ईएसआर क्या होता है – बढ़ने से क्या होता है, 40 खतरनाक है, बढ़ने के लक्षण, बढ़ने के कारण, बढ़ने पर क्या खाना चाहिए, कितना होना चाहिए, नॉर्मल रेंज, घटाने के उपाय, इलाज।
ईएसआर क्या होता है
ईएसआर बढ़ने से क्या होता है
आजकल हम जिस तरह के toxic world में रह रहे है। जहाँ पर हमारे खाने पीने का तरीका है। हमारे तनाव का स्तर, हमारे प्रदूषण का जो स्तर है। वह दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। इन सबकी वजह से, हम नित्य नई बीमारियों के संपर्क में आते जा रहे हैं। हमारी जीवन की गुणवत्ता का दायरा बहुत कम होता जा रहा है। इन सबके कारण, हमें आए दिन डॉक्टर के पास जाना पड़ता है।
हमारे डॉक्टर, हमें आये दिन चेकअप के लिए सलाह देते हैं। ताकि वह हमारे स्वास्थ्य पर नज़र रख सकें। वह यह जान सके कि हमारे हेल्थ की कंडीशन कैसी चल रही है। हमारे शरीर में होने वाले इन्फेक्शन या इम्यूनिटी से संबंधित समस्या का पता चलते ही, वो उस रोग की जड़ तक पहुंच सकते हैं। इन इंफेक्शन का पता लगाने के लिए, डॉक्टर हमें एक ईएसआर टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।
यह टेस्ट वास्तव में, हमारे शरीर के किसी अंग का नहीं होता है। बल्कि शरीर में होने वाले इन्फ्लेमेशन या संक्रमण को बताता है। अगर हमारे किसी भी शरीर के किसी भी अंदरूनी अंग में इन्फ्लेमेशन हो रहा है। तो इसका सीधा का अर्थ है कि हमारे शरीर का जो डिफेंस सिस्टम है। जिसे इम्यून सिस्टम भी कहा जा सकता है। वो कहीं न कहीं, उस इंफेक्शन के साथ लड़ रहा है।
अगर हमारे सभी अंग उचित रूप से काम कर रहे हैं। तो हमारे शरीर में कहीं पर भी सूजन नहीं होगी। उस स्थिति में, हमारे ईएसआर टेस्ट की वैल्यू सामान्य रहेगी। ईएसआर सामान्य होने पर, हम निश्चिंत हो सकते हैं। कि हमारे सभी अंग उचित ढंग से कार्य कर रहे हैं। उनमें किसी प्रकार का संक्रमण या सूजन नहीं है। हमें किसी भी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। तो जानते हैं- ईएसआर क्या होता है। इसके बारे में पूर्ण रूप से। क्या आप जानना चाहेंगे : यूरिक एसिड की रामबाण दवा। यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए (सम्पूर्ण जानकारी व उपाय)।
ईएसआर क्या होता है
ईएसआर का मतलब क्या होता है। इसे Erythrocytes Sedimentation Rate (ESR) कहा जाता है। हमारे ब्लड के circulation में, RBCs पूरे शरीर में घूम रही होती है। जब हमारे शरीर में कोई infection हो जाता है। या कोई बीमारी आती है। या हमारे ब्लड में कोई गड़बड़ होती है। तब हमारी RBCs में दिक्कत आने लगती है। जिसके कारण वह खराब होने लगती है। या फिर यह RBC रक्त में नीचे बढ़ने लगती है।
यहां RBCs के settle down होने की जो दर होती है। इसका पता लगाने के लिए, ईएसआर का टेस्ट करवाया जाता है। इसका टेस्ट दो तरीकों से किया जाता है। यह दोनों तरीके लगभग एक जैसे हैं। बस थोड़ा सा अंतर होता है। दोनों की normal value अलग-अलग होती है। यह दोनों तरीके इस प्रकार होते हैं-
1. Wintrobe Method
2. Westergren Method
