Simplest Way to Stay Healthy Life in Hindi | स्वस्थ्य रहने के ५ सूत्र

To Stay Healthy, Health Tips, Fitness Tips, Tips for Good Lifestyle, Natural Health Tips, Best Health Care Tips [ स्वस्थ रहने के सूत्र, स्वस्थ रहने के लिए नियम ]

Top 5 Best Health Care Tips in Hindi
लंबी और हेल्दी जिंदगी के लिए टिप्स

पहले आप अपनी habits को बनाते हैं। उसके बाद पूरी जिंदगी आपकी habits, आपको बनाती है। Aristotle ने कहा था कि “आपके द्वारा किए गए 95% काम, आपकी habits का परिणाम है”। अच्छी habits को बनाना मुश्किल है। लेकिन उनके साथ जीना बहुत आसान है। बुरी आदतों को बनाना, बहुत आसान है। लेकिन उनके साथ जीना, बहुत ही मुश्किल।

स्वस्थ कैसे रहें। यह एक ऐसा प्रश्न है। जिसे आजकल हर व्यक्ति जानना चाहता है। हमारे चारों ओर का वातावरण और हमारा खान-पान, इतना ज्यादा दूषित हो चुका है।  सच में, हमे अपनी health की तरफ ध्यान देने की बहुत ज्यादा जरूरत है। आज के समय में, अगर लोगों को खुद को फिट रखना है।

तो हमें अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूर करने चाहिए। यदि कोई भी व्यक्ति सफल होना चाहता है। तो सबसे जरूरी है कि उसका शरीर स्वस्थ रहें और वह रोग मुक्त हो। ताकि इस खूबसूरत जिंदगी को, और ज्यादा खूबसूरती से healthy रहकर जी सकें।

हमारे स्वास्थ्य सिद्धांत, हमें यही सिखाते हैं। स्वास्थ्य स्वभाविक है। रोगों को हम अर्जित करते हैं। यानी कि हम स्वाभाविक रूप से  जिए। अगर हम प्रकृति के समीप होकर जिए। अगर हम अपनी जीवनशैली को ठीक रखें। तो हमें कोई बीमारी, कोई समस्या नहीं होगी।

अगर होती भी है। तो हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र (immune system) उससे स्वयं निपट लेगा। उसे ठीक कर लेगा। अतः स्पष्ट है कि हमारी दिनचर्या, हमारा रहन-सहन, हमारा भोजन, हमारे शरीर की प्रकृति ही है। जिसको हमें समझने की जरूरत है। इसी समझ को विकसित करने के लिए, कुछ tips आपके साथ साझा कर रहे हैं। क्या आप जानना चाहेंगे : लंबा व स्वस्थ्य जीवन जीने का रहस्य

5 ways to stay healthy in Hindi

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रोग मुक्त रहने के लिए – पानी का महत्व
The Importance of Water

  आपको सुबह उठकर, तीन से चार गिलास पानी का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए, सबसे जरूरी है।  सुबह उठकर, तीन से चार गिलास गुनगुना पानी पिया जाए। सुबह जल्दी उठकर, बिना ब्रश किए। अगर आप गुनगुना पानी पीते हैं। तो इससे आपके body के toxins बाहर निकल जाएंगे। 

इस बात का भी ध्यान रखें कि पानी पीने के बाद, 45 मिनट तक आपको कुछ भी नहीं खाना-पीना है। पिछले दिन जो भी आपने उल्टा सीधा खाया पिया है। गर्म पानी उन सभी को dissolve कर देता है। इससे हमारी body में fat बिल्कुल नहीं बनता। हमारी body बहुत लंबे समय तक, slim बनी रहती है।

हमें अपनी body को कभी भी dehydrate नहीं रखना चाहिए। अगर हमारा शरीर hydrate रहेगा। तो इसके बहुत सारे फायदे हैं। इसलिए हमें दिन भर में, कम से कम 2 से 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। इससे हमारी शरीर का metabolism सही रहता है। Digestion में कोई भी problem नहीं आती। 

हमें खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। क्योंकि हम जो कुछ भी खाते हैं। वह सब हमारे आमाशय यानी जठर में जाता है। जो हमारी नाभि के बाई ओर होता है। जैसे ही हमारा खाना अमाशय में पहुंचता है। तो उसमें एक आग जलती है। जिसे जठर अग्नि कहा जाता है। यही हमारे digestion में सहायक होती है।

