सफेद दाग के शुरुआती लक्षण – सफेद दाग के घरेलू उपचार | Vitiligo in Hindi

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण – कितने प्रकार के होते है, क्या परहेज करना चाहिए, दूध पीना चाहिए कि नहीं, कौन सा साबुन लगाना चाहिए, अंडा खाना चाहिए कि नहीं, घरेलू उपचार।

हमारे व्यक्तित्व की विशेषता, जो सबसे पहले सामने वाले व्यक्ति को प्रभावित करती है। वह हमारा रंग-रूप होता है। यह रंग-रूप हमारी त्वचा पर निर्भर करता है। लेकिन कभी-कभी हमारी यही त्वचा, कुछ ऐसे रोगों का शिकार हो जाती है। जिनसे जल्द छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है। क्या आपकी खूबसूरती को भी, कुछ सफेद दाग कम कर रहे हैं।

सफेद दाग को लेकर, लोगों के मन में अलग-अलग धारणाएं हैं। क्यों न लोगों को, यह एक बीमारी लगती हो। लेकिन वैज्ञानिक परिपेक्ष में, यह एक cosmetic problem है। आप अपने मन से, इन दागों को हटा दीजिए। क्योंकि एक चिकित्सक की निगाह में, सफेद दाग वाला व्यक्ति भी, पूर्ण रूप से स्वस्थ माना जाता है।

सफेद दाग, जिसे ल्यूकोडर्मा कहते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में Vitiligo भी कहा जाता है। यह skin से जुड़ी हुई समस्या है। जिसमें व्यक्ति के शरीर पर, सफेद रंग के patches पड़ जाते हैं। फिर यह धीरे-धीरे पूरे शरीर में बढ़ते जाते हैं। सफेद दाग किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है।

लेकिन सफेद दाग के आधे से ज्यादा मामलों में, यह 20 वर्ष से कम की उम्र में ही दिखाई देने लगते है। जहां दुनिया भर में, इसके 1-2% ही मामले हैं। वहीं भारत में 4-5% लोग, इस बीमारी से ग्रसित हैं। आखिरकार यह बीमारी क्यों होती है। क्या इसका इलाज संभव है। यही जानने की कोशिश करेंगे। क्या आप जानना चाहेंगे : पीसीओडी क्या है। पीसीओडी का घरेलू उपचारइसका फुल फॉर्म, कारण, लक्षण व क्या खाएं और क्या नहीं।

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण
सफेद दाग – क्या होता है

विटिलिगो या सफेद दाग की स्थिति में, त्वचा पर सफेद रंग के धब्बे (spot) दिखाई पड़ने लगते हैं। जिसकी वजह त्वचा के उस भाग का, अपना पिगमेंट खो देना होता है। यही वजह है कि स्किन के सबसे भयंकर रोगों में, विटिलिगो का नाम आता है। आयुर्वेद में यह रोग कुष्ठ के अंतर्गत आता है।

हमारे यहां इसको लेकर, बहुत गलत धारणाएं व्याप्त हैं। बहुत से लोगों का मानना होता है कि यह पाप की वजह से होता है। यह छुआछूत की बीमारी है। जिसको हो जाए, उससे शादी नहीं करनी चाहिए। जिसको हो जाए, यह ठीक नहीं हो सकता। ऐसी बहुत सारी गलत धारणाएं समाज मे व्याप्त हैं।

लेकिन यह सभी बातें पूर्ण रूप से गलत हैं। इन सबके बजाए, अगर हम प्रैक्टिकल होकर सोचें व चलें। तो इस बीमारी को काफी हद तक control किया जा सकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : 2 मिनट में कमर दर्द से आराममहिलाओं के कमर दर्द के कारण, घरेलू उपचार, एक्सरसाइज व एक्यूप्रेशर पॉइंट।

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण
सफेद दाग क्यों होता है

सफेद दाग एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होता है। वास्तव में यह त्वचा से संबंधित एक रोग है। जिसमें व्यक्ति की अपनी ही immunity, उस पर आक्रमण करने लगती है। इसका कारण हमारी weak immunity या autoimmune disorder होता है। जिसकी वजह से, मेलानोसाइट्स यानी जो रंजक बनाने वाली कोशिकाएं होती हैं। वह मरने लगती हैं।

