक दिन में 200ml से अधिक गिलोय बिल्कुल न दें।
यह न सिर्फ आपकी इम्युनिटी को बढ़ाता है। बल्कि आपके प्लेटलेट्स काउंट को भी बढ़ाता है। गिलोय का जूस आप घर पर ही बना सकते हैं। इसके लिए नीम गिलोय सबसे लाभकारी मानी जाती है। कोशिश करें कि बाजार में बिकने वाले गिलोय के जूस की बजाए। ताजा घर का बना जूस ही ले। लेकिन आपको किसी भी चीज को अपनी diet में शामिल करने से पहले, डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए।
गिलोय किसे नहीं खाना चाहिए
Side Effects of Giloy
गिलोय के अनगिनत फायदे हैं। यह बहुत-सी बीमारियों को दूर करने में मददगार होती है। लेकिन अगर आपको लगता है। कि गिलोय के फायदे ही फायदे हैं। तो ऐसा नहीं है। अगर आप जरूरत से ज्यादा मात्रा में गिलोय का सेवन करते हैं। तो आपको इससे फायदे की जगह, नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इनके side effects को जानने की कोशिश करते हैं।
ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा
Risk of Autoimmune Diseases
जैसा कि हम सभी को पता है। गिलोय के सेवन से शरीर की immunity power मजबूत होती है। कई बार immunity बहुत ज्यादा active होने से, ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे कि Multiple sclerosis या Rheumatoid arthritis के पीड़ित मरीजों को। इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर कम होने का खतरा
Risk of Low Blood Pressure
जिन लोगों को Low Blood Pressure की Problem पहले से ही है। ऐसे लोगों को भी गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए। क्योंकि गिलोय ब्लड प्रेशर को कम करती है। इससे मरीज की हालत बिगड़ सकती है। इसी तरह किसी भी सर्जरी से पहले, गिलोय का इस्तेमाल। किसी भी रूप में नहीं करना चाहिए।
कब्ज होने की संभावना
Prone to Constipation
गिलोय का इस्तेमाल पाचन शक्ति के लिए सहायक माना गया है। लेकिन कुछ मामलों में, गिलोय का उपयोग कब्ज़ पैदा कर सकता है। गिलोय को किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से, यह समस्या हो सकती है। यह गिलोय के गंभीर side effects में से एक है। इसकी तासीर गर्म होने के कारण। इसकी अधिक मात्रा, पेट की कई समस्याएं जैसे जलन और गैस की समस्या भी पैदा कर सकती है।
ब्लड शुगर कम होने का खतरा
Risk of Low Blood Sugar
वैसे तो गिलोय डायबिटिक लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। यह बढ़े हुए, blood sugar level को कम करती है। लेकिन अगर आप लंबे समय तक, नियमित इसका इस्तेमाल करते हैं। तो इससे blood sugar level बहुत अधिक कम होने का खतरा होता है। अतः इसका इस्तेमाल करते समय, Diabetic लोगों को अपना blood sugar नियमित चेक करते रहना चाहिए।
गर्भावस्था में हानिकारक
Harmful in Pregnancy
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय से परहेज करने की सलाह दी जाती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान गिलोय से नुकसान के सबूत नहीं है। लेकिन यह ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर दोनों को कम करती है। जिससे गर्भवती महिला की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए गर्भावस्था में बिना डॉक्टर की सलाह के, इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
गिलोय किन-किन बीमारियों में लाभदायक
Benefits of Giloy in Different Diseases in Hindi
गिलोय में इतने सारे तरीके के Terpenoids, Glucoside, Alkaloids, lignans और Steroids होते हैं। वह भी इतनी ज्यादा मात्रा में होते हैं। वही इतने सही अनुपात में होते हैं। कि गिलोय को खाना, लगभग अमृत खाने के समान हो जाता है। इसी वजह से गिलोय को अमृता भी कहा जाता है।