इसके टेस्ट के लिए, एक ट्यूब में ब्लड का सैंपल लिया जाता है। इस ब्लड में उपस्थित RBCs कितनी देर में नीचे बैठ रही है। इसके साथ ही कितनी बढ़ रही है जिसके बाद ऊपर एक प्लाज्मा की layer बन जाती है। जहां आरबीसी का नीचे बैठने को या settle down होने की दर जो होती है। उसे ही Sedimentation Rate कहा जाता है। यह देखा जाता है कि इस प्रक्रिया में कितना समय लग रहा है। क्या आप जानना चाहेंगे : थायराइड क्या है। थायराइड के मरीज को कभी नही करनी चाहिए ये 7 चीजें।
ईएसआर क्या होता है
ईएसआर कितना होना चाहिए
ईएसआर टेस्ट के द्वारा किसी खास बीमारी की जांच नहीं की जाती है। बल्कि इस टेस्ट को करवाने का कारण, आपके शरीर में सूजन (inflammation) का पता लगाना होता है। यानी कि यह टेस्ट शरीर में कहीं पर भी सूजन होने की जांच करता है। अगर हमारी बॉडी में कहीं पर भी, किसी भी प्रकार की सूजन है। तो उसका पता लग जाता है।
यह सूजन बहुत बीमारियों के कारण हो सकती है। इसलिए इस टेस्ट को अकेले नहीं किया जाता है। बल्कि मरीज के लक्षणों के आधार पर, दूसरे टेस्टों के साथ, इस टेस्ट को किया जाता है। जब हमारे शरीर में कहीं पर भी inflammation हो जाती है। तो उसके कारण, हमारे शरीर में असामान्य प्रोटीन बनने लगते हैं। जिसके कारण Red Blood Cells (RBCs) आपस में चिपककर भारी हो जाते हैं।
जिसके कारण इनके नीचे गिरने की दर तेज हो जाती है। ये 1 घंटे में ज्यादा दूरी तय करते हैं। जिसके कारण ESR बढ़ जाता है। यह पता चल जाता है कि हमारे शरीर में कहीं पर सूजन है। इस प्रकार इस टेस्ट के द्वारा, ऐसी बीमारियों का पता लगाने में मदद मिलती है। जिन बीमारियों में शरीर में सूजन आती है। जैसे ऑटोइम्यून रोग, कैंसर, इंफेक्शन और मसल्स प्रॉब्लम। इस टेस्ट की normal values इस प्रकार है-
ईएसआर नॉर्मल रेंज | ||
लिंग | उम्र | ESR दर |
पुरुष | 50 वर्ष से कम | 15mm/hr |
पुरुष | 50 वर्ष से ज्यादा | 20mm/hr |
स्त्री | 50 वर्ष से कम | 20mm/hr |
स्त्री | 50 वर्ष से ज्यादा | 30mm/hr |
बच्चे | 0 से 1 वर्ष वाले | 2mm/hr |
युवा | 1 से 13 वर्ष वाले | 3-13mm/hr |
इस टेस्ट को करवाने से पहले, यह सुनिश्चित करें। कि आप पहले से किसी भी प्रकार की दवाइयों को तो नहीं ले रहे हैं। यदि आप कोई भी दवा ले रहे हैं। तो डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर लें। हो सकता है कि वह कुछ समय के लिए, आपकी दवाइयों को बंद करने की सलाह दें। क्योंकि दवाइयों के प्रभाव से, इसकी वैल्यू घट बढ़ सकती है। क्या आप जानना चाहेंगे : लहसुन खाने के फायदे। पुरुषों के लिए कच्चे लहसुन खाने का लाभ।
ईएसआर क्या होता है
ईएसआर 40 खतरनाक है
ईएसआर का अपने सामान्य लेवल से ऊपर जाना, केवल यह दर्शाता है। कि आपको कोई गंभीर बीमारी हो सकती है। यह भी कहा जा सकता है कि आप उस बीमारी की ओर बढ़ रहे हैं। तो इसे खतरनाक कहना उचित नहीं होगा। बल्कि यह एक संकेत हो सकता है कि आपको अपने लक्षणों के आधार पर, डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
