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पुदीना के फायदे | पुदीना ठंडा होता है या गरम
Mint Leaves In Hindi | Mint Leaves Benefits
पुदीने का नाम सुनते ही, हम सभी के जेहन में, सबसे पहले इसकी चटनी का ख्याल आता है। किसी भी प्रकार के पराठे या स्नैक्स के साथ, इसका स्वाद लाजवाब हो जाता है। यह हमारी सेहत के लिए, बहुत फायदेमंद होता है। पुदीना हमारे मुंह से आने वाली दुर्गंध को भी दूर करने में सहायक होता है।
आयुर्वेद की मानें तो इसे प्राचीन समय से ही, औषधि की श्रेणी में रखा गया है। हमारी त्वचा से संबंधित रोगों के लिए भी, यह कमाल की औषधि मानी जाती है। पुदीने के अंदर बहुत से ऐसे औषधि गुण पाए जाते हैं। जो हमारी बहुत सी शारीरिक बीमारियों को दूर करने में सहायक होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद व अन्य प्रकार की, बहुत सी औषधियों में पुदीने की पत्ती व इसके रस का प्रयोग किया जाता है।
पुदीने के extract को, बहुत से कफ सिरप, तेल, टूथ पेस्ट, च्यूइंगम, साबुन, टेलकम पाउडर, इचिंग क्रीम व माउथ फ्रेशनर आदि में इस्तेमाल किया जाता है। यह स्वाद देने के साथ-साथ, हमारी सेहत में भी बहुत सुधार लाता है। पुदीना शरीर और मन पर ठंडा और शांत प्रभाव छोड़ता है। जिसकी वजह, इसमें मौजूद मेथनल होता है।
इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल व एंटीवायरल गुण भी पाए जाते हैं। जिससे बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है। पुदीने की खुशबू और स्वाद ताजगी भरने के लिए पर्याप्त होती है। यह हमारे भोजन के जायके को बढ़ाता है। पेट की तकलीफों में, इसका अद्भुत लाभ मिलता है। इसके औषधीय फायदों के बारे में जानकर, आप हैरान हो जाएंगे।

पुदीने में पाए जाने वाले पोषक तत्व
पुदीना में पाए जाने वाले पोषक तत्व | |
वैज्ञानिक नाम | मेन्था स्पाइकेटा (Mentha Spicata) |
देसी नाम | पुदीना व मिंट |
रासायनिक संघटन | |
मेंथा आयल | 0.4-0.6% |
मेंथाल | 65-75% |
मेन्थोन | 7-10% |
मेन्थाइल एसिटेट | 12-15% |
टरपीन ( पिपीन, लिकोनिन, कम्फीन) | 1.8-2.3% |
Nutrients Value Per 100g Mint | |
पानी | 80.55g |
एनर्जी | 45 Kcal |
प्रोटीन | 4.12g |
फैट्स | 0.94g |
कार्बोहाइड्रेट्स | 9.24g |
फाइबर | 5.6g |
मिनरल्स | • कैल्शियम – 180 mg • आयरन – 12.65 mg • मैग्नीशियम – 65 mg • फास्फोरस – 62 mg • पोटेशियम – 432 mg • सोडियम – 36 mg • जिंक – 1.24 mg |
विटामिन्स | • विटामिन A – 198 μg • विटामिन B1 – 0.065 mg • विटामिन B2 – 0.185 mg • विटामिन B3 – 0.936mg • विटामिन B6 – 0.155 mg • विटामिन B9 – 108 μg • विटामिन C – 14.8 mg |
फैट्स | • सैचुरेटेड – 0.187 g • मोनोअनसैचुरेटेड – 0.045 g • पॉलीअनसैचुरेटेड – 0.418 g |
पुदीना क्या होता है
पुदीना एक ऐसा झाड़ीदार पौधा होता है। पुदीना द्विवर्षीय कदाचित एकवर्षीय पौधा है। इसको अंग्रेजी में Mint कहा जाता है। जबकि इसका वैज्ञानिक नाम Mentha Spicata होता है। पुदीना lamiaceae family से संबंधित है। यह हमारे देश के सभी जहां पर पाया जाता है। इसकी बहुत सी प्रजातियां होती है।
