हार्ट अटैक के लक्षण | हार्ट अटैक आने की उम्र | हार्ट अटैक से बचने के उपाय

हार्ट अटैक के लक्षण – आने से पहले के संकेत, आने की उम्र, कितनी बार आता है, बचने के उपाय, सावधानियां, प्राथमिक उपचार।

 ये दिल का मामला है। आपका दिल सुरक्षित रहे। यह सबसे महत्वपूर्ण है। आपके दिल में हमेशा खुशहाली बनी रहे। इसके लिए जरूरी है कि आपका दिल बीमारियों से दूर रहे। इसके लिए दिल से जुड़ी बातों को जानना, आपके लिए जरूरी है। एक दिलचस्प जानकारी के मुताबिक, सबसे ज्यादा हार्ड अटैक सोमवार के दिन आते हैं।

 सर्दियों में हार्ड अटैक के सबसे ज्यादा मामले होते हैं। इसका कारण छुट्टी के बाद काम करने का तनाव होता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का दिल 8 धड़कन प्रति मिनट ज्यादा तेज धड़कता है। पुरुषों का दिल महिलाओं के मुकाबले ज्यादा भारी तनाव और डिप्रेशन झेलता है। जो हार्ड अटैक की बड़ी वजह होती है।

हार्ट अटैक की मुख्य वजह रक्त के प्रवाह का, हमारे हार्ट तक नहीं पहुंच पाना होता है। जिसका कारण blockage होते हैं। इन्हीं के कारण हार्ड अटैक आता है। हार्ड अटैक व ब्लड प्रेशर को ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। हार्ट से संबंधित जो भी समस्याएं हैं। वह कोई बीमारी नहीं है। बल्कि यह deterioration है। 

हमारे किसी भी Organ को स्वस्थ रखने के लिए, जो चीजें चाहिए होती है। जब वह पर्याप्त व जरूरी नहीं मिल पाती हैं। इनकी जगह दूषित व गलत चीजें उन तक पहुँचती है। तो उनके काम करने की क्षमता कम होती जाती हैं। इसी के परिणामस्वरूप, हार्ड अटैक जैसी समस्याएं देखने को मिलती है।

हमें अपने हार्ट को हेल्दी रखने के लिए, हंसना-मुस्कुराना जरूरी होता है। क्योंकि आपके खुश रहने से, दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। हार्ड अटैक के खतरे को कम करने के लिए, हमें इस दौरान होने वाले लक्षणों के बारे में जानना भी उतना ही जरूरी है। जितना हमें अपने हार्ट को स्वस्थ आहार देना है। क्या आप जानना चाहेंगे : हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं ये संकेतहार्ट अटैक क्यों आता हैं। इसकी विस्तृत जानकारी।

हार्ट अटैक के लक्षण

हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ड अटैक व कार्डियक अरेस्ट में अंतर

कार्डियक अरेस्ट और हार्ड अटैक को अक्सर एक ही समझा जाता है लेकिन वास्तव में दोनों अलग-अलग कंडीशन होती है। इन दोनों में अंतर होता है।

Heart Attack – हमारे हार्ट की मांसपेशियों को, उनके पोषण और सही से काम करने के लिए, ऑक्सीजनयुक्त ब्लड की लगातार जरूरत होती है। यह काम coronary artery द्वारा किया जाता है। लेकिन समस्या तब होती है। जब यह आर्टरीज सिकुड़ जाती है। हार्ट में ब्लड  उतने प्रवाह से नही बह पाता। जितने प्रवाह से बहना चाहिए।

इसकी एक वजह होती है। Artery के सख्त या जाम होना। इसकी प्रमुख वजह artery के अंदर की दीवारों पर, कोलेस्ट्रोल या फैट का जमा होना। यह artery को बंद या सँकरा करके, दिल में खून के प्रवाह को कम करते हैं। जाम होने के कारण, खून की सप्लाई कम हो जाती है। इस स्थिति में, दिल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।