वहीं अगर आपका ईएसआर 100 से ज्यादा आता है। या इसके आसपास आता है। तो यह संभव है कि आपको कुछ बड़ी बीमारी हो सकती है। जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस हो। आपके जोड़ों में दर्द हो। ट्यूबरक्लोसिस का इंफेक्शन हो। किसी प्रकार का कैंसर हो। जो फैल रहा हो। इन स्थितियों में, ईएसआर बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ मिल सकता है।
तो ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर से मिलकर, इसकी वजह जानने की कोशिश करें। ताकि ईएसआर बढ़ने का सही इलाज हो सके। ईएसआर की वैल्यू का 100 होना या इससे अधिक होना, जल्दी नहीं पाया जाता है। यह मात्र 2% लोगों में ही हो सकता है। लेकिन तब भी इसे लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। बस उचित व सही समय पर इलाज मिलने की आवश्यकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : शहद के फायदे। शहद खाने के नुकसान। असली शहद की पहचान। शहद जहर कैसे बनता है।
ईएसआर बढ़ने के कारण
ईएसआर बढ़ने के लिए, कोई अंग विशेष जिम्मेदार नहीं होता है। बल्कि शरीर के किस अंग में दिक्कत हो रही है। इसका पता लगता है। इसीलिए ईएसआर टेस्ट कभी अकेले नहीं किया जाता। बल्कि मरीज के लक्षणों के आधार पर, इसके साथ अन्य टेस्ट किए जाते है। तो जानते हैं, ईएसआर बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं।
1. Tuberculosis – ट्यूबरकुलोसिस यानी टीवी में आपका यह सर बड़ा देखने को मिल सकता है।
2. Anaemia – सभी प्रकार की एनीमिया में आपका ईएसआर बड़ा हो सकता है। लेकिन सिकल सेल एनीमिया होने पर व्यक्ति के ईएसआर बढ़ने की संभावनाएं कम होती है।
3. Liver Disease – लीवर से संबंधित कई ऐसी बीमारियां होती हैं जिसमें व्यक्ति का ईएसआर बढ़ सकता है।
4. Rheumatoid Arthritis – किसी व्यक्ति के जॉइंट्स में दर्द होने पर, वहां सूजन आना स्वाभाविक बात है। इसलिए उनमें ईएसआर निश्चित रूप से बढ़ता है।
5. Malignant Tumor – मालिगनेंट टयूमर यानी कि कैंसर होने की स्थिति में ईएसआर बढ़ सकता है।
6. Inflammatory Condition – ऐसी स्थितियां जिसमें सूजन आती है। कुछ इससे संबंधित रोग होते हैं। ऐसी स्थिति में आपका ईएसआर बढ़ता है। क्या आप जानना चाहेंगे : पेट में गैस के लक्षण। पेट में गैस बनना। पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय।
ईएसआर बढ़ने से क्या होता है
किसी विशेष बीमारी का पता लगाने के लिए, ईएसआर का टेस्ट नहीं करवाया जाता है। इसके बढ़ने से हम किसी बीमारी का वास्तविक कारण या उसकी स्थिति का पता नही लगा सकते हैं। इसके द्वारा केवल एक अनुमान लगाया जा सकता है। इसलिए रोगी के अन्य लक्षणों के आधार, इसके साथ कुछ टेस्ट करवाए जाते हैं। इन दोनों की रिपोर्ट के आधार पर, हम उस बीमारी की जड़ तक पहुंचने की कोशिश करते हैं।
इसलिए किसी व्यक्ति में ईएसआर बढ़ने पर, कोई विशेष लक्षण या तकलीफ देखने को नहीं मिलती है। बल्कि जिस रोग के कारण ईएसआर बढ़ता है। उसके लक्षण स्पष्ट रूप से देखने को मिलते हैं। इसलिए ईएसआर का बढ़ना, किसी रोग विशेष को नहीं दर्शाता है। बल्कि जिस रोग के कारण ईएसआर बढ़ा हुआ है। उसके लक्षण अवश्य देखने को मिलते हैं।