अगर मोटे तौर पर देखा जाए। तो गिलोय के मुख्य 3 फायदे होते हैं।
1)पहला – इसका फायदा, यह त्रिदोष शामक होती है। यानी गिलोय aliphatic होने से, वात का शमन करती है। दिग्ध और कसाय होने से कफ और पित्त का शमन करती है।
2)दूसरा – गिलोय का सबसे बड़ा फायदा यह होता है। यह एक बेहतरीन natural antipyretic होती है। यानी चाहे किसी भी तरह का बुखार हो। चाहे किसी भी वजह से बुखार हो। गिलोय उसको सही कर देती है।
3)तीसरा – गिलोय की सबसे बड़ी खासियत यह होती है। गिलोय किसी भी तरह के वायरस को। चाहे वह जागृत अवस्था में हो। या शांत अवस्था में हो। चाहे वह शरीर के किसी भी हिस्से में हो। गिलोय उसे जड़ से खत्म कर देती है।
अब गिलोय के सभी फायदों को भी जान लेते हैं।
गिलोय का मस्तिष्क संबंधी समस्याओं में लाभ
Benefits of Giloy in Brain related Problems in Hindi
गिलोय सभी तरह के Mental Disorder में, Stress और Anxiety में खासतौर पर दी जाती है। इसके अलावा झटके लगना, मिर्गी के दौरे आना। ऐसे लोग जो शराब पीना छोड़ रहे हैं। उसके withdrawal symptoms से बचने के लिए, इससे बेहतर कुछ भी नहीं है।
गिलोय का श्वसन संबंधी समस्याओं में लाभ
Benefits of Giloy in Respiratory Problems in Hindi
गिलोय हमारे respiratory system की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी। हर तरह की परेशानियों को दूर करता है। यानी सर्दी, जुखाम, खांसी, दमा और ट्यूबरकुलोसिस तक। यह सभी तरीके की परेशानियों को दूर करता है। उन्हें कभी होने भी नहीं देता है।
गिलोय का पाचन-तंत्र संबंधी समस्याओं में लाभ
Benefits of Giloy in Digestive System problems in Hindi
पेट की छोटी से छोटी परेशानी जैसे कि भूख न लगना। खाया-पिया हजम नहीं होना। पेट का अच्छी तरीके से साफ नहीं होना। इन सब से लेकर, पेट की किसी भी तरीके की परेशानी। जो किसी भी तरीके के बैक्टीरिया या वायरस की वजह से हो। गिलोय उसे जड़ से खत्म कर देती है।
E. Coli बैक्टीरिया की वजह से, अगर किसी को बहुत ही ज्यादा उल्टी, बहुत ही ज्यादा दस्त और पेट में बहुत ज्यादा दर्द या मरोड़ हो रही हो। तो इसका एक ही इलाज है। वह गिलोय का सेवन है। क्योंकि एलोपैथी में E. Coli का कोई इलाज ही नहीं है। लेकिन गिलोय की तीन से चार dosage में, यह परेशानी जड़ से खत्म हो जाती है।
इसके अलावा अगर आपकी family history में Piles, Fissures या Fistula है। तो आपको गिलोय लेना चाहिए। इसके बाद, आपको इन तीनों में से, कोई परेशानी कभी नहीं होगी। अगर आपको grade ll की Piles है। तो आपको ऑपरेशन करवा लेना चाहिए।
ऐसे लोग जिनके मुंह में अक्सर छाले होते रहते हैं। या फिर वह लोग जिनके पेट में अल्सर हो। आप गिलोय को लेना शुरू कर दीजिए। यह दोनों परेशानियां हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगी।
अगर आपको liver disorder से संबंधित समस्या है। जैसे पीलिया (Jaundice) को सही करने के लिए। गिलोय की कोई काट नहीं है। वही ऐसे लोग, जो बहुत ही ज्यादा शराब पीते हैं। उन्हें गिलोय जरूर लेना चाहिए। क्योंकि गिलोय एक बेहतरीन hepato regenerative agent होता है।
यानी कि जितना भी नुकसान लीवर को पहुंचता है। गिलोय उसको वापस सही कर देता है। अगर आप गिलोय लेते हैं। तो आपका पैंक्रियाज बहुत अच्छे तरीके से काम करने लगता है। जिसके कारण endogenous insulin का secretion बढ़ जाता है। जिसकी वजह से sugar एकदम सही तरीके से, metabolize होने लग जाती है।
इसी वजह से गिलोय उन लोगों के लिए, बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है। जिन्हें hyperglycemia की परेशानी है। ऐसे लोग, जिनके खून में बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल होता है। उनके लिए एकदम जादू की दवाई है। अगर आप इसको लेने लगते हैं। तो 2 से 3 महीने के अंदर आपका serum cholesterol, tissue cholesterol, phospholipid और free fatty acids एकदम normal level पर आ जाएंगे।