जिसकी जरूरत हार्ट को अच्छे से काम करने के लिए होती है। जिस हिस्से को ऑक्सीजनयुक्त खून नहीं मिलता है। वह मरना शुरू हो जाता है। इससे छाती में दर्द हो सकता है। जो हार्ड अटैक आने के लक्ष्यों में से एक है। इन लक्षणों को पहचानकर, इसका सही समय पर इलाज करवाने से, व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।

वरना यह खतरनाक भी हो सकता है। एक fact, हार्ड अटैक के दौरान आमतौर पर दिल की धड़कन नहीं रुकती है।

Cardiac Arrest – हार्ड अटैक के दौरान दिल का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है। लेकिन दिल धड़कना बंद नहीं करता है। तो क्या यह संभव है कि दिल की धड़कन अचानक से रुक जाए। ऐसा होना संभव है। मेडिकल भाषा में, इसे ही कार्डियक अरेस्ट कहा जाता है।

 हमारे दिल को नियमित इलेक्ट्रिक पल्स के साथ धड़कना होता है। लेकिन यह इलेक्ट्रिक पल्स जब अनियमित हो जाते हैं। तो इसकी वजह से, दिल की धड़कन भी अनियमित हो जाती है। जिसके कारण, दिल को धड़कने में मुश्किल होती है। इस वजह से, दिल बाकी जरूरी अंग जैसे दिल, मस्तिष्क व फेफड़ों तक, ब्लड को पंप नहीं कर पाता।

जिसके कारण कुछ ही सेकंड में व्यक्ति बेहोश हो जाता है। साथ ही उसकी पल्स भी बंद हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति लगभग सांस लेना बंद कर देता है। फिर व्यक्ति हाँफने लगता है। अगर सही समय पर इलाज न मिले, तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है। यह खतरनाक इसलिए भी है। क्योंकि यह कभी-कभी बिना चेतावनी के ही अचानक हो जाता है। क्या आप जानना चाहेंगे : हाई ब्लड प्रेशर कितना होता हैंइसके कारण, लक्षण व इससे होने वाले नुकसान की पूर्ण जानकारी।

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मरे हुए व्यक्ति को जीवित कर सकते हैं

10 मिनट के अंदर आप मरे हुए इंसान को जिंदा कर सकते हैं। अगर व्यक्ति कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में कोई भी रिस्पांस नहीं कर रहा है उसकी सांस भी नहीं चल रही है उसके दिल की धड़कन भी नहीं चाहिए चल रही तो सबसे पहले आप उसके पर देखें अगर उसके पास फायर फायर फायर बर्फ की तरह ठंडे हैं। 

तो इस स्थिति में, 10 मिनट के अंदर ही व्यक्ति को Cardio-Pulmonary Resuscitation (CPR) दे दिया जाए। CPR क्या है- सीपीआर एक ऐसी टेक्निक है। जिसमें एक सामान्य व्यक्ति भी रुके हुए हार्ड को, फिर से शुरू कर सकता है। आप लोगों ने अक्सर पाया होगा कि लोगों की अचानक death हो जाती है। इसे हम Sudden Cardiac Arrest कहते हैं।

सीपीआर 1 एक आसान तकनीक है। जिसे एक सामान्य व्यक्ति भी सीख सकता है। इससे किसी भी कार्डियक अरेस्ट वाले व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। CPR देने के लिए, chest compression यानी छाती को दबाना महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए आप पहले व्यक्ति को, किसी सख्त जगह पर लिटा दे।

अब आप छाती के sternum bone के ठीक नीचे, एक-तिहाई पर compression दिया जाता है। इसके लिए आप उस व्यक्ति के बराबर, घुटनों के बल बैठे। फिर एक हाथ की हथेली, उसके sternum bone के नीचे एक तिहाई हिस्से पर रखें। दूसरे हाथ से पहले हाथ की उंगलियों को लॉक कर ले। अब अपने शोल्डर को, उसकी बॉडी के ऊपर लाए।

