कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग | कैल्शियम की कमी के लक्षण | कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ 

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कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग
कैल्शियम की कमी के लक्षण

 जब हम कसरत करते हैं, तो हमें महसूस होता है कि हमारे शरीर में इतनी शक्ति है। हम एक्सरसाइज कर सकते हैं। हड्डियों में मजबूती महसूस होती है। आपको जोश महसूस होता है। यह सभी कैल्शियम के कारण होता है। कैल्शियम आपको हमेशा मजबूत और फिट रखता है। यह आपके शरीर में, इतनी शक्ति भर देता है कि आपको लगता है। आपको किसी भी काम कर कर पाना आसान है।

वही जैसे-जैसे लोग बुढ़ापे की ओर जाते हैं। तो अक्सर कहते हैं कि हमारे शरीर में, अब वह दम नहीं रहा। हमारी हड्डियों में अब वो जान नहीं रही। हमारा कोई काम करने को मन नहीं करता। आप बहुत ढीले-ढाले, सुस्त और मायूस महसूस करते हैं। शरीर थका-थका सा रहता है। कमजोरी सी महसूस होती है। नींद सही से नहीं आती। जिसका सीधा सा मतलब है। कि आपकी हड्डियों की क्षमता कम हो गई।

इन हड्डियों में मजबूती कैल्शियम से आनी थी। जिसकी शरीर मे कमी हो गई। इसी कारण बुढ़ापे में, हमारे दांत भी गिरने लगते हैं। कैल्शियम हमारे शरीर के लिए, बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह एक खनिज तत्व है। जो हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे शरीर की हड्डियों व दाँतों में ही 99% तक कैल्शियम होता है। इसका बचा हुआ, एक प्रतिशत हमारी मांसपेशियों में होता है।

कैल्शियम की कमी किसी भी व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसके कारण कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसकी शुरुआत तो, एक सामान्य समस्या की तरह होती है। जिसके कारण, अधिकतर लोग इसकी पहचान, समय रहते नहीं कर पाते। इसकी कमी के कारण, हड्डियों के अतिरिक्त अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।

अगर हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी होती है। तो इसके सप्लीमेंट की बजाय, कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं। जिनका सेवन करके, इस कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है। हमारे शरीर को 800 से 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की प्रतिदिन आवश्यकता होती है। जिसे हम अपने दैनिक आहार में, कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करके, पूरा कर सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : विटामिन डी वाले फलविटामिन डी कैसे बढ़ाएं। विटामिन डी से होने वाले रोग।

कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग

कैल्शियम का हमारे शरीर में महत्व

बचपन से लेकर बुढ़ापे तक कैल्शियम, हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। बच्चों के विकास के लिए, इसकी बहुत आवश्यकता होती है। जैसा कि आप जानते हैं कि हमारी 99% हड्डियां व दाँत कैल्शियम की बनी होती हैं। इसलिए बच्चों की ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी है। अगर बच्चों में कैल्शियम की कमी है। तो उसकी हाइट नहीं बढ़ेगी। उसकी हेल्थ अच्छी नहीं होगी। इन सभी के लिए भी बचपन में कैल्शियम की बहुत जरूरत होती है।

इसी प्रकार युवाओं के लिए, उनको मजबूत रखने के लिए, कैल्शियम जरूरी होता है। जो आपकी हड्डियों के साथ, मांसपेशियों को भी मजबूत व हेल्दी बनाये रखता है। वही वृद्धावस्था में, इसकी जरूरत और अधिक हो जाती है। क्योंकि इस उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस व ओस्टियोपेनिया जैसी बीमारियां हो जाती हैं। यानी हड्डियों की घनत्व कम होने लगता है। क्या आप जानना चाहेंगे : ज्यादा नींद आना किस बीमारी के लक्षण हैकिस विटामिन की कमी से नींद ज्यादा आती है।

कैल्शियम के कार्य

किसी भी महिला, पुरुष, वृद्ध या बच्चों सभी को कैल्शियम की जरूरत होती है। इसकी जरूरत जीवन की शुरुआत से लेकर अंत तक रहती है। यह हमारे शरीर की कुल वजन का 2% होता है। अब इस 2% का 99% हमारे दांतों व हड्डियों में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त एक प्रतिशत हमारे सॉफ्ट टिशूज और शरीर के फ्लूट में पाया जाता है। अब इस कैल्शियम के शरीर में होने वाले कार्यों को जानते हैं।