हमारे पानी पीते ही, यह जठराग्नि शांत हो जाती है। जिसके परिणाम स्वरूप हमारा खाना digest नहीं हो पाता। यह हमारे पेट में सड़ने लगता है। जिसके कारण हमारे शरीर में 100 से ज्यादा विष पैदा होते हैं। इसके कारण ही, हम अनेकों बीमारियों को जन्म देते हैं। इन सबसे बचने के लिए, हमें खाना खाने के 1 घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए। 

अगर आप खाने के तुरंत बाद, कुछ पीना ही चाहते हैं। तो छाछ, लस्सी, फलों का रस या दूध पी सकते हैं। इसमें एक बात और शामिल कर ले। तो और भी अच्छा है। सुबह के नाश्ते के बाद, फलों का रस पीना अच्छा है।

दोपहर के खाने के बाद, लस्सी या मट्ठा पीना अच्छा है। रात का खाना खाने के बाद, दूध पीना अच्छा है। अगर आप इन नियमों का पालन करते है। तो शरीर में होने वाले वात, पित्त और कफ को संतुलित रख सकते हैं।  क्या आप जानना चाहेंगे : हमेशा खुश रहने का आसान तरीकाHow to Increase Happy Hormones in Brain।

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पानी पीने का नियम
Drinking Water Rules

पानी को हमेशा घूट-घूट भरकर (sip) ही पीना चाहिए। हम जब एक-एक घूंट पानी पीते हैं। तो हमारे मुंह का Saliva, पानी के साथ पेट में जाता है। हमारे मुंह की लार छारीय होती है। जबकि पेट में हमेशा अम्ल बनता रहता है। बार-बार लार के अंदर जाने से, पेट की अम्लता नष्ट होती जाती है। 

इससे हम कभी भी एसिडिटी नही होगी। न ही कभी वात, पित्त व कफ दोष असन्तुलित होते हैं। फ्रिज का ठंडा पानी या बर्फ का पीने से बचें। अगर गर्मी के दिनों में, सादे पानी से संतुष्टि नहीं मिलती। तो घड़े का पानी ही पिए।

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पानी के TDS को Maintain करें
Maintain TDS of water

 हम सबके घरों में, RO लगे होने की वजह से, पानी का TDS बहुत कम हो गया हैं। इसको आपको समझना बहुत जरूरी है। TDS का मतलब – Total Dissolved Solids (TDS) है। पानी में कितने solid dissolve हैं। यह solids कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, आयरन और बहुत सारे मिनरल्स हैं।

हमारे घरों में लगा RO इस TDS को 50 से भी नीचे लेकर जा रहा है। जिसकी वजह से, हमारे शरीर को पानी से मिलने वाले, मिनरल्स नहीं मिल पा रहा है। यह संभव नहीं है कि आप अपने घरों से RO को निकाल दें। क्योंकि हो सकता है। आपके यहां आने वाला पानी गंदा हो।

तो जो लोग पानी को boil कर सकते हैं। तो इससे बढ़िया तरीका, दूसरा नहीं है। अगर आप यह भी नहीं कर सकते हो। तो आपको simple filter का use करना चाहिए। क्योंकि अगर आप 300-400 TDS का पानी भी पीते हैं। तो भी आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं होता। 100 से कम TDS कभी भी नहीं होना चाहिए।

वहीं अगर आप RO का पानी पीना ही चाहते हैं। तो उसमें कुछ normal water या tap water को शामिल कर लीजिए। ताकि उसका TDS थोड़ा बढ़ जाए। क्योंकि हमारे brain को, बहुत से minerals की जरूरत होती है। क्या आप जानना चाहेंगे :  तुलसी के फायदे10 Benefits of Tulsi।

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रोग मुक्त रहने के लिए – क्षारीय(Alkaline) खाने का महत्व
Importance of Eating Alkaline Food