वास्तव में मेलानिन पिगमेंट, जिसे आयुर्वेद में रंजक पित्त कहा जाता है। जो  हमारी त्वचा को रंग प्रदान करता है। यह पूरी दुनिया में अलग-अलग atmospheric temperature के आधार पर, अलग-अलग quantity में पाया जाता है। यही मेलानिन पिगमेंट किन्हीं कारणों से, जब कम मात्रा में बनता है।

तो इसकी वजह से सफेद रंग या हल्के लाल रंग के धब्बे, व्यक्ति के शरीर में दिखाई पड़ने लगते हैं। यदि इस पर टॉर्च की रोशनी डालें। तो यह थोड़ा चमकते हैं। अगर इन जगहों पर, हल्की सूई चुभाई जाए। तो उस जगह पर महसूस कम होता है। क्योंकि उस जगह की कोशिकाएं कमजोर या मृत हो जाती हैं। 

जिसके कारण उस स्थान पर sensation महसूस नहीं होता है। इसी को ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो या श्वेत कुष्ठ रोग के नाम से भी जाना जाता है। सफेद दाग का अभी तक उचित कारण पता नहीं है। लेकिन फिर भी, इसके कुछ कारण इस प्रकार हो सकते हैं-

1. Autoimmune disorder के कारण। यह उनमें होने की संभावना ज्यादा होती है। जिन्हें पहले से ऑटोइम्यून डिजीज होती है। जैसे कि डायबिटीज, सोरायसिस, ल्यूपस और थायराइड आदि।

2. गलत खान-पान के कारण।

3. फलों व सब्जियों में प्रयोग की जाने वाली पेस्टिसाइड्स के कारण।

4. Genetic कारण भी होता है। यानी कि अगर आपके परिवार में किसी को, यह सफेद दाग की समस्या है। तो आपमें होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि आपको होगा ही।

5. केमिकल का प्रयोग जैसे हेयर कलर, डिटर्जेंट व अलग-अलग प्रकार के साबुन से भी एलर्जी हो सकती है।

6. विरुद्ध आहार व विहार को अपनाने के कारण।

7. किसी भी प्रकार के infection या fungus attack के कारण।

8. पेट में कीड़े होने के कारण।

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण
सफेद दाग के प्रकार

सफेद दाग जन्म के बाद आने वाली त्वचा की समस्या है। इसमें हमारी त्वचा में कलर देने वाली, जो मेलानोसाइट्स कोशिकाएं होती हैं। वह मर जाती है। यह मेलानोसाइट्स ही मेलेनिन नाम का पिगमेंट बनाती हैं। इसके कारण ही, हमारी हमारी त्वचा का रंग निर्धारित होता है।

हमारे शरीर में इस मेलेनिन पिगमेंट की मात्रा से ही, त्वचा का रंग decide होता है। अगर हमारी त्वचा में मेलेनिन ज्यादा होता है। तो हमारी त्वचा dark brown या साँवली दिखाई देती है। अगर इसकी मात्रा कम होती है। तो हमारी त्वचा गोरी दिखती है। इस विटिलिगो को दो प्रकार में divide किया गया है। जो इस प्रकार हैं –

1. Non-Segmental Vitiligo – नॉन सेग्मेंटल विटिलिगो को generalized vitiligo भी कहा जाता है। इसमें white patches शरीर के बहुत सारे हिस्सों में हो जाते हैं। जैसे कि यह चेहरे, गर्दन, हाथ, आंखों के आसपास, हाथों व पैरों की उंगलियां, पेट व पीठ, भुजाओं के नीचे आते हैं।

यह शरीर के दोनों हिस्सों में हो सकते हैं। ये body के जिस भी एरिया में होंगे। उसके दोनों हिस्सों में हो सकते हैं। जैसे यदि हाथ में है। तो दोनों हाथों में हो सकता है। इसका कोई specific segment नहीं होता है।

यह चाहे  expose portion हो या unexposed portion सभी जगह हो सकते है। इसे generalized vitiligo  कहते हैं। इस प्रकार का विटिलिगो बढ़ सकता है। जो शरीर के अधिकांश हिस्सों पर हो सकता है।