1. Formation of Bones ( हड्डियों के बने वह मजबूती देने में सहायक)

2. Formation of teeth ( दांतों के बनने व मजबूत रखने में सहायक)

3. Growth and Development of Body ( शरीर की वृद्धि व विकास में सहायक)

4. Help in Blood clotting (रक्त का थक्का जमने में सहायक)

5. Control of Muscles Contraction ( मांसपेशियों के संकुचन के नियंत्रण में सहायक)

6. To Keep Heart Beat Balance ( दिल की धड़कन को संतुलित रखने में सहायक)

7. Helps in Sensitive of Nerves ( नसों की संवेदनशीलता में सहायक)

8. To Keep Permeability of Cells Membrane (कोशिका झिल्ली की पारगम्यता को बनाए रखने में सहायक)

9. Help in Enzymes Action ( एंजाइम्स की क्रियाशीलता में सहायक)

कैल्शियम की कमी क्यों होती है  

     कैल्शियम जब लंबे समय तक, हमारी डाइट में कम रहता है। तो इसकी वजह से धीरे-धीरे कैल्शियम की कमी होना शुरू हो जाती है। कैल्शियम हमारे शरीर में पहले से ही स्टोर रहता है। जब भी हमारे शरीर को इसकी जरूरत होती है। तो हड्डियों के द्वारा, यह हमारे ब्लड तक पहुंच जाता है। मुख्य रूप से इसके दो कारण हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : अजवाइन के फायदेरात को सोते समय अजवाइन खाने के फायदे। अजवाइन के नुकसान।

पहला कारण – हमारे शरीर में कैल्शियम का अवशोषण नहीं हो पा रहा है। यानी हम जो भी डाइट ले रहे हैं। उसे कैल्शियम हमारे शरीर में अवशोषित नहीं हो पा रहा है।

दूसरा कारण – हमारी किडनी से अधिक मात्रा में, कैल्शियम बाहर निकल रहा है। यानी अधिक मात्रा में पेशाब के द्वारा कैल्शियम बाहर निकल रहा है। जिसमें किडनी अच्छे से कार्य नहीं कर पा रही है।

कैल्शियम की कमी के पीछे, जो यह दो कारण होते हैं। वह कुछ कमियों के कारण पैदा होते हैं। जो इस प्रकार है-

1. हाइपोपैराथाइरॉएडिज्म –

    पैराथायराइड एक ग्रंथि होती है। जो हमारे रक्त में कैल्शियम के लेवल को नियंत्रित रखती है। जब यह ग्रंथि पैरा थायराइड हार्मोन (PTH) का उचित रूप से स्राव नहीं कर पाती है। जिसके कारण ब्लड में कैल्शियम का लेवल कम हो जाता है।

2. Di-Gearge Syndrome – इसमें बच्चों के जन्म के साथ ही पैराथायराइड  ग्रंथि नहीं होती है। इसके कारण ही बच्चें के शरीर में कैल्शियम की कमी रहती है।

3. मैग्नीशियम का स्तर कम होना – मैग्नीशियम की कमी होने पर भी पैराथायराइड ग्रंथि उचित रूप से कार्य नहीं कर पाती है। इसके कारण भी रक्त में कैल्शियम की कमी हो जाती है।

4. विटामिन डी की कमी – कैल्शियम के  अवशोषण में विटामिन डी मदद करता है। यानी जब भी हम कैल्शियम युक्त भोज्य पदार्थों को लेते हैं। तो इन भोज्य पदार्थों से, कैल्शियम का अवशोषण के लिए, विटामिन डी की आवश्यकता होती है।

5. किडनी की खराबी – अगर हमारी किडनी सही से काम नहीं कर रही है। तो इस दौरान भी हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। क्योंकि किडनी  अपशिष्ट पदार्थों को छानकर, शरीर से बाहर निकलती है। किडनी के उचित रूप से कार्य न करने के कारण, कैल्शियम भी शरीर से बाहर निकल जाता है।

6. दवाओं के प्रयोग के कारण – कुछ दवाई भी ऐसी होती है जो हमारे लिए नुकसानदायक होती है इनकी वजह से कैल्शियम हमारे शरीर से बाहर होने लगता है कैल्शियम का अवशोषण नहीं हो पता है। इनमें कुछ antibiotics, antiseizure दवाइयाँ ऐसी होती है, जो कैल्शियम का अवशोषण नहीं होने देती है। 