लेकिन औषधि व आहार के लिए मेंथा स्पाइकेटा का ही प्रयोग किया है। इसको पहाड़ी पुदीना भी कहा जाता है। क्योंकि यह पहाड़ी इलाकों में अधिक होता है। आयुर्वेद के अनुसार, पुदीना का कफ़ और वात दोषों को कम करता है। हमारी भूख को बढ़ाता है। इसका प्रयोग मल-मूत्र संबंधी बीमारियों व शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए किया जाता है।
इसकी पत्तियों का सेवन करने से, विटामिन सी मिलता है। इसका सेवन चटनी व जलजीरा बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग बहुत सारी दवाइयों को बनाने में भी होता है। जितने भी ठंडे तेल होते हैं। उनमें इसके extract का प्रयोग किया जाता है।
पुदीना एक शीघ्र सुगंध देने वाला पौधा होता हैं। पुदीना मुख्य आहार तो नहीं होता है। लेकिन यह हमारे खाने के स्वाद को, कई गुना बढ़ा देता है।
पुदीना ठंडा होता है या गरम
आयुर्वेद में औषधियों का बहुत विस्तृत वर्णन देखने को मिलता है। इसी क्रम में, आयुर्वेद में वीर्य शब्द का प्रयोग होता है। जिसका मतलब शक्ति होता है। अर्थात यह प्राकृतिक रूप से गर्म या ठंडी है। उसी प्रकार पुदीने की तासीर गर्म होती है। फिर अक्सर यह दुविधा उत्पन्न होती है। कि अगर पुदीने की तासीर गर्म होती है। तो इसे गर्मियों में क्यों प्रयोग किया जाता है।
इससे ऐसे समझते हैं कि गर्मी के समय में, हमारे शरीर में वात का संचय होता है। वातावरण में भी गर्मी बनी रहती है। जिसके कारण लोगों को लू, लकवा व ब्लीडिंग की समस्या होने लगती है। जिसमें पुदीना वात को नियंत्रित करने का काम करता है। गर्मियों के मौसम में, पुदीना एक रामबाण औषधि होती है।
पुदीना हमारे वात से होने वाली बीमारियों में, बहुत फायदेमंद होता है। इसका कफ़ से संबंधित बीमारियों में भी, बहुत लाभ मिलता है।
पुदीना के औषधीय गुण
पुदीना एक अच्छा पोषक पदार्थ माना जाता है। पुदीने में एनर्जी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी कॉन्प्लेक्स, विटामिन सी, विटामिन डी विटामिन ई आदि पाए जाते हैं। जो हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।। इसके अलावा इसमें बहुत से खनिज पदार्थ जैसे सोडियम, फास्फोरस पोटैशियम, लौहतत्व, मैग्नीशियम व कैल्शियम पाया जाता है।
पुदीने में anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं। जो गर्मियों में आपकी त्वचा को स्वस्थ और ताजा रखने में सहायक होते हैं। यह सूजन, सरदर्द व stress कम करने में सहायक होता है। इतने पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट, हमारे शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायक होते हैं। यह हमें रोगों से दूर रखते हैं।
इसमें antibacterial गुण भी पाए जाते हैं। जो शरीर में बैक्टीरिया के द्वारा होने वाली समस्याएं से निजात दिलाते हैं। पुदीने में antiviral गुण भी पाए जाते हैं। जो शरीर में फैलने वाले, वायरस से संबंधित रोगों के लिए, फायदेमंद साबित होते हैं। पुदीने में antipyretics गुण भी पाए जाते हैं। जो बुखार को नियंत्रित करते है।
पुदीना कब खाना चाहिए
एक दिन में, आपको पुदीने की 5 – 10 ग्राम मात्रा लेनी चाहिए। इसके ज्यादा सेवन करने से, आपको एलर्जी की समस्या हो सकती है। आपको सीने में जलन आदि हो सकती है। इसके अलावा आपकी किडनी पर भी, इसका असर हो सकता है। इसके साथ ही, आपको आँतो में सूजन व कब्ज की समस्या भी हो सकती है।