अब जोर से दबाना शुरू करें। यह बात ध्यान रखें कि compression की speed एक सेकंड में दो बार होनी चाहिए। यानी 1 मिनट में 100 से 120 compression होनी चाहिए। यह compression 2 इंच तक अंदर जाना चाहिए। हर एक compression के बाद, व्यक्ति की छाती को normal होने दें। 

यह लगातार तब तक करना है। जब तक वह Conscious न हो जाये। या फिर मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध न हो जाए। इस तरह आप किसी की भी जान बचा सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करे हाई ब्लड प्रेशर में क्या नही खाना चाहिए और क्या नही।

हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक आने की उम्र

 रिसर्च के अनुसार, हार्ड अटैक का आना आमतौर पर उम्र पर निर्भर करता है। ज्यादातर हार्ड अटैक बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता जाता है। क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ, coronary artery का lumen कम होता जाता है। इसीलिए हार्ट अटैक की बीमारी, बढ़ती उम्र के साथ ज्यादा होती है। अगर किसी की उम्र 40 साल से ज्यादा हो रही है। तो उसे हार्ड अटैक का खतरा ज्यादा हो जाता है।

 लेकिन आजकल 40 से वर्ष की उम्र से पहले, यानी 25 से 30 साल में भी हार्ट अटैक दिखने लगा है। यह तब होता है, जब किसी को फैमिली हिस्ट्री हो। किसी का कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड ज्यादा बढ़ा हुआ हो। हाइपरटेंशन की हिस्ट्री हो। उनको 30 के बाद भी, हार्ड अटैक होने की संभावना रहती है। आज हमारे देश की युवा पीढ़ी अनहेल्दी हार्ट की समस्या से जूझ रही है।

भारत में 30 से 50 साल की उम्र के 4 लोग, हर मिनट हार्ड अटैक का शिकार हो रहे है। हमारे देश के युवाओं को, अन्य देशों के मुकाबले 8 से 10 साल पहले ही हार्ड अटैक हो रहे हैं। जबकि ऐसा माना जाता है कि बढ़ती उम्र के साथ, दिल की बीमारियों और हार्ड अटैक का खतरा भी बढ़ने लगता है। लेकिन अब युवाओं में ज्यादा खतरा देखने को मिल रहा है।

इंडियन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, हार्ड अटैक के 50% मामले 50 वर्ष से कम उम्र में, तो वहीं 25% मामले 40 साल से कम उम्र होने लगे हैं। युवा में बढ़ते, इस खतरे के कुछ कारण यह हो सकते हैं। जिनमें स्ट्रेस, अकेलापन, जॉब का छूटना,  डिप्रेशन व एंजायटी, स्मोकिंग और अल्कोहल की लत एक बड़ा कारण है।

इसके अलावा मौसम में हुए गम्भीर बदलाव भी, हार्ट अटैक का कारण हो सकते हैं। इसके अलावा भी कुछ कारण हो सकते हैं। जिनमें डायबिटीज, बढ़ावा कोलेस्ट्रॉल, बड़ी हुई प्रोटीन का लेबल, विटामिन डी की कमी, मोटापा, फैटी लीवर भी हो सकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : मधुमेह के कारण, लक्षण, रोकथाम, घरेलू उपचार

हार्ट अटैक के लक्षण

अगर आपकी उम्र 30 साल से ज्यादा है। आपको कभी भी कुछ अचानक ऐसा लगता है। जो पहली बार हुआ है। समझ में नहीं आ रहा है। जो unexplained है। unusual है। तो इसे ignore नहीं करना चाहिए। 30% ऐसे मामले होते हैं। जिसमें व्यक्ति की हॉस्पिटल जाते-जाते मृत्यु तक हो जाती है।

इसलिए जब भी किसी व्यक्ति को हार्ड अटैक होता है। तो उसे बहुत सारी प्रॉब्लम होने के chances बढ़ जाते हैं। जब भी किसी को हार्ड अटैक होता है। तो 10-15 ऐसे लक्षण होते हैं। जो हार्ड अटैक होने से पहले मिलते हैं। अगर आप इन लक्षणों को पहचान ले। तो आप किसी भी व्यक्ति की जान बचा सकते हैं। यहां तक कि अपनी भी जान बचा सकते हैं।