कैल्शियम की कमी के लक्षण  

हमारी हड्डियों की मजबूती व विकास के लिए, कैल्शियम की आवश्यकता होती है। लेकिन इसके अतिरिक्त भी, हमारे शरीर में बहुत से ऐसे कार्य होते हैं। जिनमें कैल्शियम की जरूरत होती है। जब हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। तो बहुत सी विषमताएं दिखाई देने लगती हैं। कैल्शियम अकेले सारे काम नहीं करता है। बल्कि इसके साथ अन्य मिनरल्स व विटामिन्स मिलकर कार्य करते हैं। लेकिन यहां पर कैल्शियम का प्रतिशत ज्यादा होता है।

इसलिए कैल्शियम की कमी होने पर, अन्य विटामिन और मिनरल्स भी अपना कार्य सही से नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण हमारे शरीर में बहुत से लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं। कैल्शियम की जरूरत बच्चों को, महिलाओं को, युवाओं को, वृद्धो सभी को होती है। इन सभी में जब कैल्शियम की कमी होती है तो कौन-कौन से लक्षण दिखाइए पड़ते हैं। इसके बारे में जानते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : विटामिन बी 12 फलविटामिन बी 12 की कमी। विटामिन बी 12 की कमी के लक्षण।

महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण  

कैल्शियम की कमी से दो प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं। इनमें कुछ सामान्य और कुछ गम्भीर होते हैं। जब शुरुआती दौर में, कैल्शियम की कमी होने लगती है। तो कुछ लक्षण दिखाई पड़ते हैं। लेकिन जब इसकी कमी लंबे समय तक बनी रहती है। तो इसके गंभीर लक्षण दिखाई पड़ते हैं।

1. मांसपेशियों में अकड़न व दर्द – इसके कारण हाथ पैर की मांसपेशियों में दर्द महसूस होने लगता है इसका कारण भी कैल्शियम की कमी है।

3. कमर व पैरों में दर्द – कमर व पैरों की हड्डियों में, जब कैल्शियम की कमी होने लगती है। तो इनमें दर्द होना शुरू हो जाता है।

4. जोड़ों में दर्द – 40 साल के बाद, अधिकतर महिला और पुरुषों के जोड़ों में दर्द होने लगता है। जिसका मुख्य कारण कैल्शियम की कमी ही है। इसके अतिरिक्त फॉलिक एसिड, विटामिन सी व डी की कमी भी हो सकती है।

4. नींद की कमी होना – कैल्शियम की कमी के कारण, नींद आने की समस्या हो जाती है। जिसके कारण तनाव भी पैदा होता है।

5. मानसिक भ्रम की स्थिति – व्यक्ति को किसी भी चीज को पहचानने में दिक्कत होती है। जो चीज नहीं होती है, उसका भी एहसास होता है। ऐसी चीज सुनाई देती हैं, जो वहां पर नहीं है। यानी व्यक्ति में भ्रम की स्थिति होती है। उसे दिन और रात का, या जगह का सन्देह होने लगता है।

6. याददाश्त में कमी – ऐसे में व्यक्ति की याददाश्त में कमी होने लगती है। वह कोई भी चीज रखकर भूल जाता है। क्या आप जानना चाहेंगे : किडनी की बीमारी के 10 संकेतक्या किडनी ठीक हो सकती है। किडनी का रामबाण इलाज।

पुरुषों में कैल्शियम की कमी के लक्षण 

यूँ तो कैल्शियम हमारे शरीर में पहले से ही, उचित मात्रा में हमारी हड्डियों में मौजूद होता है। लेकिन अगर हम लंबे समय तक, इसको अपने खाने में न लें। तो उसके लक्षण धीरे-धीरे दिखाई पड़ने लगते हैं। जो इस प्रकार है।

1. भूख में कमी – कैल्शियम की कमी के कारण भूख में कमी दिखाई पड़ने लगती है जिसको लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।

2. थकान लगना – व्यक्ति को शरीर में दर्द के साथ थकावट भी महसूस होगी।

3. नाखूनों का कमजोर होना – लगातार लंबे समय तक कैल्शियम की कमी के कारण नाखून टूटने लगते हैं।