2. Segmental Vitiligo – इस प्रकार का विटिलिगो common नहीं होता हैं। इसमें white patches किसी specific segment में आते हैं। यानी हमारे चेहरे के आधे हिस्से में,  शरीर के बाएं से दाएं हिस्से में हो जाते हैं। यह बढ़ते नहीं है। यह stable रहते हैं। इसको surgical treatment से जल्दी अच्छा किया जा सकता है।

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण

 सफेद दाग का इलाज अगर समय रहते ही शुरू  कर दिया जाए। तो इसे जल्दी cure किया जा सकता है। लेकिन वास्तव में, हमें इसकी पहचान ही नहीं हो पाती। विटिलिगो के अगर शुरुआती लक्षणों के बारे में हमें पता हो। तो हम इसके प्रति जागरूक रह सकेंगे। तभी हम इस पर, समय रहते जीत हासिल कर सकते हैं। 

तो समझते हैं, ऐसे कुछ signs व symptoms को। जो vitiligo के होने से पहले, हमें दिखाई पड़ सकते हैं। हम इन्हें महसूस कर सकते हैं। हमारे आयुर्वेद में, इसका बहुत विस्तृत वर्णन देखने को मिलता है। इनमें बताया गया कि किसी भी बीमारी के होने से पहले, क्या लक्षण व साइन होते है। जो हमें दिख सकते हैं।

सफेद दाग के लिए भी, हमारे शरीर में दोषों का imbalance होना ही होता है। दोष यानिकि वात, पित्त और कफ। जब भी ये असंतुलित होंगे। तो हमें वह बीमारी दिखाई पड़ती है। कोई भी दोष जहां भी ज्यादा असंतुलित होगा। वैसे-वैसे इसके लक्षण हमें दिखाई पड़ने से शुरू होते हैं।

वात दोष के असंतुलित होने पर – अगर आपके अंदर वात के असंतुलित होने की प्रधानता है। तो आपकी त्वचा में सूखापन व उष्णता अधिक दिखाई देगी। त्वचा में itching महसूस होगी।  आपकी त्वचा कठोर हो सकती है। कुछ गहरे रंग की भी दिखाई दे सकती है।

यह जरूरी नहीं है कि एकदम से सफेद हो जाए। बल्कि पहले कुछ काली भी दिखाई दे सकती है। इसलिए अगर आपकी त्वचा काली,  कठोर होने के साथ, skin पर खुजली भी है। तो आपको वात दोष की प्रधानता होगी। यह सफेद दाग शुरू होने से पहले के लक्षण हो सकते हैं।

पित्त दोष के असंतुलित होने पर – पित्त दोष के असंतुलित होने पर, आपकी त्वचा में heat, burning व sensation महसूस होगा। अगर आपको जलन महसूस हो रही है। तो पित्त दोष की प्रधानता है। अगर आप इसका ध्यान नहीं रखते हैं। या फिर कुछ गलत दवाओं का सेवन कर लेते हैं। तो यह भी सफेद दाग में परिवर्तित हो सकता है।

इसके साथ-साथ आपकी skin पर चकत्ते (rashes) भी पड़ सकते हैं। यह चकत्ते गुलाबी व लाल रंग के हो सकते हैं।

कफ दोष के असंतुलित होने पर – जब आपके शरीर में कफ दोष की प्रधानता होती है। तो आपको skin में भारीपन व सूजन दिखाई देगी। आपकी त्वचा कहीं-कहीं पर, फूली इसी महसूस होगी। इन पर चकत्ते भी दिखाई पड़ सकते हैं।

अगर यहां पर जलन भी है। तो त्वचा गुलाबी भी हो सकती है। लेकिन मुख्य रूप से आपको skin पर भारीपन लगेगा। Skin पर सफेदी लगेगी। आपकी skin थोड़ी-सी चमकती हुई भी दिख सकती है। यहां पर इचिंग भी हो सकती है।

अन्य लक्षणों का दिखाई देना – इन दोषों के असंतुलित होने के अलावा, आपकी त्वचा में कुछ और बदलाव भी हो सकते हैं। जैसे कि आपके बालों का ग्रे होना, loss of sensation। इसके साथ कभी-कभी सिर्फ इचिंग महसूस हो सकती है।