आप पुदीने की चटनी बनाकर खा सकते हैं। पुदीने का प्रयोग आप जलजीरा में भी कर सकते हैं। पुदीने का जूस भी पी सकते हैं। इसके साथ ही आप पुदीने की चाय भी ले सकते हैं। पुदीने का प्रयोग सुबह खाली पेट करने से, इसके चमत्कारिक लाभ मिलते हैं। इससे हमारी आँतें मजबूत होती हैं। शरीर में इम्युनिटी बढ़ती है।
पुदीना के फायदे
Mint Leaves Benefits
1. आंतों के संक्रमण के लिए, पुदीना के फायदे-
कई बार गलत खान-पान के कारण, हमारें अमाशय व आँतों में संक्रमण हो जाता है। जिसके कारण, हमें दस्त व पेचिश की समस्या हो जाती है। इसकी वजह से, शरीर में पानी की कमी हो जाती है। हमें कमजोरी भी होने लगती है। ऐसे ऐसी स्थिति में, हमें पुदीने की चटनी का सेवन करना चाहिए।
एक कप पानी में, एक चम्मच पिसा हुआ पुदीना डालकर, अच्छे से पकाएं। जब इसकी मात्रा आधी रह जाए। फिर इसे छानकर, इसमें स्वादानुसार देसी खांड या सेंधा नमक मिला लें। अब इसका दिन में दो से तीन बार सेवन करें। इससे आपके दस्त और पेचिश में लाभ मिलता है। आंतों व अमाशय होने वाली सूजन व इंफेक्शन भी खत्म होता है।
2. मूत्र विकार या संक्रमण (UTI) में, पुदीना के फायदे –
जिन लोगों को बार-बार मूत्र संक्रमण की शिकायत हो जाती है। उन लोगों को पेशाब, जलन के साथ आती है। पेशाब बार-बार आती है। ऐसे लोग पुदीने की पत्ती को पीसकर, चटनी बना ले। अब इसे एक गिलास पानी में मिलाकर, इसमें आधा नींबू का रस व स्वादानुसार सेंधा नमक डालें।
फिर इसका सेवन सुबह व शाम को करें। तो इससे मूत्राशय की थैली में या मूत्र पथ में, किसी भी तरीके का संक्रमण खत्म होता है। जिसे Urinary Tract Infections (UTI) कहा जाता है, यह बिल्कुल खत्म हो जाता हैं। इससे पेशाब में होने वाली जलन खत्म होती है। पेशाब खुलकर होती है।
3. मुंह की दुर्गंध दूर करने में, पुदीना के फायदे –
बहुत से लोगों के मुंह से, बोलते समय दुर्गंध आती है। जिसके कारण बहुत शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। इसके लिए उन्हें पुदीने की चार से पांच पत्तियों को मुंह में रखकर, चबाना चाहिए। इससे मुंह से आने वाली बदबू खत्म हो जाती है। इसका कारण पेट की खराबी या पायरिया की शिकायत होना होता है। पुदीना पायरिया को भी खत्म करता है। साथ ही पेट की खराबी को दूर करने में भी मदद करता है।
जो लोग पत्तियों को नहीं चबा सकते हैं। वह 8 से 10 पत्तियों को पानी में उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए। तो इससे गरारा करें। हो सके, तो इस पानी को पी सकते हैं। इसके अतिरिक्त पुदीने की पत्तियों को सुखाकर, इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर में थोड़ा सा सेंधा नमक मिला लें। अब इससे दांतों व मसूड़ों पर मालिश करें। इससे भी लाभ मिलता है।
4. चेहरे पर पिंपल्स, झाइयों व खुजली के लिए, पुदीना के फायदे –
जिन लोगों के चेहरे पर बार-बार पिंपल्स हो जाते हैं। चेहरे पर काले धब्बे हो जाते हैं। जिसे झाइयां बोलते हैं। या चेहरे पर झुर्रियां पड़ जाती हैं। त्वचा में जगह-जगह पर दाद, खाज व खुजली की शिकायत हो जाती है। वह लोंग पुदीने की पत्ती की चटनी बना ले। फिर इसे कपड़े में डालकर, इसका रस निकाल ले।