गिलोय न सिर्फ उन लोगों के लिए, जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर है। या फिर जिनकी family history हाई ब्लड प्रेशर की है। यह उन लोगों के लिए, भी बहुत फायदेमंद है। जिनको किसी भी तरीके की cardiovascular diseases है।
गिलोय का Integumentary system पर लाभ
Benefits of Giloy on Integumentary System in Hindi
गिलोय एक बेहतरीन Natural Astringent होता है। जिसके 2 फायदे होते हैं। अगर आप गिलोय नियमित इस्तेमाल करते हैं। तो यह आपकी खाल में, कसावट ले आता है। इसका दूसरा फायदा यह होता है। चाहे किसी भी तरीके की skin diseases हो। कील मुंहासे, फोड़े-फुंसी से लेकर कुष्ठ रोग तक हो। गिलोय हर तरह की परेशानी को जड़ से खत्म कर देता है।
इसके अलावा गिलोय की Anti-inflammatory activity भी बहुत अच्छी होती है। इसीलिए कटने पर, जलने पर या खुजली होने पर। आपको गिलोय का इस्तेमाल करना चाहिए। Skin से संबंधित समस्या के लिए, आपको गिलोय खाना भी चाहिए और लगाना भी चाहिए।
गिलोय का Reproductive System पर प्रभाव
Benefits of Giloy in Reproduction in Hindi
गिलोय एक Natural Aphrodisiac होता है। यानी प्राकृतिक वजीकारक होता है। इस वजह से, Sexual desire, Sexual pleasure व Sexual performance तीनों को बेहतर कर देता है। गिलोय पुरुषों में, किसी भी तरह की Seminar weakness या night falls की परेशानी हो।गिलोय अश्वगंधा के साथ कमाल के परिणाम देता है।
लेकिन अगर आपको Impotence या Erectile dysfunction की परेशानी हो। तब गिलोय और अश्वगंधा के साथ, प्याज का रस भी लिया जाना चाहिए।
महिलाओं में किसी भी तरीके का Urinary Tract Infection (UTI) हो। गिलोय अकेला ही, सब कुछ सही कर देता है। इसके अलावा अगर लिकोरिया की परेशानी है। तो आपको गिलोय और शतावरी खाली पेट लेना चाहिए। इन दोनों परेशानियों में, अगर आप सिर्फ गिलोय भी लेते हैं। तो भी इसका अच्छा फायदा मिलता है।
लेकिन अगर आप गिलोय को combination के साथ इस्तेमाल करते हैं। यानी गिलोय के साथ अश्वगंधा को या गिलोय के साथ शतावरी लेते हैं। तो आपको इसका कई गुना फायदा मिलता है।
गिलोय एक रसायन है
Giloy - An Ayurvedic Chemical
गिलोय को आयुर्वेद में रसायन माना जाता है। ऐसा इसलिए है। क्योंकि गिलोय में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो free radicals को absorb करते हैं। उन्हें शरीर से बाहर निकाल देते हैं। जिसकी वजह से बुढ़ापा देर से आता है।
आप बहुत सारे तरीकों की heart diseases से बचे रहते हैं। बहुत सारे तरह के, कैंसर से भी बचे रहते हैं। इसके अलावा गिलोय की, एक बड़ी खासियत यह भी होती है। गिलोय हमारे शरीर में, नए tissues को generate करती है। इसीलिए वह लोग जिन्हें गठिया की परेशानी है। उन्हें गिलोय जरूर लेना चाहिए।
गिलोय को घृतकुमारी यानी एलोवेरा के साथ लेना चाहिए। गिलोय आपकी bone marrow cellularity को बढ़ा देती है। इसके बढ़ने से, आपके शरीर में Plasma, Red blood cells, White blood cells व Platelets बहुत तेजी से बनाना शुरू हो जाते है।
जैसा कि हम जानते हैं कि हमारी इम्यूनिटी का सारा दारोमदार। इन्हीं चार चीजों पर depend करता है। इसका मतलब गिलोय सही मायने में, हमारी immunity को बढ़ा देता है। गिलोय को अमृता ऐसे ही नहीं कहा जाता। अगर आप 5 दिनों तक नियमित, इसका इस्तेमाल करते हैं। तो जितने भी फायदे बताए गए हैं। उन सभी मे लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
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