4. हाथ व पैर की उंगलियों में झनझनाहट – व्यक्ति को हाथ व पैर की उंगलियों में झनझनाहट के साथ सुन्नपन की भी स्थिति हो जाती है।

5. खाना निगलने में परेशानी – कैल्शियम की कमी के कारण, हमारी मांसपेशियों में कड़ापन आने लगता है। यह ऐंठने बैठने लगती हैं। जिसके कारण खाना निगलने में दिक्कत होती है।

6. रक्त का थक्का न बनना – कैल्शियम की कमी के कारण, रक्त का थक्का नहीं जमता है। इसका कारण विटामिन के भी होता है। जब यह दोनों एक साथ मिलते हैं। तो रक्त का थक्का जमता है। क्या आप जानना चाहेंगे : थायराइड क्या है। थायराइड के मरीज को कभी नही करनी चाहिए ये 7 चीजें

बच्चों में कैल्शियम की कमी के लक्षण

कैल्शियम की कमी बच्चों में भी अधिक देखने को मिलती है। जिसके कारण उनके शरीर में कुछ लक्षण दिखाई पड़ते हैं। जो इस प्रकार हैं।

पैरों का धनुषाकर होना – जन्म के बाद, जब बच्चा बड़ा होना शुरू होता है। तो उसे बहुत से विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है। जिसमें खासतौर पर कैल्शियम की जरूरत होती है। बच्चों के विकास के लिए, कैल्शियम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। अगर इस दौरान कैल्शियम की कमी हो जाती है। तो उसकी हड्डियां टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं। जिसके कारण उनके पैरों का आकार धनुष के आकार का हो जाता है।

रिकेट्स – बच्चों में सूखा रोग विटामिन डी की कमी के कारण होता है। कैल्शियम के अवशोषण के लिए, विटामिन डी की जरूरत होती है। अगर शरीर मे विटामिन डी की कमी होती है। तो कैल्शियम का अवशोषण नहीं हो पता है।

3. पिजन चेस्ट – इसमें बच्चों की पसलियां उभरकर बाहर की ओर आ जाती है। सामान्यत यह फैली हुई होती हैं। लेकिन कैल्शियम की कमी के कारण, इनका उचित विकास नहीं हो पता है। तो यह सिकुड़कर उभर जाती हैं।

4. दांतों का टेढ़ा-मेढ़ा होना – कैल्शियम की कमी के कारण बच्चों में दांत देर से निकलते हैं। इसके अलावा दांतों का आकार सही नहीं होता है। यह छोटे-बड़े हो सकते हैं या फिर टेढ़े-मेढ़े हो सकते हैं।

5. दांतों का झड़ना – इसमें दांतों के इनेमल वाली लेयर धीरे-धीरे निकलने लगती है। यह अधिकतर दूध पीने वाले बच्चों में दिखाई देती है। उनके दूध के दांत झड़ने लगते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : लहसुन खाने के फायदेपुरुषों के लिए कच्चे लहसुन खाने का लाभ।

कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग  

कैल्शियम हमारे शरीर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी होने पर हड्डियों और दाँतों से संबंधित रोगों के अलावा, कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। बढ़ती उम्र के साथ कैल्शियम की कमी होती ही है। क्योंकि जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं मिलता है। तो इस कैल्शियम की पूर्ति हड्डियों में  एकत्रित कैल्शियम से पूरी होती है। जिसके कारण बहुत से रोगों के होने का खतरा बढ़ जाता है।

1. ऑस्टियोपोरोसिस – यह एक हड्डियों से जुड़ा रोग है। जिसमें हड्डियां कमजोर व पतली हो जाती है। इसके कारण हड्डियों को टूटने का खतरा भी बना रहता है।

2. कोलन कैंसर – शरीर में कैल्शियम की कमी होने के कारण, कोलन कैंसर की भी  संभावनाएं हो सकती है। कैल्शियम की कमी से एडिनोमा ट्यूमर का खतरा भी बढ़ जाता है।

3. हृदय संबंधी बीमारियां – कैल्शियम की कमी के कारण कोलेस्ट्रोल का लेबल बढ़ जाता है। जिसके कारण हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कई गुना हो जाता है। इसके कारण ब्लड प्रेशर व उच्च रक्तचाप की भी समस्या हो सकती है।