इस रस की जितनी मात्रा हो। उसके बराबर उतनी ही मात्रा में एलोवेरा का रस मिला ले। अब त्वचा के जिस हिस्से पर समस्या हो। वहां पर रुई के सहायता से इसे लगाएं। इसे लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। फिर हल्के गुनगुने पानी से, इसे साफ कर लें। इससे इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
5. वात दोष के लिए पुदीना के फायदे –
जिन लोगों का वात प्रकृति वाला शरीर है। जिनका गलत लाइफस्टाइल के कारण, वात दोष बढ़ गया है। उनके पेट में हमेशा भारीपन रहता है। शरीर में हमेशा थकावट व दर्द बना रहता है। ऐसे लोग अगर पुदीने की पत्ती का काढ़ा बनाकर पीते हैं। इसका अद्भुत लाभ मिलता है। इसका इस्तेमाल सुबह-शाम खाना खाने के बाद करना चाहिए।
इसके लिए सूखे पुदीने की पत्ती एक चम्मच लेकर, इसे एक गिलास पानी में उबालना है। जब यह आधा रह जाए। तो इसे छानकर, इसमें देसी खांड या धागे वाली मिश्री का पाउडर या स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर, सुबह-शाम खाना खाने के बाद लेना चाहिए। इससे सभी तरह की वात विकारों में लाभ मिलता है।
6. कफ दोष बढ़ने पर, पुदीना के फायदे-
जिन लोगों का कफ प्रकृति वाला शरीर है। जिनका कुछ अंदरूनी या बाहरी कारणों से, गलत खान-पान के कारण, गलत रहन-सहन के कारण, कफ दोष बढ़ जाता है। जिससे गले में खराश, छाती में बलगम, शरीर के जोड़ों में ढीलापन, शरीर में कमजोरी महसूस होती है।
ऐसे लोग पुदीने की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें। अब एक चम्मच पेस्ट को, एक कप पानी में डाले। जब यह उबालकर आधा रह जाए। फिर इसे ठंडा करके, इसमें देसी खांड या शहद, कुछ भी स्वादानुसार मिला ले। अब इसे सुबह-शाम भोजन के आधे घंटे बाद लेने से, बढ़ा हुआ कफ़ तक समाप्त हो जाता है। आप निरोग महसूस करते हैं।
7. शरीर के दाह विकारों को खत्म करने में, पुदीने के फायदे-
जिन लोगों के शरीर से हमेशा गर्मी निकलती है। जिनका बार-बार मुंह सूखता है, यानी की प्यास लगती है। हाथ व पैरों से आग निकलती है। मन करता है कि ठंडी चीजों पर हाथ पर रखे। तो इसके लिए उन्हें भी एक चम्मच पुदीने का पेस्ट को, एक गिलास पानी में घोल लेना चाहिए।
इसमें स्वादानुसार नमक या देसी खांड मिला ले। अब इसे सुबह खाली पेट व शाम को खाना खाने से आधा घंटा पहले इस्तेमाल करें। इससे सभी तरह के दाह विकार में लाभ मिलता है। हाथ पैरों से आग निकलना, ज्यादा पसीना आना तथा अधिक प्यास लगने से राहत मिलती है।
8. बालों की समस्या में पुदीना के लाभ –
जिन लोगों के बाल झड़ रहे हैं। बालों की जड़ों में, बहुत ज्यादा रूसी की समस्या है। जिसे डैंड्रफ कहा जाता है। जिसके कारण धीरे-धीरे बालों की जड़ें कमजोर होकर, बाल झड़ रहे हैं। ऐसे लोग भी पुदीने की पत्ती का पेस्ट बना लें।
अब इसे बालों की जड़ों में लगाएं। इसे आधा घंटा लगा रहने दें। फिर से धो दें। ऐसा करने से बालों की जड़ों में जमा डैंड्रफ खत्म होता है। बालों की जड़ों को ताकत मिलेगी। इससे बालों की ग्रोथ भी अच्छी होने लगेगी। इसका इस्तेमाल हफ्ते में सिर्फ तीन बार करें। इससे बहुत अच्छा लाभ मिलता है।