अगर आप सेहतमंद रहना चाहते हैं। तो खाने के लिए, कुछ चीजें समझनी बहुत जरूरी है। हर खाने की एक pH value होती है। यह pH value हमें बताती है कि कोई भी खाना एसिडिक या अल्कलाइन है। pH Range 1 से लेकर 14 तक होती है। 1 पर चीज बहुत ज्यादा acidic होती है। जबकि 14 पर चीज, बहुत ज़्यादा अल्कलाइन होती है।

जैसे normal water की pH value 7 होती है। जो 6.5 से लेकर 8.5 तक vary करती है। हमारा जो human blood है। उसकी pH value 7.35 से लेकर 7.45 तक होती है। यह जानना आपके लिए, इसलिए भी जरूरी है। क्योंकि हमारे शरीर में, जितनी भी गंदी disease पैदा होती हैं। जो long-term disease हैं। जिन्हें हम lifestyle disease भी कहते हैं।

इन सभी disease को पैदा होने के लिए, एक environment की जरूरत होती है। वह acidic environment होता है। कोई भी गंदी बीमारी वहां पर पैदा नहीं हो सकती। जहां पर alkaline environment हो। 

Alkaline का मतलब, हम pH value 7 से ऊपर जाते जाएं। खाने में, हमें उन चीजों को लेना चाहिए। जिनकी pH value 7 या 7 से ज्यादा है। तो हमारी body के अंदर का atmosphere जो है। वो alkaline रहेगा। यहां पर यह मतलब नहीं है। आप pH value 7 से नीचे की चीजों को न खाएं। 

बल्कि अगर आप खाते भी हैं। तो उसे कम कर लें। या फिर उसे neutral कर ले। High pH value वाली चीजों को खाकर। अपनी को alkaline food ज्यादा लेकर, उसे neutral कर लें। यहां पर मैं किसी भी चीज को लेने और छोड़ने की बात नहीं कर रहा। यहां पर मेरा उद्देश्य, सिर्फ आपको  करना है। क्या आप जानना चाहेंगे : मोटापा कैसे कम करेंमोटापा कारण , लक्षण, निदान व उपचार। मोटापे के रोगी क्या खाएं, क्या नही।

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रोग मुक्त रहने के लिए – पाचन (Digestion) का महत्व
Importance of Digestion

हम सभी की body में पाचन के लिए, एक ऐसी मशीन लगी है। हम जो भी खाना खाते हैं। इस खाने से हमारी body energy को extract करती है। इसमें जो हम खाना खाते हैं। उसे पहले digest किया जाता है। जोकि metabolism का एक process है।

इस process को पूरा करने के लिए,  हमारे पेट में एक digestive fire जलती है। यह कोई आग नहीं होती। बल्कि एक heating process होता है। जिसे जठराग्नि (digestive fire) बोला जाता है। ये जठराग्नि ही, हमारे खाने को digest करती है।

हमारे खाने से जो energy हमें चाहिए। उसे absorb कर लेती है। बाकी waste को अगले दिन सुबह के लिए निकाल देती है। अगर digestion properly न हो। तो ये waste हमारे शरीर में ही रह जाएगा। energy वहां से निकल नहीं पाएगी। लेकिन हम अपने lifestyle की वजह से, खाने को properly digest नहीं कर पा रहे है।

Digestion के लिए, सबसे पहली जरूरत physical workout है। लेकिन शायद यह सभी के लिए, possible नहीं है। तो इसके लिए आप Conscious Eating कर सकते हैं। आपको खाने को consciously खाना चाहिए। आयुर्वेद में कहा गया है। खाने को पानी की तरह और पानी को खाने की तरह खाए।

यानी आप अपने मुंह में खाने को चबाकर, इतना पतला कर ले। कि वह पानी के जैसा हो जाए। इससे हमारे पेट को digestion process में बहुत मदद मिलती है। इसके साथ ही आप physical movement को अपनी दिनचर्या का एक हिस्सा बनाएं। 

Physical Exercise करना तो दूर की बात है। हम physical movement भी नहीं कर रहे हैं। क्योंकि हमारे पेट में जलने वाली जठराग्नि के लिए, physical movement का होना बहुत आवश्यक है। क्या आप जानना चाहेंगे : सुपर फूड आमला के गुण व फायदेकिन-किन रोगों मे लाभकारी।

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रोग मुक्त रहने के लिए – Oxygen (O2) का महत्व
Importance of Oxygen (O2)