अगर इन सभी symptoms का आप ध्यान रखते हैं। तो आप जल्द ही, Vitiligo की समस्या को diagnosis कर सकते हैं। इसकी पहचान कर सकते है। जब आप पहले से जान लेंगे। तो आप जल्दी इसका उपचार भी शुरू कर सकते हैं। जिसकी वजह से, इसकी recovery भी जल्द से जल्द होगी। क्या आप जानना चाहेंगे : सर्वाइकल का रामबाण उपचारइसके कारण, लक्षण व घरेलू उपचार के बारे में।

सफेद दाग में क्या परहेज करना चाहिए

सफेद दाग होने पर आपको किन चीजों को खाना चाहिए। इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आपको किन चीजों का परहेज रखना चाहिए। इन पर आपको विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। जो इस प्रकार हैं –

1. सेब, नींबू, संतरा, मुसम्मी को नहीं खाना चाहिए। विशेष रूप से, जिनमें सिट्रिक एसिड पाया जाता है। इनके साथ अंगूर भी नहीं खाना चाहिए। टमाटर, आंवला व अचार नहीं खाना चाहिए।

2. Dairy products जैसे दूध, दही, लस्सी व मट्ठा इसे भी बचना चाहिए।

3. ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। फ्रिज का ठंडा पानी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक आदि नहीं लेनी चाहिए।

4. मैदे से बनी चीजें से परहेज रखना चाहिए।

5. सभी दाले फायदा करती हैं। लेकिन उड़द की दाल नहीं खानी चाहिए।

6. मांसाहारी भोजन से बचना चाहिए। जबकि मांस में जिंक अधिक मात्रा में पाया जाता है। लेकिन हमें सफेद दाग में, इनका सेवन नहीं करना चाहिए।

7. सामान्य चॉकलेट को खाने से बचना चाहिए। किसी भी प्रकार के जंक फूड को खाने से बचना चाहिए। बहुत तला-भुना मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए। वही आप डार्क चॉकलेट खा सकते हैं। क्योंकि इसमें जिंक की मात्रा अधिक होती है।

8. केमिकल वाले साबुन व कॉस्मेटिक चीजों से बचना चाहिए। जैसे शैंपू, क्रीम, लिपस्टिक  इससे बचना चाहिए।

9. बेवजह बहुत सारी दवाओं को खाने से बचना चाहिए बहुत जरूरी ही एलोपैथिक दवाइयों को लेना चाहिए।

10. आपको किसी भी प्रकार का विरुद्ध आहार नहीं खाना चाहिए जैसे दूध के साथ खट्टी, नमकीन चीजें व मांसाहार नहीं खाना है

सफेद दाग के घरेलू उपचार

आपको सफेद दाग की समस्या छोटी उम्र में है। चाहे बड़ी उम्र में है। यह कितने भी सालों से है। यह कितना भी पुराना क्यों न हो। कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर आपको इसकी पूर्ण जानकारी व गाइडेंस मिल जाए। तो इसे cure करना संभव है। 

इसी क्रम में आप कुछ घरेलू उपाय के बारे में जानेंगे। जिसका प्रयोग करके, इस समस्या से हमेशा के लिए निजात पा सकते हैं। इसमें एक बात ध्यान देने वाली है कि इसका इलाज थोड़ा लंबा हो सकता है।

इस समस्या को आप जितनी जल्दी पहचान लेते हैं। उसका treatment शुरू कर देते हैं। उतनी ही जल्दी, इसके ठीक होने की संभावना होती है। बस धैर्य की जरूरत है। लेकिन ठीक अवश्य ही होगा।

1. इसके लिए आपको आधा से एक चम्मच हल्दी का पाउडर लेना है। फिर इसमें आधा चम्मच कैस्टर ऑयल और एक चम्मच बटर मिल्क मिला ले। इन तीनों को मिलाकर, एक अच्छा सा पेस्ट बना लें। अगर आपके सफेद दाग शुरुआती दौर में हैं। यह ज्यादा फैले नहीं है। एक दो ही दिख रहे हैं।

तो इस पेस्ट को वहां पर लगाकर, छोड़ दीजिए। आपको कम से कम 1 से 2 घंटे तक लगाकर रखना चाहिए। फिर इसे धो दीजिए। इससे आप अपने घर पर ही, शुरुआती सफेद दाग को ठीक कर सकते हैं। इसको आगे बढ़ने से रोक सकते हैं।