9. माइग्रेन व सभी प्रकार के सरदर्द में, पुदीना के लाभ –
जिन लोगों के बार-बार सिर में दर्द होता है। माइग्रेन की समस्या है। ऐसे लोगों को 100 ग्राम पुदीने की पत्ती में, 400 ग्राम नारियल का तेल मिला लें। अब किसी ढक्कन बंद बर्तन में रखकर, 7 दिनों के लिए धूप में छोड़ दें। इसके बाद, इसे किसी कपड़े से छानकर रख ले। अब जब भी सर में दर्द हो। तो इसे माथे व सर में लगा सकते हैं।
इससे आपके बालों को किसी भी प्रकार कोई नुकसान नहीं होगा। वरन इससे सर के सभी प्रकार के दर्द में लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसी तेल को रुई या ड्रॉपर की सहायता से, दोनों नाक में तीन बूंद डालकर अंदर की ओर खींचे। ऐसा करने से सर की नसों की कमजोरी व सूजन खत्म होती है। जो सिर दर्द का कारण हो सकता है। इससे आपको लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
10. अस्थमा निमोनिया व साइनस में, पुदीना के लाभ –
जिन लोगों को अस्थमा एलर्जी की शिकायत होती है। जिन्हें बार-बार इनहेलर लेने की जरूरत पड़ती है। ऐसे लोग पुदीने की पत्ती को छाया में सुखाकर पाउडर बनाकर रख ले। इसके बाद हल्दी और सोंठ को बराबर मात्रा में लेकर, इसका भी पाउडर रख ले। अब एक गिलास पानी में, चौथाई चम्मच पुदीने का पाउडर और चौथाई चम्मच हल्दी और सोंठ का पाउडर डालकर अच्छे से पकाएं।
जब यह आधा रह जाए। तब इसे छानकर, इसमें शहद मिलाकर चाय की तरह पीने से, अस्थमा एलर्जी मे लाभ मिलता है। इसका दूसरा तरीका यह है कि आपको 10 ग्राम पुदीने का सत, 10 ग्राम अजवाइन का सत और 10 ग्राम भीमसेनी कपूर लेना है। इन तीनों तीनों को एक कांच की बोतल में रख ले। यह एक ही दिन में, आपस में अच्छे से मिल जाएंगे।
अब एक गिलास पानी उबलते पानी में, इसकी 6 से 8 बूंद डालकर भाप लें। इससे भी आपको लाभ मिलेगा। इसी तरह आप पुदीने के सत को रुमाल में डालकर, सूंघने से भी लाभ मिलेगा। यह जुखाम, सर्दी व निमोनिया में भी लाभकारी होता है। इन सभी समस्याओं के लिए, पुदीने के सत या अमृतधारा की 6 से 8 बूंदों को, गर्म देसी घी में मिला लें।
इसे माथे, नाक, गला, छाती, पीठ व पसलियों पर अच्छे से मालिश करने से लाभ मिलता है। वायरल इन्फेक्शन से होने वाले जुकाम में, साइनस में, निमोनिया व छाती जाम हो जाने में भी। इसकी मालिश करने से, बहुत अच्छा लाभ मिलता है।
11. मुंह के छालों व पेट की गर्मी में पुदीना के लाभ –
जिन लोंगो के मुंह में छाले हो जाते हैं। यह पेट की गर्मी के कारण छाले होते हैं। शरीर में विटामिन सी की कमी के कारण छाले होते हैं। पुदीने के अंदर विटामिन सी पाया जाता है। तो पुदीने को पीसकर, पेस्ट बना ले। एक चम्मच पेस्ट को, एक गिलास पानी में घोलकर, कुल्ला करें। इससे मुंह के छालों में लाभ मिलता है।
इसके जलजीरा का भी इस्तेमाल करें। इसके लिए एक गिलास पानी में, इसके पेस्ट को, एक चम्मच मिलाएं। इसमें देसी खांड या धागे वाली मिश्री का पाउडर। दोनों में से कोई एक चीज डालकर, पीने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है। पेट की गर्मी भी शांत हो जाती। बार-बार मुंह में छाले पड़ते हैं। वह भी दूर हो जाते हैं।
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