हार्ट अटैक होने पर, जो शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं। उसे Angina Symptoms कहते हैं। जब भी किसी व्यक्ति को एनजाइना होता है। जिसका मतलब है कि जिन cells से हमारा हार्ड बना होता है। उन cells के अंदर खून का प्रवाह कम हो जाता है। जब भी खून का बहाव कम होगा। तो उस व्यक्ति को घबराहट होना। छाती के left side में दर्द  होना।

साथ में बहुत तेज घबराहट होना। बेचैनी होना। चलने-फिरने पर परेशानी होना। कुछ काम करने में परेशानी होना। सीढ़ी चढने पर परेशानी होना। इस तरह के लक्षण, अगर दिखाई देते हैं। तो हो सकता है। यह Angina Symptoms हो। अगर किसी को एनजाइना के सिम्टम्स मिलते हैं। तो उसे आगे हार्ड अटैक के भी सिम्टम्स मिलेंगे। जो इस प्रकार है-

1. किसी स्वस्थ व्यक्ति को बैठे-बैठे छाती में दर्द होने लगेगा। उसकी छाती में tightness लगेगी। छाती में भारीपन लगेगा।

2. उस व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा पसीना भी आएगा। चाहे वह AC या पंखे के नीचे ही क्यों न बैठा हो।

3. उस व्यक्ति को घबराहट वह बेचैनी होगी।

4. उस व्यक्ति को उल्टी जैसी महसूस होगी।

5. उस व्यक्ति का दर्द बाई तरफ होगा। जो left hand तक फैलता हुआ, little finger तक जाएगा। अगर ऐसी स्थिति होती है। तो उसे तुरंत आसपास के कार्डियोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। क्या आप जानना चाहेंगे : अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिएमहिलाओं के लिए अश्वगंधा के लाभ। इस प्रयोग करने का तरीका व इसके नुकसान।

हार्ट अटैक से बचने के उपाय

हमारे lifestyle में बदलाव, हार्ड अटैक और हार्ड से संबंधित बीमारियों से बचने का कारगर उपाय होता है। हम अपने lifestyle  में, कुछ positive changes लाकर। हार्ड अटैक की संभावनाओं को बहुत हद तक कम कर सकते हैं। कुछ herbal remedies ऐसी हैं। जिनका उपयोग करके, हम हार्ड अटैक व अन्य disease  को prevent कर सकते हैं।

1. Green Tea – यह एक बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट होता है। जो कि free radicals को शरीर से बाहर निकलता है। जिनके कारण, हमें रोग होते हैं। हमारे शरीर में free radicals दो तरीके से बनते हैं। एक तो शरीर में digestion of food के दौरान बनते है।

दूसरे जब हमारा शरीर environment pollution के संपर्क में आता है। ग्रीन टी के एंटीऑक्सीडेंट्स, इन दोनों तरीके के free radicals से, हमारे शरीर को बचाते हैं। इन्हें शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसका अधिक फायदा लेने के लिए, आपको दिन में 3 से 4 बार ग्रीन टी अवश्य लेनी चाहिए।

2. Turmeric – हल्दी में करक्यूमिन नाम का एक compound होता है। इसमें हार्ड मसल्स को, protect करने की property पाई जाती है। हल्दी में पीला रंग, इस करक्यूमिन की वजह से ही होता है। जिसमें  न केवल हार्ट के protection की क्षमता होती है।

बल्कि यह anti-inflammatory, anticancer व antioxidant भी होता है।  इसके अलावा इसमें antithrombotic properties भी होती है। इसका मतलब यह ब्लड को पतला करके रखता है। जो किसी भी प्रकार के blood clots को हार्ड की मसल्स में जमने से रोकता है। एक स्टडी में पाया गया कि करक्यूमिन memory loss को भी रोकता है।

memory power को बढ़ाता है। अल्जाइमर जैसी बीमारियों से भी रोकथाम करता है। यह heart में कैल्शियम के level को maintain करता है। ताकि हार्ड की रिदम सामान्य रहे। यह असंतुलित न हो। यह शरीर में bad cholesterol को कम करता है। साथ ही HDL जैसे good cholesterol को बढ़ाता है। इसके लिए, आप एक चम्मच हल्दी पाउडर को, दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं।