2. नीम के पत्तों का पेस्ट बना ले। इसमें गौमूत्र व एलोवेरा मिलाकर अच्छा सा पेस्ट बना ले। फिर इसे सफेद दाग के ऊपर लगाएं। एक-दो घंटे बाद या अगर संभव हो। तो इसे रात में लगाकर, सुबह धोएं।

इस प्रयोग के लगातार करने पर, यदि आपके सफेद दाग पर, छोटे-छोटे spot आने शुरू हो जाए। मतलब आप इसे recover कर सकते हैं। लेकिन सफेद दाग के लिए, आपको धैर्य और लंबे समय तक उपचार की आवश्यकता होती है।

3. इसमें आपको बाबची 100 ग्राम, मेथी दाना 100 ग्राम, अलसी के बीज 100 ग्राम व गोंद मोरिंगा 100 ग्राम लेना है। इन सभी को मिलाकर, बारीक पाउडर बना लें। सुबह-शाम इसकी आधा-आधा ग्राम की मात्रा ले। यह एक लंबा इलाज है। मगर ठीक होने की संभावना है अधिक होती है।

       अगर आप इसका सेवन तीन-चार महीने तक करते हैं। तो आपके सफेद दाग का कुछ रंग बदलेगा। या फिर इस पर कहीं-कहीं भूरे रंग के spot दिखाई देंने शुरू होंगे। अगर ऐसा होने लगता है। तो निश्चित रूप से, आप सकारात्मक दिशा की ओर जा रहे हैं। लेकिन इसका प्रयोग आपको लगातार करते रहना है। इसमें सालों भी लग सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : गठिया रोग की पहचान। गठिया के लक्षण व प्रकार। गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय

सफेद दाग को लेकर भ्रांतियां

 सफेद दाग को लेकर, अक्सर लोगों में कुछ भ्रांतियां व्याप्त रहती हैं। जिनको लेकर कुछ लोग गलत धारणा बना लेते हैं। इसलिए इनके बारे में,आपको जानना बेहद जरूरी हो जाता है। ताकि आप इसे लेकर कोई संदेह या घबराहट ना रखें इसका सही तरीके से उपचार कर सकें।

सफेद दाग एक-दूसरे से नहीं फैलता है। यह छुआछूत की बीमारी नहीं है। इसे सफेद कुष्ट भी बोला जाता है। लेकिन यह एक-दूसरे से फैलने वाली बीमारी नहीं है। इसका उचित कारण अभी तक नहीं पता है। यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। सफेद दाग से जुड़े, कुछ मिथक इस प्रकार हैं –

सफेद दाग में दूध पीना चाहिए कि नहीं

सफेद दाग के रोगी को दूध सही ढंग से, सही समय पर और सही combination में लेने से कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन दही किसी भी तरीके से लेने से, नुकसान करता है। आयुर्वेद में दूध को ओज (immunity) बढ़ाने वाला आहार बताया गया है। जिससे आप किसी भी रोग से लड़ सकते हैं।

विशेष रूप से सफेद दाग, जिसके इलाज में आपको बहुत से परहेज बताऐ जाते हैं। यह जानना बहुत ही जरूरी है। कि दूध का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए। दूध को आपको किसी भी खट्टे फल के साथ नहीं लेना चाहिए। दूध का इस्तेमाल नॉनवेज के साथ नहीं करना चाहिए। 

मछली और दूध के बारे में आपने जरूर सुना होगा। यह सच भी है। यह दोनों ही विरुद्ध आहार माने जाते हैं। अगर इनको साथ में लिया जाए, तो सफेद दाग होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। दूध का इस्तेमाल नमक के साथ बिल्कुल नहीं करना चाहिए। जैसे दूध के साथ दलिया, दूध के साथ खिचड़ी, दूध के साथ रोटी या दूध के साथ ब्रेड।

ऐसा करने से भी सफेद दाग हो सकते हैं। दूध को किसी भी फल के साथ नहीं लेना चाहिए। जैसे कि मिल्कशेक, जो फल allowed भी हैं। अगर उनको भी दूध से साथ लिया जाए। तो उसका डाइजेशन पर असर पड़ता है। जिससे सफेद दाग का इलाज उचित रूप से नहीं हो पाता। दूध के दूसरे फॉर्म दही का प्रयोग सफेद दाग के रोगी को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। 