सामान्यतया ईएसआर टेस्ट इन्फ्लेशन में या इंफेक्शन होने की स्थिति में कराया जाता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से डायग्नोसिस व मॉनिटरिंग के लिए करवाया जाता है। सामान्य स्थिति में भी ईएसआर बड़ा हो सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान इसका लेबल बड़ा होता है। ज्यादा उम्र होने पर भी ईएसआर का लेवल बड़ा होता है। इनमें इन स्थितियों में, कोई समस्या नहीं होती। बस यह कंडीशनल रूप से बड़ा होता है।
ईएसआर बढ़ने की वजह से, आपको बुखार आ सकता है। लेकिन यह थर्मामीटर में नहीं चढ़ता है। ईएसआर बढ़ने की वजह से सर दर्द हो सकता है। कभी-कभी बाल भी झड़ने लगते हैं। कमजोरी आ जाती है। आपकी भूख कम होने लगती है। अचानक से वेट लॉस भी होने लगता है। छाती में इंफेक्शन की शिकायत हो सकती है। क्या आप जानना चाहेंगे : बवासीर के लक्षण। बवासीर क्यों होता हैं। बवासीर के मस्से को जड़ से ख़त्म करने का उपाय।
ईएसआर बढ़ने के लक्षण
ईएसआर बढ़ने पर कुछ लक्षण दिखाई पड़ते हैं। जिन्हें देखकर डॉक्टर ईएसआर टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। यह कुछ लक्षण इस प्रकार होते हैं।
1. अगर किसी व्यक्ति को बुखार बना रहता है। खांसी जुखाम बनी रहती है। शरीर में दर्द होता रहता है। तो उनका ईएसआर टेस्ट करवाया जाता है। इसके साथ सीवीसी भी करवाया जाता है। जिससे पता चल सके कि अमुक व्यक्ति को किस वजह से यह समस्या है।
2. वह लोग जो जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं। मांसपेशियों में दिक्कत बनी रहती है। हड्डियों में दर्द रहता है। तो उनको भी ईएसआर के साथ, अन्य टेस्ट लिखें जाते हैं। ताकि पता चल सके कि उन्हें यह समस्या गठिया की वजह से है। या कोई अन्य कारण है।
3. ऐसे व्यक्ति जिनके पूरे शरीर में सूजन बनी रहती है। उनका भी ईएसआर टेस्ट करवाया जाता है।
4. ऐसे लोग जिनके शरीर में खून की कमी रहती है। जो एनीमिया से ग्रसित हैं। उनकी त्वचा सफेद पीले रंग की हो जाती है। ऐसे में उनका भी ईएसआर टेस्ट के साथ अन्य टेस्ट करवाए जाते हैं।
5. ऐसे व्यक्ति जिन्हें भूख कम लगती है। शरीर का वजन दिन प्रतिदिन घटता जाता है। कमजोरी महसूस होती है। तब उनका भी ईएसआर टेस्ट करवाया जाता है।
6. ऐसे व्यक्ति जिनके शरीर में अलग-अलग जगहों गांठ हो जाती है। इसमें खुजली व सूजन होती है। इसमें जलन या दर्द भी होता है। तब भी ईएसआर टेस्ट के साथ अन्य टेस्ट करवाये जाते हैं।
7. जिन लोगों को बार-बार बुखार व शरीर में दर्द होता रहता है। तो डॉक्टर संदेह के आधार पर ईएसआर टेस्ट करवाते हैं। कि कहीं उन्हें ट्यूबरक्लोसिस या कैंसर की शिकायत तो नही है। किसी प्रकार की स्किन डिजीज हो सकती है। ऐसे में ईएसआर के साथ, अन्य टेस्ट भी करवाये जाते हैं। ताकि पता चल सके कि शरीर के अंदर बीमारी का कितना प्रभाव है। क्या आप जानना चाहेंगे : हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करे। हाई ब्लड प्रेशर में क्या नही खाना चाहिए और क्या नही।
ईएसआर बढ़ने पर क्या खाना चाहिए
ईएसआर के बढ़ने पर, हमें किन चीजों का सेवन करना चाहिए। ताकि हमारा बड़ा हुआ ईएसआर नियंत्रित हो सके। इसके लिए आपको सूजन व इंफेक्शन विरोधी चीजों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। जो कुछ चीजें कुछ इस प्रकार हैं –