4. टेटनी – खून में कैल्शियम की अत्यधिक कमी होने पर, नसों की  गतिविधि बढ़ जाती है। जिसके कारण मांसपेशियों में संकुचन होने लगता है। इसके कारण उंगलियों, होठों, बाँहो तथा टांगों में सुन्नपन होने लगता है। यहाँ पर ऐंठन या गाँठ हो सकती है। क्या आप जानना चाहेंगे : हार्ट अटैक आने से 1 महीने पहले ही शरीर देने लगता हैं, ये संकेतहार्ट अटैक क्यों आता हैं। इसकी विस्तृत जानकारी।

कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ  

सामान्यतया सभी व्यक्तियों को एक दिन में 1000mg कैल्शियम जरूर खाना चाहिए। जिन महिलाओं की उम्र 50 साल से ज्यादा और पुरुषों की 70 साल से ज्यादा है। उन्हें प्रतिदिन 1200mg कैल्शियम जरूर खाना चाहिए। वही 0 उम्र से लेकर 6 महीने के बच्चों को 200mg कैल्शियम, 7 महीने से लेकर 12 महीने के बच्चों को प्रतिदिन 260mg  कैल्शियम खाना चाहिए। 

1 साल से 3 साल तक के बच्चों को 700mg कैल्शियम प्रतिदिन खाना चाहिए। 4 साल से 8 साल की उम्र के बच्चों को 1000mg कैल्शियम, तो वही 9 से 18 साल के बच्चों को 1300mg कैल्शियम प्रतिदिन खाना चाहिए। अधिकतर लोगों में खराब डाइट की वजह से कैल्शियम की कमी होती है। कैल्शियम से भरपूर भोजन खाकर, आप अपनी कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं।

1. उच्च प्रकार के बीज – इनमें खसखस, तिल, अजवाइन, चिया बीज में अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। 9 ग्राम खसखस में लगभग 126mg कैल्शियम पाया जाता है। 9 ग्राम तिल में 88mg कैल्शियम होता है। 9 ग्राम अजवाइन में 115mg कैल्शियम होता है। 9 ग्राम चिया सीड में 60mg कैल्शियम होता है। 

इन सभी में कैल्शियम के अतिरिक्त विटामिन्स, खनिज तत्व व अन्य पोषक पदार्थ भी पाए जाते हैं। जो हमें अन्य बहुत सी बीमारियों से बचाते हैं। इसके साथ ही, हमारे शरीर के लिए भी लाभदायक होते हैं।

2. सभी प्रकार की दालें व फलियां – सभी तरह की दालों और फलियां में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। इसकी मात्रा 15 mg से लेकर 300 mg तक हो सकती है। 100 ग्राम सफेद चने में 105 mg कैल्शियम, 100 ग्राम हरी फलियां में 37 mg कैल्शियम, 100 ग्राम राजमा में 143 mg कैल्शियम, 100 ग्राम मूंग की दाल में 132 mg कैल्शियम, 100 ग्राम सोयाबीन में 277 mg कैल्शियम तथा 100 ग्राम अरहर की दाल में 130 mg कैल्शियम पाया जाता है।

इनमें कैल्शियम के अलावा फाइबर, प्रोटीन, बहुत सारे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कॉपर, बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट तथा विटामिन पाए जाते हैं।  इनको उचित मात्रा में खाने से, खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है। तो वही अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है।

3. चीज व पनीर – अलग-अलग प्रकार के चीज में अलग-अलग मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। 28 ग्राम चीज में 52 mg से लेकर 331 mg तक कैल्शियम पाया जाता है। दूध व दूध से बनी चीजों में, जो कैल्शियम पाया जाता है। वह पौधों से मिलने वाले कैल्शियम से जल्दी हजम हो जाता है। इसके अतिरिक्त  इसमें अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं।

100 ग्राम पनीर में 90 mg कैल्शियम पाया जाता है। इसी तरह कैल्शियम के अतिरिक्त पनीर में, अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : हल्दी के फायदे। हल्दी दूध के फायदेदूध में हल्दी के नुकसान।

4. दही – दही में भी अच्छी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। 100 ग्राम दही में लगभग 180 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। दही में पनीर की तुलना में, दोगुना कैल्शियम पाया जाता है।

5. बादाम – सभी प्रकार के नट्स में से बादाम में, अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। 100 ग्राम बादाम में लगभग 264 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है।

Disclaimer      
लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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