क्योंकि दूध का ही fermented form नहीं होता है। इसकी खटास सफेद दाग को बढ़ाने में सहायक होती है। खट्टी कोई भी चीज लेने से सफेद दाग बहुत तेजी से बढ़ते हैं। एक और मिथक प्रचलित है कि दूध और दही सफेद रंग के होते हैं। इसलिए इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। क्या आप जानना चाहेंगे : गिलोय के औषधि गुण, फायदे व नुकसानकैसे करें इसका उपयोग, सम्पूर्ण जानकारी।

सफेद दाग में कौन सा साबुन लगाना चाहिए

 ऐसा अक्सर बताया जाता है कि अगर आपको सफेद दाग है। तो आप साबुन का प्रयोग नहीं कर सकते। जो कि केमिकल से बने होते हैं। लेकिन अब बाजार में बहुत सारे ऐसे साबुन उपलब्ध हैं। जो प्राकृतिक चीजों से बनाए गए है। जिनका हमारे सफेद दाग पर, कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ता। बल्कि यह उन्हें ठीक करने में सहायक होते हैं।

आज बहुत सारे ऐसे साबुन उपलब्ध हैं। जिनमें मुल्तानी मिट्टी, एलोवेरा, चंदन, नीम, कोकोनट आयल, ऑलिव ऑयल, कैमोमिल आदि प्राकृतिक इंग्रेडिएंट्स का प्रयोग किया गया है। जो कि हमारे चर्म रोग में काफी फायदेमंद माने जाते हैं। ऐसे ही कुछ साबुन जो बाजार में उपलब्ध है। वो इस प्रकार हैं- 

1. Ketovia Soap- इस साबुन में सभी प्राकृतिक चीजों का प्रयोग किया गया है जैसे कि Neem, Aloe Vera, Chamomile इन सभी प्राकृतिक ingredient का प्रयोग किया गया है। जो कि हमारे चर्म रोग में काफी फायदेमंद है।

2. Eucalyptus Soap- इसमें नीलगिरी के पेड़ के प्राकृतिक तत्वों का समावेश किया गया है। जो आपके स्किन के लिए, बहुत फायदेमंद है। यह आपके सफेद दाग को खत्म करने में मदद करता है। इसके साथ ही आपके शरीर को गोरा करने में, आपकी काफी हद तक मदद करता है।

3. Omved Soap – यह साबुन भी प्राकृतिक वनस्पतियों का यूज प्रयोग किया गया है इस साबुन में पाए जाने वाले ingredients में Saponified Oils of Olive, Vegetable and Castor, Aloevera, Retained Glycerin, Cold Pressed Neem Oil व Tulsi Leaves विशेष हैं। इस साबुन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है यह पूरी तरह से सुरक्षित है।

सफेद दाग में अंडा खाना चाहिए कि नहीं

अगर आपको सफेद दाग की शिकायत है। तो आपको अंडा किसी भी रूप में नहीं खाना चाहिए। क्योंकि हमारे शरीर में मेलेनिन की कमी से सफेद दाग की समस्या होती है। जिनके कारण melanocyte cells खराब हो जाती है। अंडा हमारे शरीर में, पाचन क्रिया को को भी धीमा कर देता है। क्या आप जानना चाहेंगे : एलोवेरा के फायदे, उपयोग व औषधीय गुण।

सफेद दाग को ठीक होने में कितना समय लगता है

 सफेद दाग लाइलाज बीमारी नहीं है। इसे दवाओं के द्वारा या फिर ग्राफ्टिंग के द्वारा पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि सफेद दाग का प्रतिशत क्या है। अगर सफेद दाग शुरुआती दौर में हैं। यानी शरीर में कहीं-कहीं पर ही दाग दिखाई देते हैं। तो इसे दवाओं के द्वारा ठीक किया जा सकता है।

 इसका भी समय निर्धारित नहीं होता। लेकिन ठीक अवश्य हो सकता है। वहीं अगर विटिलिगो पूरे शरीर के अधिकांश हिस्सों में फैल गया है। तब इसकी ग्राफ्टिंग संभव नहीं होती है। इसे दवाइयों व अन्य माध्यमों से ही ठीक किया जाता है। जिसमें एक लंबे समय की आवश्यकता होती है।

Disclaimer

     लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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