1. आपको anti-inflammatory फूड जैसे हल्दी और अदरक का प्रयोग करना चाहिए।
2. वसायुक्त मछली।
3. हरी पत्तेदार सब्जियां शिमला मिर्च मशरूम व ब्रोकली।
4. ताजे फल जैसे अंगूर स्ट्रॉबेरी, चेरी, संतरा, एवोकाडो ।
5. ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, अखरोट।
6. ग्रीन टी।
7. डार्क चॉकलेट कोको पाउडर
8. जैतून का तेल।
9. आपको अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : हल्दी के फायदे। हल्दी दूध के फायदे। दूध में हल्दी के नुकसान।
ईएसआर का इलाज
ईएसआर बढ़ने की वजह से आपके शरीर में जो भी infection, inflammation या अन्य तकलीफ हो रही है। चाहे वह स्ट्रेस, डिप्रैशन, एंजायटी ही क्यों न हो। इन सभी में आपको आराम मिलना शुरू हो जाएगा। यह कुछ ऐसे घरेलू नुख्से हैं। जिनका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। आप इन्हें निश्चिंत होकर प्रयोग कर सकते हैं।
1. ईएसआर के स्तर को कम करने का सबसे बेहतरीन तरीका नीम अर्क है। इसे आप बाजार से ले सकते हैं। आप प्रतिदिन 5 ml से शुरू करें। धीरे-धीरे इसे 15 ml तक लेकर जाएं। फिर इसे 15 ml सुबह और 15 ml शाम को लेना चाहिए। इससे आपको कुछ ही दिनों में आराम मिलना शुरू हो जाएगा।
अगर नीम अर्क उपलब्ध नहीं है। तो आप 3 से 4 नीम के ताजे पत्ते को पीसकर, एक गिलास पानी में मिलाकर पी सकते हैं। इसे भी आप एक कप सुबह और एक कप शाम को पिए। इससे भी बहुत जल्दी ईएसआर का स्तर नियंत्रित होना शुरू हो जाएगा। इसकी जगह आप 10 से 12 पत्तों को रात में पानी में डालकर रख दें। फिर सुबह पी सकते है। इसी तरह सुबह भिगोकर शाम को पी सकते है। इससे आपको शीघ्र लाभ मिलेगा।
2. ईएसआर के स्तर को कम करने के लिए, आपको हल्दी पाउडर आधा चम्मच, मेथी पाउडर आधा चम्मच, धनिया पाउडर आधा चम्मच लेना है। इस तरह से कुल मिश्रण डेढ़ चम्मच हो जाएगा। अब इसे एक कप पानी में डालकर, तब तक उबालना है। जब तक की, यह आधा न रह जाए। अब इसे छानकर, इसमें स्वादानुसार नमक या शहद मिलानी है।
फिर इसे सुबह-शाम खाना खाने के बाद इस्तेमाल करें। इससे आपका बढ़ा हुआ ईएसआर कम हो जाएगा। चाहे वह किसी भी कारण से क्यों न हो। चाहे वह शरीर के अंदरूनी अंगों में inflammation के कारण हो। या फिर किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया, फंगस, वायरल इंफेक्शन के कारण हो। यह धीरे-धीरे कम हो जाएगा।
3. वास्तविकता में ईएसआर को कम करने के लिए, कोई दवा नहीं होती है। बल्कि जैसे-जैसे infection व inflammation कम होगा। वैसे-वैसे ईएसआर कम होता चला जाएगा। इंफेक्शन को कम करने के लिए, आपको पुनर्नवा की जड़ 50 ग्राम, मंजिष्ठा 50 ग्राम व नीम के सूखे पत्ते 50 ग्राम लेने है।
इन सबका पाउडर बनाकर, छानकर रख लें। अब इसका एक चम्मच पाउडर, सुबह खाना खाने के बाद व शाम को भी खाना खाने के बाद लेना चाहिए। इसे आपको गर्म पानी के साथ लेना चाहिए। ऐसा करने से आपका ईएसआर, जो किसी भी कारण से बढ़ा है। तो वह धीरे-धीरे कि कम होता जाएगा। कुछ ही दिनों में यह अपने सामान्य स्तर पर आ जाएगा
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