ऑक्सीजन जो कि पानी और खाने से भी ज्यादा जरूरी है। हम खाने के बगैर तो कुछ महीने जिंदा रह सकते हैं। वहीं पानी के बगैर कुछ दिन। लेकिन हम ऑक्सीजन  के बिना 1 मिनट भी जिंदा नहीं रह सकते। हमें healthy रहने के लिए, ऑक्सीजन के साइंस को समझना बहुत जरूरी है।

यह ऑक्सीजन हमारी प्रकृति ने बिल्कुल free में दे रखा है। लेकिन आजकल हम खुद ही, इन पेड़ों को काटकर। इस ऑक्सीजन के level को कम करते जा रहे हैं। ऑक्सीजन हमारे लिए बहुत जरूरी है। हर व्यक्ति को रोजाना 500 लीटर ऑक्सीजन चाहिए। यह ऑक्सीजन हमें 11000 लिटर fresh air से मिलती है।

लेकिन आजकल शहरों में fresh air मिल ही नहीं रही है। Polluted air ज्यादा हो गई है। उसमें Dust Particles, Carbon, बहुत सी Gases आज बढ़ गई है। इससे pure air हमें बहुत कम मिलती है। तो यहां पर हमें इस बात की चिंता नहीं करनी है। कि ऑक्सीजन हमें नहीं मिल रही है।

बल्कि हमें इसे improve कैसे किया जा सकता है। इस पर सोचना चाहिए। इसके लिए हमें Japanese Technique को follow करना चाहिए। वह है, Declutter करने की तकनीक। जैपनीज लोग बहुत minimalist होते हैं। इनके घरों में उतना ही समान होता है। जितना जरूरी है। वह ऐसा इसलिए करते हैं। क्योंकि आपके room में जितनी ज्यादा जगह होगी। उतनी ज्यादा आपके room में fresh air आ सकेगी।

जैसे कि आधा पानी से भरा गिलास, भी पूरा भरा होता है। आधा पानी से और आधा हवा से। उसी तरह हमारा room भी आधा सामान से और आधा हवा से भरा होता है। तो कोशिश करें कि जितनी हो सके। Fresh Air को room में आने दें। इतनी ज्यादा pure Oxygen आपको मिलेगी।

 शहरों में आप एक छोटा-सा काम कर सकते हैं। आप ऐसे plants लगा सकते हैं। जो हर समय ऑक्सीजन छोड़ते हैं। जिसमें सबसे पहला पौधा Holy Basil है। यानी कि तुलसी का पौधा। हिंदू धर्म में इसे बहुत बड़ी मान्यता दी गई है। यह पौधा हमें 24 घंटे ऑक्सीजन देता है। दूसरा पौधा एलोवेरा या ग्वारपाठा है। जो कि 24 घंटे ऑक्सीजन produce करता है।

इससे आपको बहुत सारा जेल भी मिलता है। जिसे आप अपनी skin पर भी लगा सकते हैं। छोटे पाम के पौधों को लगा सकते हैं। ऐसे बहुत से पौधे हैं। जो चौबीसों घंटे ऑक्सीजन produce करते हैं। दूसरा काम हम conscious breathing भी कर सकते हैं। हम दिन में एक बार 5 मिनट के लिए ही, deep breathing कर सकते हैं।

इसमें 5 मिनट के लिए, सिर्फ अपनी सांसो का ध्यान लगाएं। लंबी सांस लें और आराम से इसे छोड़ दें। जिस area में आप आप Oxygen को properly पहुंचाना चाहते हैं। यानी कहीं पर कोई disease है। तो वहां पर consciously breathe करके। आप ऑक्सीजन को उस area में ले जा सकते हैं।

जहां आपका ध्यान जाता है। वहां पर  ऑक्सीजन जाती है। थोड़ी देर के लिए, conscious breathing अगर आप करते हैं। तुझे आपकी सेहत से लिए, बहुत ज्यादा लाभदायक होगा। क्या आप जानते हैं कि Cancer Cells और Normal Cells के metabolism में क्या अंतर है।

Normal Cells को grow करने के लिए, ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जबकि Cancer Cells को grow करने के लिए, Oxygen नहीं चाहिए। तो हम अपनी body को कैसा environment दे रहे हैं। Oxygen का या बिना Oxygen का।