3. Garlic – लहसुन में कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ फास्फोरस, जिंक, पोटैशियम, विटामिन ए, विटामिन बी कांपलेक्स भी पाया जाता है। इसमें allicin नाम का compound पाया जाता है। जो इसे हर protective capability प्रदान करता है। यह कई तरीके से, बहुत से रोगों से रक्षा करता है।

लहसुन उन enzyme को लीवर में block कर देता है। जो शरीर में bad cholesterol को बनाते हैं। प्लेटलेट्स नाम के blood cells आपस में चिपककर, clots बना देती हैं। जो heart के blood vessels को block कर देती है। लहसुन इन प्लेटलेट्स की stickiness को कम कर देता है। जिससे शरीर में blood clots की tendency कम हो जाती है।

यह ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद करता है। यह शरीर के oxidative stress को भी कम करता है। Oxidative stress की वजह से, शरीर में free radicals का जन्म होता है। यह free radicals, हार्ट और ब्लड वेसल्स को damage करते हैं। लहसुन शरीर से इन फ्री रेडिकल्स को बाहर निकालने में, मदद करता है। 

 इसका फायदा लेने के लिए, आपको रोज चार कच्ची कलियां खानी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें। यदि आप कोई ब्लड को पतला करने की मेडिसिन ले रहे हैं। तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। क्योंकि लहसुन bleeding tendency को बढ़ा सकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : लहसुन खाने के फायदेपुरुषों के लिए कच्चे लहसुन खाने का लाभ।

4. Ginger – रोजाना 2 से 4 ग्राम अदरक का सेवन करने से, हाई ब्लड प्रेशर के chances 8% तक कम हो जाते हैं। वही हार्ड अटैक के chances 13% तक कम हो जाते हैं। अदरक का नियमित सेवन करने से, आपके bad cholesterol का का level शरीर में कम हो जाता है।

आपका ब्लड शुगर लेवल भी सामान्य रहता हैं। स्टडी बताती हैं कि अदरक का नियमित सेवन करने से, फास्टिंग ब्लड शुगर 12%  तक कम हो जाती है।

5. Capsicum- शिमला मिर्च में एक compound पाया जाता है। जिसे कैप्साइसिन (Capsaicin) कहते हैं। यह शिमला मिर्च को तीखापन देता है। इसके साथ heart protective capabilities  भी शिमला मिर्च को देता है। यह शरीर में ब्लड प्रेशर को normalize करता है।

ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है। Heart muscles के strain को कम करता है। Heart muscles को thick होने से रोकता है। यह बॉडी वेट को भी कम करता है। यह एथेरोस्क्लेरोसिस के प्रोसेस को भी धीमा कर देता है। इन सबके अलावा कैप्साइसिन का blood thinning effect  भी होता है। जिसकी वजह से यह हार्ड की blood vessels में blood clots को इकट्ठा होने से रोकता है।

6. Cardamom- इलायची हमारे शरीर में, blood circulation को improve करती है। ब्लड प्रेशर को सामान्य रखती है। यह एक बहुत अच्छे एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है। इसमें fibrinolysis effects भी होता है। जो आपके हमारे हार्ड के blood vessels में जमे हुए, blood clot को गला देती है। उसे वहां से हटा देता है। 

7. Cinnamon – दालचीनी में बहुत अच्छा antioxidant effect पाया जाता है। दालचीनी हाई ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है। इसके साथ ही शरीर में  insulin sensitivity को बढ़ा देते हैं। इसके अलावा शरीर में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करता है। इसका प्रयोग आप अपनी सब्जी में या हर्बल टी में डालकर कर सकते हैं।

Disclaimer      
लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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