कहा जाता है कि भगवान ने हमें जिंदगी नहीं दी। उसने हमें साँसे दे रखी है। जब हम Conscious Breathing करते हैं। इससे हमारी breathing slow हो जाती है। जिससे उम्र बढ़ती है। जिससे एंटी एजिंग तत्व बढ़ते हैं। जब हम Conscious Breathing करते हैं। तो हमारी जिंदगी, हमारे चेहरे की चमक बहुत बढ़ जाती है। तो दिन में थोड़े समय के लिए ही। लेकिन deep Conscious Breathing जरूर करें। क्या आप जानना चाहेंगे : मधुमेह के कारण, लक्षण, रोकथाम, घरेलू उपचार

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रोग मुक्त रहने के लिए – विकिरण (Radiations) का प्रभाव
Effect of Radiations

हम जानेंगे कि radiations क्या है। यह कैसे हमारी health को better कर सकते हैं। हम इस radiations को दो भागों में विभाजित कर सकते हैं। एक Non Ionic Radiation और दूसरा Ionic Radiation। कुछ rays हमारे लिए dangerous होती है। तो कुछ हमारे लिए जरूरी होती है।

कुछ X-rays हमारे लिए dangerous है। कुछ Gamma Rays, Nuclear Rays भी हमारे लिए dangerous हैं। कई बार जहाँ से कुछ गैस का leakage हो जाती हैं। वहां से जो rays निकलती है। वह हमारे लिए dangerous हो जाती है। High Radio active rays कई बार हमारे लिए dangerous हो जाती है।

लेकिन हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत से लोगों को misconception है। जो फोन की rays है। वह हमें नुकसान पहुंचा रही हैं। वाईफाई का radiation हमें नुकसान पहुंचा रहा है। टावर की rays हमें नुकसान पहुंचा रही है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। किसी भी फोन की rays हमें नुकसान नहीं पहुंचा रही।

एक निश्चित level के बाद, यह हमें नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है। जैसे  pregnant lady पर, छोटे बच्चों पर, इन rays का बुरा असर पड़ता है। इन लोगों को इन rays को avoid करना चाहिए। जो हमारे फोन से निकलती है। जब आपका फोन बजता है। या जब आपके फोन पर call आती है। 

 उस समय भी जब आप किसी को call करते हैं। उस समय अधिक मात्रा में rays निकलती हैं। इसलिए सावधानी रखते हुए। फोन को हमें ऊपर की जेब में नहीं रखना चाहिए। इससे आपके heart को नुकसान पहुंच सकता है। क्या आप जानना चाहेंगे : कब्ज का परमानेंट इलाज पुरानी कब्ज के लक्षण। कब्ज के नुकसान। बदहजमी का घरेलू इलाज। कब्जियत के घरेलू उपाय।

हमें फोन को डायल करते समय भी सावधानी रखनी चाहिए। फोन को डायल कुछ दूरी पर रखकर करें। क्योंकि हमारे कान के पास ही brain भी होता है। आजकल call लगते ही, फोन vibrate होता है। या timing चलने लगती है। तो हमें पता हो जाएगा। कि हमारी call connect हो गई है।

हमें रात में भी अपने फोन को दूर रख कर सोना चाहिए। क्योंकि उस समय हमारी body deep level पर चली जाती है। जहां हमारी Consciousness जीरो जाती है। उस समय यह कम rays भी,  हमारी body पर effect डाल सकती हैं। तो कोशिश कीजिए। आप अपने फोन को, कुछ दूरी पर रखकर सोए। आज हमारे दिन की शुरुआत फोन से होती है। दिन का अंत भी फोन से ही होता है।

लेकिन अगर हम अपने दिन की शुरुआत meditation से करें। वही दिन का अंत, अपने अगले दिन के goal को plan करते हुए करें। तो हमारी जिंदगी सचमुच better हो सकती है। यह रेडिएशन हमारे लिए नुकसानदायक नहीं हैं। बस कुछ precautions, अगर हम use कर ले। तो इनसे हम बहुत अच्छे से बच सकते हैं। अपनी health को improve कर सकते हैं।

Disclaimer     
लेख में सुझाए गए tips और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले, किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। myhealthguru इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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